टीईटी में 98 फीसदी ने आजमाई किस्मत
लखनऊ। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) रविवार को छिटपुट खामियों के बीच निपट गयी। किसी भी सेंटर पर कहीं किसी अनियमितता की कोई शिकायत नहीं रही, हालांकि प्रवेशपत्र न मिलने को लेकर जरूर थोड़ा बहुत शिकायत निवारण केंद्र पर हंगामा हुआ।
राजधानी में परीक्षा के लिए दोनो पालियों में 104 केंद्र बनाए गए थे जिन पर 1.02 लाख अभ्यर्थी पंजीकृत थे। हालांकि अधिकांश अभ्यर्थियों के दोनों पालियों में पंजीकृत होने के चलते वास्तविक अभ्यर्थियों की संख्या 64 हजार थी। पहली पाली की परीक्षा प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए थी जो 10.30 से 12 बजे तक आयोजित की गयी जबकि दूसरी पाली में उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भर्ती को इच्छुक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। प्रत्येक पाली के लिए 90 मिनट निर्धारित थे और उसमें अभ्यर्थियों को 150 सवाल हल करने थे। सवाल देखकर अभ्यर्थियों के चेहरे खिले लेकिन समय की कमी के चलते बहुत से अभ्यर्थी सभी सवाल नहीं हल कर पाए। परीक्षा केंद्र से बाहर निकलने के बाद अभ्यर्थी प्रश्नपत्र की बुकलेट से काफी देर तक सही-गलत का गुणा-गणित समझने मे उलझे रहे। संयुक्त शिक्षा निदेशक केके गुप्ता ने बताया कि केंद्रों से जो सूचना मिली है उसके हिसाब से लगभग 98 फीसदी अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल रहे हैं। दो फीसदी अभ्यर्थियों ने टीईटी नहीं दिया। परीक्षा सकुशल रही। कहीं किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं होने पायी।
प्रश्नपत्रों की खामियां बनी मुसीबत का सबब
प्रश्नपत्रों के कुछ सवालों में खामियां भी परीक्षार्थियों के लिए मुसीबत का सबब बनी। ऐसे भी सवाल थे जिसमें दो विकल्प सही थे। अभ्यर्थियों के लिए मुसीबत यह रही कि वह किस जवाब को सही मानें। रजत गर्ल्स कॉलेज में परीक्षा दे रहे अमित शुक्ला ने बताया कि द्वितीय पाली में सामाजिक अध्ययन में सवाल पूछा गया था राज्य मंत्री परिषद का गठन किसके सलाह पर किया जाता है? लेकिन इसका सही जवाब मुख्यमंत्री की सलाह पर विकल्प में था ही नहीं। मनोज पाण्डेय का कहना था कि अंग्रेजी में बनयान ट्री का अनुवाद केला किया गया था जबकि इसका मतलब बरगद होता है। सुबह की पाली की परीक्षा में अंग्रेजी के प्रश्न में लाइकली शब्द की सही स्पेलिंग के उत्तर में दो विकल्प सही थे ऐसे में किस विकल्प को सही भरें, अभ्यर्थी इसको लेकर असमंजस में रहे। गणित के एक सवाल में हिंदी में आंतरिक जबकि अंग्रेजी में एक्सटर्निली लिखा था जिसके कारण सवाल हल करने में अभ्यर्थियों के सामने दुविधा की स्थिति रही। विज्ञान के कुछ सवालों पर भी अभ्यर्थी भ्रम में रहे।
राजधानी में परीक्षा के लिए दोनो पालियों में 104 केंद्र बनाए गए थे जिन पर 1.02 लाख अभ्यर्थी पंजीकृत थे। हालांकि अधिकांश अभ्यर्थियों के दोनों पालियों में पंजीकृत होने के चलते वास्तविक अभ्यर्थियों की संख्या 64 हजार थी। पहली पाली की परीक्षा प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए थी जो 10.30 से 12 बजे तक आयोजित की गयी जबकि दूसरी पाली में उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भर्ती को इच्छुक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। प्रत्येक पाली के लिए 90 मिनट निर्धारित थे और उसमें अभ्यर्थियों को 150 सवाल हल करने थे। सवाल देखकर अभ्यर्थियों के चेहरे खिले लेकिन समय की कमी के चलते बहुत से अभ्यर्थी सभी सवाल नहीं हल कर पाए। परीक्षा केंद्र से बाहर निकलने के बाद अभ्यर्थी प्रश्नपत्र की बुकलेट से काफी देर तक सही-गलत का गुणा-गणित समझने मे उलझे रहे। संयुक्त शिक्षा निदेशक केके गुप्ता ने बताया कि केंद्रों से जो सूचना मिली है उसके हिसाब से लगभग 98 फीसदी अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल रहे हैं। दो फीसदी अभ्यर्थियों ने टीईटी नहीं दिया। परीक्षा सकुशल रही। कहीं किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं होने पायी।
प्रश्नपत्रों की खामियां बनी मुसीबत का सबब
प्रश्नपत्रों के कुछ सवालों में खामियां भी परीक्षार्थियों के लिए मुसीबत का सबब बनी। ऐसे भी सवाल थे जिसमें दो विकल्प सही थे। अभ्यर्थियों के लिए मुसीबत यह रही कि वह किस जवाब को सही मानें। रजत गर्ल्स कॉलेज में परीक्षा दे रहे अमित शुक्ला ने बताया कि द्वितीय पाली में सामाजिक अध्ययन में सवाल पूछा गया था राज्य मंत्री परिषद का गठन किसके सलाह पर किया जाता है? लेकिन इसका सही जवाब मुख्यमंत्री की सलाह पर विकल्प में था ही नहीं। मनोज पाण्डेय का कहना था कि अंग्रेजी में बनयान ट्री का अनुवाद केला किया गया था जबकि इसका मतलब बरगद होता है। सुबह की पाली की परीक्षा में अंग्रेजी के प्रश्न में लाइकली शब्द की सही स्पेलिंग के उत्तर में दो विकल्प सही थे ऐसे में किस विकल्प को सही भरें, अभ्यर्थी इसको लेकर असमंजस में रहे। गणित के एक सवाल में हिंदी में आंतरिक जबकि अंग्रेजी में एक्सटर्निली लिखा था जिसके कारण सवाल हल करने में अभ्यर्थियों के सामने दुविधा की स्थिति रही। विज्ञान के कुछ सवालों पर भी अभ्यर्थी भ्रम में रहे।
News : Amar Ujala ( 14.11.11)