रिजल्ट के सांख्यिकी आंकड़े से परहेज बढ़ा रहा बेचैनी
(UPTET statistical figures avoidance makes discomfort to Candidates)
सहारनपुर, जागरण संवाददाता : टीईटी रिजल्ट के सांख्यिकी आंकड़ों का खुलासा न होना कई शंकाओं को जन्म दे रहा है। रिजल्ट की घोषणा के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आंकड़े जारी न करना शिक्षक भर्ती के गणित को गड़बड़ा सकता है। माना जा रहा है कि क्वालीफाई अभ्यर्थियों को पांच जिलों में आवेदन की छूट देना, इसी कुटिल रणनीति का हिस्सा है।
प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 13 नवंबर को मंडल स्तर पर कराया गया टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) का रिजल्ट तय कार्यक्रम के मुताबिक 25 नवंबर को घोषित कर दिया गया था। टीईटी में सफल रहे अभ्यर्थियों की नियुक्ति का आधार क्या होगा, इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। मेरिट मंडल स्तरीय होगी या प्रदेश स्तरीय।
जिलेवार पद घोषित
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की लखनऊ में शुक्रवार को हुई बैठक के दौरान निदेशक डीसी कन्नौजिया द्वारा प्रत्येक जिलेवार शिक्षकों के रिक्त पदों की घोषणा की गई थी। इसमें जिलेवार जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में 15 दिसंबर तक आवेदन पत्र मांगे जाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा इसके लिए विज्ञापन जारी किया जाना था, लेकिन रिजल्ट की घोषणा के तीन दिन बाद भी यह विज्ञापन जारी न होना कई शंकाओं को जन्म दे रहा है।
सांख्यिकी आंकड़ों से परहेज क्यों?
माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 25 नवंबर को घोषित रिजल्ट के मुताबिक, प्राथमिक परीक्षा में 5 लाख 94 हजार 53 अभ्यर्थियों में से 2 लाख 70 हजार 806 तथा उच्च प्राथमिक परीक्षा में 5 लाख 19 हजार 665 में से 2 लाख 9 हजार 789 अभ्यर्थी सफल हुए, जबकि रिजल्ट के सांख्यिकी आंकड़े अभी तक जारी नहीं किए गए। मसलन उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों में महिला-पुरुषों का आंकड़ा कितना रहा। आरक्षण श्रेणी के मुताबिक, किस श्रेणी में कितने अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए?
टेबिल पर मंथन
टीईटी रिजल्ट के आंकड़ों के बारे में सूत्रों का कहना है कि लखनऊ स्तर पर इन्हें लेकर मंथन चल रहा है। बताते है कि टीईटी में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों का आंकड़ा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के अनुकूल नहीं है यह आंकड़ा पूरे गणित को गड़बड़ा रहा है। आरक्षित वर्गो के मामले में कमोवेश ऐसी ही स्थिति है। भर्त्ती की नियमावली में क्या संशोधन हो सकते हैं सहित कई मामलों पर विचार किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों में पुरुष-महिला का अनुपात 70-30 का है। इस बारे में जब माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी व निदेशक माध्यमिक शिक्षा संजय मोहन से बातचीत का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।
News : Jagran (28.11.11)
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Important Points :-
1. Result (Statistical figures) are not appropriate, and a high difference of marks for eligible candidate for teachers selection. Some other unconfirmed sources also suggests that most of the candidates got marks less than 80%.
Many of them lies between 55 to 60%.
2. Passes Male:Female candidates ratio likely is 70:30. Therefore female candidates geting advanage in PRT teacher selection.
If any of you know better details, please kindly update in comment section.
Jis paridam par board ko khud confidence nahi hai ki wo sahi hai ya galat...wo lagatar usme pariwartan kar raha hai.,aise paridam ko selection ka adhar banana kaha tak uchit hai...????????
ReplyDeleteनौकरी नहीं सिर्फ मिल रहा आश्वासन
ReplyDeleteकानपुर। 2004 में विशिष्ट बीटीसी करने वाले 18 छात्र-छात्राएं नियुक्ति के लिए लगातार बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। मगर उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिल रहा है।
बेसिक शिक्षा कार्यालय में रोजाना चक्कर लगा रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि उनके बैच के 80 फीसदी छात्रों को नौकरी मिल चुकी है, केवल 18 छात्रों को भटकाया जा रहा है। बीएसए ऑफिस में दोपहर से बैठी रेनू चंदानी, चित्रलेखा, कैलाश व सुमन राजपूत ने बताया कि 2004 बैच में विशिष्ट बीटीसी का फार्म भरा था। मगर स्टे हो गया था। जिस कारण उनकी ट्रेनिंग रोक दी गई। ट्रेनिंग को दोबारा से 2009 में शुरू किया गया। अप्रैल 2011 में उनके बैच के करीब 80 फीसदी छात्रों की ट्रेनिंग कराकर जुलाई में नियुक्ति कर दी गई। जबकि बचे 18 छात्र-छात्राओं को चार माह बाद ट्रेनिंग कराई गई। इन्होंने बताया कि जब उन लोगों ने नियुक्ति के लिए अधिकारियों से बातचीत की तो उनहोंने टीईटी में पास होने के बाद ही चयन होने की बात कही। इस पर उन्होंने टीईटी की परीक्षा भी दे दी। कहा कि शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण काउंसिलिंग में देरी हुई है, अब भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश पांडे ने बताया कि सीधी भर्ती पर शासन द्वारा रोक लगा दी गई है। विशिष्ट बीटीसी के छात्र टीईटी के पात्र नहीं है, उनके लिए अलग से विज्ञापन निकाला जायेगा। इसी कारण इन छात्रों को नियुक्ति नहीं हो पा रही।
टूट जाएगा इलाहाबाद से नाता -
ReplyDeleteशिक्षक बनने के लिए टीईटी अभ्यर्थियों को छोड़ना होगा इलाहाबाद
0 1500 पद ही आए जिले के खाते में
0 छोटे-छोटे जिलों में भरे जाएंगे छह-छह हजार पद
इलाहाबाद। टीईटी अभ्यर्थियों को प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनना है तो इलाहाबाद का मोह छोड़ना होगा। उनका शिक्षक बनने का सपना तभी पूरा होगा जब वे छोटे जिलों की राह पकड़ेंगे। इलाहाबाद में उनके लिए संभावनाएं काफी कम बची हैं लेकिन दूसरे जिलों में नौकरी उनका इंतजार कर रही है। इलाहाबाद की तुलना में कई जिलों में सीटें तो चार गुना अधिक हैं ही, वहां की कटऑफ भी काफी कम रहने की संभावना है।
इलाहाबाद में प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के मात्र 1500 पद ही भरे जाने हैं। आधे पद महिलाओं के खाते में जाएंगे। 750 में से आधे पद आरक्षण से भरे जाएंगे। सामान्य वर्ग के खाते में आएंगी 375 सीटें। इनमें से आधी सीटें विज्ञान तथा आधी कला वर्ग के लिए होंगी। इलाहाबाद में सामान्य वर्ग के वही अभ्यर्थी शिक्षक बन पाएंगे जिनको टीईटी में 115 से 120 के बीच मिले होेंगे। कौशांबी में एक हजार पद भरे जाने हैं लेकिन वहां की कटऑफ भी इलाहाबाद के आसपास रहने की संभावना है। प्रतापगढ़ में मात्र 500 पद हैं। ऐसे में अभ्यर्थियों को दूरदराज के छोटे जिलों का रुख करना होगा। लखीमपुर खीरी और सीतापुर जैसे जिलों में शिक्षकों के छह-छह हजार पद टीईटी मेरिट के आधार पर भरे जाएंगे। शाहजहांपुर में 2800, गाजीपुर में 2400, हरदोई में 3000, कुशीनगर में 3600, महाराजगंज में 2500, गोंडा में 4000, बहराइच में 3600 तथा आजमगढ़ में 2500 पद सीटें हैं। जानकारों का कहना है कि छोटे जिलों में ही इलाहाबादियों को ठिकाना तलाशना होगा। जिले में 115 से अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या अच्छी खासी है। ऐसे में यहां एक-एक सीट के लिए जबरदस्त संघर्ष होगा।
पांच जिलों से कर सकेंगे आवेदन
टीईटी के सफल अभ्यर्थी पांच जिलों से भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र 19 दिसंबर तक संबंधित डायट में जमा करने होंगे।
छह माह का होगा प्रशिक्षण
टीइटी अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने में कम से कम छह महीने का समय लगेगा। नियुक्ति से पहले उनको छह माह का प्रशिक्षण लेना होगा। तीन माह की उनकी ट्रेनिंग डायट में होगी तथा अगले तीन माह उनको क्रियात्मक प्रशिक्षण उस विद्यालय में लेना होगा, जहां उनकी तैनाती होगी।
प्रशिक्षण अवधि में मिलेंगे 7300 रुपये
छह माह की प्रशिक्षण अवधि में प्राइमरी शिक्षकों को 7300 रुपये हर महीने मिलेंगे। नियुक्ति के बाद उनको प्राइमरी शिक्षकों के लिए निर्धारित वेतनमान दिया जाएगा।
शिक्षा मित्रों के लिए 10 फीसदी सीटें
टीईटी में शामिल हुए शिक्षा मित्रों के लिए अच्छी खबर है। प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के 10 फीसदी पद बीएड डिग्री धारी शिक्षा मित्रों से भरे जाएंगे। शिक्षा मित्रों की मेरिट अलग से बनेगी। जिन अभ्यर्थियों ने टीईटी में 90 अंक हासिल किए हैं, वे पांच जिलों से आवेदन कर सकेंगे। जिले में प्राइमरी शिक्षकों की 150 सीटें शिक्षा मित्रों से भरी जाएंगी।
शासन के इस फैसले से उन शिक्षा मित्रों को तगड़ा झटका लगा है जो टीइटी में शामिल नहीं हुए। शिक्षा मित्रों की मेरिट अलग से बनेगी। अगर शिक्षा मित्र नहीं मिलते हैं तो उनके कोटे की सीटें दूसरे वर्ग के अभ्यर्थियों से भरी जाएंगी। टीइटी में शामिल शिक्षा मित्रों की संख्या काफी कम बताई जा रही है। ऐसे में दूसरे जिले के शिक्षा मित्रों का फायदा हो सकता है।
http://compact.amarujala.com/city/7-1-10910.html
टीचर बनने को सहारनपुर मंडल में मचेगी मारामारी -
ReplyDeleteसहारनपुर। शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने वाले आवेदकों में टीचर बनने के लिए फार्म जमा करने की सबसे अधिक मारामारी सहारनपुर मंडल के जिलों के लिए ही रहेगी। इसकी वजह यह है कि आसपास के अन्य जिलों में टीचर पद के लिए आवंटित सीटों की संख्या काफी कम है। ऐसे में पांच जिलों में आवेदन के विकल्प के चलते यहां मंडल के जिलों के साथ ही आसपास के अन्य जिलों से भी काफी संख्या में टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थी अपनी किस्मत आजमाएंगे। इस स्थिति के चलते अधिक विकल्प होने पर भी अभ्यर्थियों में मेरिट की टेंशन और भी बढ़ गई है।
टीईटी के लिए शासन की ओर से तय किए गए नए खाके के तहत सहारनपुर मंडल के सहारनपुर जनपद को 800, मुजफ्फरनगर और नए जिले प्रबुद्धनगर को 200-200 सीटें आवंटित की गई हैं। इसी मंडल से 38 हजार आवेदकों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था। इनमें से 16 हजार से अधिक आवेदकों ने एग्जाम पास किया है। अब नजर डालते हैं आसपास के जिलों में। बुलंदशहर में 195 और बिजनौर में 200 सीटें ही आवंटित की गई हैं।
इस बीच, टीईटी के लिए नई गाइडलाइंस को लेकर यहां के आवेदक अब तक बेचैन हैं। काफी संख्या में अभ्यर्थी बृहस्पतिवार को भी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण कार्यालय पटनी पहुंचे। उन्होंने मेरिट सूची, तैनाती के प्रारूप, जिलों के विकल्प, फार्म की व्यवस्था तथा परीक्षा के अंक पत्रों से संबंधित परेशानियों को उठाया मगर देर शाम तक भी डायट की ओर से उन्हें स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बताया गया और न ही जिले स्तर पर अधिसूचना जारी करने की स्थिति स्पष्ट की गई। शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर अब तक जो संकेत पहुंचे हैं उनके तहत मेरिट सूची बीटीसी जैसे फारमेट पर यानी 50 प्रतिशत महिला, 50 प्रतिशत पुरुष और इसी प्रारूप में विज्ञान एवं कला में आवंटित करते हुए तय की जाएगी।
http://www.amarujala.com/city/Saharanpur/Saharanpur-23244-50.html
विशिष्ट बीटीसी को 500 सीटें -
ReplyDeleteइटावा। अध्यापक पात्रता परीक्षा के बाद सरकार ने विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए जिले में 500 सीटें निर्धारित की हैं। इनके लिए 19 दिसंबर तक आवेदन मांगे जाएंगे। खास बात यह कि इन पदों के लिए सिर्फ टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्री धारक ही आवेदन कर सकेंगे। वैसे अभी इस संबंध में विज्ञप्ति प्रकाशित नहीं हुई है। अलबत्ता वेबसाइट पर यह सूचना है। डायट सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को विज्ञप्ति प्रकाशित हो सकती है।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती होनी है। इसके लिए यूपी बेसिक एजूकेशन बोर्ड की वेबसाइट पर जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इससे फार्म भी लोड किए जा सकते हैं। इनमें इटावा जिले के लिए 500 सीटें निर्धारित की गई हैं। सबसे अधिक 6-6 हजार सीटें लखीमपुर और सीतापुर जिले में हैं। डायट पर आवेदन करने की तिथि 19 दिसंबर निर्धारित है। खास बात यह है कि इस भर्ती में टीईटी परीक्षा परिणाम को ही मेरिट का आधार माना जाएगा। एक आवेदक अधिकतम पांच जिलों के आवेदन कर सकेगा जिनकी आयु 18 से 40 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। अन्य वर्गों में 5 से 15 वर्षों की आयु में छूट भी रहेगी। हालांकि अभ्यर्थियों को अभी विज्ञप्ति का इंतजार है। डायट प्राचार्या सरोज श्रीवास्तव का कहना रहा कि विज्ञप्ति प्रकाशित होने के बाद ही वह कुछ कह सकेंगी। 25 नवंबर को टीईटी का परिणाम घोषित होने के बाद अभी भी सफल अभ्यर्थियों को अंकपत्रों का इंतजार है।
http://www.amarujala.com/city/Etawah/Etawah-51767-33.html
tet paas ho gaye ,inka phase to phase interview liya jaye,kuch ko to tet ki full form ka pta nahi hoga aise teacher bhavishya me kya nya karenge, aisi jagah par technical student select ho jo all time active rahe kuch nya kare goverment ke paas faltu paisa hai jo in faltu logo ko de rahi hai,
ReplyDeletei think face to face instead of phase to phase.
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