News Published in Hamirpur, Himacahal publication of Bhaska EPaper
शिक्षा के अधिकार बिल के तहत पहली से 8वीं कक्षाओं को पढ़ाने के लिए शिक्षक बनना अब आसान नहीं होगा। हर पात्र व्यक्ति को टीचर एलीजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) पास करना होगा। एनसीटीई ने न्यूनतम योग्यताएं, टेस्ट का प्रारूप तैयार कर लिया है।
अधिकार बिल की धारा 23 के उपभाग1 की अनुपालना करते हुए 11 फरवरी, 2011 को इस बारे में एक अधिसूचना सरकार ने मानव संसाधन मंत्रालय को भेजी है। इसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि शिक्षक बनने के लिए टेस्ट देना जरूरी होगा। अब अधिसूचना जारी कर दी गई है। टीईटी की परीक्षा वहीं शिक्षक दे पाएंगे, जिनके बीएड में पचास फीसदी अंक होंगे। टीईटी परीक्षा हर साल होगी। स्कूल या कॉलेज काडर के प्रवक्ता या इससे उच्च पद के लिए उस स्तर पर नेट यानी नेशनल एलीजिबिलिटी टेस्ट या सेट यानी स्टेट एलीजिबिलिटी टेस्ट होता है। प्राइमरी या मिडिल स्तर पर जेबीटी या स्नातक व बीएड आदि योग्यता के आधार पर बैचवाइज या कमीशन परीक्षा के आधार पर नियुक्ति हो जाती है। शेष & पेज ५ पर
लेकिन अब टीईटी पास करना जरूरी होगा। पहली से पांचवीं तक टीईटी पेपर 150 अंक का होगा। इसमें 30 अंक प्रति विषय के प्रश्न सेट होंगे। इस स्तर पर बाल विकास और शिक्षण विद्या, गणित, पर्यावरण शिक्षा, हिंदी और अंग्रेजी के विषयों के 150 प्रश्न होंगे जबकि मिडिल स्तर के लिए बाल विकास शिक्षण विद्या, हिंदी, अंग्रेजी विषयों के 90 प्रश्न होंगे जबकि 60 अंक के लिए उनको अपने शिक्षण विषयों का पेपर देना होगा। इस परीक्षा में 60 फीसदी अंक प्राप्त व्यक्ति पास होगा। यानी टीईटी में 90 नंबर के बिना अब टीचर बनना आसान नहीं होगा। हिमाचल शिक्षक क्रांति मंच के प्रदेशाध्यक्ष विजय कुमार का कहना है कि परीक्षा के लिए यह प्रावधान सराहनीय है। शिक्षा क्षेत्र में योग्य और प्रशिक्षित टीचर्स की भर्ती का रास्ता साफ होगा। इसके तहत सात वर्ष तक ही मौका मिल पाएगा।
Source : http://www.bhaskar.com/article/HIM-OTH-1332609-2034503.html
Tet me B.P.ed kyu samil nahi he jabki b.t.C. me english medium kyu samil he or b.t.c. me kyu nahi tet hota he fir patrachar bale ghar baite digree lekar yogya he . Hum B.P.Ed bale kyu nahi . hum kendra or rajya sarkar se gujarish karenge ki hume samil karne ki kripa kare
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