पिछले सालों की तुलना में इस वर्ष सीटीईटी का रिसल्ट बेहद कम रहा है , और अब तक की समस्त राज्यों की टीईटी परीक्षाओं के परिणाम में सर्वाधिक कम रहा है |
सबसे बेहतर टीईटी परीक्षाओं के परिणाम में उत्तर प्रदेश प्रमुख रहा है जहाँ लगभग 45 प्रतिशत अभ्यर्थी (लगभग 3 लाख अभ्यर्थी ) उत्तीर्ण हुए हैं
शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों से पास हो रहे शिक्षकों की गुणवत्ता के स्तर का पता इस बात से लगाया जा सकता है कि एक प्रतिशत से भी कम उम्मीदवार पिछले साल हुई केंद्रीय शिक्षक योग्यता परीक्षा (सीटीईटी) पास कर पाए हैं।
मानव संसाधन मंत्रालय ने शिक्षा के अधिकार कानून को लागू करने के बाद वर्ष 2011 में सीटीईटी परीक्षा की शुरूआत की थी ताकि स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारा जा सके। सूत्रों ने बताया कि पिछले साल नवंबर महीने में आयोजित परीक्षा के परिणाम, इससे पहले हुई परीक्षा से ज्यादा खराब रहे। इससे पिछली परीक्षा में करीब सात प्रतिशत छात्र इस परीक्षा में सफल हुए थे। उल्लेखनीय है कि नवंबर में सीबीएसई द्वारा आयोजित परीक्षा का परिणाम 27 दिसंबर, 2012 को घोषित किया गया था।
यह परीक्षा करीब सात लाख 95 हजार उम्मीदवारों ने दी थी लेकिन इसमें से एक प्रतिशत से भी कम उम्मीदवार सफल हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि परीक्षार्थियों में अंग्रेजी, गणित और पर्यावरण विज्ञान की जानकारी की कमी निकलकर सामने आई है। (एजेंसी)
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99.55% fail in CTET exam
New Delhi: In a shocking revelation, 99.55% of candidates of all the candidates, who had appreaed for CTET, 2012, have not scored enough marks to be eligible to become a teacher. And those who cleared the exams have not scored high marks. They have just managed to score the passing marks.
The Central Teacher Eligibility Test (CTET) was introduced in 2011 by the human resource development ministry to improve the quality of teaching in schools after the enactment of the Right to Education Act. The exam was conducted by Central Board of Secondary Education (CBSE).
For this exam 9.40 lakh candidates had registered for the test. The exam took place in November 2012. A total 7.96 lakh appeared for the test. They appeared for two papers. First paper was mandatory in which only 0.91% passed the exam. In the second paper it worsened and only 0.45% cleared it. Their knowledge in English, mathematics and environmental science was not up to the mark.
As per the results announced on December 27, 2012, a total 7.95 lakh appeared for the exam. They were the aspirants to pass the exam to teach class VI to VIII students. But less than 4,800 got pass percentage.
The situation is of concern as the pass percentage has been going down every year. In the first CTET, pass percentage was around 9%. It went down to around 7% in the subsequent test, held on January 2012.
News Source : http://daily.bhaskar.com/article/EDU-99-4134427-NOR.html (3.1.13)
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This news is shocking to many teaching aspirants as TET exam is now mandatory to become teacher.