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Thursday, October 9, 2014

कृषि निदेशालय में ठगों ने कराए थे इंटरव्यू

कृषि निदेशालय में ठगों ने कराए थे इंटरव्यू
ठगी के शिकार कानपुर के सुधीर कुमार झा ने बयान में दी जानकारी
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लखनऊ। सचिवालय में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा करने के आरोपी कु़लदीप उर्फ भोलू व हेमंत तिवारी ने कृषि निदेशालय के ऑफिस में इंटरव्यू कराए थे। ठगी के शिकार कानपुर निवासी सुधीर कुमार झा ने पुलिस को अपने बयान में यह जानकारी दी है। सुधीर ने बताया कि कुलदीप और हेमंत के साथ एक और व्यक्ति था, जिसे उसने पहले नहीं देखा। पुलिस का मानना है कि यह तीसरा व्यक्ति सचिवालय का ही कोई कर्मचारी हो सकता है। उसके बारे में पड़ताल की जा रही है।
सचिवालय चौकी इंचार्ज एए अंसारी ने बताया कि सुधीर कुमार झा ने बीते शुक्रवार राजधानी आकर अपने बयान दर्ज करा दिए हैं। अंसारी ने बताया कि इंदिरानगर के सहारा ट्रेड सेंटर के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित तिवारी ट्रेडर्स नाम की प्लेसमेंट एजेंसी ने सचिवालय में ग्रुप डी की भर्ती के लिए विज्ञापन दिया था। इसी विज्ञापन को देखकर सुधीर और उसके साथी गौरव सक्सेना, देवानंद मिश्रा, संदीप कुमार और ज्ञान प्रकाश दुबे ने करीब एक साल पहले हेमंत से संपर्क किया था। सुधीर ने बताया कि कंपनी के ऑफिस में पारितोष त्रिपाठी, इंद्रजीत सिंह, अजय पांडे सहित अन्य लोगों ने उनसे बातचीत की और शैक्षिक दस्तावेज मंगाने के साथ ही अन्य औपचारिकताएं पूरी कराईं थीं। इसके बाद उन्हें सचिवालय में इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। सुधीर ने पुलिस को बताया कि सचिवालय पहुंचने पर वहां हेमंत तिवारी मिला। खुद को सचिवालयकर्मी बताते हुए वह सभी अभ्यर्थियों को कृषि निदेशालय के ऑफिस ले गया। यहां उसे कुलदीप और एक अन्य युवक मिला। सुधीर ने बताया कि कुलदीप और उसके साथ दूसरे युवक ने इंटरव्यू लिया। इसके बाद सभी को नियुक्तिपत्र दे दिया गया। हालांकि, यह नियुक्तिपत्र कृषि निदेशालय का था। सुधीर का कहना है कि उसने सचिवालय में नौकरी की बात कही थी न कि कृषि निदेशालय में, इसलिए नियुक्तिपत्र लेने से इन्कार कर दिया। इसके बाद हेमंत और कुलदीप ने 15 दिन में सचिवालय का नियुक्तिपत्र देने की बात कहकर उन्हें वापस भेज दिया। सुधीर ने बताया कि पंद्रह दिन बाद पांचों अभ्यर्थी फिर सचिवालय पहुंचे। इस बार उन्हें गेट नंबर नौ पर बुलाया गया। कुछ देर बाद सचिवालय के स्वागताधिकारी का एक कर्मचारी सबके लिए पास लेकर आया। इसके बाद भीतर जाकर सभी ने कुलदीप और हेमंत से अपने नियुक्तिपत्र लिए।
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Sunday, February 19, 2012

8 Lecturers Got Government Job through Fake Marksheets / Certificates

आठ लेक्चर्स ने फर्जी दस्तावेजों से पाई नौकरी
(8 Lecturers Got Government Job through Fake Marksheets / Certificates)

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भोपाल। कमला नगर पुलिस ने राजधानी के सरकारी होम्योपैथिक कॉलेज के आठ लेक्चर्स के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। इन्होंने फर्जी जाति और अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर कॉलेज में नौकरी हासिल की थी। कमला नगर पुलिस ने बताया कि ग्वालियर निवासी पी कुमार पिप्पल ने साल 2002 में कॉलेज के आठ लेक्चर्स द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हासिल करने की शिकायत की थी। फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने वाले सभी लेक्चर्स की गिरफ्तारी के लिए पुलिस शनिवार को कॉलेज जाएगी।

क्या है आरोप
पुलिस के अनुसार डॉ. राजीव सेंगर, डॉ. संतोष देशमुख, डॉ. हेमंत सोनी ने जिले की तहसील हुजूर से एवं डॉ. लिंकी रामटेके ने तहसील कार्यालय ग्वालियर से फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाए थे, जिनका पंजीयन तहसील कार्यालय में है ही नहीं।

इसके अलावा छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में आरक्षण नियमों का लाभ लेने वाले डॉ. अंबा सिंह ने मध्य प्रदेश में खुद को अनुसूचित जनजाति का बताकर कॉलेज में नौकरी पा ली थी। इस कारण सभी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।

कर लिए मृत प्राचार्य के दस्तखत
कमला नगर पुलिस ने बताया कि कॉलेज की व्याख्याता डॉ. पूजा शर्मा ने नौकरी पाने के लिए वसुंधरा राजे होम्योपैथिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रदीप गुप्ता का अनुभव प्रमाण पत्र 2002 में जमा किया था, जबकि डॉ. गुप्ता की मौत अनुभव प्रमाण पत्र जारी होने के दो माह पहले हो चुकी थी। डॉ. शर्मा ने ऐसा कॉलेज में व्याख्याता की नौकरी पाने के लिए किया था।

एक साथ तीन जगह नौकरी व्याख्याता डॉ. ज्ञानेश शाक्य ने कॉलेज में नौकरी पाने पांच-पांच साल के तीन अनुभव प्रमाण पत्र जमा किए थे। तीनों प्रमाण पत्रों में एक ही समयावधि में काम करना बताया गया था। पुलिस के मुताबिक डॉ. शाक्य ने ऐसा तब किया जब वे वसुंधरा राजे होम्योपैथिक कॉलेज ग्वालियर में अपनी डिग्री पूरी करने इंटर्नशिप कर रहे थे। डॉ. शाक्य ने 1997-2005 तक खुद को राजीव गांधी फाउंडेशन चैरिटेबल हॉस्पिटल दिल्ली एवं इंदौर के एक निजी अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर होना बताया है। इसके अलावा व्याख्याता डॉ. बबीता सक्सेना ने अपने आवेदन पत्र में मूल निवासी प्रमाण पत्र के स्थान पर शपथ पत्र को मूल निवासी प्रमाण पत्र बताया, जबकि उन्होंने अपने आवेदन फार्म पर दस्तावेजों के साथ मूल निवासी प्रमाण पत्र जमा करने का उल्लेख किया था।

संस्थान के किसी भी लेक्चरर के खिलाफ कमला नगर पुलिस थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने की सूचना नहीं मिली है। यदि मामला दर्ज किया गया है तो आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस शनिवार को कॉलेज आएगी।
डॉ. एसके मिश्रा, प्राचार्य, शासकीय होम्योपैथिक कॉलेज

किस लेक्चरर ने क्या गलत किया
नाम------------------------आरोप
डॉ. राजीव सेंगर------------फर्जी जाति प्रमाण पत्र
डॉ. संतोष देशमुख------------फर्जी जाति प्रमाण पत्र
डॉ. हेमंत सोनी------------फर्जी जाति प्रमाण पत्र
डॉ. अंबा सिंह------------फर्जी जाति प्रमाण पत्र
डॉ. लिंकी रामटेके------------फर्जी जाति प्रमाण पत्र
डॉ. पूजा शर्मा------------फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र
डॉ. ज्ञानेश शाक्य------------फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र
डॉ. बबीता सक्सेना------------मूल निवासी के स्थान पर शपथ पत्र
नोट : नाम और आरोप कमला नगर पुलिस थाने से लिए गए हैं।


News : Bhaskar (18.02.2012)
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32 वर्ष से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी


जाति प्रमाण पत्र के सहारे एक पटवारी की शिकायत को थाने में दर्ज होने में चार माह से अधिक का समय लग गया। आखिर में मामला दर्ज हुआ तो प्रकरण में फर्जीवाड़ा करने वाले पटवारी के साथ ही, तत्कालीन एसडीएम, कलेक्टर और संभागीय आयुक्त को भी नामजद किया गया है।कुशलगढ़ क्षेत्र के कुशलापाड़ा में कार्यरत पटवारी मिश्री लाल पुत्र विरम रामजी की ओर से थाने ने नौ सितंबर 2011 को लिखित में शिकायत की थी। तत्कालीन एसपी की ओर से मामले की जांच सीओ बांसवाड़ा को दी थी, इसके बाद में थाना पुलिस ने 16 फरवरी 2012 को शाम को पांच बजे प्रकरण दर्ज किया है। थाना पुलिस ने धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज के नियमित उपयोग और फर्जी दस्तावेजों को किसी न्यायालय आदि के समक्ष प्रस्तुत करने की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।


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