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Wednesday, April 6, 2016

UPTET SARKARI NAUKRI News - - शिक्षक भर्ती इंटरव्यू में नहीं चलेगी मनमानी

UPTET SARKARI NAUKRI   News - 

शिक्षक भर्ती इंटरव्यू में नहीं चलेगी मनमानी

इलाहाबाद

एडेड कॉलेजों में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की भर्ती के इंटरव्यू में मनमानी नहीं चलेगी। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) 2013 के इंटरव्यू में न्यूनतम 40 प्रतिशत व अधिकतम 80 प्रतिशत अंकों की व्यवस्था लागू करने जा रहा है।
यही नहीं साक्षात्कार में कोडिंग सिस्टम भी लागू कर रहे हैं।
इसमें इंटरव्यू बोर्ड को अभ्यर्थी का नाम और उसका रोल नंबर नहीं बताया जाएगा ताकि एक्सपर्ट अपने परिचित या किसी अन्य को लाभ न दे सके। दोनों व्यवस्था लागू होने के बाद एक्सपर्ट अभ्यर्थियों को मनमाना नंबर नहीं दे सकेंगे।
टीजीटी-पीजीटी के लिए 425 नंबर की लिखित परीक्षा और 50 नंबर साक्षात्कार के लिए निर्धारित है। 25 नंबर बीएड, एमएड या पीएचडी वगैरह के लिए वेटेज के रूप में मिलता है। सबसे अधिक विवाद इंटरव्यू के नंबरों को लेकर ही उठते हैं।
कई दफे अभ्यर्थियों से पैसे लेकर इंटरव्यू में अधिक नंबर देने के आरोप भी लगे हैं। यही कारण है कि प्रतियोगी छात्र उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तरह चयन बोर्ड के इंटरव्यू में भी न्यूनतम व अधिकतम अंकों की सीमा और कोडिंग सिस्टम लागू करने की मांग करते रहे हैं।
नए अध्यक्ष हीरालाल गुप्ता बोर्ड की छवि सुधारना चाहते हैं, इसीलिए दोनों व्यवस्था लागू होने जा रही है। सूत्रों के अनुसार 6 अप्रैल से शुरू हो रहे प्रधानाचार्य 2011 के साक्षात्कार में कोडिंग व्यवस्था लागू होने जा रही है।
प्रधानाचार्यों का इंटरव्यू 19 अप्रैल को खत्म होने के बाद टीजीटी-पीजीटी 2013 के सात हजार से अधिक पदों के लिए साक्षात्कार शुरू होगा जिसमें कोडिंग और न्यूनतम व अधिकतम अंकों की व्यवस्था लागू हो जाएगी। यानि 50 नंबर के इंटरव्यू में अभ्यर्थियों को 20 से 40 के बीच ही नंबर मिलेंगे।


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Rajasthan TET /  RTET,  BETET / Bihar TET,   PSTET / Punjab State Teacher Eligibility TestWest Bengal TET / WBTETMPTET / Madhya Pradesh TETASSAM TET / ATET
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Thursday, March 10, 2016

UPTET SARKARI NAUKRI News - - छोटी नौकरियों’ में खत्म होगा इंटरव्यू लिखित परीक्षा की मेरिट के आधार पर होंगी भर्तियां कार्मिक विभाग ने सभी महकमों से मांगा ब्योरा समूह ‘ग’ व ‘घ’ के पदों पर भर्ती के लिए नहीं देना होगा साक्षात्कार

UPTET SARKARI NAUKRI   News - 



छोटी नौकरियों’ में खत्म होगा इंटरव्यू
लिखित परीक्षा की मेरिट के आधार पर होंगी भर्तियां
कार्मिक विभाग ने सभी महकमों से मांगा ब्योरा
समूह ‘ग’ व ‘घ’ के पदों पर भर्ती के लिए नहीं देना होगा साक्षात्कार

लखनऊ
पुलिस भर्ती प्रक्रिया आसान बनाने के बाद राज्य सरकार ‘छोटी नौकरियों’ में इंटरव्यू खत्म करने जा रही है। समूह ‘ग’ व ‘घ’ के पदों के लिए साक्षात्कार समाप्त कर सिर्फ लिखित परीक्षा की मेरिट के आधार पर भर्ती होगी। सरकार ने सभी विभागों से पद संबंधी ब्योरा तलब किया है।
केंद्र सरकार द्वारा समूह ‘ग’ व ‘घ’ वाले जूनियर स्तर के पदों के लिए पहली जनवरी से साक्षात्कार समाप्त करने के बाद अब अखिलेश सरकार भी चुनावी वर्ष में सूबे के बेरोजगार नौजवानों को नौकरी में इंटरव्यू से छूट देने जा रही है। सरकार की सोच है कि साक्षात्कार की व्यवस्था होने से जहां निचले स्तर के इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरा होने में पांच-छह माह लगते हैं वहीं भ्रष्टाचार के चलते भर्ती में धांधली की आशंका भी रहती है। ऐसे में कार्मिक विभाग ने सभी महकमों के प्रमुख सचिवों को फरमान जारी किया है। सभी से कहा गया है कि राज्य के आधीन सेवाओं में समूह ‘ग’ व ‘घ’ के पदों पर चयन की प्रक्रिया से साक्षात्कार की व्यवस्था समाप्त करने का मामला विचाराधीन है। ऐसे में वे अपने यहां के समूह ‘ग’ व ‘घ’ पदों पर चयन की प्रक्रिया से साक्षात्कार की मौजूदा व्यवस्था समाप्त करने के बारे में पदवार मत व औचित्य सहित प्रस्ताव जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं। सूत्रों के मुताबिक सभी विभागों का ब्योरा मिलते ही कैबिनेट बैठक होगी और निर्णय लागू कर दिया जाएगा। विभिन्न विभागों के रिक्त समूह ‘ग’ के पदों की भर्ती करने वाले उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष राज किशोर यादव का कहना है साक्षात्कार की व्यवस्था समाप्त होने पर लिखित परीक्षा की मेरिट के आधार पर भर्ती की प्रक्रिया को अधिकतम तीन-साढ़े तीन माह में पूरा किया जा सकेगा। गौरतलब है पावर कारपोरेशन प्रबंधन अपने यहां पहले ही समूह ‘ग’ के विभिन्न पदों के लिए इंटरव्यू की व्यवस्था खत्म कर चुका है





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CTETTEACHER ELIGIBILITY TEST (TET)NCTERTEUPTETHTETJTET / Jharkhand TETOTET / Odisha TET  ,
Rajasthan TET /  RTET,  BETET / Bihar TET,   PSTET / Punjab State Teacher Eligibility TestWest Bengal TET / WBTETMPTET / Madhya Pradesh TETASSAM TET / ATET
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Sunday, August 16, 2015

Eligibility Test for Scientist , Engineers and Govt Officers Should be Made Compulsory

  साइंटिस्ट , इंजीनियर्स व् तमाम प्रोफेशनल्स के लिए एलिजिबिलिटी टेस्ट अनिवार्य कर दीये जाएँ
Eligibility Test for Scientist , Engineers and Govt Officers Should be Made Compulsory



अगर देश में साइंटिस्ट , इंजीनियर्स व् तमाम प्रोफेशनल्स के लिए एलिजिबिलिटी टेस्ट अनिवार्य कर दीये जाएँ
तो साक्षात्कार - इंटरवियु के नाम पर चल रहे छद्म खेल में सुधार आएगा ।

मोटी पगार पाने वाले वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को एक निर्धारित टेस्ट जरूर पास करना चाहिए , जिस से जनता की गाढ़ी कमाई का सदुपयोग हो , और योग्य वैज्ञानिको को अच्छी पगार दी जानी चाहिए  ।

अगर कोई वैज्ञानिक साइंटिस्ट एफ पर काम कर रहा है तो साइंटिस्ट ऍफ़ के लेवल के अनुरूप टेस्ट पास करे
अगर कोई वैज्ञानिक साइंटिस्ट ई  पर काम कर रहा है तो साइंटिस्ट ई  के लेवल के अनुरूप टेस्ट पास करे

मगर होता क्या है की बेक डोर से एंट्री पाने वाले तमाम  वैज्ञानिक निदेशक इत्यादि बन कर प्रसाशन सँभालते हैं और योग्य नौजवान वैज्ञानिकों - साइंटिस्ट बी , सी इत्यादि की उपलब्धियों को अपनी बता कर फायदा उठाते हैं ।
जैसे लड़ता देश का सिपाही है लेकिन नाम जनरल का होता है ।
टीम लीडिंग  क़्वालिटी एक अलग बात है लेकिन जब वैज्ञानिक उस स्तर का न हो , वैज्ञानिक पद के  योग्य न हो तो कनिष्ठों में असंतोष उत्पन्न होता है ।
 बेहतर है की देश के वैज्ञानिक , इंजीनियर - आई क्यू लेवल के निर्धारित टेस्ट में बैठें और हर दो साल बाद ऐसे टेस्ट आयोजित किये जाएँ ,
फेल होने वालों के प्रमोशन रोके जाएँ , लगातार फेल होने  वालो की नौकरी से छुट्टी की जाए ।
रटंत विद्या की और जोर न दे कर नए विचारों वाले वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए

निर्धारित एप्टीट्यूड टेस्ट सभी सरकारी नौकरियों के लिए जरूरी कर दीये जाने चाहिए , भ्रस्टाचारी लोगो पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए कार्यवाही की जानी चाहिए ।  सिस्टम अपने आप सुधरता चला जाएगा
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Modi Caught in Nuclear War at BARC

Modi Caught in Nuclear War at BARC

DRDO , BARC aur Desh ke Tamam Pratisthan Bhrstachar se Achoote Nahin hain.
In Sansthano Mein 3 Level Ka Exam Kyun Nahin Karate Scientist Chunne Ke Leeye -

Scientist ko Chunne Ki Jagh Rattu Popat Logo Ko Chuna Jata Hai,
Interview mein Bhrstachar ko Badava Dete Hain.

Central , State Govt ke Tamam Dept. Khokhle hain, Jo Nokri Mein Aa Gaya Aish Uda Raha hai-  Engineering Eligibility Test Jaroor Hona Chahiye,
Warna Jald Hee Hamare Desh Mein Achhe Scientiston Ka Patan Nischit Hai. Ratan Vidhya Ki Jagh Nayee Soch va Lagan Valon ko Aage Badana Jaruree hai.
America Mein MIT mein Selection ke Leeye Visesh Aptitude Test Khaas IQ Jaanchne Ke Liye Hote Hain. Jisme Samany Graduate Bhee Scientist Ban Sakta hai.
Raddi Tokri Ki Engineering ki Dukane Khulee Huee Hain, Ph D Mein Koee Nayee Reserach Vigyan Nahin Aa Raha.

Scientist ke Leeye - Scientist Eligibility Test,
Engineers ke Leeye - Engineer Eligibility Test har 2 Saal Mein Hote Rehna Chahiye. Fail Hone Vaalon ke Promotion Roke Jaane Chahiye, Baar Baar Fail Hone Par Bahar Ka Rasta Dikha Dena Chahiye.



Modi Caught in Nuclear War at BARC

By Yatish Yadav



NEW DELHI: As India celebrates its 69th year of Independence, several scientists from the country’s premier nuclear research lab Bhabha Atomic Research Centre (BARC) have alleged harassment and victimisation by their supervisors. They have written to Prime Minister Narendra Modi, seeking his immediate intervention. Modi is the supreme head of the Department of Atomic Energy, which controls nuclear research and development centres, including BARC in Mumbai.

The Sunday Standard has reviewed the complaints, including a letter from Dr D N Yadav, a scientist in the Nuclear Recycle Group of BARC, to Modi on February 4. In his letter, Yadav cited harassment cases of at least six scientists, alleging that they were subjected to management pressure and retaliation by seniors. The issue ranges from manipulation in annual performance reports to irregularities in execution and operation of plants. Yadav’s over 100-page note to the PM—that includes separate complaints filed by individual scientists with the Director and Supervisors of BARC—raises serious questions over functioning of the premier nuclear research organisation. The scientists’ representations have sought a thorough probe into BARC’s affairs.

Many scientists have reported against severe victimisation and gross irregularities including in assessment of merit in BARC. I am also enclosing representations made by some of the senior scientists to Director BARC and other higher officials, however they also were simply quelled by similar false memoranda so as to protect the involved officials,” Yadav wrote to Modi.

Interesting is the case of scientist Shashi Kant, who was allegedly harassed by senior officials. His immediate supervisor, B V Shah, admitted in a letter dated December 31, 2014, to BARC chief Sekhar Basu that Kant’s performance reports were manipulated on the direction of senior officials.

Kant, an IIT BHU graduate who joined BARC in 1983, is known for his expertise in nuclear fuel reprocessing. Kant has alleged that he was mentally tortured for being upright and brilliant in his job. Harassment started when he tried to access the performance report copies through RTI. Kant was transferred to Kalpakkam, prompting him to move Central Administrative Tribunal (CAT), Mumbai bench, which stayed BARC’s decision. In his appeal, Kant produced Shah’s letter, putting the BARC in the dock.

“My assessment (of Shashi Kant) was under strong influence of seniors,” wrote Shah in his letter, adding that Kant continued to get low grading (A3) on the insistence of senior officials.

Kant, whose hearing is scheduled for August 21, has claimed that on the pretext of confidentiality, he was not allowed to publish his work, which was subsequently claimed by superiors and favoured colleagues, and his promotions were delayed.

A scientist has claimed that harassment affected his family life. B N Singh has accused supervisor P K Wattal of carrying on with his tirade against brilliant scientists after availing extensions following his retirement. Singh alleged that Wattal directed the scientists to discharge the effluent to sea with available dilution, which was much higher than the permissible limit. “This action would have led to serious violation of plant technical specifications... if some NGOs come to know through periodical sampling of the sea water... it will be very difficult for BARC to face the consequences late,” Singh wrote, adding that Wattal had procured sub-standard equipments that has not been used till date.

Singh said he was transferred after exposing the irregularities. What is startling from the complaints and documents sent to the PM is the claims made by BARC scientists that senior officials took the advantage of ‘secrecy’ and ‘sensitive nature of work’ to allegedly harass and deny them their dues.

Among the documents sent to Modi is a copy of a letter from scientist Ashutosh Acharya, written to Wattal on November 28, 2013, in which he reveals that many scientists’ career was allegedly nuked by Wattal. “Your actions are not only against me but against many others also. Sometime in May or June 2010, P K Narayan, as Head BETDD, had shown me unassessed ACRs for 2007-08 & 2008-09 of Shashi Kant and Narayan had also mentioned that everyone was amazed with his quantum and quality of work output... there are many such facts about him and others,” Acharya’s letter to Wattal, now with the PMO, stated.

There is also a shocking piece of information the PMO was told through the letters that violates Modi’s directives. Wattal, who allegedly harassed the scientists, was given two extensions of two years each after his retirement. Finally in February 2015, he was rewarded with the Raja Ramanna Fellowship for another five years. Modi had directed government departments to avoid extensions and promote young scientists.

BARC, however, denied harassment of its scientists, in its reply to this newspaper’s queries. It said that BARC has over 4,200 scientists and only three have complained, and generalisation of this matter based on three cases is not appropriate. It did not specifically answer whether a committee was formed to look into their complaints.

“The officers who have made the complaints alleging harassment were not able to substantiate the same when requested to do so. Some of the officers, who could not be promoted solely due to their performance being below the required level of grading, are trying to distract attention by making baseless and irrelevant allegations of harassment and victimisation against the management,” BARC said.

It added that allegations levelled by Yadav are baseless and therefore no action was initiated against any senior officer. BARC said Yadav is in the habit of sending grievances and has done so on social media, to BARC’s vigilance section and to the PM.

“His case has been referred to the Department for further course of action. As regards B N Singh, he had made representation for review of APAR grading for the year 2012-13. It was examined by the competent authority and the competent authority has upgraded his grading,” BARC said.

Interestingly, this admission makes it clear that Singh’s grading was rectified only after the complaint. BARC refused to comment on this newspaper’s query on scientist Shashi Kant, citing that his case was sub judice. It, however, said that the allegations made against Wattal have been examined and found that they are only due to personal vengeance made by above officers who are not satisfied with the APAR gradings awarded to them.

Suicide Saga

■ In January, a PIL was filed in Bombay High Court seeking a probe into suicides and unnatural deaths of scientists. The PIL said, “Scientific community has been plagued by suicides, unexplained deaths and sabotage [that] have gone underreported.”

■ In July 2014, the government told Parliament that nine nuclear scientists committed suicide in 2009-2013 in atomic power stations and other research centres; three suicides were reported from Nuclear Power Corporation during the same period.



News Source / Sabhar : http://www.newindianexpress.com/thesundaystandard/Modi-Caught-in-Nuclear-War-at-BARC/2015/08/16/article2976233.ece


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सरकारी नौकरियों में साक्षात्कार का खेल - खोखला सिस्टम

सरकारी नौकरियों में साक्षात्कार का खेल - खोखला सिस्टम


यथार्थ स्थिति ये है कि भ्रस्टाचार की जड़ें अभी भी बहुत मजबूत है ,
प्रधान मंत्री जी का तहे दिल से शुक्रगुजार है की उन्होंने सरकारी नौकरियों में साक्षात्कार से चयन को सही नहीं ठहराया है ।
लेकिन बहुत सारे करप्ट लोग  इंटरवियु की बैकडोर एंट्री के जरिये जड़ें जमा चुके हैं , और उच्च पदों पर आसीन है ।
रिज़ल्ट के नाम पर ठेंगा है इनके पास , चाहे तो करप्शन डी आर डी ओ की वेबसाइट देखें या फिर तमाम सरकारी  विभागों का आकलन करें
डी आर डी ओ में भी प्रधान मंत्री जी ने इसको दो भागों में 35 साल से कम और 35 साल से ज्यादा में वर्गीकृत कर क्षमता दिखाने को कहा ।
https://www.facebook.com/permalink.php?story_fbid=281415455378047&id=273962606123332

http://corruptionindrdo.com/modi-caught-in-nuclear-war-at-barc/
 http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2014/10/drdo-recruitment-scam.html


वास्तव में डी आर डी ओ में फंडा क्या है - पुराने समय में पी एच डी पास लोगों को सीधे इंटरवियु के आधार पर चयनित कर लेते थे , और पी एच डी हम लोग जानते हैं की कितनी लोगों को जुगाड़ से भी मिलती , सिफारिश का खेल जोरों पर था
2002 से डी आर डी ओ चयन पद्दति में बदलाव तो लाया गया उसमे सेट (साइंटिस्ट एंट्री टेस्ट ) पास करना अनिवार्य कर दिया , लेकिन उसके बाद भी जुगाड़ी पद्दति चलती है ।
डी आर डी ओ में देश के लोगों का खून पसीने कमाया हुआ पैसा लगता है । वरिष्ठ वैज्ञानिक ने इंटरवियु के दम पर अपनी बेटी का चयन करा लिया , लेकिन उसकी बेटी के पास डिग्री चयन मापदंड के अनुसार न होकर दुसरी विषय की डिग्री थी । ये घटना तो सामने आ गयी लेकिन सिफारिश का खेल कैसे सामने आता ।

लेकिन बात सिर्फ डी आर डी ओ की ही नहीं है , केंद्र सरकार के तमाम विभागों में इंटरवियु का खेल चलता है , बड़े पदों पर खूब चलता है , क्यूंकि कोई स्क्रीनिंग टेस्ट नहीं होता ।  सब सिफारिश का धंधा चलता है और ये लोग देश को देते क्या हैं ???

http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2014/08/high-school-bhee-pass-nahin-ban-gaye.html

बहुत सारी ऑटोनोमस,सेमी गवर्नमेंट संस्थाएं मनमानी से बड़े पदों - निदेशक आदि पर सीधे साक्षात्कार के आधार पर बैठा देती हैं , लेकिन उन लोगो ने वास्तव में किया क्या  है और क्या कर रहे हैं ।
ये संस्थाएं नाम की सेमी गवर्नमेंट हैं , खर्चा - पानी सरकार के रहमो करम से आता है ।
डिग्री कॉलेजों में लेक्चरार के पद पर इंटरवियु ही होता है और नेट उत्तीर्ण तक फेल हो जाते हैं और लल्लू छाप पी एच डी पास मजे से पास हो जाता है ।

अब उत्तर प्रदेश  लोक सेवा आयोग पर तमाम प्रश्न उठे - चाहे वह त्रि स्तरीय आरक्षण हो या फिर यादवों का साक्षात्कार में अधिक अंक पाना हो

वास्तव में कई सालों से भारत का आम नागरिक इंटरवियु के नाम पर ठगी का शिकार होता आ रहा है , और इस परिपाटी को बंद कर
2 -3 -4  चरणो की थर्ड पार्टी के माध्यम से परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए ।

सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट एक बहुत अच्छा उदाहरण है अच्छे और योग्य लोगो को चुनने की दिशा के एक कदम का

इंटरवियु के नाम पर खेल बंद होने चाहिए , और सरकारी खजाने में लूट पाट पर रोक लगनी चाहिए



यथार्थ स्थिति ये है कि भ्रस्टाचार की जड़ें अभी भी बहुत मजबूत है ,
प्रधान मंत्री जी का तहे दिल से शुक्रगुजार है की उन्होंने सरकारी नौकरियों में साक्षात्कार से चयन को सही नहीं ठहराया है ।
लेकिन बहुत सारे करप्ट लोग  इंटरवियु की बैकडोर एंट्री के जरिये जड़ें जमा चुके हैं , और उच्च पदों पर आसीन है ।
रिज़ल्ट के नाम पर ठेंगा है इनके पास , चाहे तो करप्शन डी आर डी ओ की वेबसाइट देखें या फिर तमाम सरकारी  विभागों का आकलन करें
डी आर डी ओ में भी प्रधान मंत्री जी ने इसको दो भागों में 35 साल से कम और 35 साल से ज्यादा में वर्गीकृत कर क्षमता दिखाने को कहा ।

वास्तव में डी आर डी ओ में फंडा क्या है - पुराने समय में पी एच डी पास लोगों को सीधे इंटरवियु के आधार पर चयनित कर लेते थे , और पी एच डी हम लोग जानते हैं की कितनी लोगों को जुगाड़ से भी मिलती , सिफारिश का खेल जोरों पर था
2002 से डी आर डी ओ चयन पद्दति में बदलाव तो लाया गया उसमे सेट (साइंटिस्ट एंट्री टेस्ट ) पास करना अनिवार्य कर दिया , लेकिन उसके बाद भी जुगाड़ी पद्दति चलती है ।
डी आर डी ओ में देश के लोगों का खून पसीने कमाया हुआ पैसा लगता है । वरिष्ठ वैज्ञानिक ने इंटरवियु के दम पर अपनी बेटी का चयन करा लिया , लेकिन उसकी बेटी के पास डिग्री चयन मापदंड के अनुसार न होकर दुसरी विषय की डिग्री थी । ये घटना तो सामने आ गयी लेकिन सिफारिश का खेल कैसे सामने आता ।

लेकिन बात सिर्फ डी आर डी ओ की ही नहीं है , केंद्र सरकार के तमाम विभागों में इंटरवियु का खेल चलता है , बड़े पदों पर खूब चलता है , क्यूंकि कोई स्क्रीनिंग टेस्ट नहीं होता ।  सब सिफारिश का धंधा चलता है और ये लोग देश को देते क्या हैं ???

बहुत सारी ऑटोनोमस,सेमी गवर्नमेंट संस्थाएं मनमानी से बड़े पदों - निदेशक आदि पर सीधे साक्षात्कार के आधार पर बैठा देती हैं , लेकिन उन लोगो ने वास्तव में किया क्या  है और क्या कर रहे हैं ।
ये संस्थाएं नाम की सेमी गवर्नमेंट हैं , खर्चा - पानी सरकार के रहमो करम से आता है ।
डिग्री कॉलेजों में लेक्चरार के पद पर इंटरवियु ही होता है और नेट उत्तीर्ण तक फेल हो जाते हैं और लल्लू छाप पी एच डी पास मजे से पास हो जाता है ।

अब उत्तर प्रदेश  लोक सेवा आयोग पर तमाम प्रश्न उठे - चाहे वह त्रि स्तरीय आरक्षण हो या फिर यादवों का साक्षात्कार में अधिक अंक पाना हो

वास्तव में कई सालों से भारत का आम नागरिक इंटरवियु के नाम पर ठगी का शिकार होता आ रहा है , और इस परिपाटी को बंद कर
2 -3 -4  चरणो की थर्ड पार्टी के माध्यम से परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए ।

सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट एक बहुत अच्छा उदाहरण है अच्छे और योग्य लोगो को चुनने की दिशा के एक कदम का

इंटरवियु के नाम पर खेल बंद होने चाहिए , और सरकारी खजाने में लूट पाट पर रोक लगनी चाहिए



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Saturday, August 15, 2015

Narendra Modi PM India - Abolish Interview Corruption in India From Government Job System

स्वाधीनता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से बोले मोदी - सरकारी नौकरियों में से इंटरवियु नाम का भ्रस्टाचार ख़त्म होना चाहिए

Narendra Modi PM India - Abolish Interview Corruption in India From Government Job System

प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आज  के स्वतंत्रा दिवस भाषण  पर एक बात कही  की सरकारी नौकरियों में साक्षात्कार प्रणाली की जगह
मेरिट मार्क्स का सिस्टम होना चाहिए
लेकिन न्यूज़ पत्रिकाएं इस को सिर्फ निचले स्तर की जॉब  /छोटे स्तर की नौकरियों में इंटरवियु खत्म करने की बात बता रही हैं , मोदी जी ने बात निचले स्तर की नौकरियों का उदाहरण देते हुए कही थी

लेकिन हाल ही में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में एस डी एम पद 86 में से 54  भर्ती हुई , और यादव लोग साक्षात्कार में सर्वाधिक अंक लेकर सफल हुए ,
तो क्या इस तरह की  नौकरियों में साक्षात्कार प्रणाली का क्या समाधान है ??



1.Interview Marks Wtz 10%

2.Two Level Interview

3.Videography in Interview

4. Interview system should also abolish from SDM UPPSC Posts


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Tuesday, January 13, 2015

DRDO CHEIF AVINASH CHANDAR SACKED BY GOVERNMENT

DRDO CHEIF AVINASH CHANDAR SACKED BY GOVERNMENT

DRDO चीफ अविनाश चंद्र हटाए गए


DRDO CHIEF IS EQUIVALENT TO SECRETARY.

IN RECENT NEWS MANY COMPLAINTS OF DRDO COMES, AND THIS CAN BE CAUSE OF HIS TERMINATION.

Analysts believe that the action could have been taken against the backdrop of Prime Minister Narendra Modi's comment that the 'laid back' attitude in the DRDO will not be tolerated during a visit last year.







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Thursday, January 1, 2015

SARKARI NAUKRI News : सीएसए यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर राज्यपाल का कड़ा रुख इंटरव्यू के रिजल्ट घोषित करने पर लगाई रोक

SARKARI NAUKRI News : सीएसए यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर राज्यपाल का कड़ा रुख
इंटरव्यू के रिजल्ट घोषित करने पर लगाई रोक
Interview Corruption in India, UP Recruitment News,

•गवर्नर राम नाईक ने भर्ती, प्रमोशन प्रक्रिया व बीओएम की मीटिंग स्थगित की
•फैसले से भर्ती और प्रमोशन का ठेका लेने वाली ‘मैडम’ का बिगड़ गया खेल
सच्चाई की जीत हुई है। शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार की लड़ाई आगे जारी रहेगी। टोकन मनी लेकर नियुक्ति फिक्स करने वाली मैडम की पोल भी खोली जाएगी। इस मामले में राज्यपाल का आभारी हूं, जिन्होंने शिकायत सुनने के बाद प्रभावी कार्रवाई की है। -डॉ. प्रभाकांत मिश्रा, शिकायतकर्ता 




लखनऊ/कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में शिक्षकों की सीधी भर्ती व प्रमोशन के रिजल्ट घोषित करने पर राज्यपाल राम नाईक ने रोक लगा दी है। साथ ही बुधवार को लखनऊ के भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में होने वाली बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट (बीओएम) की मीटिंग निरस्त कर दी है। राज्यपाल ने कहा है कि अग्रिम आदेशों तक बीओएम की मीटिंग व शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया स्थगित रहेगी। शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए कमेटी गठित की जा रही है।
टोकन मनी लेकर कृषि विश्वविद्यालय में शिक्षकों की सीधी भर्ती और प्रमोशन का ठेका लेने वाली ‘मैडम’ का खेल बिगड़ गया है। हर शिक्षक की नियुक्ति फिक्स और मामले में शासन, सत्ता की सहभागिता की बातचीत की वॉयस रिकार्डिंग सुनने और ‘अमर उजाला’ में छपी खबरों को पढ़ने के बाद राज्यपाल राम नाईक ने भर्ती प्रक्रिया स्थगित रखने का आदेश दे दिया है। वॉयस रिकार्डिंग की सीडी और ‘अमर उजाला’ की खबरों की कटिंग मंगलवार को लखनऊ राजभवन जाकर डॉ. प्रभाकांत मिश्रा ने राज्यपाल को दी थी। प्रभाकांत ने ही भ्रष्टाचार के इस मामले का खुलासा किया है। राजभवन ने बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी की। इसमें कहा गया है कि शिक्षक भर्ती में भ्रष्टाचार की शिकायतों की चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और राज्यपाल समीक्षा कर रहे हैं।

News sabhaar : अमर उजाला 1.1.15

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Friday, October 24, 2014

DRDO Recruitment Scam :डाआरडीओ में भर्ती का मामला

DRDO Recruitment Scam :डाआरडीओ में भर्ती का मामला
एक और महिला वैज्ञानिक पर गाज
 
 
डीआरडीओ ने की वैज्ञानिक की नियुक्ति समाप्त करने की पुष्टि 
 
 Khulasaa RTI Ke Dwara Huaa Thaa, Sr.  Vegyanik Ne Apnee Pahnunch Ke Dam Par Internal Vigilence se To Clean Chit Paa Lee Thee,

Lekin CVC ( Central Vigilence Corporation) Maamle Ke Prati Ghanbheer Dikhee, Aur Usne Varistha Vegyanik aur Unki Daughter Ke Khilaaf Karyvahee Kee Anusasanshaa Kee

Varsh 2004 Mein Swati Mishra Kee Niyukti Microbiology Scientist B Ke Roop Mein Huee Thee, Jabki Vastav Mein Unke Paas Environmental Science Se Degree Thee.

DRDO Mein Ye Maamle Naye Nahin Hai, DRDO RTI Ke Dayre Se Bahaar Hone Ke Naam Par Farjeevade ko Anjaam De Saka, Aur Detaa Raha Bhee Hogaa
Scientist Entry Test (SET) Pass karne Ke Baad Bhee Written Exam Ke marks Selection Mein Count Nahin Hote Aisa Suna Hai, Aur Sirf Interview Ke Aadhaar Par Selection Hotaa hai.

Jahan Senior Scientist Apnee Phunch Ke Chalte Tamaam Selection Her Fer Karte Rehte hain

Below News is From Amar Ujala news paper 21st October 2014 :
 देहरादून(अरुणेश पठानिया)। नियमों को ताक पर रख डीआरडीओ में हुई भर्ती के मामले में एक और महिला वैज्ञानिक पर गाज गिरी है। महिला वैज्ञानिक स्वाति श्रीवास्तव की दस वर्ष पुरानी नियुक्ति डीआरडीओ ने समाप्त कर दी है। फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद यह दूसरी वैज्ञानिक हैं जिसकी सेवाएं समाप्त की गई हैं। इससे पहले जून में एक निदेशक की पत्नी वैज्ञानिक (एफ) टी चंद्रा बानु की जून में सेवाएं समाप्त की थी। डीआरडीओ ने अधिकारिक तौर पर सेवाएं समाप्त करने की पुष्टि की है।
डीआरडीओ में वैज्ञानिकों की नियुक्तियों में वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से अपनी बेटी, पत्नी और रिश्तेदारों को तरजीह देने और इसके लिए नियमों को दरकिनार करने का खुलासा नवंबर 2013 में सेंट्रल विजलेंस कमीशन ने किया था। सीवीसी की रिपोर्ट में तीन महिला वैज्ञानिकों की नियुक्ति में अपनाई प्रक्रिया की जांच की गई, जिनके रिश्तेदार पहले से डीआरडीओ में वरिष्ठ पदों पर तैनात थे।
 
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Thursday, October 9, 2014

कृषि निदेशालय में ठगों ने कराए थे इंटरव्यू

कृषि निदेशालय में ठगों ने कराए थे इंटरव्यू
ठगी के शिकार कानपुर के सुधीर कुमार झा ने बयान में दी जानकारी
Forgery, Interview Corruption in India,
लखनऊ। सचिवालय में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा करने के आरोपी कु़लदीप उर्फ भोलू व हेमंत तिवारी ने कृषि निदेशालय के ऑफिस में इंटरव्यू कराए थे। ठगी के शिकार कानपुर निवासी सुधीर कुमार झा ने पुलिस को अपने बयान में यह जानकारी दी है। सुधीर ने बताया कि कुलदीप और हेमंत के साथ एक और व्यक्ति था, जिसे उसने पहले नहीं देखा। पुलिस का मानना है कि यह तीसरा व्यक्ति सचिवालय का ही कोई कर्मचारी हो सकता है। उसके बारे में पड़ताल की जा रही है।
सचिवालय चौकी इंचार्ज एए अंसारी ने बताया कि सुधीर कुमार झा ने बीते शुक्रवार राजधानी आकर अपने बयान दर्ज करा दिए हैं। अंसारी ने बताया कि इंदिरानगर के सहारा ट्रेड सेंटर के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित तिवारी ट्रेडर्स नाम की प्लेसमेंट एजेंसी ने सचिवालय में ग्रुप डी की भर्ती के लिए विज्ञापन दिया था। इसी विज्ञापन को देखकर सुधीर और उसके साथी गौरव सक्सेना, देवानंद मिश्रा, संदीप कुमार और ज्ञान प्रकाश दुबे ने करीब एक साल पहले हेमंत से संपर्क किया था। सुधीर ने बताया कि कंपनी के ऑफिस में पारितोष त्रिपाठी, इंद्रजीत सिंह, अजय पांडे सहित अन्य लोगों ने उनसे बातचीत की और शैक्षिक दस्तावेज मंगाने के साथ ही अन्य औपचारिकताएं पूरी कराईं थीं। इसके बाद उन्हें सचिवालय में इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। सुधीर ने पुलिस को बताया कि सचिवालय पहुंचने पर वहां हेमंत तिवारी मिला। खुद को सचिवालयकर्मी बताते हुए वह सभी अभ्यर्थियों को कृषि निदेशालय के ऑफिस ले गया। यहां उसे कुलदीप और एक अन्य युवक मिला। सुधीर ने बताया कि कुलदीप और उसके साथ दूसरे युवक ने इंटरव्यू लिया। इसके बाद सभी को नियुक्तिपत्र दे दिया गया। हालांकि, यह नियुक्तिपत्र कृषि निदेशालय का था। सुधीर का कहना है कि उसने सचिवालय में नौकरी की बात कही थी न कि कृषि निदेशालय में, इसलिए नियुक्तिपत्र लेने से इन्कार कर दिया। इसके बाद हेमंत और कुलदीप ने 15 दिन में सचिवालय का नियुक्तिपत्र देने की बात कहकर उन्हें वापस भेज दिया। सुधीर ने बताया कि पंद्रह दिन बाद पांचों अभ्यर्थी फिर सचिवालय पहुंचे। इस बार उन्हें गेट नंबर नौ पर बुलाया गया। कुछ देर बाद सचिवालय के स्वागताधिकारी का एक कर्मचारी सबके लिए पास लेकर आया। इसके बाद भीतर जाकर सभी ने कुलदीप और हेमंत से अपने नियुक्तिपत्र लिए।
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Wednesday, September 3, 2014

Interview Corruption in India in TOP JOBS : Govt to review senior public sector bank appointments

Interview Corruption in India in TOP JOBS : Govt to review senior public sector bank appointments

Finance minister Arun Jaitley has reportedly written to RBI governor Raghuram Rajan suggesting a review of senior PSU bank appointments and nominations.

NEW DELHI: The finance ministry has decided to take a relook at recent appointments of top-level public sector bank executives as well as a clutch of proposals to designate chairmen just before the UPA demitted office, in what is seen as a direct fallout of the recent arrest of the Syndicate Bank chief by CBI on alleged corruption charges.



Senior finance ministry officials told TOI that a review has become necessary in view of the irregularities that have come to light.

Finance minister Arun Jaitley has written to the Reserve Bank of India governor Raghuram Rajan, who heads the appointment board that selects state-run bank chiefs, as well as cabinet secretary Ajit Seth, who processes all papers for the appointments committee of cabinet, sources said. Some of the appointments processed during UPA's closing days lacked transparency and there are indications that some political considerations may have played a part, they added.

In a letter to the finance ministry, CBI chief Ranjit Sinha has pointed to some irregularities that have been noticed by the investigative agency during the Syndicate Bank probe. Sources said CBI has suggested a "legal scrutiny" as it has found clues suggesting that ACRs and interviews "were managed" and some middlemen also played a role.

Sinha said Jain was appointed despite having "poor" ACRs. "We have told the government that appointments deserve to go under legal scrutiny. The government has to take a call. There are reports of irregularities in several appointments. We have informed the government about it," the CBI chief said.

For the past few years, appointment of several bank chiefs, executive directors as well as independent directors have been viewed with a degree of suspicion and have often resulted in controversy. The candidates are selected on the basis of an appraisal of the confidential reports (ACRs), which carry 70 marks, and candidates appearing for interviews for executive directors and CMDs can get another 30 marks. Apart from the RBI governor, financial services secretary, an RBI deputy governor and external experts are part of the appointments board.
Similarly, there is no clarity on what goes into deciding the allotment of banks.

There have been instances of some of the candidates barely opening their account in the interviews but still being recommended for appointment based on their ACRs. In 2012, while appointing a second-rung executive, the department of financial services was accused of changing the grades from "very good" to "outstanding", making the executive eligible for the job. Once the gap was pointed out, the appointments committee of cabinet had put the appointment on hold, but later cleared it.


On several occasions, the department of financial services has changes the criteria for appointment. For instance, to become a public sector bank CMD, the candidate should have been an executive director for at least two years and should have at least two years to go for retirement. Often these stipulations have been tweaked.

For instance, this January, as reported by TOI, the government allowed general managers of public sector banks who had less than the stipulated three years to go for superannuation to appear for an interview. This allowed five candidates to appear for the interview at a notice of just a few hours. The exercise to complete the selection 13 EDs came weeks before election were announced and on the Anand Sinha was to demit office as RBI deputy governor.

But what really attracted attention in the corridors of ministries was the UPA government's decision to interview candidates for bank chiefs late last year even when the first vacancy was not arising till this August. Another talking point was the cut-off date of August 6 for fixing the eligibility, which usually is the first or the last day of the month. The unusual date and the relaxation in the two-year retirement norm expanded the field to 19 candidates, compared to eight who would have been eligible if the rules were not tweaked.

Around the same time, the appointments board had called only one candidate for an interview for the job of a managing director in State Bank of India, the country's largest bank.

News Source / Sabhaar : Times of India News paper / timesofindia.indiatimes.com (TNN | Aug 14, 2014, 01.09AM IST)
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Saturday, August 30, 2014

High School Bhee Pass Nahin, Ban Gaye Chief Engineer UP Govt. Mein

High School Bhee Pass Nahin, Ban Gaye Chief Engineer UP Govt. Mein

Farjee Degree se Chief Engineer Bhee Ban Jaate Hain Log.
High School , Intermediate, Engineering Sab Farjeee
Sarkari Naukri Mein Koee Bhee Kuch Bhee Ban Jaata Hai Farjee Degree Ke Sahare





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Sunday, August 24, 2014

हिंदुस्तान में सारे दोषों / भ्रस्टाचार की जड़ इस देश के न्यायलय हैं

हिंदुस्तान में सारे दोषों / भ्रस्टाचार की जड़ इस देश के न्यायलय हैं

हिंदुस्तान में सारे दोषों / भ्रस्टाचार की जड़ इस देश के न्यायलय हैं ,
लोगों न्याय पाने के लिए सालों एड़ी रगड़ते रहते हैं लेकिन न्याय समय से नहीं मिल पाता
सबसे ज्यादा न्याय के लिए लड़ने वाला ही भुगतता है

72825 भर्ती मामला देख कर बहुत दुःख होता है ,
ये तो संख्या इतनी ज्यादा है और आपस में मिलकर लोग सुप्रीम कोर्ट तक  लड़ लिए , आम इंसान का क्या हाल होगा

शिक्षा मित्र ट्रेनिंग मामले पर भी जजमेंट 2 साल पहले रिसर्व हुआ था , और आज तक निर्णय नहीं आया

अभी हाल में खबर  पडी थी की सलमान खान की जांच के दस्तावेज खो गए और जज सुनवाई नहीं कर पा रहे ,
पुलिस को नोटिस दे कर उपलब्ध कराने को बोला है , वो मामला भी 15 -16 सालों से चल रहा है

ज्यादातर केसेस में दबंग ही जीतते हैं जो आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं

देश में भ्रस्टाचार स्वत : समाप्त हो जायेगा अगर देश की न्यायलय सुधर जाएँ तो

न्यायलय में केस की सुनवाई की सी सी टी वी फुटेज / वीडियो रिकॉर्डिंग जरूर होनी चाहिए ,
अपने आप सही और अच्छे न्याय मिलने लग जायेंगे

ऐसे ही नौकरी के साक्षात्कार के लिए सी सी टी वी फुटेज / वीडियो रिकॉर्डिंग होनी चाहिए ,
जब से अंग्रेजों ने शासन  छोड़ा , तब से भ्रष्ट नेताओं /  नौकर शाहों ने अपने को बचाये रखने के लिए सिस्टम में सुधार को ध्यान ही नहीं दिया

अंग्रेजों की व्यवस्था में जवाब देही ब्रिटिश राज घराने की तरफ थी लेकिन अब तो देश के शासन की जवाब देही के प्रति है

आर टी आई एक बहुत बड़ी शक्ति के हाथ में जनता को मिला , लेकिन इसमें भी सिर्फ सूचना मिलती है , न्याय कहाँ मिलता है

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सलमान खान हिट एंड रन केस: ऑरिजिनल दस्तावेज और केस डायरी गायब

 मुंबई सेशन कोर्ट में गुरुवार को सलमान खान के हिट एंड रन मामले ने नया मोड़ ले लिया है। केस से जुड़े ऑरिजिनल दस्तावेज गायब होने पर कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने इस मामले के पहले जांच अधिकारी को कोर्ट मे पेश होने का आदेश सुनाया है। साथ ही एफिडेविट भी फाइल करने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।
 
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सरकारी नौकरी और इंटरव्यू का खेल

 सरकारी नौकरी और इंटरव्यू का खेल

असली ताकत योग्यता के अंकों में नहीं बल्कि इंटरव्यू में है


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वास्तव में इंटरव्यू में वीडियोग्राफी न होने और पारदर्शिता न होने से कई बार योग्य
ईमानदार मेहनती लोग पिछड़ जाते हैं 
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लीड..नौकरियों में साक्षात्कार भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी कड़ी है: पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा, नारनौल

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हिंदुस्तान में इंटरव्यू के नाम पर धोखा धडी सालों से चली आ रही है ,

कई जगह इंटरव्यू के मार्क्स का वेटेज 50 % तक होता है तो कई जगह आज भी सरकारी संस्थाओं में चयन पूर्ण रूप से इंटरव्यू पर  आधारित होते हैं ।

और मेहनती व्यक्ति सम्पूर्ण प्रयास के जरिये भी कई बार इंटरव्यू में पीछे रह जाता है


सरकारी नौकरियों में आज भी भ्रस्टाचार खुलेआम होता है और हो रहा है , लोगों के बीच सरकारी नौकरी का क्रेज बहुत बढ़ा हुआ है , इसके कारण हैं :

१. जिंदगी भर जॉब सिक्योरिटी
 2 . एक बार नौकरी में कैसे भी घुस गए तो उसके बाद कोई टेस्ट , परीक्षा नहीं
3  अच्छी तनख्वाह और कम काम
4. वक़्त पर ऑफिस जाना नहीं

देखिये एक खबर , इंटरव्यू के नाम पर कैसे खिलवाड़ होती है :

आरटीआई से खुलासा : जीजेयू में सबसे कम अंक वाले को नौकरी


हिसार. गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी हिसार में अक्टूबर 2012 में निकली ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट के असिस्टेंट डायरेक्टर की भर्ती में इंटरव्यू के खेल के सामने सभी आवेदकों की योग्यता फेल हो गई। इस पद पर इंटरव्यू में लगाए अंकों के सामने योग्यता के अंक फीके पड़ गए।

भर्ती में चयन उस आवेदक का हुआ, जिसके अंक एकेडमिक और अनुभव के आधार पर सभी योग्य 18 आवेदकों से कम थे। इतना ही नहीं आरटीआई से हुए इस खुलासे में यह भी सामने आया कि अन्य आवेदकों की शैक्षणिक व अनुभव की योग्यता के अंक एक दो नहीं बल्कि 10 अंक तक ज्यादा थे। इसके बावजूद इंटरव्यू में गणित इस तरह से बिठाया गया कि सबसे कम अंकों वाला आवेदक अंकों के दौड़ में सबको पीछे छोड़ गया। इस मामले को लेकर उक्त आवेदक की शिकायत प्रदेश के राज्यपाल को भी गई है। ताकि मामले में उचित कार्रवाई हो सके।


यह है मामला
आरटीआई मांगने वाले आवेदक इनसो के प्रवक्ता पदम धीमान ने बताया कि अक्टूबर 2012 में जीजेयू हिसार में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर की पोस्ट निकली। जिसमें भर्ती होने वाला आवेदक जीजेयू में ही कार्यरत एक आला अधिकारी का बेटा था। जब इस मामले को लेकर आरटीआई के तहत जानकारी मांगी तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। जिन्हें देखकर वह खुद भी दंग रह गए।


पदम धीमान ने बताया कि यूनिवर्सिटी से उन्होंने चयन के मापदंड का फार्मूला और चयन कितने अंकों पर हुआ इससे जुड़े सवाल पूछे। जिनका जवाब यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से दिया गया। इनमें से कई जवाबों ने योग्यता से विश्वास ही उठा दिया। इससे पता चला कि असली ताकत योग्यता के अंकों में नहीं बल्कि इंटरव्यू में है।


अंक कम, पर साक्षात्कार के बाद नंबर वन

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उपलब्ध करवाई सूचना में बताया कि असिस्टेंट डायरेक्टर पद के लिए कुल 18 आवेदकों को योग्य घोषित किया गया। भर्ती में शैक्षणिक योग्यता व अनुभव के 30-30 अंक निर्धारित किए गए। इंटरव्यू के अंक 40 निर्धारित किए गए। प्रत्येक के अंकों को जोडऩे के बाद जिस आवेदक का चयन हुआ है। उसके ही अंक शैक्षणिक व अनुभव को मिलाकर सबसे कम 45 अंक बने। वहीं 11 आवेदकों के 50-50 अंक, पांच आवेदकों के 55-55 अंक और एक आवेदक के 60 अंक बने।

60 अंक वाला आवेदक इंटरव्यू में गैरहाजिर रहा। वहीं 55 अंकों वाले चार आवेदकों ने इंटरव्यू दिए। पदम धीमान ने बताया कि इसके बाद इंटरव्यू का असली खेल शुरू हुआ। सबसे कम 45 अंकों वाले आवेदक को 40 अंकों के इंटरव्यू में से 34 अंक दिए गए। वहीं 55 अंकों वाले आवेदकों में से कोई भी आवेदक 23 अंकों को भी पार नहीं कर  पाया। इस तरह 45 व 34 अंकों को मिलाकर 79 अंकों के साथ उक्त आवेदक नंबर वन बन गया।


राज्यपाल को दी शिकायत
इंटरव्यू के इस खेल की पूरी शिकायत राज्यपाल को भी की जा चुकी है। राज्यपाल को शिकायत देने वालों ने इस मामले की पूरी जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की है। इतना ही नहीं आरटीआई की कॉपी भी अपनी शिकायत के साथ लगाई है। पदम धीमान ने कहा कि अपने चहेतों को नौकरी लगवाने के लिए योग्य आवेदकों को बाहर का रास्ता दिखाना पूरी तरह से अनुचित है। लिहाजा इस मामले में सभी आरोपी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं जीजेयू के वीसी डॉ. एमएल रंगा से इस संबंध में बातचीत करने चाही, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।जीजेयू में सबसे कम अंक वाले को नौकरी


 News Sabhaar : bhaskar news
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 लीड..नौकरियों में साक्षात्कार भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी कड़ी है: विनोद
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Thursday, August 21, 2014

निरस्त होगा प्रधानाचार्य का साक्षात्कार

निरस्त होगा प्रधानाचार्य का साक्षात्कार
 
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों की ठप पड़ी चयन प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। शिक्षक भर्ती में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी। चयन बोर्ड में अब तक साक्षात्कार आदि में जो भी गड़बड़ी हुई है, उसे विधि सम्मत तरीके से निरस्त कर नए सिरे से चयन प्रक्रिया शुरू होगी। यह बातें उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. परशुराम पाल ने पदभार ग्रहण करने के बाद अमर उजाला से बातचीत के दौरान कही।
 
 
आयोग से दो साल की परीक्षाओं का ब्यौरा तलब
 
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की गतिविधियों को मनमाने तरीके से चलाने के आरोप में घिरे अध्यक्ष अनिल यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बुधवार को मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति राकेश तिवारी और न्यायमूर्ति एआर मसूदी की खंडपीठ ने पिछले दो वर्षों के दौरान ली गई परीक्षाओं का ब्यौरा तलब कर लिया है। आयोग का संविधान, उसके काम करने के तरीके की जानकारी के साथ ही पिछले दो वर्षों के दौरान साक्षात्कार के लिए गठित बोर्ड सदस्यों के नाम और उनकी योग्यता, विशेषज्ञ समितियों के सदस्यों की सूची नाम और योग्यता के साथ मांगी है

News Sabhaar : Amar Ujala (21.8.14)
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Friday, August 1, 2014

बिना विज्ञापन की गईं भर्तियां निरस्त

केजीएमयू ः एडवांस रिसर्च सेल में घोटाला
बिना विज्ञापन की गईं भर्तियां निरस्त
लखनऊ: किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) की एडवांस रिसर्च लैब में भर्ती घोटाला सामने आया है। अधिकारियों ने बिना विज्ञापन निकाले ही तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के छह पदों पर भर्ती कर ली। कुलपति को जब इसका पता चला तो उन्होंने पूरे मामले की जानकारी मांगी और प्रथम दृष्टया गड़बड़ी सामने आने पर सभी भर्तियां निरस्त कर दी हैं।
पूर्व कुलपति प्रो. डीके गुप्ता के कार्यकाल में शोध कार्यों के लिए एडवांस रिसर्च लैब की स्थापना की गई थी। इस लैब की स्थापना के समय ही करोड़ों रुपये के घोटाले सामने आए थे। पूर्व कुलपति पर एक खास कंपनी को फायदा पहुंचाने के आरोप भी लगे थे, लेकिन शासन-प्रशासन से कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब इसी रिसर्च लैब में भर्ती घोटाला सामने आया है।
बताया जा रहा है कि कुलपति प्रो. रविकांत ने विभाग की जिम्मेदारी अस्थायी तौर पर हेमेटोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एके त्रिपाठी को दी थी। लैब के लिए शिक्षकों और वैज्ञानिकों के पद का विज्ञापन केजीएमयू प्रशासन पहले ही निकाल चुका है, लेकिन इसी बीच तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर बिना विज्ञापन के ही नियुक्ति का मामला सामने आ गया। आरोप है कि सभी भर्ती मोटी रकम लेकर की गई। मामले का खुलासा तब हुआ जब तैनाती के बाद नवनियुक्त कर्मचारी अपना पदभार संभालने विभाग पहुंचे। इसकी जानकारी मिलने पर वीसी ने जांच के बाद सभी भर्तियों को निरस्त कर दिया और एक जांच कमेटी का गठन कर दिया। ये कमेटी ही संविदा पर कर्मचारियों की भर्ती करेगी।
News Sabhaar :Amar Ujala (1.8.14)
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Sunday, March 4, 2012

इंटरव्यू लेटर जारी करने वाले बाबू को नोटिस


इंटरव्यू लेटर जारी करने वाले बाबू को नोटिस




इलाहाबाद। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी सामाजिक विज्ञान के चयन परिणाम में हुए फर्जीवाड़े की जांच शुरू कर दी है। सचिव शेषमणि पांडेय ने सामाजिक विज्ञान लिखित परीक्षा के मूल परिणाम से इतर अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल होने के लिए पत्र जारी करने वाले कर्मचारी से जवाब मांगा है। उससे पूछा गया है कि तैयार परिणाम से भिन्न अभ्यर्थियों को इंटरव्यू लेटर किसके आदेश पर जारी किया गया। चयन बोर्ड के कई सदस्यों का दावा है कि इस मामले में लिखित परीक्षा परिणाम के बाद कोई पुनर्मूल्यांकन नहीं किया गया।
चयन बोर्ड की ओर से टीजीटी सामाजिक विज्ञान का परिणाम 17 फरवरी को जारी किया गया था। परिणाम की घोषणा के बाद ‘अमर उजाला’ ने टीजीटी सामाजिक विज्ञान के चयन परिणाम में फर्जीवाड़े को उजागर किया। दरअसल अंतिम परिणाम में ऐसे कई अभ्यर्थियों को सफल घोषित कर दिया गया जो मुख्य परीक्षा में फेल थे। खबर प्रकाशित होने के बाद अध्यक्ष ने दावा किया कि लिखित परीक्षा परिणाम के बाद उसका पुनर्मूल्यांकन कराया गया लेकिन सदस्यों ने इससे साफ इंकार किया। सलाह के बाद अध्यक्ष ने इस मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया। जांच के क्रम में ही चयन बोर्ड के सचिव ने मूल परिणाम से बाहर के अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल होने के लिए पत्र जारी करने के बारे में जवाब मांगा है। 


News : Amar Ujala
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Youth angered on Service Selection Board

सर्विस सेलेक्शन बोर्ड पर भड़के युवा(Youth angered on Service Selection Board)
राजौरी, जागरण संवाद केंद्र : जिले के युवाओं ने शनिवार को अब्दुल्ला पुल जमाकर सर्विस सेलेक्शन बोर्ड के चेयरमैन व अन्य अधिकारियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी देवेंद्र सिंह कटोच ने युवाओं को आश्वासन दिया, जिसके बाद लोगों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया।
प्रदर्शन कर रहे युवाओं को संबोधित करते हुए मुजाहिद मीर ने कहा कि सर्विस सेलेक्शन बोर्ड ने जो शिक्षकों की चयन सूची निकाली है इसमें बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। अध्यापकों के पद के लिए इंटरव्यू लेने के लिए जिन अधिकारियों को लगाया था वह स्थानीय थे और उन्होंने अपने करीबी बच्चों को काफी अंक दिए है, जिससे उनके नाम सूची में आने से रह गए। उनका कहना था कि इस संबंध में वो पहले भी प्रदर्शन करके अपने रोष प्रकट कर चुके है और प्रशासनिक अधिकारियों से भी मिले, लेकिन अभी तक समस्या को दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने कहा कि अगर जल्द चयन सूची को रद नहीं किया जाता तो वो भूख हड़ताल शुरू करके उग्र प्रदर्शन करने को तैयार है।
वहीं, प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने काफी समय तक अब्दुल्ला पुल को जाम रखा मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी कटोच ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांग को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा। इसके बाद युवा शांत हुए।

News : Jagran (18.2.12)
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Corruption in Recruitment of Health Workers

स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भर्ती में धांधली

( Corruption in Recruitment of Health Workers )

बिलासपुर/कोरबा. जिला स्वास्थ्य विभाग में बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भर्ती में बड़ी धांधली सामने आई है। बिना विज्ञापन निकाले और चयन समिति बनाए सिर्फ एक नोटिस चस्पा कर इंटरव्यू के लिए कॉल कर लिया गया।
हालांकि मामले के हाईकोर्ट चले जाने के कारण चयनित उम्मीदवारों की अंतिम सूची प्रकाशित नहीं हो पाई। इस पूरी प्रक्रिया में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. पीआर कुंभकार की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।

सीएमएचओ ने बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के 83 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया बीते दिसंबर में उस समय शुरू की, जब लिपिकों की हड़ताल चल रही थी। यह हड़ताल 7 दिसंबर से 27 दिसंबर तक रही। 13 दिसंबर को सीएमएचओ कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर एक सूचना चस्पा की गई। इसमें लिखा गया कि संचालक स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जानी है।

पुरुष अभ्यर्थियों के लिए ‘वाक इन इंटरव्यू’
24 दिसंबर को और महिला अभ्यर्थियों के लिए ३क् दिसंबर है। यह नहीं बताया गया कि नियुक्ति स्थाई है या अस्थाई। सूत्रों के मुताबिक करीब 400 आवेदन आए। आवेदन लेने के 6 दिन बाद 143 पात्र उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी गई।

भर्ती की प्रक्रिया सीएमएचओ ने अपने एक-दो विश्वस्त कर्मचारियों के साथ मिलकर गुपचुप तरीके से की। नियुक्ति में निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किए जाने तथा पैरामेडिकल कोर्स करने वालों को पात्र नहीं माने जाने से नाराज पैरामेडिकल छात्र हाईकोर्ट चले गए।


जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने 10 जनवरी को सुनवाई के बाद भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी और प्रतिवादियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा। इसके बाद उम्मीदवारों की अंतिम चयन सूची प्रकाशित नहीं की गई। जिला रोजगार अधिकारी जेपी खांडे ने भी पुष्टि की कि कार्यालय को इस नियुक्ति प्रक्रिया की कोई जानकारी नहीं दी गई।
नियमों का उल्लंघन
भर्ती के लिए अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित नहीं किए गए।
रोजगार कार्यालय से पदों की न जानकारी मंगाई, न ही नियुक्तिसंबंधी सूचना दी।
आवेदन न पंजीकृत डाक से मंगाए और न ही स्पीड पोस्ट से।
चयन समिति नहीं बनाई गई। आवेदनों की जांच-पड़ताल भी नहीं हुई।
नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण नियमों की भी परवाह नहीं की गई।


News : Bhaskar
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Allegation of Corruption for Recruitment of Preraks in Gram Panchayat

प्रेरकों की नियुक्ति में धांधली का आरोप( Allegation of Corruption for Recruitment of Preraks in Gram Panchayat)

बलिया : जनपद के सभी ग्राम पंचायतों में प्रेरकों की नियुक्ति में धांधली किये जाने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच कराने की मांग को लेकर सैकड़ों प्रेरकों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। साथ ही जिला लोक शिक्षा समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी को पत्रक दिया। प्रदर्शन कर रहे प्रेरकों ने आरोप लगाया कि जनपद के सभी ग्राम पंचायतों में दो-दो प्रेरकों का चयन किया गया है जिसमें व्यापक पैमाने पर धन वसूली कर राजनीतिक दबाव में विधि विरुद्ध चयन किया गया है। प्रत्येक गांव में चयन का अलग-अलग मानक बनाया गया है। चयन की दो सूचियां जारी की गयी है जिसमें प्रथम व द्वितीय सूची में भारी फेरबदल किया गया है। अधिक मेरिट होने के बावजूद अनेक लोगों का चयन नहीं किया गया है। मांग किया कि ऐसे में सूची की फिर से जांच करायी जाय और उक्त कर्मी को तत्काल प्रभाव से हटाया जाय। प्रदर्शन में राजेश चौबे, सुशील कुमार, राजदेव प्रसाद, कन्हैया राम, कमलेश कुमार राय, मीना देवी आदि मौजूद रहीं।
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