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Monday, November 17, 2014

Teacher Eligibility Test for Metric Higher Secondary Madhymik Teacher : पहले अग्नि परीक्षा फिर बनेंगे माध्यमिक शिक्षक

पहले अग्नि परीक्षा फिर बनेंगे माध्यमिक शिक्षक
Teacher Eligibility Test for Metric Higher Secondary Madhymik Teacher

कानपुर : प्राइमरी स्कूलों के बाद अब माध्यमिक स्कूलों में भी पात्रता परीक्षा के जरिए ही शिक्षकों की नियुक्ति होगी। कक्षा छह से 12वीं तक के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) ने पात्रता परीक्षा को अनिवार्य किए जाने के संकेत दिए हैं। एनसीटीई इसका खाका तैयार कर रही है। चेयरमैन प्रोफेसर संतोष पांडा ने शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने को इस परीक्षा को महत्वपूर्ण बताया है

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय व बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालय के प्रबंधकों के साथ हुई बैठक के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि जब प्राइमरी व उच्च शिक्षा में पात्रता परीक्षा जरूरी है तो माध्यमिक में भी यह प्रक्रिया लागू की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि माध्यमिक स्कूलों में गिर रही शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने को पात्रता परीक्षा के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति किए जाने की योजना बनाई जा रही है। इससे जहां एक ओर मेधावी छात्र-छात्राएं शिक्षक बनने की दौड़ में आगे आ सकेंगे वहीं दूसरी ओर माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को भी इसका लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय संघ के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि एनसीटीई चेयरमैन प्रोफेसर पांडा ने बैठक के दौरान कॉलेज प्रबंधकों से भी इस प्रक्रिया को लागू किए जाने के लिए सुझाव मांगे थे। इस परीक्षा का क्या नाम होगा इस पर विचार किया जा रहा है।

प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों 40 हजार शिक्षकों की जरूरत :

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री व मारवाड़ी इंटर कॉलेज के प्रवक्ता प्रवीण दीक्षित बताते हैं कि योग्य शिक्षकों के जरिए कॉलेजों में उनकी कमी पूरा किए जाने की जो योजना बनाई जा रही है वह छात्रों के हित में होगी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि पात्रता परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद जो शिक्षक आएंगे, वह योग्य होंगे।

एक नजर में प्रदेश के माध्यमिक स्कूल :

- सरकारी व सहायता प्राप्त : करीब सात हजार।

- कानपुर में सरकारी व सहायता प्राप्त : 121।

- इन स्कूलों में करीब 75 हजार शिक्षक अध्यापन कार्य कर रहे हैं।

- अभी करीब 40 हजार शिक्षकों की और जरूरत है।

- 80 फीसद स्कूल ऐसे हैं जिनमें स्थाई प्रधानाचार्य नहीं है।

News Sabhar : Jagarn (Publish Date:Mon, 17 Nov 2014 01:03 AM (IST) | Updated Date:Mon, 17 Nov 2014 01:03 AM (IST)
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