बीएड में 50 फीसदी तो भी कर सकेंगे एमएड
B Ed, BTC, M Ed, NCTE,
अब, बीएड में 50 फीसदी अंक पाने वालों को भी एमएड में दाखिला लेने का मौका मिल सकेगा। अभी तक 55 फीसदी अंक पाने वालों को ही इसमें दाखिले का मौका दिया जाता था। इसी तरह, एससी, एसटी छात्रों को भी न्यूनतम अर्हता के अंक प्रतिशत में पांच फीसदी की छूट मिलेगी।
नेशनल काउंसिल फर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने एमएड में एडमिशन की अर्हता बदल दी है। एनसीटीई की नई नियमावली शैक्षिक सत्र 2015-16 से लागू होगी।
साथ ही बीटीसी और बीएलएड करने वालों को भी एमएड की पढ़ाई का विकल्प दे दिया है। दूसरी तरफ बीएड कॉलेजों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों की अर्हता भी कम कर दी गई है।
अब एमए एजुकेशन के साथ बीएड करने वाला कोई भी व्यक्ति बीएड कलेजों में पढ़ा सकता है। इसके लिए पीएचडी, नेट या एमएड होने की अनिवार्यता नहीं रह गई है। इस संबंध में एनसीटीई ने नोटिस भी जारी किया है
B Ed, BTC, M Ed, NCTE,
अब, बीएड में 50 फीसदी अंक पाने वालों को भी एमएड में दाखिला लेने का मौका मिल सकेगा। अभी तक 55 फीसदी अंक पाने वालों को ही इसमें दाखिले का मौका दिया जाता था। इसी तरह, एससी, एसटी छात्रों को भी न्यूनतम अर्हता के अंक प्रतिशत में पांच फीसदी की छूट मिलेगी।
नेशनल काउंसिल फर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने एमएड में एडमिशन की अर्हता बदल दी है। एनसीटीई की नई नियमावली शैक्षिक सत्र 2015-16 से लागू होगी।
साथ ही बीटीसी और बीएलएड करने वालों को भी एमएड की पढ़ाई का विकल्प दे दिया है। दूसरी तरफ बीएड कॉलेजों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों की अर्हता भी कम कर दी गई है।
अब एमए एजुकेशन के साथ बीएड करने वाला कोई भी व्यक्ति बीएड कलेजों में पढ़ा सकता है। इसके लिए पीएचडी, नेट या एमएड होने की अनिवार्यता नहीं रह गई है। इस संबंध में एनसीटीई ने नोटिस भी जारी किया है