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Friday, August 8, 2014

2012 में बीएड और 2011 में टीईटी उत्तीर्ण को मिली मान्यता

UPTET : 2012 में बीएड और 2011 में टीईटी उत्तीर्ण को मिली मान्यता
इलाहाबाद (ब्यूरो)। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पहली बार 2011 में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में बिना बीएड परीक्षा पास किए सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों के पक्ष में अपना फैसला दिया है। आरटीआई से मांगी गई जानकारी में एनसीटीई के क्षेत्रीय निदेशक ने स्पष्ट किया है कि बीएड सत्र 2011-12 में शामिल वह अभ्यर्थी जो 2011 में टीईटी पास कर लिए थे, वह पूरी तरह से अर्ह हैं।
आरटीई से जानकारी मांगने वाले इन अभ्यर्थियों ने 2011-2012 में बीएड परीक्षा में शामिल होने का हवाला देकर टीईटी के लिए आवेदन कर दिया था। इस दौरान बीएड का परिणाम आने से पहले ही टीईटी पास कर लिया। बीएड परिणाम बाद में आने के कारण टीईटी कराने वाली संस्था यूपी बोर्ड ने प्रमाण पत्र जारी करने से मना कर दिया था।

News Sabhaar : Amar Ujala (8.8.14)




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Thursday, July 3, 2014

Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order : उमड़ी अभ्यर्थियों की भीड़

Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order / UPTET : उमड़ी अभ्यर्थियों की भीड़


668 लाख अभ्यर्थियों में से केवल 72133 का शुल्क वापस 16 आवेदन पर विचार के लिए 10 जुलाई तक मांगा जा रहा ड्राफ्ट


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 2012 के विज्ञापन पर भर्ती की मांग, प्रदेशव्यापी आंदोलन का एलान



सचिव बेसिक शिक्षा और डायट प्राचार्य के कार्यालय में लगा तांता
शुल्क वापसी मामला
क्या है मुद्दा
एकेडमिक मेरिट समर्थकों ने कसी कमर
बीटीसी 2013 की दूसरी सूची जारी

वहीं डायट इलाहाबाद के प्राचार्य विनोद कृष्ण ने अभ्यर्थियों को बताया कि 2011 में पांच जिलों में ड्राफ्ट भेजा गया था। यदि किसी को दो-तीन या फिर चार जिलों के ड्राफ्ट वापस मिल गये हैं तो परेशान नहीं होना चाहिए, क्योंकि एक ड्राफ्ट तो उनका जमा ही है। बशर्ते मूल जिले का ड्राफ्ट वापस न आया हो


प्रदेश में 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए वर्ष 2011 में यह निर्देश हुआ था कि अभ्यर्थी पांच जिलों में 500-500 रुपये के बैंक ड्राफ्ट भेजे। बाद में कहा गया कि इन्हीं ड्राफ्ट की फोटो कापी अन्य जिलों में भी भेजकर आवेदन कर सकते हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सरिता शुक्ला ने इस संबंध में वाद दायर किया। न्यायाधीश अरुण टंडन ने तीस नवंबर 2011 की विज्ञप्ति को निरस्त करने का आदेश दिया। 31 अगस्त 2012 को आदेश हुआ कि पांच जनपदों में भेजे गए शुल्क में से किसी एक जनपद को मूल मानकर बाकी के जिलों में आवेदन करना है तथा चार अन्य जिलों में जमा किये गये शुल्क को वापस किया जाए। इस संबंध में एनसीईआरटी के आदेश पर अभ्यर्थियों को धन वापस कराया गया। 1



आवेदन नहीं कर सकते अभ्यर्थी : निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ के निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा है कि जिन अभ्यर्थियों ने डायट से शुल्क वापस लिया है वे यदि अपने आवेदन पत्र पर विचार कराना चाहते हैं तो उन्हें उसी डायट में फिर नया बैंक ड्राफ्ट जमा करना होगा। अभ्यर्थी अब नया आवेदन नहीं कर सकते। तीन साल पहले हुए आवेदन ही मान्य हैं। शुल्क को डाक या फिर हाथों-हाथ दोनों तरह भेज सकते हैं, बशर्ते 10 जुलाई तक जमा हो जाएं। इसमें अभ्यर्थी का नाम पता आदि होना चाहिए। जिनका शुल्क वापस नहीं हुआ है तो अभ्यर्थी को कुछ करने की जरूरत नहीं है उनका धन व आवेदन सुरक्षित है। जिन्होंने पैसा वापस लिया है वे फिर शुल्क जमा करें। उन्होंने नियमों में अस्पष्टता के संबंध में अभ्यर्थियों से लिखित सवाल पूछने का अनुरोध किया है।

इलाहाबाद : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती का प्रकरण अब शुल्क जमा-निकासी के इर्द-गिर्द घूम रहा है। डायट से धन वापस लेने वाले या फिर धन वापसी के लिए आवेदन करने वालों को यह सूझ नहीं रहा है कि वह अब क्या करें। ऐसे सैकड़ों अभ्यर्थियों का मेला बुधवार को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद एवं डायट प्राचार्य के कार्यालयों में लगा रहा। अभ्यर्थियों से कहा गया है कि उन्हें डायट में लौटाया गया शुल्क जमा करना होगा।


प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में आवेदन शुल्क वापस लेने वाले अभ्यर्थियों को दस जुलाई तक का समय दिया गया है। इस आदेश पर अफरातफरी का माहौल रहा। दरअसल अभ्यर्थियों के मन में शुल्क दोबारा जमा करने को लेकर तरह-तरह के सवाल कौंध रहे हैं। मसलन, पांच जिलों में से किसी एक जिले का शुल्क वापस हो गया है तो क्या चार अन्य आवेदन खत्म हो गए हैं। किसी ने पांचों जिलों में शुल्क वापसी के लिए आवेदन किया था, लेकिन शुल्क वापस नहीं मिला है ऐसे में अब क्या करना चाहिए। क्या एक ही ड्राफ्ट प्रदेश के सभी जनपदों के लिए मान्य होगा। ड्राफ्ट वापस मिला, लेकिन उसे कैश नहीं कराया है तो अब क्या करें। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने तो अभ्यर्थियों को इन सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया। वह बोले इस संबंध में उनके पास कोई जानकारी नहीं है। वहीं डायट इलाहाबाद के प्राचार्य विनोद कृष्ण ने अभ्यर्थियों को बताया कि 2011 में पांच जिलों में ड्राफ्ट भेजा गया था। यदि किसी को दो-तीन या फिर चार जिलों के ड्राफ्ट वापस मिल गये हैं तो परेशान नहीं होना चाहिए, क्योंकि एक ड्राफ्ट तो उनका जमा ही है। बशर्ते मूल जिले का ड्राफ्ट वापस न आया हो। फिर भी यदि अभ्यर्थी चाहें तो वह संबंधित जिले में नया ड्राफ्ट बनाकर आवेदन कर सकते हैं। इलाहाबाद में शुल्क जमा करने के लिए पटल खोल दिया गया है। यहां पर हाथों-हाथ और डाक दोनों तरीके से शुल्क स्वीकार होगा।

अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें
टीईटी अभ्यर्थी विश्वेश्वर सिंह, सतीश कुमार शुक्ल, बृजेश कुमार, देवेंद्र शर्मा, चंद्रशेखर मौर्य, नवनीत कुमार चौरसिया, अखिलेश कुमार यादव, संजय यादव, आलोक कुमार आदि ने मांग की है कि जिन अभ्यर्थियों का शुल्क वापस हुआ है उनकी सूची जिलेवार जारी की जाए। जिन अभ्यर्थियों ने शुल्क वापसी के लिए आवेदन किया है और शुल्क वापस नहीं हुआ है उनकी स्थिति स्पष्ट हो और शुल्क जमा करने की समय सीमा बढ़ाई जाए या फिर काउंसिलिंग के समय ही शुल्क जमा कराने की व्यवस्था की जाए।

इलाहाबाद जिले की स्थिति1प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती शुरू होते ही जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान इलाहाबाद में मात्र 1500 सीटों के सापेक्ष 151065 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। इन सभी आवेदकों की डाटा फीडिंग पूरी हो चुकी है। इनमें से 800 अभ्यर्थियों को शुल्क वापस भेजा गया है, जबकि 19 हजार अभ्यर्थियों का बैंक ड्राफ्ट आया था।



इलाहाबाद : प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में उल्टी गंगा बह रही है। हाईकोर्ट के आदेश के दो साल बाद भी सरकार सभी अभ्यर्थियों को शुल्क लौटा नहीं पाई है। प्रदेश में प्राप्त कुल 68 लाख आवेदन पत्रों में से मात्र 72133 के ही ड्राफ्ट वापस हो सके हैं। हाईकोर्ट ने इसके साथ ही एक जगह जमा शुल्क की छायाप्रति लगाकर अन्य जगह आवेदन करने की छूट दी थी। विभाग ने अब आदेश दिया गया है कि जिन अभ्यर्थियों ने अपना धन वापस ले लिया था वे फिर शुल्क जमा करें तभी उनके आवेदन पत्र पर विचार होगा। अभ्यर्थियों को यह नहीं समझ आ रहा कि वे करें तो क्या करें। हालात यह हैं कि एससीईआरटी यह भी नहीं बता पा रहा कि आखिर उसने किनके पैसे वापस किए हैं। इस हालात में हर आवेदनकर्ता परेशान है।1मायावती सरकार में अनुसूचित जाति, जनजाति के अभ्यर्थियों को 200 व अन्य को 500 रुपये का राष्ट्रीयकृत बैंक से रेखांकित बैंक ड्राफ्ट आवेदन करने वाले पांच जनपदों के प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के पदनाम से बनवाकर भेजने का निर्देश था। कोर्ट के हस्तक्षेप पर मायावती सरकार ने ही एक ड्राफ्ट को ही पूरे प्रदेश में मान्य कर दिया था। प्रदेश में सरकार बदलते ही सपा सरकार ने कपिलदेव की रिट पर दिसंबर 2012 में दोबारा बेसिक शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर से विज्ञापन जारी कराया और मनचाहे जिले में फार्म भरने की छूट दे दी। इसमें बहुतेरे आवेदकों ने तो प्रदेश के सभी जिलों में आवेदन कर दिया था। इसी दौरान हाईकोर्ट के निर्देश पर सपा सरकार ने पूर्व में जमा शुल्क वापस करने की शुरुआत की थी। इसके लिए अभ्यर्थियों से आवेदन मंगाए गए थे। इसमें पांच जिलों में से किसी को दो और किसी को तीन जनपद का शुल्क वापस किया गया। 1हाल ही में सूबे में तीन साल से अटकी 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होते ही फिर नियमों पर सवाल उठ रहे हैं। इस मर्तबा प्रशिक्षुओं को लौटाए गए शुल्क का प्रकरण तूल पकड़ गया है। ‘जितने मुंह उतनी बातें’ की तर्ज पर प्रशिक्षु शिक्षक आला अधिकारियों से सवाल कर रहे हैं। अफसर इन सवालों पर बगले झांकने को मजबूर हैं। दरअसल किन प्रशिक्षुओं को डायट से शुल्क लौटाया जा चुका है इसकी सूची अब तक जारी नहीं हुई है। न ही इस शुल्क को वापस जमा करने के तौर-तरीके की ही जानकारी दी गई है। सिर्फ यह कहा गया है कि दस जुलाई तक शुल्क जमा कर दें, तभी आवेदन पर विचार होगा

इलाहाबाद : प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में फिर एकेडमिक मेरिट की तान छिड़ गई है। युवाओं ने 2012 के विज्ञापन के आधार पर 72,825 शिक्षकों की भर्ती कराने की मांग की है, अन्यथा प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ने का एलान किया है। युवाओं ने अल्टीमेटम दिया है कि दस जुलाई को विधानसभा का घेराव होगा और आवेदक लखनऊ में आमरण अनशन करेंगे।

यूपी में 72,825 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह भर्ती टीईटी की मेरिट पर होनी है। सपा सरकार ने वर्ष 2012 में नया विज्ञापन निकाला था और भर्ती एकेडमिक मेरिट पर कराने को कहा था। वही बात अब युवा दोहरा रहे हैं। वह लोग दो साल से भर्ती शुरू होने की उम्मीद लगाए थे, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी है। युवा नेता अरविंद यादव, राजेश सिंह गुड्डू, अशोक द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में ऐसी ही मांग उठ रही है। ऐसे में इस मांग को आंदोलन का रूप दिया जाएगा। युवक दस जुलाई को लखनऊ में जुटेंगे और दोपहर में विधानसभा को घेरेंगे, उसी दिन लक्ष्मण मेला मैदान में आमरण अनशन पर बैठेंगे। बैठक में मनोज यादव, अंशुल मिश्र, हरिओम गुप्ता, कुंवर शरद, नीरज राय, विनीत सिंह, नारद यादव, राज गुप्ता, अभिषेक, संतोष आदि शामिल थे।इलाहाबाद : लंबे इंतजार के बाद आखिरकार हो गयी है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी के कार्यालय ने बुधवार को सूची जारी की है। इसमें प्रदेश भर के करीब दस हजार सीटों के परिणाम घोषित हुए हैं। शासन ने इस संबंध में कटआफ मेरिट लिस्ट भी जारी कर दी है।

News Sabhaar : Jagran (3.7.14)

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