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Saturday, September 21, 2024
मध्यप्रदेश अतिथि शिक्षक भर्ती में सभी जिलों के आवेदक की जानकारी जारी, MP School Atithi Shikshak Bharti 2024
Sunday, September 8, 2024
MPTET : मध्य प्रदेश: पहली भर्ती ही पूरी नहीं, अब शिक्षक भर्ती 2023 की नियुक्तियां भी अटकी!
MPTET : मध्य प्रदेश: पहली भर्ती ही पूरी नहीं, अब शिक्षक भर्ती 2023 की नियुक्तियां भी अटकी!
भोपाल। शिक्षक भर्ती 2018 के चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति पूरी तक नहीं हो पाई और अब शिक्षक भर्ती चयन परीक्षा 2023 वर्ग-1 के 4 हजार से अधिक अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र भी अटक गए है। स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग के स्कूलों में उच्च माध्यमिक शिक्षक के नियुक्ति के लिए पात्र 4921 अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट बीते 20 फरवरी को जारी हो चुकी है, जिसके बाद से यह चयनित अभ्यार्थी नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि यह चयन परीक्षा 8 हजार से अधिक पदों के लिए आयोजित की गई थी।
भर्ती में 50 प्रतिशत पद बैकलॉग के शामिल
उच्च माध्यमिक चयन परीक्षा 2023 में 16 विषयों के लिए हुई परीक्षा के माध्यम से 8,720 पदों की पूर्ति होना थी, जिसमें से 3,700 पद बैकलॉग के थे, मगर पिछड़ा वर्ग के 13% पद होल्ड होने और कुछ पदों पर पात्रता पूरी न करने के कारण कर्मचारी चयन मंडल द्वारा मात्र 4921 अभ्यर्थी की मेरिट लिस्ट जारी की गई है। जिसके बाद से यह आवेदक अपनी नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं।
रिजल्ट जारी होने के एक महीने बाद भी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिलने का इंतजार है। दूसरी तरफ 1 अप्रैल से स्कूलों में नवीन शैक्षणिक सत्र शुरू हो रहा हैं। एक अभ्यर्थी ने बताया कि स्कूलों में रिक्त पदों से पढ़ाई प्रभावित न हो, सरकारी स्कूलों में अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति हो इसलिए इस बार पात्रता एवं चयन दो-दो परीक्षा लेकर किया गया हैं, इस चयन प्रक्रिया में ही चयनित शिक्षकों के 15 महीने बीत गए।
स्कूल शिक्षा विभाग के जनजातीय कार्य विभाग के पात्रता शिक्षक भर्ती 2018 के करीब 7 हजार चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति के इंतजार में है। काउंसलिंग के बाद इन्हें नियुक्ति दी जानी थी. लेकिन यह प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई।
कैसे अटक गई नियुक्तियां ?
शिक्षित युवाओं ने 10 वर्षों तक शिक्षक भर्ती आने का इंतजार किया। लंबे इंतजार के बाद 2018 में 17 हजार पदों पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा और 2200 पदों पर जनजातीय कार्य विभाग द्वारा विज्ञप्ति जारी की गई। कर्मचारी चयन मंडल ने फरवरी 2019 में परीक्षा आयोजित कराई। इसी बीच मध्य प्रदेश में शिवराज के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार बदल गई और कांग्रेस की कमलनाथ सरकार सत्ता में आई। इस दौरान कांग्रेस सरकार ने कई नियमों में परिवर्तन किए।
11 महीने के बाद मध्य प्रदेश में पुनः सत्ता परिवर्तन हुआ और फिर शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बनकर सत्ता में वापस आ गए। कोरोना महामारी के कारण शिक्षक भर्ती 2018 का रिजल्ट 2 साल के लिए टल गया। लॉकडाउन के बाद जब सब कुछ पटरी पर आने लगा तब चयनित अभ्यर्थियों ने सैकड़ों आंदोलन किए। भोपाल के शाहजहानी पार्क, नीलम पार्क, डीपीआई, स्कूल शिक्षा मंत्री, जनजातीय कार्य मंत्री के आवास के सामने प्रदर्शन किया।
चयनित शिक्षकों का आरोप था कि स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य दोनों विभागों द्वारा अलग-अलग काउंसलिंग आयोजित की गई। जिसके चलते एक ही अभ्यर्थी का नाम दोनों विभाग में शामिल हो गया और हजारों रिक्त पद पोर्टल पर भरे दिखाई दिए परंतु वास्तव में यह सभी पद रिक्त थे। क्योंकि जिस अभ्यर्थी का नाम स्कूल शिक्षा विभाग में था उसी अभ्यर्थी का नाम जनजाति कार्य विभाग की मैरिट लिस्ट में भी शामिल था।
ऐसी स्थिति में अभ्यर्थी ने एक ही विभाग में नियुक्ति ली अन्य दूसरे विभाग में पद खाली रहा। "शिक्षक भर्ती नियम पुस्तिका के बिंदु 8.3 में उल्लेखित है कि एक अभ्यर्थी का नाम एक ही नियोक्ता सूची में शामिल किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके साथ ही नियम के मुताबिक कुल विज्ञापित 17 हजार पदों में से 15 हजार पदों की पूर्ति पहली काउंसलिंग में की जाएगी और शेष रहे दो हजार पदों की पूर्ति दूसरे चरण में की जानी थी। आजतक यह चरण आयोजित ही नहीं हो सका।
29 सितंबर 2022 में एक नोटिफिकेशन जारी किया. जिसे नवीन विज्ञप्ति बताया गया और दोनों विभागों ने अपनी सुविधा के हिसाब से संयुक्त काउंसलिंग आयोजित की, स्कूल शिक्षा विभाग ने दो हजार पद न देते हुए नवीन विज्ञप्ति के नाम पर 2750 पदों पर पूर्ति का विज्ञापन जारी किया और योग्यता अर्जन तिथि बढ़ाकर 29 सितंबर 22 कर दी गई। जबकि नियुक्ति 2018 के अभ्यर्थियों को ही दी गई।
ऐसे में यह सवाल खड़ा हो रहा है कि जिन अभ्यर्थियों की योग्यता नहीं थी उन्होंने कैसे आवेदन किया और परीक्षा में बैठे और इसके बाद 2022 में भी नियुक्ति के लिए पात्र हो गए? चयनित अभ्यर्थियों का आरोप है कि जो पद विभाग ने जारी किए थे उन पर पूर्ण तरीके से भर्ती नहीं की है कई विसंगतियां जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा की गई है. जिसके कारण वह मेरिट होल्डर होकर भी नियुक्ति लेने से वंचित रह गए है।
2018 की चयनित अभ्यर्थी रक्षा जैन ने द मूकनायक प्रतिनिधि से बातचीत करते हुए बताया कि चयनित अभ्यर्थी दर-दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर है। कोई भी मंत्री नेता ऐसा नहीं है, जिसके पास वह अपनी बात रखने ना पहुंचे हो, लेकिन उनकी मांग पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
जैन ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि शिक्षा मंत्री से भर्ती की विसंगतियों को दूर करने के लिए कई बार सम्बंधित दस्तावेज सहित ज्ञापन सौंपा, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव और लोक शिक्षण संचनालय में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों ने गुमराह किया।
जैन ने आगे कहा- "सरकार ने समय-समय पर नियमों में संशोधन किया जब अधिकारियों को अवगत कराया तो अधिकारियों द्वारा कोर्ट जाने की सलाह दी गई। प्रशासन की लापरवाही के कारण हम सभी आर्थिक, मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं।" इस संबंध में द मूकनायक प्रतिनिधि ने लोक शिक्षण संचालनालय की सहायक संचालक कामना आचार्य को फोन किया पर उनसे बात नही हो सकी।
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MPTET : भर्ती- 2023 में लापरवाही:उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती... चयन परीक्षा पिछले वर्ष अगस्त में हुई, 4721 चयनितों को नियुक्ति नहीं मिली
MPTET : भर्ती- 2023 में लापरवाही:उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती... चयन परीक्षा पिछले वर्ष अगस्त में हुई, 4721 चयनितों को नियुक्ति नहीं मिली
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हुए तीन महीने गुजरे लेकिन मप्र उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2023 में 4721 चयनितों को अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिले हैं। इसके लिए अभ्यर्थी फिर लामबंद हुए हैं। जून में इस भर्ती का रिजल्ट और चयन सूची जारी कर दी गई थी। लेकिन अब तक इनक
अभ्यर्थियों ने बताया कि डीपीआई में कोई भी अधिकारी उनसे नहीं मिलता नहीं है। यह भी जवाब नहीं दिया जा रहा है कि उनकी नियुक्ति कब तक होगी। इन अभ्यर्थियों की चयनित सूची करीब सात महीने पहले जारी हुई थी। वर्तमान में स्कूलों में तिमाही परीक्षा और फिर दिसंबर में छह माही परीक्षा आयोजित होंगी। ऐसे में शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों का कोर्स भी पिछड़ रहा है।
प्राइवेट स्कूलों से छोड़ी जॉब
अभ्यर्थियों ने बताया कि उन्होंने सोचा था कि जुलाई में ही उनकी नियुक्ति हो जाएगी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में अनेक अभ्यर्थी जो प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते थे, उन्होंने अपनी जॉब छोड़ दी थी। इसका कारण यह था कि उनकी जगह कोई और नियुक्त हो जाएगा। अगर वे बीच में छोड़ेंगे तो पढ़ाई पर इसका सीधा असर होगा।
उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती फैक्ट फाइल
- भर्ती विज्ञापन - दिसंबर 2022
- पात्रता परीक्षा - फरवरी 2023
- चयन परीक्षा - अगस्त 2023
- रिजल्ट व चयन सूची जारी - फरवरी 2024
- दस्तावेज सत्यापन - जून 2024
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Saturday, April 20, 2024
MPTET : MP News: अतिथि शिक्षक नहीं किए जाएंगे नियमित, सीधी भर्ती में मिलेगा 25 प्रतिशत आरक्षण
MPTET : MP News: अतिथि शिक्षक नहीं किए जाएंगे नियमित, सीधी भर्ती में मिलेगा 25 प्रतिशत आरक्षण
स्कूल शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट के निर्देश पर नियमों का उल्लेख करते हुए आदेश जार किए।
HighLights
- शिक्षक भर्ती में 25 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान है
- रिक्त रहे पदों की अन्य पात्रताधारी अभ्यर्थियों से भरा जाएगा
- शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हैं और डीएड-बीएड प्रशिक्षित हैं
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक नियमित नहीं होंगे। स्कूल शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षकों को सीधे नियमित करने का कोई प्रविधान नहीं है। उन्हें सिर्फ सीधी भर्ती में 25 फीसद का आरक्षण दिया जाएगा। हाईकोर्ट के निर्देश पर अतिथि शिक्षकों की नियमित करने की याचिका का लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) की आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने निराकरण कर गुरुवार को आदेश जारी किया। दरअसल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 70 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक पदस्थ हैं।
इसमें से कई अतिथि शिक्षकों को स्कूलों में सेवाएं देते हुए 15 साल तक का समय हो चुका है। इसे लेकर प्रदेश के कई अतिथि शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियमित करने की मांग की थी।अतिथि शिक्षकों का कहना था कि वे शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हैं और डीएड-बीएड प्रशिक्षित हैं।
तीन वर्ष से लेकर 15 वर्षों तक लगातार अतिथि शिक्षक के रूप में पढ़ाने का अनुभव है। अन्य राज्यों में भी अतिथि शिक्षकों को नियमित किया गया है। इस आधार पर मध्यप्रदेश में भी नियमित किया जाए। हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिए।
शिक्षक भर्ती में 25 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान है
डीपीआई की ओर से आदेश में लिखा है कि मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम 2018 एवं संशोधित नियम एक दिसंबर 2022 के अनुसार सीधी भर्ती से रिक्त पदों की पूर्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा के बाद शिक्षक चयन परीक्षा के माध्यम से शिक्षक भर्ती का प्रविधान है। सीधे नियमित किए जाने का कोई प्रविधान/नियम नहीं है।
अतिथि शिक्षकों के लिए शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत सीधी भर्ती के शिक्षकों के पदों के उपलब्ध रिक्तियों की 25 प्रतिशत रिक्तियां अतिथि शिक्षक वर्ग के लिए आरक्षित की जाएगी। जिनके द्वारा न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्रों में एवं 200 दिन मप्र शासन द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य किया गया है, लेकिन अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित पदों की पूर्ति नहीं हो पाने की स्थिति में रिक्त रहे पदों की अन्य पात्रताधारी अभ्यर्थियों से भरा जाएगा।