Breaking Teacher News शिक्षक बनने के लिए देश में अब एक ही परीक्षा
12वीं / इंटर क्लास के शिक्षक बनने के लिए पी जी के साथ बी एड अनिवार्य
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एनसीटीई ने अगले सत्र से चार नए कोर्स को दी मंजूरी, खाका तैयार
इलाहाबाद : स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण में अमूलचूल परिवर्तन की तैयारी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने टीचर एजुकेशन के लिए चार नए पाठ्यक्रम लांच करने की तैयारी की है। इन पाठ्यक्रमों में दाखिला राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षा के आधार पर होगा। ये कोर्स पांचवीं, आठवीं, दसवीं और 12वीं कक्षा का शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य होंगे।
जस्टिस जेएस वर्मा आयोग की सिफारिशों के अनुरूप टीचर एजुकेशन की गुणवत्ता बढ़ाने की तरफ एनसीटीई ने कदम बढ़ा दिए हैं। एनसीटीई ने इसकी तैयारी कर ली है। देश में अब कक्षा 12वीं तक के लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण एक समान कर दिया जाएगा। इसके लिए एक ही समान प्रवेश परीक्षा होगी। इसके अलावा शिक्षकों के प्रशिक्षण के तरीके, अवधि और प्रणाली में भी व्यापक बदलाव होगा। पांचवीं तक का शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थियों को इंटर के बाद अब ‘डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन’ करना अनिवार्य होगा। यह डिप्लोमा दो वर्ष की अवधि का होगा। इसी तरह कक्षा आठ तक के लिए चार साल का डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन करना होगा। यह भी इंटरमीडिएट के बाद होगा, जोकि चार वर्ष का होगा। 10वीं कक्षा तक पढ़ाने के लिए इंटरमीडिएट के बाद बैचलर ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन का इंट्रीगेट्रेड कोर्स करना होगा। इसमें बीएड और स्नातक दोनों की उपाधि चार वर्ष में दी जाएगी।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग के कार्यक्रम में भाग लेने आए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. संतोष के पांडा ने बताया कि 12वीं में अब केवल पीजी करने वाले नहीं पढ़ा सकेंगे। अब पीजी के साथ बीएड करना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि देश में इस समय लगभग 90 फीसद शिक्षक प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में पढ़ा रहे हैं। योग्य शिक्षकों की मांग के अनुरूप घोर कमी है। यूपी बिहार जैसे राज्यों में टीचर एजुकेशन इंस्टीट्यूट स्थापित करने और योग्य शिक्षक तैयार करने की क्षमता पैदा करने की नितांत आवश्यकता महसूस की जा रही है। देश के 300 टीचर प्रशिक्षण संस्थानों पर शोध करने के बाद जस्टिस जेएस वर्मा आयोग की रिपोर्ट में भी शिक्षकों के प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने और एक समान प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू करने की सिफारिश की गई है। 1
यूपीआरटीओयू की बीएड डिग्री मान्य एनसीटीई1इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (यूपीआरटीओयू) से बीएड करने वाले हजारों विद्यार्थियों के लिए राहत भरी खबर है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. संतोष के पांडा ने कहा कि यूपीआरटीओयू की बीएड की डिग्री मान्य है। इसमें कोई संदेह की गुंजाइश नहीं है। जो संस्था बीएड की डिग्री को मान्य न करे उससे पूछा जाय कि डिग्री क्यों मान्य नहीं है जब एनसीटीई ने मान्यता दी है।
News Source / Sabhaar : जागरण (09.03.2014)