जोधपुर/पाली। राजस्थान उच्च न्यायालय ने पंचायतीराज विभाग की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2012 को लेकर राज्य सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। तीन सप्ताह में न्यायालय ने जवाब मांगा है कि क्यों नहीं परीक्षा द्वारा पूरी की गई चयन प्रक्रिया को निरस्त कर दिया जाए।
जस्टिस गोविंद माथुर ने शुक्रवार को इस मामले में दायर एक रिट की सुनवाई के बाद यह नोटिस जारी किए। पाली निवासी अभ्यर्थी बृजपाल सिंह चारण ने एडवोकेट पीपी चौधरी के मध्यम से हाईकोर्ट में रिट दायर कर प्रार्थना की थी कि पंचायतीराज विभाग द्वारा आयोजित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2012 में परीक्षा से लेकर संशोधित रिजल्ट जारी करने तक धांधलियां हुई हैं। लिहाजा चयन प्रक्रिया को निरस्त किया जाए।
प्रार्थी की ओर से सीनियर एडवोकेट पीपी चौधरी, एडवोकेट कुलदीप माथुर व अंकुर माथुर ने आग्र्यूमेंट किए। चौधरी ने बताया कि सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने आयुक्त व शासन सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, सीईओ जिला परिषद पाली व अन्य नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई19 नवंबर को होगी।
रिट में कहा- हर स्तर पर हुई गड़बड़ी, न कोर्ट के आदेश माने, न नियमों का पालन किया
मामले में आग्र्यूमेंट के लिए सीनियर एडवोकेट पीपी चौधरी उपस्थित हुए। उन्होंने भास्कर की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि 2 जून 2012 को हुई परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों से प्रश्नपत्र वापस लेने के साथ ही यह चयन प्रक्रिया संदेह के दायरे में आ गई थी। इसके बाद न आंसर शीट जारी की गई।
अभ्यर्थियों को आरटीआई में भी आंसर शीट नहीं दिखाई गई। जो अभ्यर्थी हाईकोर्ट का आदेश लेकर पहुंचे उन्हें भी आंसर शीट की कॉपी नहीं दी गई। इसके बाद कई जिलों में दो-दो बार संशोधित रिजल्ट जारी किए गए। इनमें बड़े स्तर पर गड़बडिय़ां हुईं। टेट में फेल अभ्यर्थियों को भी नियुक्तियां दे दी गईं। अभ्यर्थियों के सवाल सही होने पर उन्हें गलत जांचा गया। एक्सपर्ट कमेटी के निर्णय भी संदेहास्पद हैं। संशोधित परिणाम के बाद बड़ी संख्या में नए अभ्यर्थियों को नौकरी मिली जबकि कई अभ्यर्थी मेरिट से बाहर हो गए। लिहाजा परीक्षा से लेकर पूरी चयन प्रक्रिया में गड़बडिय़ां हैं।
भास्कर ने उठाया था मुद्दा
दैनिक भास्कर ने सबसे पहले 5 अक्टूबर को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2012 में बड़े स्तर पर हुई गड़बडिय़ों का खुलासा किया था। इसके बाद 6, 7, और 21 अक्टूबर को सिलसिलेवार तथ्यात्मक खबरें प्रकाशित की थीं। न्यायालय में इन सभी खबरों की कटिंग रिट के साथ प्रस्तुत की गई है।
उधर, हाईकोर्ट ने रद्द की एपीपी भर्ती
हाईकोर्ट ने सहायक लोक अभियोजक (एपीपी) के 159 पदों की भर्ती धांधली के कारण रद्द करते हुए प्रक्रिया नए सिरे से कराने का निर्देश दिया है। अदालत ने आरपीएससी की कार्यशैली पर अफसोस जताते हुए कहा कि वह परीक्षा की पवित्रता व पारदर्शिता को बनाए रखने में विफल रहा है। हालत ऐसी है
कि आरपीएससी के अधिकतर मामले कोर्ट में आने की परंपरा सी बन गई है। मुख्य न्यायाधीश अमिताभ रॉय व न्यायाधीश वीएस सिराधना की खंडपीठ ने यह आदेश कमलेश शर्मा व अन्य की अपील को स्वीकार करते हुए और राज्य सरकार व आरपीएससी की अपील को खारिज करते हुए दिया।
खंडपीठ ने एकलपीठ द्वारा 2 फरवरी 2013 की अंतिम चयन सूची को निरस्त करने के आदेश को सही माना। साथ ही एकलपीठ की उस राय को सही माना जिसमें एपीपी की भर्ती साक्षात्कार से करने की बजाय लिखित परीक्षा के जरिए करने के लिए कहा गया था।
सरकार, आरपीएससी व कमलेश शर्मा ने अपील में एकलपीठ के 31 मई 2013 के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें 2 फरवरी 2013 की चयन सूची को निरस्त करते हुए प्रश्न संख्या 13, 18, 25 व 23 को हटाने और प्रश्न संख्या 77 का उत्तर बदलकर विकल्प एक को सही मानते हुए एबीसीडी सीरीज के प्रश्नपत्रों में बदलाव कर नई मेरिट सूची तैयार करने का निर्देश दिया था।
यह है मामला
आरपीएससी ने 26 मई 2011 को एपीपी के 159 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। एक दिसंबर 2012 को स्क्रीनिंग में 9191 अभ्यर्थियों ने भाग लिया और आपत्तियों के बाद कुछ प्रश्नों को हटा दिया। भर्ती में अनियमितताओं के कारण परीक्षा का परिणाम तीन बार जारी हुआ। इसमें 502 अभ्यर्थी ऐसे थे, जो प्रथम परिणाम से लेकर अंतिम परिणाम तक चयन में शामिल थे। भर्ती में अनियमितता व प्रभावशाली अभ्यर्थियों के चयन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई
News Sabhaar : bhaskar.com / भास्कर न्यूज | Oct 26, 2013, 07:58AM IST (26.10.13)
Bhaiyo jb ctet2011 nd uptet2011 k prt crtificate ki validity 5year h to b.ed. Walo ko prt ki hr bharti me kyu nhi liya ja rha h....kya ye crtificate sirf ak hi bharti (72hjar) ki bharti me aply k liy tha to us crtificate pe likha kyu nhi k ye crtificate sirf ak hi bharti k liye h kyu rkhi is crtificate ki validity 5year kya is crtificate ki validity jhak marne ko di h ya sirf dikhane k liy di h ya ak hi bharti ko 5year tk latkane ko di h kyu rkhi is crtificate ki validity 5year bhaiyo is crtificate ki validity par supreme cort nd high cort me chunoti di ja skti h taki prt ki hr bharti me b.ed. Wale aply kr ske jb tk crtificate ki validity h tb tk....nd fr suprem nd high cort k kahne par ncte nd centr gov. Ko ye adesh jari krna pdega k b.ed. Wale prt ki hr bharti me aply krege jb tk prt crtifict ki validity h tb tk....taki b.ed. Walo ko unka hq mil ske..... Its true bhaiyo.....
ReplyDeleteBhaiyo jb ctet2011 nd uptet2011 k prt crtificate ki validity 5year h to b.ed. Walo ko prt ki hr bharti me kyu nhi liya ja rha h....kya ye crtificate sirf ak hi bharti (72hjar) ki bharti me aply k liy tha to us crtificate pe likha kyu nhi k ye crtificate sirf ak hi bharti k liye h kyu rkhi is crtificate ki validity 5year kya is crtificate ki validity jhak marne ko di h ya sirf dikhane k liy di h ya ak hi bharti ko 5year tk latkane ko di h kyu rkhi is crtificate ki validity 5year bhaiyo is crtificate ki validity par supreme cort nd high cort me chunoti di ja skti h taki prt ki hr bharti me b.ed. Wale aply kr ske jb tk crtificate ki validity h tb tk....nd fr suprem nd high cort k kahne par ncte nd centr gov. Ko ye adesh jari krna pdega k b.ed. Wale prt ki hr bharti me aply krege jb tk prt crtifict ki validity h tb tk....taki b.ed. Walo ko unka hq mil ske..... Its true bhaiyo.....
ReplyDeletekuchh gadhe aur bharti supporter gaddaron ki hekadi sayad abhi tak nahi nikli..ye gadhankdhari aur inki gov. Pichhale 9 mah se stay to hatwa na paye fir v kahte hai ki bharti gunank par hogi..inko sayad pta nahi ham inki puri gherebandi kar chuke hain ,lucknow bench ka v stay lga huwa hai,matlab double stay..in sbke alawa b.ed 30% gunank vivad ka v case pending jo samta aur avasar ki samanta ke adhikar(anuched.14 aur 16) ka hanan karti hai..(RASSI JAL GAYI PAR AITHAN NA GAYI)..
ReplyDeleteAgar fir v ham tetian ke sath agar is loktantrik desh me nyay na huwa to is desh ko loktantrik desh kahlane ka adhikar nahi..hamare sath agar nyay na huwa to mai vyaktigat rup se kah raha hu mai is desh ki nagrikta hamesha hamesha ke liye chhodne ko taiyar hun .hame apne desh se bahut pyar hai .
gadho ham nyay ki aakhiri aash suprime court tak ladege aur tab tak har nahi manege,jab tak hamare pas vikalp hai..ham v dekhege loktantra jeetega ya manmani tantra...tet ekta zindabad
2. उर्दू और अंग्रेजी दोनों के ही वर्णमालाओं में 26 अक्षर होते हैं।
ReplyDelete3. ‘हरि’ हिन्दी का एक ऐसा शब्द है जिसके दर्जन भर से भी अधिक अर्थ हैं; यथा यमराज, पवन, इन्द्र, चन्द्र, सूर्य, विष्णु, सिंह, किरण, घोड़ा, तोता, साँप, वानर और मेढक, वायु, उपेन्द्र आदि।
4. राजभाषा अधिनियम के अनुसार हिन्दी भाषा के लिए देवनागरी लिपि तथा भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप प्रयोग किया जाता है।
5. अंग्रेजी का शब्द ‘News’ चार दिशाओं North, East, West, और South के प्रथम अक्षरों को मिला कर बना है।
6. अमेरिका की अपेक्षा चीन में अधिक लोग अंग्रेजी भाषा बोलते हैं।
7. ‘racecar,’ ‘kayak’ और ‘level’ अंग्रेजी के ऐसे शब्द हैं जिन्हें चाहे बायें से दायें पढ़ें कि दायें से बायें, वे एक जैसे ही पढ़े जाते हैं।
8. WAS IT A CAR OR A CAT I SAW. अंग्रेजी का ऐसा वाक्य है जो उल्टा सीधा एक समान है।
9. अंग्रेजी शब्द Stressed को उल्टा पढ़ने पर अंग्रेजी का ही एक दूसरा शब्द Desserts बन जाता है।
10. अंग्रेजी का सबसे छोटा पूर्ण वाक्य है – ‘Go’।
11. अंग्रेजी के केवल चार शब्द ऐसे हैं जिसके अन्त में “dous” आता है, वे हैं – hazardous, horrendous, stupendous, and tremendous।
12. “The quick brown fox jumps over a lazy dog.” वाक्य में अंग्रेजी के सभी अक्षर प्रयुक्त होते हैं।
13. बगैर कोई स्वर (vowel) वाला अंग्रेजी का सबसे बड़ा शब्द है “Rhythms”!
14. “uncopyrightable” अंग्रेजी का एक ऐसा शब्द है जिसमें प्रयुक्त कोई भी अक्षर दो बार नहीं आता।
15. अंग्रेजी में ‘E’ का प्रयोग सबसे अधिक होता है और ‘Q’ का सबसे कम।
Yes in this way new bed student wil get benifit
ReplyDeleteYes i hope court decision will come as early as possible.
ReplyDeleteTet sathiyo
ReplyDeleteNamaskar
Tet update
(1)-apna case 30/10/2013 ko court no. 37 me justice a Ashok Bhusan aur Vipin Sinha g k yaha cause list me 4 no. pr laga hai.
(2)-kul effective no. kitana hoga isake liye 29 ka intezaar kare.
(3)-ummid hai ki 30 October ko court ka view kux malum chale.
(4)- court kul milakr santosjanak aur favourable hai atah nahak pareshaan na ho.
Jay TET
MERE TET SUPPORTER SATHIYO...
ReplyDelete1) jaisa ki 30 ko apna case court no.37 me laga huwa hai par advance cause list me show kar raha to ku6 log use dekhkar chakit hai ki court no.35 me apna case show kar raha hai, jabki advance cause list ka matlab koi list nahi hota..use bad me alag alag bench me beja jata hai..hamara case court no.37 me hi suna jayega..
2) judge ashok bhusan ji ek kushal siksha mamlo ke jankar judge hai..jo senior judgo me s.k singh ,sunil amwani ke bad 3rd number par hai..
ku6 log afwah faila rahe ki nontet ko in karne ka order dene wale judge ashok bhusan hai jo ki galat hai. Wo bhart bhusan hain.
3) 30 ko apna case bhale suna na jay par hamare wakil mention karke hamare case ki importence btakar jald order ki maag karege aur judge sahab ko n.c.t.e. ki deadline ka hawala v dege..hame asha hai next date sambhavit 6 ya 7 nov. Ko apne case me positive ku6 jarur najar ayega..
5) hamare case me agar 1 ya 2 date me positive ku6 na dikha to suprime court me ham samay sima ke liye pending slp ko proces me lane ke liye active ho jayenge..uske liye s.c ke wakil m.p. Jha s.c me hamara pax rakhege..
6)court me pending case par n.c.te ki samay sima ka koi matlab nahi..ham kisi v prakar ke dabav me na aayege ,ham akhiri vikalp tak nyay ki is ladai ko ladege..hame jeet jarur milegi..
इलाहाबाद 26/10/2013 , "72825 प्रशिक्षु शिक्षक आवेदक संघर्ष मोर्चा " के गाँधीवादी क्रमिक अनशन का आज 40वाँ दिन)
ReplyDeleteमुलाकातों के क्रम में आज कांग्रेस की दिग्गज नेता रीता बहुगुणा जोशी एवं कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल जी से हमारे साथियों की काफी देर तक बात-चीत हुई,मुख्यमंत्रीसमेत अन्य सक्षम अधिकारियों से बात करके उन्होने कल तक स्थिति स्पष्ट करने का बात की ।
ऐसे और भी ना जाने कितने प्रयास पिछले 40 दिनों से लगातार किये जा रहे हैं जिसके कुछ सकारात्मक परिणाम अब दिखने भी लगे हैं । लेकिन अभी हम लोगों को रुकना नहीं हैं,थकना भी नहीं है तब तक जब तक हमारी दिवाली ना आ जाये । हमारी दिवाली जल्द आये इसके लिए 28/10/2013 को सांय 3:30 पर हमारे अनशनरत साथियों के साथ एक दीप जरुर जलाएं , विश्वास कीजिए ये एक दीप आपके जीवन में आने वाले हर दिपावली को प्रकाशवान बनायेगा ।सोमवार यानी 28-10-2013 को अनशन स्थल से शाम 3:30 पर कैडल मार्च निकाला जायेगा।एक दीप हमारे साथ भी......
agar gov.chahti to ham sare b.ed dharak lag jate,kyuki ham shikshamitro se hajarguna jyada yogyata rakhte hai,ham log madhmik me padane ki yogyata rakhte hai,magar govt madhymik k pado ko bhar nahi pa rahi hai,ham log to majburibash primary aur junior ki naukari kar rahe hai kyuki jeevika chalane k liye"jo mila so bhala"vali kahavat charitarth kar rahe hai.magar jo sikshamitra gramsamiti evam pradhan dwara chune gaye,jinhone s.m.pad par graduate bhi regular graduate bhi kar liya,jinhe tet k naam se hi dar lagne lagta hai,behoshi aati hai,sarkar unko yogya mante huye bagai tet karvaye job dene ka bharsak prayas kar rahi hai......,,,,kyuki gov.b.ed dharko ko apna shatru samajhti hai aur s.m.ko apna mitra.
ReplyDeleteनरेंद्र मोदी जी का प्रचार करते करते हम ये भुल गयें के हमें भाजपा का प्रचार भी करना था !!
ReplyDelete:
एक बीजेपी नेता बिहार के एक गाँव में गया और एक बूढी महिला से पूछा कि - '' माँ अबकी बार वोट किसको दोगी ?? ''
बूढी महिला ने जवाब दिया - '' अबकी बार तो वोट नरेंद्र मोदी को ही देंगें ''
यह सुनकर बीजेपी नेता ने खुश होकर पूछा - '' यानी अबकी बार मोहर कमल के निशान पर ही लगाओगी ?? ''
लेकिन इस पर बूढी महिला ने जो जवाब दिया उसे सुनकर उसके होश उड़ गए ,वो बूढी महिला बोली -
'' कमल को भी आजमा चुके ,हाथ को भी आजमा चुके ,लालटेन और तीर को भी सबको आजमा के देख लिया लेकिन किसी ने हमारे लिए कुछ नहीं किया ,इसलिए मैं तो वोटिंग के दिन ठप्पा हर हाल में मोदी के निशान पर ही लगाउंगी ''
बीजेपी का वो नेता इसे सुनकर भागा-२ अपनी पार्टी के कुछ साथियों से मिला और उन्हें ये बात बताई और उसकी चिंता और बढ़ गई ये जानकार कि उसके उन साथियों को भी बहुत से गाँवों के अंदर यही अनुभव हुए कि वहाँ भी बहुत से लोगों को लगता है कि मोदी अपने आप में एक अलग निशान है ,उन्हें ये नहीं पता कि मोदी को वोट देने के लिए उन्हें कमल का बटन दबाना होगा
उन सबने ये बात अपने पार्टी के बड़े नेताओं तक पहुंचाई और इसलिए अब पार्टी ने फैसला किया है कि नरेंद्र मोदी कि तस्वीरों के साथ कमल निशान को अधिक से अधिक जोड़ा जाएगा और एक मतदाता जागरण अभियान भी चलाया जाएगा कि नरेंद्र मोदी और कमल निशान अलग-२ नहीं हैं ,आपका वोट मोदी को तभी जा सकेगा जब आप कमल पर मोहर लगाओगे
राष्ट्रपति को भेजा जवाब:
ReplyDeleteइलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ७२८२५पदों के
शिक्षक भर्ती मामले में राष्ट्रपति को जवाब भेज
दिया है एवं सुनवाई में हो रहे विलंब का कारण
न्यायिक कार्यों में व्यस्तता बताई है तथा उम्मीद
जताई है कि नवम्बर महीने में सुनवाई संपन्न होकर
अंतिम फैसला आने की पूरी संभावना है।
अगर इसी तरह मोदीजी राहुल की धज्जिया उड़ाते रहे, तो
ReplyDelete.
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जल्द ही मनमोहन सरकार को "पप्पू सुरक्षा बिल" लाना पड़ेगा..
कौन कहता हैँ कि भारत मेँ केवल स्त्री और पुरूष ही रहते हैँ...
ReplyDelete.
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मनमोहन, राहुल और करण जौहर जैसे लोग भी तो रहते हैँ...
तीस तारीख को अपना केस चौथे नंबर पर लगा है ,,इस बार इलाहाबाद के कुछ साथियों ने पहले से हल्ला मचा दिया था कि लार्जर बेंच लगी होने के कारण सुनवाई नहीं होगी ,,,कोई लार्जर बेंच नहीं है उस दिन लेकिन सुजीत भाई के अनुसार सर्विस मैटर के किसी महत्वपूर्ण केस को टाइम दिया गया है,,,,, वैसे सुनवाई ना होने के बारे में टोटका अच्छा है ,,पहले जब दावा किया जाता था तो नहीं होती थी इसलिए इस बार ना होने का दावा करके देख लेने में कोई बुराई नहीं है ,,,,,, लेकिन आप सबसे गुजारिश है कि कहीं सुनवाई हो जाने पर इलाहाबाद वालों को इसलिए मत कोसने लगना कि उनका दावा गलत कैसे निकला.... सुनवाई कराने के सबके पास अपने-अपने फार्मूले हैं,
ReplyDeleteैं,,,,, मैं कल लखनऊ में दो वकीलों से मिलने जा रहा हूँ,,, उनसे बात करके यह तो पता ही चल जाएगा कि इलाहाबाद के वकील जीत की ओर बढ़ रहे हैं या अपराजेय बने रहने पर अड़े रहने की तकनीक पर शोध किया जा रहा है,,,, टण्डन साहब के आदेश में लिखा है कि नए विज्ञापन के आने के बाद हुई याचिकाओं पर सही समय पर निर्णय लिया जाएगा ,,,,,,,,, निर्णय क्या लिया जाएगा ये तो सब जानते हैं,,सही समय नजदीक है ये भी निश्चित है..... बस अनिश्चितता इस बात की है कि सही समय खुद चालक र आएगा योसे लाना पड़ेगा,,,,, अगर टेट मेरिट कि विजय का समय अपने आप ही आना है तो आ ही जाएगा,,लेकिन उसे लाने के तरीकों की तलाश में दो वकीलों से बात करने मैं कल लखनऊ निकल रहा हूँ ,,,सही समय अगर ,अपने आप आ गया तो इतना मजा नहीं आएगा ,,,उसे आने में हुई देरी से हुए कष्ट की भरपाई के लिए उसे लाने का एक भव्य तरीका खोजा है,,,,, फिर जीतने के बाद नियक्ति प्रक्रिया शूरो कराने का भी तो इंतजाम करना है..... यदि तीस को भी सुनवाई ना हुई तो आप ही निर्णय ले लेना कि दीवाली से पहले एकैडमिक वालों की नींदें उडानी हैं,,,या दीवाली के बाद या फिर ठीक दीवाली के दिन ही ..
ReplyDelete.... तब तक आप एक आर्डर पडो और इसका अर्थ निकालो..... Civil Misc. Intervener Application No.5013 of 2013. IN
ReplyDeleteCase :- WRIT - A No. - 39674 of 2012
Petitioner :- Akhilesh Tripathi & Others
Respondent :- State Of U.P. & Others
Petitioner Counsel :- Siddharth Khare,Ashok Khare
Respondent Counsel :- C.S.C.,A.K. Yadav
Hon'ble Arun Tandon,J.
The applicants, who are six in number, seek intervention in the present proceedings. From the records, it is apparent that all the applicants had completed two years BTC training course from DIET at Allahabad in the year 2012. The exact date of completion of the BTC training has been disclosed as 17.12.2012 in paragraph 12 of the present application.
This writ petition has been filed for quashing of the Government Order dated 26.07.2012. By means of the amendment application, prayer has been made to quash the Government Order dated 31.08.2012, whereby the State Government decided to treat TET examination as a eligibility qualification and has decided to cancel the earlier advertisement, whereunder an assurance was notified that the candidates who have passed TET examination, shall be offered appointment on the basis of the marks secured in the said examination only. The petitioners have also prayed for a writ of mandamus directing the respondents to complete the process of appointment as per the advertisement dated 30.11.2011.
In my opinion, the applicants, who were not even eligible to make an application in terms of the advertisement dated 30.11.2011 are neither necessary nor proper party in the present writ petition. Their application is therefore rejected. However, a right is reserved in their favour to assist the Court during the course of arguments.
Order Date :- 9.1.2013.
उससे पहले scert वाल आर्डर का ये हिस्सा पडो... The Director, State Educational Research and Training Council, Lucknow shall accept all these applications and shall maintain a record in respect of each of the candidates along with the districts applied for. The issue as to whether these applications be considered along with the other applications received on-line in response to the advertisement in question dated 07.12.2012 shall be adjudicated on the next date. (9-1-13)
इस चक्रव्यूह की सारी कुंजियाँ इसी चक्रव्यूह में छिपी हुई हैं,,,,,,
एक बार सुश्री दयावती एक पशु मेले का उद्घाटन करने गयी थीँ....
ReplyDeleteवहाँ उन्होने भैँसोँ के बीच मेँ खड़े होकर फोटोशूट कराया जिससे ये पता चल सके कि वो पशु मेले का ही उदघाटन करने गयी हैँ...
अगले दिन अखबार मेँ भैँसो के साथ उनकी तस्वीर छपी. जिसका कैप्शन था-
"पशु मेले के उद्घाटन समारोह की मुख्य अतिथि सुश्री दयावती जी भैसोँ के साथ दायेँ से तीसरी"
72825का मामला कोर्ट नम्बर 37मे
ReplyDelete30/10/2013 को ४थे स्थान पर सुनाजाएगा ।
Details are fallowing.
Cause List
30/10/2013
AT 10.00 A.M.
COURT NO.37
HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK BHUSHAN
HON'BLE MR. JUSTICE VIPIN SINHA
Fresh,order,admission,hearing Writs relating to Urban Ceiling and all fresh and
-listed Writs relating to other Recoveryincluding Matters arising out of proceed
-ings U/s 29 of State Financial Corporation Act, Mines and Minerals; AND Listed
Writs relating to Urban Ceiling from January 1st of 2009 onwards and listed Cont
-rol Orders and Land Acquisitions for the year 2009and 2010 for Orders, Admissio
-n and Hearing including Bunch Cases.
-
For Admission
Hon'ble Supreme Court Order
WRIT - C
1. 10185/2009 SMT. SHAHNAZ ANSHAR AND ANOTHE A.K. MISHRA
-R A.K. PANDEY
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
A.K. SRIVASTAVA
RAMESH UPADHYAYA
Senior Citizen
WRIT - C
2. TU 9737/2012 OM PRAKASH WADHWA NIRVIKAR GUPTA
SHASHI NANDAN
MANISH GOYAL
Vs. STATE OF U.P. AND ANOTHER C.S.C.
RAMENDRA PRATAP SINGH
WITH WRIC- 9739/2012 KRISHAN KUMAR WADHWA NIRVIKAR GUPTA
SHASHI NANDAN
MANISH GOYAL
Vs. STATE OF U.P. AND ANOTHER C.S.C.
RAMENDRA PRATAP SINGH
For Orders
SPECIAL APPEAL DEFECTIVE
3. TU 284/2006 STATE OF U.P. & OTHERS RAN VIJAI
S.C.
Vs. SMT. MEENA PANDEY & ANOTHE
-R ASHUTOSH SRIVASTAVA
ASHOK MEHTA
4. TU 237/2013 SHIV KUMAR PATHAK AND OTHERS V.K. SINGH
G.K. SINGH
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
A.K. YADAV
WITH SPLA- 150/2013 NAVIN SRIVASTAVA AND OTHERS ABHISHEK SRIVASTAVA
SHASHI NANDAN
ASHEESH MANI TRIPATHI
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
C.B.YADAV
BHANU PRATAP SINGH
WITH SPLA- 149/2013 SUJEET SINGH AND OTHERS NAVIN KUMAR SHARMA
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteजेल वाली
ReplyDelete.
.
मध्यरात्रि संवाद के लिए तैयार हो जाओ।
सचिन तेंदुलकर ने कांग्रेस के लिए प्रचार करने की घोषणा की है जिसका उनके प्रशंसक पुरजोर विरोध कर रहे हैं,,,,,जनता को फेसबुक के रूप में एक ऐसा माध्यम मिल गया है कि वो किसी मामले पर को व्यक्त करने और उनपर समर्थन हासिल के लिए किसी का मोहताज नहीं रह गई है ,,,,,,, अब देखना यह है कि फेसबुक से उठी विरोध की लहर तेंदुलकर को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य कर पाती है या नहीं ,,,इस संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि तेंदुलकर जैसी राष्ट्रीय धरोहर का अपने राजनीतिक लाभ के लिए दुरूपयोग के आरोपों से बचने के लिए कांग्रेस स्वयं ही उनसे प्रचार करवाने का निर्णय वापस ले ले ,,,तेंदुलकर कांग्रेस की एक सीट तो पक्की कर सकते हैं बशर्ते कि वो या उनकी पत्नी चुनाव लड़ें,,इससे अधिक कुछ लाभ नहीं पहुंचा सकते .....
ReplyDelete30 अक्टूबर को 72825 भर्ती केस कोर्ट नं 37 मे अशोक भूषण जी एवं विपिन सिन्हा द्वारा सुना जाएगा। अब संबंधित सभी रिट पर एक साथ सुनवाई होगी । अपना केस डेली काज लिस्ट मे 4 नं पर लगा है ।
ReplyDeleteCAUSE LIST ALLAHABAD
Cause List
30/10/2013
AT 10.00 A.M.
COURT NO.37
HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK BHUSHAN
HON'BLE MR. JUSTICE VIPIN SINHA
Fresh,order,admission,hearing Writs relating to Urban Ceiling and all fresh and
-listed Writs relating to other Recoveryincluding Matters arising out of proceed
-ings U/s 29 of State Financial Corporation Act, Mines and Minerals; AND Listed
Writs relating to Urban Ceiling from January 1st of 2009 onwards and listed Cont
-rol Orders and Land Acquisitions for the year 2009and 2010 for Orders, Admissio
-n and Hearing including Bunch Cases.
4. TU 237/2013 SHIV KUMAR PATHAK AND OTHERS V.K. SINGH
G.K. SINGH
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
A.K. YADAV
WITH SPLA- 150/2013 NAVIN SRIVASTAVA AND OTHERS ABHISHEK SRIVASTAVA
SHASHI NANDAN
ASHEESH MANI TRIPATHI
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
C.B.YADAV
BHANU PRATAP SINGH
WITH SPLA- 149/2013 SUJEET SINGH AND OTHERS NAVIN KUMAR SHARMA
SHAILENDRA
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
WITH SPLA- 152/2013 RAJEEV KUMAR YADAV SADANAND MISHRA
SEEMANT SINGH
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
SHYAM KRISHNA GUPTA
WITH SPLA- 159/2013 ANIL KUMAR AND OTHERS SIDDHARTH KHARE
ASHOK KHARE
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
A.K. YADAV
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अगर अभी भी सुनवाई ना हुई तो हो सकता है अपने आपको सुनवाने के लिए हमें इलाहाबाद उच्च न्यायलय के गेट पर चिल्लाना पड़े ,,,,,, बस बहुत बर्दाश्त कर लिया
जेल वाली
ReplyDelete.
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Zindagi ne khushiyo ko pukara hai,
zara muskurakao aapka har gum
hamara hai,
phool khilte rahe zindagi me aapke,
kaanto ke liye to hamesha daman
hamara hai.. ... —
हा
ReplyDeleteहा
हा
हा
.
अब सचिन तेन्दुलकर कांग्रेस की नइया पार करने के लिए प्रचार करेंगे।
सचिन का यह निर्णय बहुत गलत साबित होगा।
सचिन को सोचना चाहिए उनको चाहने वाले लोग किसी एक पार्टी से नहीं जुड़े हुये हैं।
सचिन ने मुझ जैसे लाखों प्रशंसको को अभी से हमेशा के लिए खो दिया।
Email hai :- cmup@nic.in
ReplyDeletesubject: :- परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 29334 गणित/ विज्ञान विषय के सहायक अध्यापक पदो की प्रक्रिया के संदर्भ में: भर्ती प्रक्रिया को जल्द पुरा करवाने का कष्ट करें
Subject ko yahi rakhe change na kare. Kal subah 10 baje tak adhikatam log mail kare. isko copy paste kar ke mail kar de. Agar mail jayda hoge tabi CM sir ke paas report jayegi. So please do it.
सेवामें
माननीय मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश, लखनऊ
विषय:- परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 29334 गणित/ विज्ञान विषय के सहायक अध्यापक पदो की प्रक्रिया के संदर्भ में: भर्ती प्रक्रिया को जल्द पुरा करवाने का कष्ट करें
महोदय
हम सभी बी0एड0 डिग्री धारक आपका ध्यान परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 29334 गणित/ विज्ञान विषय के सहायक अध्यापक पदों की चल रही नियुक्ति प्रक्रिया की ओर दिलाना चाहते हैं।
1- इस विज्ञापन के विरोध मे कुछ प्राथमिक विद्यालयों मे कार्यरत सहायक अध्यापकों ने माननीय हाईकोर्ट मे याचिका दाय्रर की है तथा सभी पदों को सिर्फ़ प्रमोशन से करने कि माँग की है । इस वाद मे अब तक कोर्ट मे कई तारीख़े लग चुकी है परन्तु अभी तक सरकारी वकील की ओर से कोई भी जवाब दाखिल नही किया गया हैं ।
हम सभी आवेदकों का आपसे अनुरोध है कि इस प्रकरण मे संबंधित अधिकारियों को इन सभी प्रकरणो मे त्वरित कार्यवाही का निर्देश के कर भर्ती प्रक्रिया को जल्द पुरा करवाने का कष्ट करें ।
आशा करते है कि आपका नेतृत्व 50% सीधी भर्ती तथा 50% प्रमोशन की न्यायसंगत प्रकिया पर चलकर युवाओं का भरोसा आपके नेतृत्व पर बनाये रखेंगे।
लोकसभा 2014 के लिए हमारे ग्रुप की ओर से शुभकामना !
Email hai :- cmup@nic.in
ReplyDeletesubject: :- परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 29334 गणित/ विज्ञान विषय के सहायक अध्यापक पदो की प्रक्रिया के संदर्भ में: भर्ती प्रक्रिया को जल्द पुरा करवाने का कष्ट करें
Subject ko yahi rakhe change na kare. Kal subah 10 baje tak adhikatam log mail kare. isko copy paste kar ke mail kar de. Agar mail jayda hoge tabi CM sir ke paas report jayegi. So please do it.
सेवामें
माननीय मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश, लखनऊ
विषय:- परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 29334 गणित/ विज्ञान विषय के सहायक अध्यापक पदो की प्रक्रिया के संदर्भ में: भर्ती प्रक्रिया को जल्द पुरा करवाने का कष्ट करें
महोदय
हम सभी बी0एड0 डिग्री धारक आपका ध्यान परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 29334 गणित/ विज्ञान विषय के सहायक अध्यापक पदों की चल रही नियुक्ति प्रक्रिया की ओर दिलाना चाहते हैं।
1- इस विज्ञापन के विरोध मे कुछ प्राथमिक विद्यालयों मे कार्यरत सहायक अध्यापकों ने माननीय हाईकोर्ट मे याचिका दाय्रर की है तथा सभी पदों को सिर्फ़ प्रमोशन से करने कि माँग की है । इस वाद मे अब तक कोर्ट मे कई तारीख़े लग चुकी है परन्तु अभी तक सरकारी वकील की ओर से कोई भी जवाब दाखिल नही किया गया हैं ।
हम सभी आवेदकों का आपसे अनुरोध है कि इस प्रकरण मे संबंधित अधिकारियों को इन सभी प्रकरणो मे त्वरित कार्यवाही का निर्देश के कर भर्ती प्रक्रिया को जल्द पुरा करवाने का कष्ट करें ।
आशा करते है कि आपका नेतृत्व 50% सीधी भर्ती तथा 50% प्रमोशन की न्यायसंगत प्रकिया पर चलकर युवाओं का भरोसा आपके नेतृत्व पर बनाये रखेंगे।
लोकसभा 2014 के लिए हमारे ग्रुप की ओर से शुभकामना !
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ReplyDeleteजब उम्र 16 की थी और 3
ReplyDeleteबटन खुले
थे . . . !!
जब सुबहे की चाय से
ज्यादा दोस्त
की ही ज़रूरत थी ,
और 5 स्टार के खाने के मज़े
इंटरवल
की पूरी सब्जी में लिए थे ..
यह बात है उन दिनों की...
जब उम्र 16 की थी और 3
बटन खुले थे
जब टॉप का बटन बंद करने
पे गला दब
सा जाता था ,
और फिर उसे बंद दिखने के
लिए
ही टाई को ऊपर तक
सरकाया जाता था ..
जब टीचर के दीखते
ही शर्ट के
स्लीव्स
ऑटोमेटिकली नीचे होते
थे .. बात है उन दिनों की
जब उम्र 16 की थी और 3
बटन खुले थे
जब गाडी के एक्सेलरेटर से
ज्यादा मज़ा साइकिल
की राइड में था ,
होमवर्क ख़त्म करके
निकलना है कैसे
भी ...हमेशा बस
यही माइंड में
था ,
ईरफ़ोन कान में जाने के
बाद इस
दुनिया से जो हम कटते थे ..
बात है
उन दिनों की
जब उम्र 16 की थी और 3
बटन खुले थे
किसी लड़की से बात
भी कर ले एक
बार तो 2 दिन तक
जो शर्माना होता था ,
और उसके बाद 4 दिन
जो दोस्तों का चिढाना ह
फिर
लगता था की पिक्चर के
सारे गाने जैसे हमारे लिए
ही बने
थे .. बात है उन दिनों की
जब उम्र 16 की थी और 3
बटन खुले थे
अब
तो फॉर्मेलिटी की बारि
में जैसे
पूरी दुनिया ही भीगी है ,
Hypocrisy जैसे हर चीज़ मैं
ही घर कर
बेठी है ,
मतलब और काम ... बस
तभी लोग
याद करते हैं
Casually मिलना तो अब
जैसे गुनाह
ही समझते हैं ..
आज शर्ट 2000 की है , बटन
बंद है और
उपर AC भी है ,
पर दिल में एक ख्याल है ..
सर पे धुप
थी … जेब में नोट तब शायद
कम थे …
पर Boss
मज़ा तो तभी था ...
जब उम्र 16 की थी और 3
बटन खुले थे
भारत के हिन्दू और मुस्लिम भाई भाई है.
ReplyDeleteवो मिलजुल कर सदभाव से रहना चाहते है. पर
दुर्भाग्य से हमारे नेता हमें लड़वाते है और हमें बस
वोट बैंक की तरह उपयोग करते है. हम मुस्लिम भाई
कांग्रेस को 67 सालों से वोट देते आ रहे है पर
कांग्रेस ने क्या किया मुस्लिम भाइयों के लिए?
आज भी मुस्लिम समाज देश का सबसे
पिछड़ा समाज है. शिक्षा में पिछड़ा है, रोजगार में
पिछड़ा है, जीवन शैली में पिछड़ा है, गरीब है.
कांग्रेस ने हमें बस वोट बैंक की तरह उपयोग
किया है.
वहीँ बीजेपी भी हिन्दुओ को वोट बैंक की तरह
उपयोग करती है. चुनाव आते ही बीजेपी को राम
मंदिर याद आ जाता है, धर्म याद आ जाता है.
अभी हाल ही में हमने देखा की कैसे वो UP में
धार्मिक भावना भड़काने और दंगे करवाने
की कोशिश कर रहे है.
कांग्रेस मुसलमानों को हिन्दुओ का डर दिखा कर
वोट लेती है और बीजेपी हिन्दुओं
को मुसलमानों का डर. पर दोनों पार्टी वोट लेने के
बाद कुछ नहीं करते किसी के लिए.
हिन्दू और मुस्लिम के असली दुश्मन गरीबी है,
महंगाई है, बेरोजगारी है, बढ़ता अपराध है. पर ये
नेता हम लोगों को इन सब चीजों के बारे में सोचने
नहीं देना चाहते और आपस में लडवाना चाहते है.
Ladki: Is mirror ki kya
ReplyDeletekeemat he??
SHOPKEEPER : Rs.1000 !
.
.
Ladki: ohh.. bahut mehnga he..
kya isme koi khas baat he??
.
.
SHOPKEEPER: aap isko 100
floor se niche girao,
.
ye mirror 99 floor tak nai tutega...
.
.
.
Ladki : Wow.. JALDI SE PACK kardo bhaiya
Jab Maine "BEER" Pehli baar Pee thi,
ReplyDeleteMain Khud Apni Nazron me gir
gaya...
.
.
Aur Maine "BEER" Chhodne ka faisla
kar liya..
.
.
Par fir jab Maine Un tamaam "BEER"
factory ke Mazdoor,
Aur Unke biwi-Bacchhon ke Baare me
Socha to Meri aankh
bhar aayi...
.
.
Aur Uss Pal Faisla kiya ki Ab se, I will
Drink Regularly..
.
.
Apne liye to sab Jeete hain, Lekin,
Hum to garibon ke liye peete hain..
CHEERS
गुड रात्रि
ReplyDeleteस्वीट सपने
टेक खयाल
मैं टेट मेरिट से भर्ती करवाने की किसी भी मुहिम अथवा पहल की दिल से स्वागत करता हूँ।
ReplyDeleteमैं पूरी तरह से इस मुहिम का साथ दूंगा। क्योंकि ये मेरे भी भविष्य का सवाल है। मैं सभी से अपील करूँगा कि किसी और के लिए नहीं बल्कि अपने आप के अपने भविष्य के लिए किसी भी विकल्प पर गंभीरता से विचार कीजिए।और अगर कोई व्यक्ति किसी योजना के तहत कुछ विकल्प रख रहा है तो उसको हल्के में न लीजिये। बल्कि उसका स्वागत करेँ।
इस वक्त किसी के पास जब कोई रास्ता नहीं दिख रहा तो जिसको रास्ता दिख रहा है उसका दिल खोल कर साथ दीजिए।
आन्दोलन, वार्ता और कोर्ट हर विकल्प से क्या क्या हासिल हुआ और किसकी कहाँ तक हद हैं यह भी सभी को मालूम ही है।
दोस्तों यहाँ कोई किसी का दुश्मन नहीं है सब अपने अपने लिए प्रयास कर रहे हैं कोई टेट मेरिट के लिए तो कोई अकेडमिक मेरिट के लिए तो कोई दलाली के लिए।
आज शाम को बाजार गया था वहाँ चाइनीज झालरोँ से सजी दुकानोँ को देखकर मुझे बड़ा अजीब लगा... मुझे अपने गाँव के दिन याद आ गये जब न बिजली हुआ करती थी न ये दो कौड़ी की चाइनीज झालरेँ फिर भी सारा घर बल्कि यूँ कहेँ सारा गाँव मिट्टी के दियोँ की रोशनी से जगमगा उठता था... मुझे याद आने लगा कि कैसे सुबह ही घर के पुराने कपड़ोँ को फाड़कर "बाती" बनायी जाती थी और शाम को उसे तेल मेँ भिगोँ कर दियोँ के साथ जलाया जाता था.... कितनी खूबसूरत हुआ करती थी दिपावली की वो दीपमाला... दूर से देखने पर ऐसा प्रतीत होता मानोँ असंख्य तारेँ हमारी छत की मुंडेर पर उतर आये होँ...
ReplyDeleteलेकिन अफसोस की बात ये हैँ कि अब ऐसा नजारा कहीँ देखने को नही मिलता... गाँव हो या शहर सभी जगह मिट्टी के दियोँ के स्थान पर इन चाइनीज कूड़ोँ का प्रयोग होने लगा हैँ...
कितनी आसानी से चाइना के इन कबाड़ आइटमोँ को भारत मेँ उतार दिया जाता हैँ फिर हम लोग उसे हाथोँ हाथ खरीदकर अपने देश भारत की अर्थव्यस्था के साथ खुद हीँ खिलवाड़ करते हैँ और बाद मेँ रोना रोते हैँ कि सरकार की अच्छी नीतियाँ अच्छी नही हैँ, सरकार की नीतियाँ अच्छी होगीँ पहले खुद तो जाग जाइए... याद रखिए किसी भी सुधार की शुरूआत खुद से की जाती हैँ...
अगर सच मेँ आपको अपने देश की मिट्टी से प्यार हैँ तो लीजिए प्रण कि इस दिवाली आप व्यर्थ चाइनीज उत्पादोँ का प्रयोग नहीँ करेगेँ... शहरी लोगो से तो ज्यादा उम्मीद नहीँ कर सकता किन्तु गाँव के बाशिंदो से दिल से निवेदन करना चहता हूँ कि इस दिवाली आप अपने घर मेँ मिट्टी के दिये जलाएँ तथा अपने घर के साथ साथ उन गरीब कारीगरोँ के घर को भी रोशन करेँ जो सालभर मिट्टी के बर्तन/खिलौने/ दिये इस उम्मीद के साथ बनाते हैँ कि इस दिवाली अच्छी बिक्री होगी... और इस बार वेँ भी अपने घरोँ मेँ दियोँ की लड़ियाँ सजा सकेगेँ.
कारगिल युद्ध से पहले शहीद सैनिकों के शव
ReplyDeleteको उनके
परिजनों को सौंपा नहीं जाता था.
कारगिल युद्ध के
दौरान ही अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व
मेँ पहली बार शहीद सैनिकों के
शव को उनके घर भेजने और राजकीय सम्मान के
साथ
अंतिम संस्कार करने का ऐतिहासिक
फैसला लिया था ।
अगर किसी को ये जानकर गर्व हुआ हो तो कम से
कम एक बार तो बोल दो
जय हिन्द।
_____ सामान्य विज्ञान (Science GK)
ReplyDelete_________
एक ट्रांसफार्मर मुख्यतः वोल्टेज को बदलता है।
बैटरी रासायनिक ऊर्जा को वैद्युत ऊर्जा में
बदलती है।
प्रकाश के लाल रंग की तरंग लंबाई सबसे अधिक
होती है और बैंगनी रंग की सबसे कम।
धातुएँ विद्युत की सुचालक होती हैं क्योंकि उनमें
मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं।
खतरे का सिग्नल प्रायः लाल रंग का होता है
क्योंकि लाल प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे कम
होता है।
कम फोकस वाला उत्तल लेंस एक साधारण
सूक्ष्मदर्शी का काम करता है।
ग्वाइटर बीमारी गले से सम्बन्धित होती है।
इन्सान के रक्त के ग्रुप की खोज कार्ड
लेण्डस्टेन ने की थी।
हीमोफीलिया रक्त से सम्बन्धित रोग है।
शरीर में इन्सुलिन की कमी से मधुमेह होता है।
रतौंधी रोग विटामिन ए की कमी के कारण होता है।
मानव आँख प्रकाश हरे रंग के प्रकाश के लिए
सर्वाधिक सुग्राही है।
लेसर के उपयोग से त्रिआयामी तस्वीर खींचने
की विधि होलोग्राफी कहलाती है।
शुष्क सेल में एनोड ग्रेफाइट का बना होता है।
एक बाइट में आठ बिट्स होते हैं।
बेंगलोर को तकनीकी शहर के नाम से जाना जाता है।
पनडुब्बी चालक सतह की वस्तुओं को देखने के
लिए पेरिस्कोप का प्रयोग करते हैं।
वायुमण्डलीय दाब में सहसा पतन तूफान का संकेत
होता है।
सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में लगभग
आठ मिनट का समय लगता है।
सौर कूकर के ढक्कन काँच के बनाए जाते हैं
क्योंकि काँच सूर्य के प्रकाश को बर्तन अन्दर
आने देता है किन्तु ऊष्मा विकिरण को बर्तन के
बाहर नहीं जाने देता।
भारतीय सेटेलाइट प्रक्षेपण केन्द्र
श्रीहरिकोटा में स्थित है।
विक्रम साराभाई अन्तरिक्ष केन्द्र तिरुअन्तपुरम्
में है।
बिजली उत्पादन के लिए प्रयोग किए जाने वाले
नाभिकीय रिएक्टर नाभिकीय विखण्डन पर
आधारित होते हैं।
aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa
ReplyDeleteany information about sanskrit language vacancy in junir
ReplyDeleteनितीश सरकार के द्वारा नरेंद्र मोदी को बुलेटफ्रूफ गाड़ी देने से इंकार करना ..फिर रामविलास पासवान, और नितीश कुमार का पटना से अचानक बाहर चले जाना .. फिर पटना में सीरियल ब्लास्ट ..
ReplyDeleteभाई ये दोगले कुछ भी साजिश रच सकते है क्योकि उनके सर पर कांग्रेस का खुनी पंजा है
Shahid azami G
ReplyDelete.
.
Hume aapke z
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ka beshabri se intjaar hai. Jaane kab wo din aayega. Inshallah aapko ishi hi janamm me zed tak pahunchaye.
मोदी की रैली से पहले पटना में हुआ है धमाका. ये धमाका पटना के रेलवे स्टेशन पर हुआ है. खबर के मुताबिक धमाका स्टेशन के शौचालय में हुआ है. इस हादसे में एक शख्स के घायल होने की खबर है. धमाके वाली जगह से दो देसी बम भी बरामद हुए हैं. पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. गौरतलब है कि आज पटना में मोदी की रैली है. मोदी की रैली से पहले हुए इस धमाके से कई तरह की अफवाहों का बाजार गर्म है.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteमोदी ने राहुल गांधी पर कहा कि अगर राहुल वंशवाद की राजनीति छोड़ दे, तब मैं उसकी पार्टी के नेता को शहजादा कहना बंद कर दूंगा.
ReplyDeleteपटना रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर
ReplyDeleteधमाका हुआ है। इस धमाके में एक शख्स के
मरने की खबर है।
बिहार में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली से पहले
पटना रेलवे स्टेशन पर धमाका हुआ है।
धमाका प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर हुआ है। इस
धमाके में एक शख्स के मरने की सूचना है।
ये धमाका शौचालय में हुआ है, जहां मौजूद एक
शख्स मर गया है। साथ ही वहां से बरामद
दूसरे बम को डिफ्यूज कर दिया गया है।
नरेंद्र मोदी की पटना के गांधी मैदान में होने
वाली रैली को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम
किए गए हैं। रैली में शामिल होने बड़ी संख्या में
लोग ट्रेन से पटना पहुंच रहे हैं।
पुलिस के मुताबिक धमाका देसी बम से हुआ था।
पुलिस ने इलाके को घेर लिया है और बम निरोधक
दस्ता रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया है।
30 अक्टूबर को 72825 भर्ती केस कोर्ट नं 37 मे अशोक भूषण जी एवं विपिन सिन्हा द्वारा सुना जाएगा। अब संबंधित सभी रिट पर एक साथ सुनवाई होगी ।
ReplyDeleteCAUSE LIST ALLAHABAD
Cause List
30/10/2013
AT 10.00 A.M.
COURT NO.37
HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK BHUSHAN
HON'BLE MR. JUSTICE VIPIN SINHA
Fresh,order,admission,hearing Writs relating to Urban Ceiling and all fresh and
-listed Writs relating to other Recoveryincluding Matters arising out of proceed
-ings U/s 29 of State Financial Corporation Act, Mines and Minerals; AND Listed
Writs relating to Urban Ceiling from January 1st of 2009 onwards and listed Cont
-rol Orders and Land Acquisitions for the year 2009and 2010 for Orders, Admissio
-n and Hearing including Bunch Cases.
4. TU 237/2013 SHIV KUMAR PATHAK AND OTHERS V.K. SINGH
G.K. SINGH
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
A.K. YADAV
WITH SPLA- 150/2013 NAVIN SRIVASTAVA AND OTHERS ABHISHEK SRIVASTAVA
SHASHI NANDAN
ASHEESH MANI TRIPATHI
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
C.B.YADAV
BHANU PRATAP SINGH
WITH SPLA- 149/2013 SUJEET SINGH AND OTHERS NAVIN KUMAR SHARMA
SHAILENDRA
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
WITH SPLA- 152/2013 RAJEEV KUMAR YADAV SADANAND MISHRA
SEEMANT SINGH
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
SHYAM KRISHNA GUPTA
WITH SPLA- 159/2013 ANIL KUMAR AND OTHERS SIDDHARTH KHARE
ASHOK KHARE
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
A.K. YADAV
इस संसार में हकीकत में कौन
ReplyDeleteक्या है.........?
.
• केले का छिलका----- पृथ्वी से
मिलाप करने का दलाल
.
• सिनेमा-- ---पैसा देकर कैद होने
का स्थान है
.
• जेल --------बिना पैसे
का हास्टल
.
• सास -------बहु के पीछे
छोडा गया बिना पैसे का जासूस
.
• चिन्ता------वजनकम करने
की सबसे सस्ती दवा
.
• मृत्यु -------बिना पासपोर्ट के
पृथ्वी से दूर जाने की छूट
.
• ताला -------बिना वेतन
का चौकीदार
.
• मुर्गा --------देहात की अलार्म
घडी
.
• झगडा ------वकील का कमाऊ
बेटा
.
• चश्मा-- ----जादूई आँख
.
• स्वप्न ------बिना पैसे
की फिल्म
.
• हॉस्पिटल ---
रोगियों का संग्रहालय
.
• श्मशान --
दुनिया का आखिरी स्टेशन
.
• चाय ,कॉफी --कलयुग का अमृत
.
• विद्वान ------अक्ल का ठेकेदार
.
• चोर --------रात का शरीफ
व्यापारी
.
• विश्व --------एक महान
धर्मशाला
अब नरेन्द्र मोदी और शहजादे में कोई तुलना कैसे करें?
ReplyDeleteआज मोदी की रैली पटना में है तो शहजादे की दिल्ली के मंगोलपुरी में।
मोदी की रैली के लिए सुबह 8 बजे तक 3 लाख से ज्यादा लोग पटना के गांधी मैदान में पहुंच भी गये, और लाखों लोग रास्ते में हैं।
जबकि दिल्ली में शहजादे की रैली के लिए पहले 70 हजार कुर्सियों का आर्डर दिया गया था लेकिन बाद में उसको घटा कर 10हजार कर दिया गया।
फिर मीडिया और हमलोग मोदी जी की तुलना शहजादे से करते रहते है।
सच तो यह है कि नरेन्द्र मोदी के कद का नेता पूरे देश में कोई है ही नहीं।
यूजीसी नेट के छात्र को कोर्ट से राहत
ReplyDeleteनई दिल्ली। हाईकोर्ट ने साफ कहा है
कि किसी भी शिक्षा संस्थान
की गलती का खामियाजा छात्र नहीं भुगत सकता।
अदालत ने पिछले वर्ष दिसंबर में नेट की परीक्षा में
असफल रहने वाले एक छात्र को राहत देते हुए
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को उस
छात्र का परिणाम फिर से चेक करने का निर्देश
दिया है।
न्यायमूर्ति वीके जैन ने यूजीसी से कहा है कि छात्र
को उन दो सवालों के नंबर दिए जाएं, जिनके उत्तर में
गलत विकल्प दिए गए थे। अदालत ने छात्र को चार
सप्ताह में उसके परिणाम से अवगत कराने
का भी निर्देश दिया है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय
के एक फैसले का हवाला देते हुए
कहा कि किसी विश्वविद्यालय की गई
गलती का खामियाजा छात्र नहीं भुगत सकते।
किसी प्रश्न का गलत विकल्प देने से किसी भी छात्र
की मेरिट सूची प्रभावित हो सकती है।
अदालत ने यह फैसला राहुल श्रीवास्तव नामक छात्र
की याचिका का निपटारा करते हुए दिया। याची ने
कहा था कि उसने दिसंबर 2012 में यूजीसी की नेट
की परीक्षा दी थी। एजेंसी
उसका परिणाम मार्च में निकला था और वह
परीक्षा पास नहीं कर पाया। उसने बताया कि पेपर
दो और तीन में पूछे गए कई सवालों के विकल्प गलत
थे।
पेपर दो के एक सवाल के मामले में इलाहाबाद
हाईकोर्ट भी मान चुकी है कि उत्तर में गलत विकल्प
दिए गए थे। याची ने अदालत से गलत विकल्प के
नंबर देकर उसका परिणाम नए सिरे से निकालने
का निर्देश देने का आग्रह किया था।
•गलत विकल्प के नंबर देकर परिणाम फिर से निकालने
का निर्देश।
Wo Kehte The Ki Tum Na Mile To Mar Jayenge Hum,
ReplyDeleteLekin Wo To Aaj Bhi Zinda Hai Kisi Aur Se Ye Baat Kehne Ke Liye....
मित्रो दीपावली को केवल एक सप्ताह शेष रह गया है ...
ReplyDeleteपता नही पर क्यों जो रौनक पहले होती थी वो अब नही रही ...
पहले पता है 20-20 दिन पहले घरो में दीपक लगना शुरू होजाते थे तथा रंगोली बनना शुरू होजाती थी ।
अब ऐसा नही होता ...किसी से पुछो तो बस एक ही जवाब मिलता है ...महंगाई बढ़ गयी है ...
अब कमाल की बात ये की लोग फालतू खर्चा तो बढ़ाये जा रहे हैं और अपनी सभ्यताओ को खोते जा रहे हैं ।
अब पता है सजावट का सामान केवल कुछ विद्युत के उपकरण बनकर रह गए हैं ...
जिस दीपावली पर गरीबो द्वारा बनाये दीयों में तेल और बाती से प्रकाश उत्सव मनाया जाता था आज सारी शोपिंग माल्स से होजाती है ।
अरे भाई ये विकास है या विनाश है अपनी सभ्यताओ का ??
उस गरीब को अगर आपकी वजह से दीपावली पर थोडा व्यापार मिलता है तो क्या बुरा है ?
...पर नही भाई ऐसा करेंगे तो स्टैण्डर्ड केसे मेंटेन होगा ।
अरे भई दो दो हजार रूपये की लड आती है जो शायद ज्यादा से ज्यादा आधे घंटे जलती है ... पर गरीब की दुआयें जीवन भर साथ चलती है ...
स्टैण्डर्ड दुसरो का देख कर नही बनता ऐसा स्टैण्डर्ड बनाइए की विदेशी आपकी नक़ल करें।
"अच्छे कपड़े पहनने से आप अच्छे नही बन जाते वरन अच्छे व्यक्ति के पहनने से कपडे अच्छे लगते है "
अपनी सभ्यता संस्कृति खोकर यदि आप अच्छा स्टैण्डर्ड मेंटेन भी कर लेते हो तो ये कितने दिनों का होगा सोचिये जरा ?
अरे भई आने वाली पीढ़ी ये भी ना करे शायद ।।
Koi Narendra modi ji ki parsnal email i.d btao yar agr Narendra modi ji ko btaya jaye to vo election jit te hi sb b.ed. Wale job par hoge Qk centr me unka raj hoga or un k kahte hi ncte ye adesh jari kregi k tet pas b.ed. Walo ko job di jay nd ve aply krege hr bharti me crtificat ki validity ka hwala dete hue sb ko job mil jaygi contect kro Nrendra modi ji se fast...
ReplyDeleteMERE TET SUPPORTER SATHIYO...
ReplyDelete1) acording to tet morcha vidhik salahkar adoVcate navin sharma...court no.37 me jo bada mukdama laga hai wo apne case ke bad hai jisase apne case me 30 ko sunwai hone ke aasar badh chuke hai..apna case listed me 4 no. Par hai jbki wo case uske bad hai jis par time jyada lagega..agar 30 ko fresh case ki sankhya kam hui to apna case lunch ke pahle v suna ja skta hai..waise apne wakil 10 a.m par hi mention kar dege.
2) non tet ko in ka order ashok bhushan aur abhinav upadhyay ki bench ne hi diya tha..magar n.c.te ke guideline me clause no.3 aspast tha..jise bad me h.r.d ministry ke letter aur n.c.te ke wakil rijwan ali akhtar ne spasht kar diya aur t.b ne nontet ko out kiya..iska matlab ye katayi nahi ki ashok bhushan ji ne galat nirnay diya tha,adalate hamesha rule par gavah par order deti hai,aur n.c.te ka guideline clause no.3 suspast na tha..ashok bhushan ji siksha mamlo ke behad jankar judge hai
ReplyDelete3)hamara pax itna bhari hai ki koi judge aaye wo rule ke acording hamare pax me hi deczen dega..stay lagate wakt diye gye harkoli sir ke point ko santust kiye bgair koi v judge stay hta nahi skta..
ReplyDelete4) single bench ke bad suprime court jane par s.c ki siksha mamlo ki bench judge radhekrishan aur pinaki ray ghosh ki bench ne hame viswas diya tha ki apke sath pura nyay hoga..aap pahle d.b se hokar aaye..judge mahoday ne khud kaha aap log process ke tahat suprime court aaye..ham yaha baithe hai apko pura nyay milega..hame apne desh ki nyaypalika par pura viswash hai..nyaypalikais manmani karne walo ko aisa lat marega ki inki sari akad hamesha ke liye thikane aa jayegi..fir ye log dubara purw sarkaro ke vigyapan ko dweshwas kavi aadhar na badlenge..ham aur hamara tet morcha aisi party ka agami lok sbha me rajnitik ,samajik aur har morche par bahiskar karege...ham jarur kamyab hoge..isame koi do ray nahi kyuki nyaypalika ki sakriyta se na sirf central gov. Balki state gov. Ke v hosh ude huye hai..jai tet merit
ReplyDeleteशाख-शाख पर मौसमें -गुल ने गजरे लटकाए थे
ReplyDeleteमैनें जिस दम हाथ ,बढ़ाया सारे फूल पराए थे
कितने दर्द चमक उठते हैं फुरकत के सन्नाटे में
रात-रात भर जाग के हमने खुद ये ज़ख्म लगाए थे
तेरे ग़मों का ज़िक्र ही क्या अब जाने दे , ये बात न छेड़
हम दीवाने मुल्के-जुनू में बख्ते-सिकंदर लाए थे
दिल की वीरां बस्ती मुझसे अक्सर पूछा करती है
बसते हैं किस देश में अब वो लोग , यहाँ जो आए थे
पिछली रात के तारे अब भी झिलमिल-झिलमिल करते हैं
किसको ख़बर है , इक शब हमने कितने अश्क बहाए थे
आज जहाँ की तारीकी से दुनिया बच कर चलती है
हमने इस वीरान महल में लाखों दीप जलाए थे
मुझको उनसे प्यार नहीं हैं , मुझको उनके नाम से क्या
आँखें यूँ ही भर आई थीं , होंठ यूँ ही थर्राए थ
मित्रों...
ReplyDeleteयदि होता 'मुख्यमंत्री' उत्तर प्रदेश का मैं....!!
तो.....
सबसे पहली बात....
'युवाओं' को 'बेरोजगार' नहीं कहता...
एक नया नाम देता- "ऊर्जावान"....और
उनकी 'ऊर्जा' का सदुपयोग कराने के लिये
नींतियाँ बनाता...
'बेरोजगारी भत्ता' देने के लिये...
'बेरोजगारों' से "आय प्रमाण" पत्र
नहीं माँगता....क्योंकि 'बेरोजगारों' की तो कोई
'आय' ही नहीं होती....
हमारे 'लाखों युवा' बेरोजगार हों..भूखे पेट हों... तो मैं
"पढ़े बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ" योजना लागू करता तो....
'बेसिक विभाग' की 'नियुक्तियों' में 'पचास
प्रतिशत' महिला 'कोटा' कभी खत्म नही करता..
उ.प्र. के 'गाँवोँ' में 'अँधेरा' रहता.....
मैँ 'प्रदेश' को 'चौबीस घंटे बिजली' नहीं दे पाता...
तो "लैपटॉप" बिल्कुल नहीं बाँटता...
मैं 'युवाओं' को 'रोजगार' नही दे
पाता...तो 'फार्मूला वन रेस' कभी नही कराता...
मैं 'आबकारी विभाग' अपने पास रखता तो..... 'मद्य
निषेध विभाग' अपने पास
नहीं रखता..इसका 'मंत्री' किसी ऊर्जावान 'युवा'
को बनाता...
'टेट पास' को ही 'नौकरी' देता...
'शिक्षामित्रों'को 'टेट' पास करने
को कहता....पहले 'सामाजिक न्याय'
की स्थापना करता......फिर 'सामाजिक न्याय
रथयात्रा' निकालता
सभी 'टेट पास' को 'नौकरी' दे देता...कसम से.... मैं
सबको अपना 'वोटबैंक' समझता....'गोविन्द' समान
'गुरुओं' को 'टेट मेरिट' व 'अकादमिक गुणाँक' में
नही उलझाता....
यदि होता मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश का मैं....!!
तो.....सचमुच....
"व्यवस्था परिवर्तन" करता....
मैं 'अनुभवियों' का ही 'चुनाव' करता..
किसी 'शिक्षक' को ही 'शिक्षा मंत्री' बनाता........
स्वयं शिक्षामंत्री नही बनता....
किसी 'बेरोजगार' को 'सेवायोजन मंत्री' बनाता..
मित्रों... आज की अन्तिम बात...
यदि होता मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश का मैं....!!
तो.....
आज "बेरोजगार" नही होता.....
और युवा 'अखिलेश के राज' में भी आज मैं 'जार जार
नही रोता'....!!
वोट देने के पहले कांग्रेसियों व उनके साथियों के इन बयानों को जरुर याद रखे-----------
ReplyDelete1. गौ हत्या बंद नहीं हो सकती क्योंकि इस देश में मुसलमान भी रहते है : गाँधी
2. बोफोर्स की ही तरह कोयला घोटाला भी जनता भूल जायेगी – सुशील शिंदे
3. पुलिस और सेना के लोग मरने के लिए ही होते हैं – भीम सिंह
4. हमारे सैनिकों को पाकिस्तान की सेना ने नहीं बल्कि उनकी वर्दियों में आतंकवादियों ने मारा है- एके एंटनी
5. पीने के लिए पानी नहीं है तो... क्या बांधों में मूतकर के पानी ला दूं - अजित पवार
6. महंगाई ज्यादा सोना खरीदने की वजह से बढ़ रही है – पी चिदंबरम
7. पैसे पेड़ पर नहीं लगते - मनमोहन सिंह
8. हमारे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है जिससे महंगाई पर काबू किया जाये – मनमोहन सिंह
9. गायों को काटने से देश को कोई नुकसान नहीं अगर नहीं काटेंगे तो बूड्डी होकर देश पर आफत बनेगी - शरद पँवार
10. सोनिया जी कहे तो मैं झाडू पोछा भी लगाउँगा : चरण दास
11. ईस्ट इंडिया कंपनी 400 साल भारत को लूटने आई थी मैं आपको फिर निमंत्रण देने आया हूँ.... अगले 200 के लिए आप फिर भारत चले आयें !
तेरेविल बेह्यूज रिवॉर्ड फॉर यौ ! : पी चिदम्बरम (1996 लंदन )
12. भारत माता डायन है : आजम खान
13. 5 रुपए मे लोग पेट भर खाना खा सकते हैं : राजबब्बर
14. अगर हम गाय की रक्षा करने लगे तो दुनिया कहेगी हम भारत को 15वी शताब्दी मे ले जा रहे हैं :नेहरू 1952 ( मतलब गाय काटने से देश 21वीं शताब्दी मे जाएगा )
16. महंगाई के लिए गरीब जिम्मेदार : मनमोहन सिंह !
17. इस देश को इस्लामिक नही बल्कि हिन्दू आतंकियों से ज्यादा खतरा है – राहुल गाँधी
18. वन्देमातरम नहीं बोलूँगा : हमीद अंसारी
19. बटला हाउस में आतंकवादियों के मरने पर सोनिया जी बहुत रोयीं थीं - सलमान खुर्शीद
20. जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो आसपास की जमीन हिल जाती है (4500 सिख भाइयो के कत्लेआम के बाद ) :राजीव गांधी
21. लोग ज्यादा ज्यादा खाना खाते हैं इसीलिए महंगाई ज्यादा बढती है -mms
जज्बात को हमारे आजमाते है वो
ReplyDeleteकभी कभी मुलाक़ात पे आते है वो
गुफ्तगू करने की इल्तजा थी उनकी,
ख़ामोशी की अदा अब समझाते है वो
न पीने की कसम डाल दी है हम पे,
मयखाने का रास्ता अब दिखाते है वो
जान दिया करते थे इक मुस्कान पे,
तन्हाई की चादर अब ओढ़ाते है वो
दीवानगी की हद पार की प्यार में ,
नफ़रत की आंधी अब चलाते है वो
दुश्मन से सीख लिया फरेबी का सबब,
दोस्ती का सिला अब बताते है वो !!!!!
अनपढ मेरे गाँव का गाय चराने जाये,
ReplyDeleteपढ़ा-लिखा इस शहर का कुत्ते को टहलाये।
अनपढ मेरे गाँव का मेहनत"की"रोटी खाये,
पढ़ा-लिखा इस शहर का मेहनत"से"रोटी खाये।
अनपढ मेरे गाँव का मेहमान को भगवान माने,
पढ़ा-लिखा इस शहर का भगवान को ही ना जाने।
अनपढ मेरे गाँव का देश पर जान लुटाये,
पढ़ा-लिखा इस शहर का बस अपनी जान बचाये।
अनपढ मेरे गाँव का देश की भूख मिटाये,
पढ़ा-लिखा इस शहर का बस अपनी भूख मिटाये।
अनपढ़ मेरे गाँव के मूह पे हिसाब लगाये
पढ़ा लिखा इस शहर का कैलकुलेटर पे लगाये।
अनपढ़ मेरे गाँव का मिलने पर दिल में बस जाये
पढ़ा लिखा इस शहर से निकले तो दिल से ही निकल जाये।
अगर हिन्दू और मुसलमान दोनों को गरीबी ने
ReplyDeleteमारा हैं तो हम सब आपस मैं क्यों लड़ रहे हैं
गरीबी से क्यु नहीं?
-नरेन्द्र मोदी
सीरियल बम ब्लास्टके बावजूद मोदी ने भाषण दिया और 12-13 लाख की भीड़। नितीश तुम चाहे कितनी भी डराने की कोशिश करो, अब बिहार की जनता तुम्हे उखाड़ फेकेगी। भोपाल का रिकार्ड पटना में ध्वस्त हो गया। भाई मैंने ऐसी भीड़ सिर्फ इलाहाबाद के महाकुम्भ में देखेगी। अभी तक 13 लोगों के मारे जाने की सूचना है जब कि सौ के आसपास घायल हैं।
ReplyDeleteबीङी अब Cigratte बन गई,
ReplyDeleteचटाई अब Carpet बन गई,
मुक्केबाजी अब Boxing बन गई,
कुश्ती अब Wrestling बन गई,
गिल्ली डंडा अब Cricket हो गया, है
मारा भारत भी # Great बन गया !
गऊ हमारी अब Cow बन गई,
लङकियोँ की शर्म हया अब Wow बन गई,
काढा हमारा अब Chay (Tea) बन गया,
लङका बेचारा अब Guy बन गया,
कठपुतली हमारी अब Puppet बन गई,
हमारा भारत भी #Great बन गया !!
योग हमारा अब Yoga बन गया, घर का जोगी Joga बन गया,
भोजन अब हमारा 150/Plate बन गया,
हमारा भारत भी अब #Great बन गया !!!
घर की दीवारेँ अब हमारी Wall बन गई,
दुकानेँ अब हमारी Mall बन गई,
गली मोहल्ला अब हमारा Ward बन गया,
उपरवाला अब हमारा Lord बन गया,
रक्षाकवच अब हमारा Helmet बन गया,
हमारा भारत भी अब #Great बन गया !!!!
माँ अब हमारी Momm बन गई, लङकियाँ अब Bomb बन गई,
पिताजी अब हमारे Dad बन गए, घर के नौकर Head बन गए,
# Indiaअब Up to Date बन गया, हमारा भारत भी अब #Great बन गया !!!!!
क्योँ सही है ना ??? ऐसा करने वाले भारतीयोँ को अब मैँ क्या बोलूँ ?? Lord Maculay की आठवीँ औलाद ??? सुधर जाओ कम्बख्तोँ अपने देश को पहचानो! भाङ मेँ गई इंग्लिश! जो भारतीय भारत देश का नहीँ वो किसी काम का नहीँ!
जय श्रीराम मित्रों
ReplyDeleteकल जनार्दन दूिवेदी ने
मोदी जी को चेतावनी दी थी।
आज पटना में बम धमाके हुये हैं।
जनार्दन द्विवेदी के कल के बयान से आज
पटना के
बम विस्फोटों क तार जुड़े हो सकते है।
जनार्दन द्विवेदी से पूछताछ की जानी चाहिए।
इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
अब नितीश कुमार ये कहेगा कि मैंने पहले
ही कहा था "मोदी के आने से कानून
व्यवथा बिगड़ेगी"
सोची समझी रणनीति के तहत ये बम
विस्फोट किये गये हैं ।
बम धमाके मोदी समर्थको को रोकने के लिए गए।
लेकिन देश की जनता अब नहीं रुकेगी कितने भी बम
विस्फोट कर लो हम सब मोदी जी के साथ हैं।
आप बुर्का जरूर पहनेफाइन (दंड) में
ReplyDeleteभरूँगा Rachid Nekkaz
जी हाँ !
दोस्तोंफ्रांस
में बुरका पहनने पर पाबंदी हे और
जो बुर्का पहनता हे उस पर फाइन लगता हे ...ये
व्यक्ति जिनका नाम Rachid Nekkaz हे
जो की एक बिज़नेस मैन हे इन्होने एक मिलियन
यूरो का फण्ड बनाया हे ताकि मुस्लिम वुमन
बेझिजकबुर्का पहन सके और अगर उन पर कोई
फाइन लगता हे तो ये पे करते हैं ..कारण ये बुर्के के
समर्थक हैं और इस फाइन के सख्त खिलाफ हैं.
.
.
इनके
इस जज्बे को सलाम
वह जे .पी .को धोखा दे सकते हैं तो बी. जे.
ReplyDeleteपी. कोधोखा बड़ी बात नहीं ---------------
--------------------------------------
जो जे.पी.की अगुली पकड़ कर चलना सीखे उन्होने
जे. पी. की पीठ में छुरा भोंका । गैर कांग्रेसवाद के
नाम पर सत्ता में आने के बाद कांग्रेस से वे आंख
मिचौली खेल रहे हैं । जो जे. पी. को धोखा दे सकते
हैं , वह बी. जे. पी. को धोखा दें तो यह आश्चर्य
की बात नहीं । ऐसे विश्वासघातियों को बिहार
की जनता को सबक सिखाना है ।
एक शराबी झूमता हुआ घर की ओर जा रहा था कि अचानक रुक गया.
ReplyDeleteदरअसल उसके पीछे-पीछे दो लडकियां पता नहीं किस बात पर आपस में झगड़ते हुए चल रहीं थीं.
एक लड़की – “भगवान करे तेरी शादी इस शराबी से हो जाए … ”
दूसरी लड़की – “नहीं, भगवान करे तेरी हो जाये … ”
.
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.
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.
.
.
.
.
शराबी - तो “मैं रुकूं …. या जाऊँ?
पटना। बिहार की राजधानी पटना में नरेंद्र
ReplyDeleteमोदी की रैली से पहले भले ही आठ बम धमाके
हुए हों, लेकिन गांधी मैदान की भीड़ में कोई
कमी नहीं दिखाई दी। वहीं नरेंद्र मोदी जब
पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ मंच पर
पहुंचे तो उनके चेहरे पर किसी तरह की दहशत
नहीं दिखाई दी। मोदी ने इस
रैली को महाअनुष्ठान बताया। मोदी ने कांग्रेस
पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए
कहा कि यदि वह वंशवाद छोड़ देती है तो वह
राहुल गांधी को शहजादे कहना छोड़ देंगे।
आज की पटना रैली में उन्होंने अपनी कुछ बातें
भोजपुरी में भी कहीं हैं। अपने भाषण में मोदी ने
नीतिश कुमार का नाम लिए बिना उन्हें
विश्वासघाती करार दिया और उनके साथ देश
में कांग्रेस मुक्त शासन का आहवान किया।
उन्होंने चंपारन और दांडी भारत की आजादी के
दो पड़ाव बताया।
पढ़ें: मोदी की रैली से पहले आठ धमाकों से
दहला पटना
उन्होंने नीतिश कुमार पर भी चुटकी ली और
कहा कि अपने को लोहिया और जयप्रकाश
का फॉलोवर बताने वालों ने ही उनकी पीठ में
छुरा घोंपने का काम किया है। उन्होंने
कहा कि लोग उनसे नीतिश के अलग होने के बारे
में प्रश्न करते हैं, तो उनका जवाब होता है
कि जो जेपी को छोड़ सकते हैं वह
मोदी को क्यों नहीं छोड़ सकते हैं।
गांधी मैदान के मंच पर बिहार के नेताओं के साथ
शत्रुघ्न सिन्हा और अरुण जेटली भी मौजूद है।
मंच पर मोदी के आते ही 'नमो की जय' और
'हमारा नेता कैसा हो नरेंद्र मोदी जैसा हो'
की गूंज भी सुनाई दी।
पढ़ें: भाजपा का दावा इतिहास
बनाएगी मोदी की हुंकार रैली
अरुण जेटली ने यहां पर रैली को संबोधित करते
हुए कहा कि बिहार में
सभी लोकसभा की सीटों को भाजपा की झोली में
डालने का आहवान किया। गौरतलब है
कि मोदी की रैली में अकेले गांधी मैदान में ही छह
बम धमाके हुए। मोदी के मंच से करीब डेढ़
सौ मीटर की दूरी पर भी एक धमाके की गूंज
सुनी गई। बावजूद इसके
मोदी की रैली का कार्यक्रम लगातार. . . . . . . . . . . . . . . . . . .
हिन्दू धर्म और हिन्दू मैरिज एक्ट में अंतर।
ReplyDeleteकुछ हिन्दू भाइयो को लगता है, की वो अपने हिन्दू धर्म
का पालन कर रहे है, जबकि वो हिन्दू मैरिज एक्ट का पालन कर रहे होते है, और वो सोचते है की जो हिन्दू मैरिज एक्ट में लिखा है, वो उनके हिन्दू धर्म में लिखा है, जो एक बहुत बड़ी गलत फ़हमी है
हिन्दू मैरिज एक्ट के अनुसार हिन्दू एक समय में एक ही पत्नी रख सकता है, जबकि हिन्दू धर्म में ऐसा कुछ भी नही है, आप तेत्रिये ब्राह्मण पढेंगे तो उसमे लिखा है, की ब्राह्मण चार शादी कर
सकता है, आप महाभारत पढेंगे तो पाएंगे की श्री कृष्णा जी की 16108 पत्निय थी, राजा पांडु की दो पत्निया थी, सभी पांडवो की एक से ज्यादा पत्निया थी, रामायण पढेंगे तो पाएंगे की राम जी के पिता की तीन पत्निया थी, आप मनुस्मृति पढेंगे तो पाएंगे
की ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एक से ज्यादा पत्निया रख सकते है,
गणेश भगवान की दो पत्निया है !
इसके अलावा हिन्दू धर्म में अगल अलग रूपों का वर्णन होता है,
शिव जी की एक ही पत्नी है पार्वती जी पर उनके भी कई रूप है,
जैसे नो दुर्गा रूप, विष्णु जी की एक पत्नी है, लक्ष्मी जी पर
उनको कहा जाता है, वो विष्णु जी के अवतार लेने पर
उनकी पत्नी का अवतार लक्ष्मी जी लेती है, ब्रम्हा जी की एक
पत्नी है, सरस्वती जी जिनको कहा जाता है, शतरूपा।
सरस्वती जी के भी सौ रूप है !
कुछ हिन्दू ये तो मानते है, की उनके धर्म में कुछ भगवान व देवताओ ने एक से ज्यादा शादी की है, पर वो कहते है, कि वो गलत है.
उदहारण के लिए कुछ हिन्दू कहते है, की राजा दशरथ ने एक से
ज्यादा शादी की जो गलत है, पर आप रामायण पढोगे तो रामायण में ये कही भी नही लिखा की राजा दशरथ ने गलत किया। कुछ हिन्दू ये तो मानते है, की कृष्णा जी की 16108
पत्निया थी पर वो इसको गलत बताते है, पर आप महाभारत पढोगे तो उसमे ये कही भी नही लिखा की कृष्णा जी ने गलत किया।
किसी भी वेद, पुराण, उपनिषद् , रामायण, महाभारत में ये
कही भी नही लिखा की हिन्दू को केवल एक ही शादी करनी चाहिए या एक ही पत्नी रखनी चाहिए, हिन्दू धर्म के अनुसार हिन्दू जितनी चाहे पत्निया रख सकते है, हिन्दुओ के लिए एक से ज्यादा पत्नी रखने की रोक हिन्दू मैरिज एक्ट ने लगायी है, न की हिन्दू धर्म ने।
इसके बाद हिन्दू मैरिज एक्ट में शादी के लिए आयु लड़के के लिए 21 वर्ष और लड़की के लिए 18 वर्ष है, जबकि हिन्दू धर्म में शादी के लिए कोई निश्चित आयु नही बताई गयी है, हिन्दू धर्म में
शादी अधिकतर किशोरावस्था में होती है, जैसे राम जी की शादी किशोरावस्था में हुई, कृष्णा जी के शादी किशोरावस्था में हुई। लेकिन कुछ हिन्दू ये समझते है, की हिन्दू धर्म में शादी के लिए ये आयु बताई गयी है, जो की एक गलत फ़हमी है l
इसी तरह हिन्दू धर्म और हिन्दू मैरिज एक्ट में बहुत से अंतर है, जिसमे
ReplyDeleteकुछ मुख्य अंतर निम्न है।
1 >>>>> सब से बड़ा अंतर हिन्दू धर्म और हिन्दू मैरिज एक्ट में है,
तलाक। हिन्दू धर्म में तलाक का कोई नियम नही है, यहाँ तक की तलाक शब्द का कोई पर्यायवाची शब्द तक नही है। हिन्दुओ को तलाक का हक हिन्दू मैरिज एक्ट देता है, न की हिन्दू धर्म।
2 >>>>> दूसरा सब से बड़ा अंतर है, शादी की उम्र का। हिन्दू धर्म में शादी की कोई निश्चित उम्र नही है, हिन्दू धर्म में अधिकतर
शादी किशोरावस्था में होती थी, जबकि हिन्दू मैरिज एक्ट 1955 के अनुसार भारत में शादी की उम्र लड़के के लिए 18 वर्ष और
लड़की के लिए 15 वर्ष थी, जिसको 1978 में संशोधन कर के लड़के के लिए 21 वर्ष और लड़की के लिए 18 वर्ष कर दिया गया।
3 >>>>> हिन्दू मैरिज एक्ट के अनुसार अगर कोई आदमी अपनी पत्नी को तलाक देता है, तो उसको गुजरा भत्ता देना होता है, जबकि हिन्दू धर्म में तलाक का कोई नियम ही नही है, तो गुजर भत्ता देने का कोई सवाल ही नही।
4 >>>>> हिन्दू मैरिज एक्ट के अनुसार हर हिन्दू को अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है, जबकि हिन्दू धर्म में ऐसा कोई नियम नही।
5 >>>>> किसी स्त्री के पति के मर जाने पर उसको विधवा पुनर्विवाह का अधिकार हिन्दू मैरिज एक्ट देता है, जबकि हिन्दू धर्म में विधवा पुनर्विवाह का कोई नियम नही है।
मोदी को रोकने का असफल प्रयास ...?.
ReplyDelete.
.
अब न रुकेंगे ,,,,,,
अब न झुकेंगे ,,,,,
चलने को मिल गया हैं राह
बड़ा ,,,,,
मंजिल दूर
सही ,,,,क्या करना ,,,,?
पलट के देख ,एक
नहीं ,दो नहीं ,पूरा कारव
खड़ा ,,
पथिक ,अब तो तूं हैं चल
पड़ा …………….
हैं इतिहास को बदलना ,,
ना टूटना हैं
ना बिखरना ,,,,,,
अब तो संग -संग हैं चलना ,,
कोहरे से काफिला हैं
निकल पड़ा ,,,
पथिक ,अब तो तू हैं चल
पड़ा ………..
सिक्के की खनक पे ,,
थिरकने वाले ये कदम
नहीं ,,,,,,,,
बिकने वाले जुलुस का ,,,
हिस्सा अब हम नहीं ,,,,,
आज
दीवानों की रैली निकली
यारों,,,,,,,,,,,
रोक सके कोई ,किसी में
इतना दम नहीं …………
आज पटना रैली की भीड़ और बम ब्लास्ट मेरे (एक पत्रकार) जेहन में हमेशा बना रहेगा। मैं मंच के ठीक सामने दुसरे बॉक्स में बैठा था और एक ब्लास्ट मुझसे मात्र 100 मीटर की दूरी पर हुआ। इस प्रकार की घटना मेरे जीवन में पहली बार हुई। लोग ब्लास्ट के बावजूद मैदान से नहीं हटे। कोई भगदड़ नहीं हुई वरना तस्वीर और भी भयानक हो गयी होती। इसके लिए मैं बीजेपी नेताओं की सराहना करूँगा कि उन्होंने पटाखे की बात कह कर एक बड़ी भगदड़ होने से बचा लिया। मोदी को भी दाद देना पड़ेगा जिसने बम ब्लास्ट के बाद भी रैली निरस्त नहीं की। वाह हिम्मत।
ReplyDeleteमोनिया जी यदि आप अभी भी सोचती हो कि (_____)के फेल होने जाने के बाद आप चियंका दाड्रा को लिपा- पुता कर भारतीय नारी का चोला उढ़ाकर रैलीयोँ में भेजोगी और सत्ता में वापस आ जाएगी, तो आपके तलवे चाटने वाले गुलामों ने आपको ये अबतक की सबसे घटिया वा कभी ना साकार व कभी न सरकार बनने वाली राय दी है,
ReplyDeleteअच्छा होगा कि आपको जो पांच महीने बाद अपने लल्ला को उटली लेकर भागना है, वहाँ आप आज ही निकल लीजिये. आप की पार्टी जो पांच महीने में गधे को घोडा बनाने वा उसको रेस में दौड़ाने के लिए पैसा खर्च करेगी वो तो कम से कम बचेगा,.
अगर ये बम्ब धमाके पटना में सोनिया या राहुल की सभा में होते तो नितीश की सरकार अभी तक बर्खास्त कर दी गयी होती. क्या ये बात सही नहीं है ??
ReplyDeleteचलो मोदी को नहीं लाते हैं.....|
ReplyDeleteकोई और विकल्प बताते है.....||
चलो नेहरु को ले आते हैं, एक और पाकिस्तान बनाते हैं.....|
हम खून पसीना बहा कर आयकर चुकायेंगे,
और वो अपना कोट विदेश में धुल्वायंगे......||
चलो हाथी पर भरोसा जताते हैं, जो लडते हैं धर्म के नाम पर.....|
उन्हें जात के नाम पर लड़वाते हैं......||
चलो साइकल में हवा भरवाते हैं, शहर में जंगल राज चलवाते हैं.....|
अनपढ़ से आइयाशी और पढ़े लिखो से रिक्शा चलवाते है.....||
या सर्वोतम विकल्प फिर से कांग्रेस को लाते हैं,
बच्चों से राहुल
की जीवनी पढवाते हैं....|
आँखों पर पट्टी बांध कर खाई में कूद जाते है.......||
आज समझ आया क्यूँ अक्सर विदेशी, कुत्तों और भारतीयों पर रोक लगाते
हैं.....|
क्यूंकि कुत्ते घी, और हम शांति-सत्य-सकूनऔर इज्ज़त हजम नहीं कर पाते हैं....||
एक आजम खां जो भारत माँ को डायन कहता है.....|
एक दिग्विजय जो हर औरत को टंच समझते हैं.....||
किसी को भी सत्ता में लाते हैं, बाऊ बाऊ चिलाते है....|
नहीं मोदी को नहीं लाते हैं, कोई और विकल्प बताते है.....||
जय हिंद, जय भारत, वंदेमातरम.
अब हमें नींद से जगना होगा।
ReplyDeleteअब हमें लड़ना होगा।
किस बात पर गर्व करे.....??
लाखों करोड़ के घोटालों पर...?
85 करोड़ भूखे गरीबों पर...?
62 प्रतिशत कुपोषित इंसानों पर...?
या क़र्ज़ से मरते किसानों पर...?
किस बात पर गर्व करे.....??
जवानों की सर कटी लाशों पर...?
सरकार में बैठे अय्याशों पर....?
स्विस बैंकों के राज़ पर...?
प्रदर्शनकारियोंपर होते लाठीचार्ज पर...?
किस बात पर गर्व करे......??
राज करते कुछ परिवारों पर....?
उनकी लम्बी इम्पोर्टेड कारों पर....?
रोज़ हो रहे बलात्कारों पर...?
या भारत विरोधी नारों पर...?
किस बात पर गर्व करे......??
महंगे होते आहार पर....?
अन्याय की हाहाकार पर....?
बढ़ रहे नक्सलवाद पर....?
या देश तोड़ते आतंकवाद पर....?
किस बात पर गर्व करे.......??
जवानों की खाली बंदूकों पर....?
सुरक्षा पर होती चूकों पर....?
पेंशन पर मिलते धक्कों पर.....?
या IPL के चौकों-छक्कों पर....?
किस बात पर गर्व करे......??
किसानों से छिनती ज़मीनों पर....?
युवाओं की खिसकती जीनों पर....?
संस्कृति पर होते रेलों पर.....?
या क्रिकेट-कॉमनवेलथ खेलों पर....?
किस बात पर गर्व करे......??
साढ़े 900 के सिलेंडर पर...?
दुश्मन के आगे होते सरेंडर पर....?
इस झूठी शान पर....?
या 'इंडियन' होने की पहचान पर....?
किस बात पर गर्व करे.....??
किस बात पर गर्व करे.....?
करोडोँ की शो करके आमिर नैशनल हीरो बने तो
ReplyDeleteआगे कैसे बढे . .
.
जब विदेशी Status Symbol
हो और स्वदेशी cheap लगे तो आगे कैसे बढे . .
जब और
सामने सर झुकना Boring लगे तो आगे
कैसे बढे . .
जब Dirty Picture को नैशनल अवार्ड मिले
और पान सिंह तोमर आगे कैसे बढे . .
जब राजेश खन्ना के मृत्यु पर मीडिया विधवा अलाप करे
और क्रांतिकारियों के शहादत दिवस पर एक दीपक भी न
जले तो
कैसे बढे . .
जब माल
में जेब कटवाए और बाहर पे मोल भाव करे तो
आगे कैसे बढे . .
जब युवाओं को हिंदी बोलने में घिन और सर्वश्रेष्ठ
भाषा कहे तो
कैसे बढे . .
गर्लफ्रेंड के लिए
कविताएं लिखने वाला युवा अगर देश की स्थिति पे मौन रहे तो
आगे कैसे बढे . .
अनगिनत
भी अगर हिंदू चरित्र पतन करे तो
धर्म निरपेक्षता के नाम पर किसी को ठगा जाए
और हम शांत रहे तो
आगे कैसे बढे . .
इन लाइनों को पढकर
कुछ एहसास ना हो और कांग्रेस के राज मे रोज हजार
और आप चुप बैठे तो
आगे कैसे बढ़े ...
आपको प्रधाननमंत्री क्यूँ बनाएं ?
ReplyDeleteक्यूँ दें वोट आपको ?
क्यूंकि आपकी दादी मर गयी ..
आपके पापा मर गए ...
आपकी दादी, पापा के मरने से आप
की योग्यता सिद्ध हो गयी ?
हमें देश का प्रधानमन्त्री चाहिए ,,
रुदाली फिल्म की रीमेक की कास्टिंग
नहीं हो रही है यहाँ ...
ये बताओ ---
विकास दर कम क्यूँ ?
आगे क्या होगा ?
रुपया क्यूँ गिरा ?
महंगाई क्यूँ बढ़ी, क्या उपाय कर रहे हो ?
पाकिस्तान-चीन का क्या सोल्यूशन है ?
कश्मीर का क्या सोचे हो ?
काला धन कैसे लाओगे ?
लोकपाल का क्या करना है ?
लोगों को आपकी खून-चुसू (टैक्स )से कब
राहत मिलेगी ?
वायदा कारोबार क्यूँ ख़त्म न
किया जाय ?
धार्मिक पक्षपात कब तक करोगे ?
घोटाला क्यूँ हुआ ?
आर्थिक निति,
विदेश निति,
वैश्वीकरण,
आतंकवाद,
नक्सल,
FDI पर क्या सोचते हो ?
अगर परिवार
का मरना ही योग्यता का पैमाना है
तो किसी किसान/गरीब को क्यूँ न वोट दूं ?
जिसका सारा परिवार
तुम्हारी दी हुयी गरीबी की भेंट चढ़ गए
।।
2926 पदों पर
ReplyDeleteभर्ती बनी बड़ी चुनौती 0
प्रदेश के
ग्राम
पंचायत
अधिकारियों (सेक्रेटरी)
की भर्ती सरकार के लिए
किसी चुनौती से कम नहीं होगी।
प्रदेश में 2926 पदों के लिए
जिला स्तर पर चल रही भर्ती के
लिए करीब 40 से 50 लाख आवेदन
किए जाने का अनुमान है।
यानी एक-एक पद पर
हजारों आवेदकों के बीच जोर
आजमाइश। इसके अलावा चयन
प्रक्रिया जिस तरह की तय की गई
है, उसे लेकर सरकारी हेल्पलाइन पर
ढेर सारे सवाल आ रहे हैं।
हालांकि पंचायतीराज मंत्री बलराम
यादव का कहना है
कि भर्ती अच्छी तरह से होगी,
किसी को किसी तरह की शिकायत
का मौका नहीं मिलेगा।
प्रदेश में ग्राम पंचायत
अधिकारियों के रिक्त पदों पर
भर्ती के लिए आवेदन की समय
सीमा 19 अक्टूबर को खत्म
हो चुकी है।
जिला स्तर पर जिला पंचायतराज
अधिकारियों द्वारा की जाने वाली इस
भर्ती के लिए अब जिलों से गिनती के
पदों पर जिस तरह से हजार और
लाख में आवेदन आने की सूचनाएं आ
रही हैं। इससे भर्ती से जुड़े
अफसरों की चिंता साफ नजर आ
रही है।
प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री बलराम
यादव के गृह जिले आजमगढ़ में करीब
ढाई लाख आवेदन आने की खबर है
तो सीतापुर में 110 पदों के लिए
आवेदकों का आकड़ा तीन लाख पार
कर गया। सुल्तानपुर में भी 51
पदों के लिए एक लाख से ज्यादा लोग
नौकरी की होड़ में खड़े हैं।
अधिकारी बताते हैं कि यही हाल
कमोवेश हर जिले में है।
इस बीच शासन ने पंचायतीराज
निदेशालय व जिलों में डीपीआरओ व
उप निदेशक कार्यालयों पर
जो भर्ती हेल्पलाइन शुरू कराई
वहां मेरिट बनाने के तरीके और
इंटरव्यू की व्यवस्था को लेकर ढेर
सारे सवाल आ रहे हैं।
पंचायत विभाग के एक वरिष्ठ
अधिकारी बताते हैं
कि बेरोजगारों की जिस कदर भीड़
सामने आई है उसको संतुष्ट कर
भर्ती निपटाना किसी चुनौती से कम
नहीं है। हालांकि विभाग अब
आवेदकों के आवेदन
पत्रों की छंटनी कर उन्हें इंटरव्यू के
लिए बुलाने के लिए काल लेटर तैयार
करने में जुट गए हैं।
हेल्पलाइन में जो सवाल आ रहे
ज्यादा
सवाल एक:- ग्राम पंचायत
अधिकारी भर्ती के लिए
योग्यता इंटरमीडिएट तय की गई है।
फिर मेरिट स्नातक के
अंकों को जोड़कर बनाने की बात
क्यों हो रही है? क्या सरकार इसे
बदलेगी?
सबसे ज्यादा आने वाली शिकायतों में
यह सवाल सबसे ऊपर है।
सवाल दो:- इंटरव्यू किस तरह से
होगा। क्या पद के लिए आवेदन करने
वाले समस्त
आवेदकों को बुलाया जाएगा या फिर
सीट के आधार पर कोई संख्या तय
की जाएगी। सीट से
ज्यादा लोगों को बुलाए जाएंगे
तो उसके लिए क्या मानक
बनाया गया है?
सवाल तीन:- क्या सभी जिलों में एक
ही दिन इंटरव्यू होगा या अलग-अलग
दिनों में होगा? क्या एक से अधिक
आवेदन करने पर अलग-अलग
जिलों में इंटरव्यू में शामिल हुआ
जा सकता है?
सवाल चार:- 100 नंबर की चयन
प्रक्रिया में शैक्षिक रिकार्ड के 50
नंबर के बराबर क्या इंटरव्यू के लिए
50 नंबर रखना ठीक है? क्या यह
नियम के अनुसार है? क्या सरकार
इसी आधार पर इंटरव्यू कराएगी?
जिले का नाम ---------- कुल पद
---------- आवेदन
गोंडा ---------- 53 ----------
75,240
सुल्तानपुर ---------- 51 ----------
1,00,635
अमेठी ---------- 45 ----------
48,461
रायबरेली ---------- 50 ----------
75,000
बहराइच ---------- 49 ----------
52,000
फैजाबाद ---------- 54 ----------
92,000
बलरामपुर ---------- 50 ----------
32,000
सीतापुर ---------- 110 ----------
3,04,375
श्रावस्ती ---------- 27 ----------
19,000
आजमगढ़ ---------- 115 ----------
2,50,000
नोट: यह आवेदन
पत्रों की स्क्रूटनी के पहले
की अनुमानित संख्या है।
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ReplyDelete.
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JAIL WALI
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Raat ke Khwaabon Me Tumhari Judaai
Bardasht
Nahi,
Nikal Pada Hun fir ek nayi Subah Ke Sath
Tumhari Talaash Me...!!!
गली गली दंगे होते हैं, देश प्रेम का नाम नहीं,
ReplyDeleteनेता बन कुर्सी पर बैठे, पर जनहित का काम नहीं,
अब फिर इनके कर्तव्यों की, स्मृति हमें दिलाना है,
भारत को खुशहाल बनाने, आज क्रांति फिर लाना है...!!
२०१४ में नया "भारत" बनाना है... !
1. एक वयस्क व्यक्ति के शरीर में 206
ReplyDeleteहड्डियाँ होती हैं जबकि बच्चे के शरीर में 300
हड्डियाँ होती हैं (क्योंकि उनमें से कुछ गल जाती हैं
और कुछ आपस में मिल जाती हैं)।
2. मनुष्य के शरीर में सबसे छोटी हड्डी स्टेप्स
या स्टिरुप (stapes or stirrup) होती है
जो कि कान के बीच में होती है तथा जिसकी लंबाई
लगभग .28 से.मी. होती है।
3. मनुष्य के शरीर में मोटोर न्यूरोन्स (motor
neurons) सबसे लंबी सेल होती है जो कि रीढ़
की हड्डी से शुरू होकर पैर के टखने तक जाती है और
जिसकी लंबाई 4.5 फुट (1.37 मीटर) तक
हो सकती है।
4. मनुष्य की जाँघों की हड्डियाँ कंक्रीट से
भी अधिक मजबूत होती हैं।
मनुष्य की आँखों का आकार जन्म से लेकर मृत्यु तक
एक ही रहता है जबकि नाक और कान के आकार
हमेशा बढ़ते रहते हैं।
5. आदमी एक साल में औसतन 62,05,000 बार
पलकें झपकाता है।
खाए गए भोजन को पचने में लगभग 12 घण्टे लगते
हैं।
6. मनुष्य के जबड़ों की पेशियाँ दाढ़ों में 200 पौंड
(90.8 कि.ग्रा.) के बराबर शक्ति उत्पन्न करती हैं।
7. अभी तक प्राप्त आँकड़ों के अनुसार सबसे
भारी मानव मस्तिष्क का वजन 5 पौंड 1.1 औंस.
(2.3 कि.ग्रा..) पाया गया है।
8. एक सामान्य मनुष्य अपने पूरे जीवनकाल में
भूमध्य रेखा के पाँच बार चक्कर लगाने
जितना चलता है।
9. मनुष्य की मृत्यु हो जाने के बाद भी बाल और
नाखून बढ़ते ही रहते हैं।
मनुष्य की चमड़ी के भीतर लगभग45 मील (72
कि.मी.) लंबी तंत्रिकाएँ (नसें) होती हैं।
10. मनुष्य के शरीर के भीतर रक्त प्रतिदिन
60,000 मील (96,540 कि.मी.)
दूरी की यात्रा करता है।
डेंगू का उपचार: आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के
ReplyDeleteतौर पर उभरा है, पूरे भारत में ये बड़ी तेजी से
बढ़ता ही जा रहा है जिससे कई लोगों की जान
जा रही है l
यह एक ऐसा वायरल रोग है जिसका माडर्न
मेडिकल चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है
परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है और
वो इतना सरल और सस्ता है कि उसे कोई भी कर
सकता है l
तीव्र ज्वर, सर में तेज़ दर्द, आँखों के पीछे दर्द
होना, उल्टियाँ लगना, त्वचा का सुखना तथा खून
के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम होना डेंगू के
कुछ लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न
किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी सकती है l
यदि आपके आस-पास किसी को यह रोग हुआ
हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम
होती जा रही हो तो चार
चीज़ें रोगी को दें :
१) अनार जूस
२) गेहूं घास रस
३) पपीते के पत्तों का रस
४) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व
अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने
तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने
के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है
यदि गेहूं घास रस ना मिले तो रोगी को सेब का रस
भी दिया जा सकता है l
- पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है,
पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है
उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मरीज़
को दिन में २ से ३ बार दें , एक दिन की खुराक के
बाद ही प्लेटलेट की संख्या बढ़ने लगेगी l
- गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में २-३
बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढती है,
रोग से लड़ने की शक्ति बढती है तथा कई
रोगों का नाश होता है l यदि गिलोय की बेल
आपको ना मिले
तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में
जाकर "गिलोय घनवटी" ले आयें जिसकी एक एक
गोली रोगी को दिन में 3 बार दें l
यदि बुखार १ दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच
अवश्य करवा लें l
यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में
थोडा नीम्बू मिला कर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद
हो जाएंगी l
ये रोगी को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है तब
भी यह चीज़ें रोगी को बिना किसी डर के
दी जा सकती हैं l
डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये
उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग
जल्दी ख़त्म होता है
इस तरह की नौटंकी सिर्फ भारत मेँ ही हो सकती हैँ कि जान का डर राहुल गाँधी को लगे और धमाके मोदी की रैली मेँ. . . . . . . . .
ReplyDeleteपति काम से घर जल्दी आ गया,
ReplyDelete.
पत्नी ने ये देखा तो घबरा कर
प्रेमी को पाउडर लगा कर, कोने में मूर्ति की तरह खड़ा कर दिया.
.
पति कमरे में आया तो उसने मूर्ती देखी और पूछा
.
पति-:"ये क्या है?"
.
पत्नी मुस्कुराते हुए बोली:"जी ये मूर्ति गुप्ता जी ने दी है."
.
पति कुछ ना बोला, और काम काज में व्यस्त हो गया
.
आधी रात को उठ कर मूर्ति के आगे सेंडविच रख कर बोला.
पति-:"खा लो गुप्ता जी, परसों मैं भी तुम्हारे घर सारी रात ऐसे
ही खड़ा रहा किसी ने पानी तक भी . . . . . . . . . . . . . . . . . .
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कुंबले -धोनी जी के बाद अब
ReplyDeleteबंगाल का टाइगर भी आ गया है।
दादा करेंगे बीजेपी का प्रचार ....................
एक "लीडर" जिसने खेल को देशभक्ति शान और
जज्बात से खेला और बताया की बात जब देश
की/पे हो तो खेल केवल "खेल" भर नही होता .... 2014 के चुनावों मे BJP का प्रचार करेंगे हमारे
'दादा ' 'सौरव गांगुली'
ये वो ही राष्ट्रवादी क्रिकेटर हैं ...
जिन्होंने उत्तराखंड पीडितो को निजी '' 1 करोड़ '
रूपये दान किये थे जबकि वह क्रिकेट नही खेल रहे हैँ। और एक ओर तेलु जी है जिन्होने
उनसे ज्यादा अमीर होते हुए भी वहाँ के लिए
पंजी भी नहीं दी
आप किसके साथ हो ? ''' सचिन या दादा' '
माना की सामान्य मुसलमान हिंदू से नहीं लड़ना चाहता और सामान्य हिंदू भी मुसलमान से नहीं लड़ना चाहता| यह भी माना की हम दोनों को संयुक्त रूप से गरीबी और अशिक्षा से संघर्ष करना चाहते हैँ। किन्तु यक्ष प्रश्न है ..यह आतंकवाद आता कहाँ से है? आदरणीय मोदी जी हम आपके सबसे बड़े समर्थक हैं इस नाते आपका विरोध करने का भी अधिकार हमारे पास है| कोई भी बाहरी देश तब तक किसी देश की आतंरिक स्थितियों में दखल नहीं दे सकता जब तक भीतर के लोग उसका समर्थन न कर रहे हों| पटना की हुंकार रैली में इस तरह का प्रश्न पूछने का कोई औचित्य ही नहीं था| याद रखिये हम आर्थिक गरीबी सह सकते हैं किन्तु मानसिक दरिद्रता असहनीय है| हम अपने अस्तित्व को खोकर कोई समझौता नहीं करते, चाहे वह कोई भी क्यों न हो? राणा ने घास की रोटियां खायी लेकिन कोई समझौता नहीं किया| हम उन्हीं के अनुगामी हैँ क्योंकि हम भारतीय पहले हैं और भाजपा /बसपा/सपा/जद/राजग बाद में|
ReplyDeleteउर्दू टीचरोँ की भर्ती 100% असंवैधानिक है ये हम सब जानते हैँ
ReplyDeleteपुराने विज्ञापन मेँ क्या विज्ञान शिक्षकोँ की आधी रिक्तियाँ नही थीँ ? अगर रोकना ही है तो उर्दू भर्ती रोकिये,
NCTE की गाइडलाइन मेँ दो अलग-अलग भाषाओँ को चुन सकते है ना कि Maths, और अन्य विषय हटाकर 60 नंबरोँ के निबंध लिख सकते है
Please see the NCTE rules for Conducting TET-
http:// www.ncte-india.o rg/ RTE-TET-guidelin es%5B1 %5D%20(la test).pdf
सेवानिवृत्त शिक्षकों के
ReplyDeleteभरोसे होंगी कक्षाएं
-11 माह के लिए रखे जाएंगे 10,933 शिक्षक
-बेसिक शिक्षा परिषद ने तैयार किया प्रस्ताव
बी. सिंह
इलाहाबाद। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में
शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अवकाश
प्राप्त (रिटायर) शिक्षकों का सहारा लिया जाएगा।
सेवानिवृत्त शिक्षकों को मानदेय पर रखकर
शिक्षकों की कमी दूर करने का प्रस्ताव तैयार
किया गया है। विभाग का कहना है कि जिन
शिक्षकों ने 30 जून 2013 को 62 वर्ष की सेवा पर
अवकाश प्राप्त किया है उन्हें सरकार 7000 हजार
रुपये प्रतिमाह मानदेय देकर पढ़ाई करायेगी। इनसे
अधिकतम 65 वर्ष की आयु पूरी करने तक पढ़ाई
का कार्य लिया जायेगा। शासन बेसिक
शिक्षा निदेशालय से ऐसे शिक्षकों का ब्यौरा तैयार
कराया जा रहा है। इन शिक्षकों की कुल
संख्या 10,933 बताई जा रही है। इनको केवल 11
माह के लिए रखा जाएगा।
शिक्षा विभाग के लोगों का कहना है कि सरकार
ऐसा इसलिए कर रही है ताकि शिक्षामित्रों के
विनियमित करने और कोर्ट-कचहरी से बचा जा सके।
मौजूदा समय में प्राथमिक विालयों में 2,36,398
सहायक शिक्षकों तथा उच्च प्राथमिक स्कूलों में इस
समय 55,508 शिक्षकों के पद खाली हैं। अवकाश
प्राप्त शिक्षकों को दोबारा तीन वर्ष के लिए मानदेय
पर रखे जाने पर भी इस समस्या का निदान नहीं होने
जा रहा है। सपा सरकार 72,825
शिक्षकों की नियुक्ति को आगे नहीं पढ़ा पा रही है।
मामला लम्बे अर्से से कोर्ट में चल रहा है। एक तरफ
सरकार युवाओं की तरफदारी करती है दूसरी तरफ
उम्रदराज शिक्षकों को मानदेय पर पढ़ाने का अवसर दे
रही है। जो लोग अपने पूरे 62 वर्ष की अवस्था तक
पढ़ाई के प्रति ईमानदार नहीं रहे अब अवकाश प्राप्त
करने के बाद उनसे पढ़ाई में
गुणवत्ता या सक्रियता की उम्मीद कैसे
की जा सकती है।11 माह के लिए रखे जाएंगे 10,933
शिक्षक
बेसिक शिक्षा परिषद ने तैयार किया प्रस्ता
aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa
ReplyDeleteOh! Thats imaging .
ReplyDeleteMERE TET SUPPORTER SATHIYO....
ReplyDelete1) ACORDING TO TET MORCHA VIDHIK SALAHKAR ADVOCATE NAVIN SHARMA...COURT NO.37 ME PICHHALE KU6 DINO SE FRESH CASE KI SANKHYA KAFI KAM RAHI HAI..ASHA HAI 30 KO V FRESH CASE KAM HO,,WAISE ASHOK BHUSHAN JI KE BENCH ME FRESH CASE KAM RAHTE HAI..AAJ COURT NO.37 ME KUL 12 FRESH 10 SUPLIMENTRY AUR 1 UNLISTED THE..ISASE ASHA HAI APNA CASE FRESH CASE KAM HONE PAR 4 NO. LISTED LUNCH KE PAHLE NUMBER AA JAYE..
2) HAMARE WAKIL SUBAH 10 BJE HI MENTION KARYENGE..TAKI HAME EK TIME JARUR MILE..AUR US DIN KU6 POSITIVE RESULT V MILE..
ReplyDelete3) 1 NOV. SE 5 NOV. TAK HIGH COURT ME DIPAWALI KE KARAN HOLIDAY RAHEGA ,SO NEXT DATE 11 NOV WALE WEEK ME LAG SAKTI HAI KYUKI WORKING DAY COUNT KARKE NEXT DATE MILTI HAI..WAISE AGAR CASE NEXT DATE PAR UNLIST HO JAY TO JUDGE KI SAHMATI SE 6 NOV. WALE WEEK ME V DATE LAG SAKTI HAI.
ReplyDelete4)HAMARA CASE ME CAUSE LIST ME FOR FINAL ORDER LIKH KAR AA RAHA HAI,,AISA TAB AATA HAI JAB CASE ME COUNTER AUR REJOINDER SAB JMA HO CHUKA HOTA HAI, AUR US PAR BAHAS V PURI HO CHUKI HO..APNE CASE KI TASVIR SAAF HAI FIR V GOV. WAKIL AGAR KU6 AUR BAHAS KARENGE TO HAMARE HIGH COURT KE TOP 5 BEST WAKILO KA PANNEL UNHE APNI DHARDAR BAHAS SE CHITT KAR DENGE..WAISE HARKOULI SIR UNKI HAR BAT KO PAHLE KHARIJ KAR CHUKE HAI..UNKE PAS KAHNE KO KU6 NAHI HAI.
ReplyDelete5)AGAR GOVT. WAKIL NE KU6 AUR BAHAS KI TO SAYAD ORDER AANE ME 2 YA 3 DATE LAGE...WARNA FINAL ORDER KISI V DIN AA SAKTA HAI..
ReplyDelete
ReplyDelete6) FRESH CASE NEW WRIT YA SPECIAL APEAL RAHTI HAI,JINHE SUNANE ME JYADA SAMAY NAHI LAGTA..USME SIRF AFIDEFITE VAGAIRAH DENE KO KAHKAR NEW DATE DE DETE HAI..BAHUT JARURI HONE YA STAY KI BAT HONE PAR KU6 TIME BAHAS CHALTI HAI..AAJ BHUSHAN JI NE COURT NO.37 AUR COURT NO.29 KE TRANSFER FRESH CASE JO KUL MILAKAR 60 SE 70 KE KARIB THE..LUNCH KE PAHLE SUN CHUKE THE..ISASE LAGTA HAI ASHOK BHUSAN JI KAFI ACTIVE JUDGE HAI
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Jay tet
ReplyDelete6) FRESH CASE NEW WRIT YA SPECIAL APEAL RAHTI HAI,JINHE SUNANE ME JYADA SAMAY NAHI LAGTA..USME SIRF AFIDEFITE VAGAIRAH DENE KO KAHKAR NEW DATE DE DETE HAI..BAHUT JARURI HONE YA STAY KI BAT HONE PAR KU6 TIME BAHAS CHALTI HAI..AAJ BHUSHAN JI NE COURT NO.37 AUR COURT NO.29 KE TRANSFER FRESH CASE JO KUL MILAKAR 60 SE 70 KE KARIB THE..LUNCH KE PAHLE SUN CHUKE THE..ISASE LAGTA HAI ASHOK BHUSAN JI KAFI ACTIVE JUDGE HAI
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Jay tet
ReplyDelete6) FRESH CASE NEW WRIT YA SPECIAL APEAL RAHTI HAI,JINHE SUNANE ME JYADA SAMAY NAHI LAGTA..USME SIRF AFIDEFITE VAGAIRAH DENE KO KAHKAR NEW DATE DE DETE HAI..BAHUT JARURI HONE YA STAY KI BAT HONE PAR KU6 TIME BAHAS CHALTI HAI..AAJ BHUSHAN JI NE COURT NO.37 AUR COURT NO.29 KE TRANSFER FRESH CASE JO KUL MILAKAR 60 SE 70 KE KARIB THE..LUNCH KE PAHLE SUN CHUKE THE..ISASE LAGTA HAI ASHOK BHUSAN JI KAFI ACTIVE JUDGE HAI
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Jay tet
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पदों पर भर्ती के मामले में काफी दिनों से सुनवाई नहीं हुई है और अपने अधिकार के लिए संघर्षरत मित्रों को इसपर सुनवाई हो पाना और बहस हो पाना भी फिलहाल एक उपलब्धि ही प्रतीत होगी। पर यह भी न भूलें कि कुछ तारीखों पर सुनवाई के दौरान बहस को वो मोड़ दिया गया, ऐसे नज़रिये पेश किये गए जिसने मामले को कहीं का कहीं पहुंचा दिया। अतः केवल बहस नहीं, सिर्फ और सिर्फ सही दिशा में बहस की जरुरत है। मौजूदा हालत में सबसे सही दिशा तो वही होगी जो आदरणीय हरकौली जी अपने अबतक के आदेशों में दिखा गए हैं। इस से इतर कोई दृष्टिकोण पेश करना या कोई नई पेंच पैदा करना आत्मघाती होगा। अतः तारीख का इंतज़ार नहीं, तैयारी करिये।
यह कहने की आवश्यकता इस लिए पड़ी क्यूंकि कुछ विश्वसनीय मित्रो से मिली जानकारी के अनुसार किसी याची-समूह द्वारा टेट-मेरिट से चयन की वकालत के नाम पर "बृहद पीठ के आदेश में टेट-वेटेज की अनिवार्यता" का उल्लेख किया जा सकता है। जब सवाल 12 संशोधन से चयन या 16वें संशोधन से चयन का है तो वेटेज का उल्लेख यहाँ नितांत अप्रासंगिक है। जब किसी जमीन का पट्टा पहले ही लिखित रूप से आपके नाम हो तो अपना हक़ साबित करने के लिए बुआ के दामाद की गवाही दिलाने की बात करना, मामले के सीधे और त्वरित निपटारे से बचने के समान है। ऐसा कोई प्रयास न हो, इसे हर सक्रिय साथी अपने स्तर से सुनिश्चित करे।
हर वकील पर आँख मूँद कर भरोसा करना घटक हो सकता है। अपने अगुवों से हर बात की जानकारी भी लेते रहें ताकि आपको समय से पता चलता रहे कि हो क्या रहा है, होने क्या जा रहा है? वर्ण किसी दिन मामला फिर किसी और बेंच में जुड़ा दिख सकता है। वकील कितने भरोसेमंद हो सकते हैं, कितने काबिल हो सकते हैं और किस हद तक जा सकते हैं, इसकी एक नज़ीर देखिये।
ReplyDeleteशिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने के लिए दिए जा रहे दो वर्षीय प्रशिक्षण के खिलाफ संतोष कुमार मिश्रा की और से स्वनामधन्य श्री अशोक खरे ने रिट ए संख्या 28004/2011 (संतोष कुमार मिश्रा एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य) दायर की और मामला इतना स्पष्ट था कि 18.5.2011 को जस्टिस कृष्णा मुरारी ने इसे प्रथम दृष्टया गलत मानते हुए प्रशिक्षण पर स्थगनादेश जारी करते हुए इसे रोक दिया।
स्थगनादेश हटाने के लिए राज्य सरकार द्वारा खंडपीठ में स्पेशल अपील संख्या 1032 of 2011(उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य बनाम संतोष कुमार मिश्रा एवं अन्य) दायर कर दो वर्षीय प्रशिक्षण दिलाने को राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय बताया गया और पीठ ने 30.05.2011 को स्थगनादेश हटाते हुए स्पष्ट किया कि इस प्रशिक्षण की वैधता रिट ए संख्या 28004/2011 (संतोष कुमार मिश्रा एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य) में न्यायालय के अतिम निर्णय के अधीन तय होगी।
जस्टिस दिलीप गुप्ता की पीठ में रिट ए संख्या 28004/2011 (संतोष कुमार मिश्रा एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य)पर 26 सितम्बर से 29 सितम्बर 2011 और 10 अक्टूबर से 14 अक्टूबर 2011 तक लगातार बहस का नाटक चला और निर्णय सुरक्षित कर लिया गया। नाटक इसलिए कहना उचित समझता हूँ क्यूंकि निर्णय सुरक्षित रखने के बाद भी पीठ ने लगभग 9 महीने तक निर्णय नहीं दिया बल्कि 06.07.2012 को इस मामले की पुनः सुनवाई शुरू की। अब आपको इसकी वजह बताता हूँ। पुनः सुनवाई की नौबत इसलिए आई क्यूंकि कोर्ट में हुई सारी बहस पूर्णतया निरुद्देश्य और निरर्थक हो गई क्यूंकि एक समानांतर घटनाक्रम के कारण स्वयं याची और उसके अधिवक्ता की निगाहें कही और थी और निशाना कहीं और था, या यूँ कहें, "मुँह में राम, बगल में छुरी" क्यूंकि अब जो दिख रहा था वो एक छलावा था, दिखावा था। परदे के पीछे कुछ न कुछ ऐसा हुआ था कि मामले को निपटाने के बजाय अब सम्बंधित पक्ष इसे उलझा रहे थे, लटका रहे थे और दबा रहे थे। और इसका प्रयास एक अन्य मामले के जरिये जारी था।
इन्ही अशोक खरे महाशय ने रिट ए संख्या 50096/2011 (नव प्रकाश सिंह एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य) के मामले में ऐसे शिक्षामित्रों, जो प्रशिक्षण हेतु चयन में सरकार द्वारा लागू किये गए आरक्षण के प्रावधानों के कारण चयन से बाहर थे, को प्रशिक्षण के लिए अर्ह ठहराने को 1.9.2011 को जस्टिस दिलीप गुप्ता की पीठ में दलीलें दी। मामलों की विषयवस्तु पूर्णतः भिन्न होने के बावजूद 19.9.2011 को श्री खरे ने स्वयं कोर्ट से आग्रह करके रिट ए संख्या 28004/2011 (संतोष कुमार मिश्रा एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य) को भी रिट ए संख्या 50096/2011 के साथ सुनने का आग्रह किया जो स्वीकार हो गया। अजीब बात थी कि उसी कोर्ट में एक मामले में तो खरे जी प्रशिक्षण को सही मानकर किसी को उसमे शामिल कराने के लिए बहस कर रहे थे और दूसरे मामले में प्रशिक्षण को अवैध बताकर रोकने का प्रयास कर रहे थे, जो एक साथ सम्भव ही नहीं था। जाहिर है, किसी न किसी पक्ष को तो बरगलाया जा रहा था। ये लगभग वैसा ही मामला था कि बृहद पीठ में गैर-टेट को शामिल करने की बहस करना और साथ ही टेट-मेरिट से चयन की वकालत के लिए खड़ा दिखना। रिट ए संख्या 50096/2011 में 19 से 22 सितम्बर 2011 तक बहस के बाद 26 सितम्बर 2011 को निर्णय ऐसा सुरक्षित रख लिया गया कि 10 माह तक सुरक्षित रहा और और 06.07.2012 को इस मामले की पुनः सुनवाई शुरू हो गई। क्या था ये? कैसा खेल था?? क्या नाटक था???
जब 19.9.2011 को श्री खरे के आग्रह पर रिट ए संख्या 28004/2011 (संतोष कुमार मिश्रा एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य) की सुनवाई भी रिट ए संख्या 50096/2011(नव प्रकाश सिंह एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य) के साथ हो रही थी और एक साथ लिस्ट होने के बाद इन सभी पर 19, 20, 21, 22 और 26 सितम्बर 2011 तक एक साथ बहस हुई और निर्णय सुरक्षित रख लिया गया तो रिट ए संख्या 28004/2011 (संतोष कुमार मिश्रा एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य) की सुनवाई 26 सितम्बर से 29 सितम्बर 2011 और 10 अक्टूबर से 14 अक्टूबर 2011 तक अलग कैसे हो रही थी??
ReplyDelete10.9.2012 को याची संख्या 1, 9, 11, 12, 13, 15 तथा 16 और 16.5.2013 को याची संख्या 5, 8 तथा 14 द्वारा अपनी याचिका रद्द करने की प्रार्थना की गई जिसे पीठ ने ऐसे स्वीकार किया मानो यही वांछित परिणाम रहा हो। याची फिलहाल राज्य सरकार की सरकारी नौकरी में है और यह नौकरी पाने में इस रिट को वापस लेने की अहम् भूमिका बताई जाती है।
इस प्रकार शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने के लिए दिए जा रहे दो वर्षीय प्रशिक्षण के खिलाफ दायर रिट ए संख्या 28004/2011 (संतोष कुमार मिश्रा एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य) को, जो शिक्षा के अधिकार, शिक्षा की गुणवत्ता, रोजगार के अधिकार, समानता के अधिकार जैसे सन्दर्भों में अतिशय महत्त्व का है, आजतक दबा कर रखा गया है और मुझे सूचना मिली है की इस मामले से जुड़े लोगो द्वारा इसे पुनः झाड़-पोंछकर खड़ा करने के लिए एक लाख रुपये की आवश्यकता बताई जा रही है।
इस कहानी से कई शिक्षाएं मिलती हैं, कुछ आपके भी काम की हो सकती हैं।
धन्यवाद!!
मो. अखिलेश ने उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर में
ReplyDeleteहुए दंगों प्रभावित लोगों को पाँच पाँच लाख रुपए
देने का ऐलान किया है और इस तरह 90 करोड़
रुपया बाँटा जाएगा ।
और
दँगा प्रभावितोँ की सूची में एक भी हिंदू का नाम
नहीं है ।
-
क्या वहाँ हिंदू नहीं मारे गए ?
मुआवजे पर तो सभी का अधिकार होना चाहिए
क्योंकि दोनों पक्षों के लोग मरे हैं
इसे हम ग्लोबलाइजेशन कहते है क्योकि # भारतबहुत बड़ा है -
ReplyDelete• यदि आप “दक्षिण कोरिया” की सीमा अवैध रूप से पार करते हैं तो, आपको 12 वर्ष के लिये सश्रम कारागार में डाल दिया जायेगा.... !!
• अगर आप “ईरान” की सीमा अवैध रूप से पार करते हैं तो आपको अनिश्चितकाल तकहिरासत में ले लिया जायेगा....!!
• अगर आप “अफ़गानिस्तान” की सीमा अवैध रूप से पार करते हैं तो आपको देखते ही गोली मार दी जायेगी जायेगी....!!
• यदि आप"चीनी"सीमा अवैध रूप से पार करते हैं तो, आपका अपहरण कर लिया जायेगा और आप फिर कभी नहीं मिलोगे.... !!
• यदि आप"क्यूबा"की सीमा अवैध रूप से पार करते है तो... आपको एक राजनीतिक षडयंत्र के जुर्म में जेल में डाल दिया जायेगा....!!
• यदि आप"ब्रिटिश"बॉर्डर अवैध रूप से पार करते हैं तो, आपको गिरफ्तार किया जायेगा, मुकदमा चलेगा, जेल भेजा जायेगा और अपने सजा पूरी करने के बाद निर्वासित....!!
और
• यदि आप मुस्लिम है और यदि आप"भारतीय"सीमा अवैध रूप से पार कर गए थे, तो मिलता है :
एक राशन कार्ड, एक पासपोर्ट, एक ड्राइवर का लाइसेंस, मतदाता पहचान कार्ड,
क्रेडिट कार्ड सरकार रियायती किराए पर आवास, ऋण एक घर,खरीदने के लिए, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल, नई दिल्ली में एक लाबीस्ट, एक टेलीविजन चैनल, और विशेषज्ञ मानव अधिकार कार्यकर्ताओं के एक समूह के साथ धर्मनिरपेक्षता की डफली बजाने का अधिकार. और बाकि आप जो कहें.
शर्ते लागू - ये सुविधाए सिर्फ कांग्रेस शासन में "हो रहा भारत निर्माण योजना"
के तहत ही लागू
जिनका फ़ोन नंबर आपको जबान पे याद होता है...
ReplyDelete.
.
वो वही लोग होते हैं
.
.
जो आखिर में दिल तोड़ जाते हैं!!
जुदाई उन की, अब दिल को, बड़ी महसूस होती है।फिज़ा सावन की उस पर, अब बड़ी महसूस होती है।
ReplyDeleteपलट कर देखना, मुड़ के उनकी उन निगाहों का,लगावट उनकी आँखों की, बड़ी महसूस होती है।
सिंहरना, खा के बल उनका, हवा से, भीगने के बाद,शरारत उन हवाओं की, बड़ी महसूस होती है।
हमारी बन्द पलकों को, अचानक चूमना उनका,शरारत उन अदाओं की, बहुत महसूस होती है।
ख़ुशी में है घटा पागल भिगो कर राह में उनको,अदावत उन घटाओं की बड़ी महसूस होती है।
फूलों ने ले लिए बोसे समझ कर तितलियाँ लब को,शराफत उन लबों की अब बड़ी महसूस होती ह
टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी नहीं मनाएंगे दिवाली
ReplyDeleteइलाहाबाद : शिक्षकों की रुकी भर्ती शुरू करने के लिए सरकार से कोई संकेत न मिलने से टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में निराशा है। अभ्यर्थियों ने शिक्षा निदेशालय पर चल रहे क्रमिक अनशन के 42वें दिन कैंडल मार्च निकालने का निर्णय लिया साथ ही दीपावली पर्व न मनाने का संकल्प भी लिया। कहा कि सरकार जब तक उनकी मांगों पर गौर नहीं करती तब तक वह कोई त्यौहार नहीं मनाएंगे। आम जनमानस का समर्थन हासिल करने के लिए अभ्यर्थियों ने जनसंपर्क अभियान तेज करने पर जोर दिया।
आम दिनों की तहर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का क्रमिक अनशन सोमवार को भी जारी रहा। यहां सरकार की नीतियों का विरोध किया गया। रोशनी यादव, रेखा ओझा, आरती गुप्ता व अशोक दुबे ने कहा कि भर्ती न होने से उनके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में त्योहार कैसे मनाएं। अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा उपसचिव स्कंद शुक्ल को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। इसमें सुमन, नीतू चौधरी, सरिता, राजरती मौर्य, अंजली नीलम, ममता, सुभाष समेत कई अभ्यर्थी शामिल रहे।"
बुंदेलखंड में मिला 4000 करोड़ का खजाना
ReplyDeleteपुरातत्व विभाग भले इन दिनों उन्नाव के डौंडिया खेड़ा गांव में खुदाई में लगा हो, लेकिन इस बीच खनिज एवं खदान विभाग को बुंदेलखंड में बड़ा खजाना मिल गया है। अनुमान है कि यह 4000 करोड़ रुपए का हो सकता है।
दरअसल, विभाग को बुंदेलखंड में खनिज और धातुओं का भंडार मिल गया है। विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक झांसी, जालौन, महोबा, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट और ललितपुर जैसे सात जिलों में फैले पठार राज्य के लिए संभावित 'कमाई का खजाना' साबित हो सकते हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में भी सोने का खजाने का पता लगा है।
ज्यादातर साइट पर अन्वेषण का काम पूरा कर लिया गया है। जियोलॉजी एंड माइंस डायरेक्ट्रेट के निदेशक भास्कर उपाध्याय ने बताया, "हमें बुंदेलखंड और सोनभद्र में सोने के भंडार मिले हैं।"
रिपोर्ट के मुताबिक बुंदेलखंड में केवल सोने और प्लेटिनम के भंडार नहीं, बल्कि 1,000 करोड़ रुपए के पोटाश, एस्बेस्टस और सिलिका जैसे औद्योगिक खनिज भी पाए गए हैं।
पढ़ें, बस 5 फीट की खुदाई के बाद खुल जाएगा राज खजाने का
इस एक्सप्लोरेशन ने उत्तर प्रदेश को देश के खनिज मानचित्र पर जगह दिला दी है। अब तक राज्य में केवल डायसापोर, डोलोमाइट, चूना पत्थर, मैग्नीज और फॉसफोराइट जैसे कुछ खनिज निकाले जाते हैं।
जिन तमाम जगह ये भंडार मिलने की बात कही गई है, उनमें सबसे आगे झांसी है। विभाग को यहां 4.5 करोड़ टन सिलिका होने की जानकारी मिली है, जिसकी बाजार में कीमत 890 करोड़ रुपए है।
इसे आयरन एंड स्टील, सेरेमिक्स और विटरिस टाइल्स जैसी इंडस्ट्री में इस्तेमाल किया जा सकता है।
पटना ब्लास्ट के बाद नितीश की पूरी तरह से पोल खुल गयी है.. इसने कल मासूम सा चेहरा बनाते हुए प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि रैली को पूरी सुरक्षा प्रदान की गयी थी, लेकिन सच ये है कि रैली की सुरक्षा तो छोडिये, खुद मोदी तक की सिक्यूरिटी में लापरवाही बरती गयी...उनकी सिक्यूरिटी टीम द्वारा काफी विवाद के बाद पटना पुलिस ने जैमर प्रदान किया, जबकि जेड प्लस प्लस सिक्यूरिटी के नाते मोदी के काफिले में जैमर होना जरूरी था | साथ ही बुलेटप्रूफ गाडी भी प्रदान नहीं की गयी ...इतना ही नहीं, नितीश कल कह रहा था कि आईबी की तरफ से कोई अलर्ट नहीं था, जबकि टाइम्स नाउ ने कल पूरा दिन आईबी का लेटर दिखा रहा है कि सिर्फ 4 दिन पहले यानि 23 तारीख को ही आईबी ने मोदी की रैली पर संभावित हमले का अलर्ट भेजा था.
ReplyDeleteनितीश जी आप निजी खुन्नस निकालने के लिए सारी मान मर्यादा भूल जायेगे ? ये तो किसी ने सपने तक में नहीं सोचा था ...आपने मोदी से अपनी दुश्मनी निकालने के लिए सारी मर्यादाओं को ताक पे रख दिया और कई मासूम बिहारियों की जान . . . . . . . . . . . . . . . .
नरेन्द्र मोदी वाकई भारत
ReplyDeleteमाता का शेर है कल जब पटना के गाँधी मैदान में रैली करने एयरपोर्ट पर
पहुचे तो पुलिस और खुफिया विभाग के अफसरों ने उनसे कहा की आप
रैली स्थल पर न जाए वह पर लगातार सीरियल टाइम बम ब्लास्ट हो रहे है
और आपकी सुरक्षा को खतरा हो सकता पर मोदी जी ने कहा की में रैली में
जुरूर जाऊंगा वह लाखो लोग सुनने के लिये डटे हुए है और लाखो लोगो के
जज्बे को भी सलाम जो अपनी जान के परवाह न करते हुए अपने प्रिय नेता को सुन रहे थे जबकि गाँधी मैदान और उसके आस
पास लगातार सीरियल बम ब्लास्ट हो रहे थे, कल जो कुछ हुआ उससे देखने के
बाद में कह सकता हु की अब परिवर्तन को कोई नहीं रोक सकता चाहये कोई
कितनी भी नीच हरकत भी क्यों न कर ले अब तो कांग्रेस के ताबूत में आखरी कील ठुक चुकी है .
काँग्रेस सरकार की नीतियाँ ::
ReplyDelete* अगर भारत का किसान कॉटन निर्यात करता है तो सरकार टैक्स लगाती है और अगर आप 'मटन' निर्यात करो तो सब्सिडी देती है।
* अगर कोई व्यापारी अपना गेहूं चावल दूसरे प्रदेश में बेचने जाता है तो टैक्स लगता है और अगर मटन बेचने वाला मांस ले जाता है तो सरकार उसे प्रति टन प्रति किलोमीटर ट्रांसपोर्टेसन सब्सिडी देती है।
* अगर आप कोई कारख़ाना लगाते हैं तो सरकार सब्सिडी नहीं देगी लेकिन अगर आप Slaughter House (कत्लखाना) लगाओ तो भारत सरकार 15 करोड़ रुपये देती है।
* अगर आप मटन निर्यात का काम करते हैं तो सरकार आपको 5 साल तक इनकम टैक्स में छूट देती है।
ये सब हो रहा है हमारे देश में !
bbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbbb
ReplyDeleteतेरा ZZZZZ कब आएगा ?
ReplyDeleteअब तू प्राइमरी मेँ नाम.. . . . . . . . . , . . . . . . . . . . . . .
मुल्क तेरी बर्बादी के आसार नज़र आते है ,
ReplyDeleteचोरों के संग पहरेदार नज़र आते है
ये अंधेरा कैसे मिटे , तू ही बता ऐ आसमाँ ,
रोशनी के दुश्मन चौकीदार नज़र आते है
हर गली में, हर सड़क पे ,मौन पड़ी है ज़िंदगी ,
हर जगह मरघट से हालात नज़र आते है
सुनता है आज कौन द्रौपदी की चीख़ को ,
हर जगह दुस्साशन सिपहसालार नज़र आते है
सत्ता से समझौता करके बिक गयी है लेखनी ,
ख़बरों को सिर्फ अब बाज़ार नज़र आते है
सच का साथ देना भी बन गया है जुर्म अब ,
सच्चे ही आज गुनाहगार नज़र आते है
मुल्क की हिफाज़त सौंपी है जिनके
हाथों मे ,
वे ही हुकुमशाह आज गद्दार नज़र आते है
खंड खंड मे खंडित भारत रो रहा है ज़ोरों से ,
हर जाति , हर धर्म के, ठेकेदार नज़र आते है
नरेंद्र मोदी को रोका गया था। आग्रह किया गया कि वे सभा स्थल तक नहीं जाएं। वहां सीरियल बम ब्लास्ट हो रहा है। लेकिन मोदी नहीं माने। उन्होंने कहा कि जाएंगे। चाहे जो हो जाए।
ReplyDeleteएक के बाद एक बम ब्लास्ट होने पर पटना जिला प्रशासन परेशान हो गई थी। आनन फानन में इनकी बैठक हुई। इस बैठक में तय किया गया कि नरेंद्र मोदी को हवाई अड्डे पर ही रोक दिया जाए। इसकी सूचना वरीय अधिकारी को देने के बाद पटना के एसएसपी और डीएम हवाई अड्डा के लिए रवाना हो गए हैं।
हवाई अड्डे पर दोनों लोगों ने भाजपा प्रधानमंत्री के प्रत्याशी सह गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से रैली को संबोधित करने से रोका। प्रशासन ने उन्हें कहा कि रैली के आस पास सुबह से ही लगातार बम ब्लास्ट हो रहे हैं। ऐसे में गांधी मैदान की सभा को संबोधित करना ठीक नहीं होगा।
लेकिन नरेंद्र मोदी नहीं माने। उन्होंने कहा चाहे जो हो, रैली में आए लोगों से मिलने तो जरूर जाएंगे। इसके बाद वे राजीव प्रताप रूढ़ी और शाहनावाज आलम के साथ रैली को संबोधित करने के लिए गांधी मैदान के लिए रवाना हो गए।
जान को जोखिम में डाल नमो आए गांधी मैदान
सुशील मोदी ने कहा कि जान को जोखिम में डाल कर भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी गांधी मैदान आए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा ऐजेंसियों द्वारा सीरियल बम ब्लास्ट की जानकारी उन्हें एयरपोर्ट पर दी गई। इसके बावजूद वे गांधी मैदान आए। सुशील मोदी ने कहा कि रिसीव करने गए शाहनवाज हुसैन एवं राजीव प्रताप रूडी से नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहार के लोग मुझे सुनने आए हैं। मैं उनका अभिवादन स्वीकार किए बगैर कैसे जा सकता हूं।
दुःखो की घडीँ खत्म होगी टेट मेरिट भाईयो का
ReplyDeleteइंतजार करे साम 6 बजेँ का
Aaj Shaam tak TETMerit vs Gunank system ka Game hi khatm kar dunga.... Jis bhi vyakti ne 30-11-11 k possible selected k sath dhokha kiya hai wo kal saara din apne Kaano par haath rakhkar baithe,,ho sake to mobile bhi band kar de aur jald se jald apna number change kar le........ Kal is conspiracy k sare raaj sabhi ko pata chal jayenge..... maine kaha tha na ki mere paas
ReplyDeleteB
R
A
H
M
A
A
A
S
T
R
A
hai.
U.P. k 2 top lawyers se approve karane k baad hi apni yojna ko sarvjanik karne ka decision liya hai....... jab harkauli ne svayam hi bata diya ki unka order follow karne ki aukat alhbd HC me kisi ki nhi hai to ham unka order bhala kyo follow kare,,,, wait for todays evening...... special
ReplyDeleteDiWali Dhamaka
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ReplyDeleteJail wali G
ReplyDeleteतुमने अन्दाज-ए-मोहब्बत देखी है अन्दाज-ए-वफा नहीँ देखी,
पिँजरे खोल भी दो तो कुछ पंछी उड़ा नहीँ करते...
जेल वाली जी
ReplyDelete.
.
Jhuthi tasalliyo ki jarurat nahi hai mujhe.
..Kah do ab kisi aur se,ki tumhe ab fursat nahi milti....
उच्च प्राथमिक टीईटी प्रमाणपत्र
ReplyDeleteका वितरण 11 नवंबर से..
इलाहाबाद (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश शिक्षक
पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी-2013) के उच्च
प्राथमिक स्तर के प्रमाणपत्रों का वितरण डायट में
11 नवंबर से होगा। जिले में 11 हजार उच्च
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक भाषा स्तर के
परीक्षार्थियों को प्रमाणपत्र बांटने के लिए एक दिन
में एक हजार का लक्ष्य रखा गया है। 11 से लेकर
18 नवंबर तक उच्च प्राथमिक स्तर और 19 से 25
नवंबर तक उच्च प्राथमिक स्तर भाषा के
परीक्षार्थियों को प्रमाणपत्र बांटा जाएगा।
डायट प्राचार्य विनोद कृष्ण ने बताया कि प्रमाणपत्र
बांटने के लिए दस काउंटर बनाए जाएंगे। प्रमाणपत्र
लेने के लिए परीक्षार्थियों को अपनी फोटो और
सभी मूल प्रमाणपत्र लेकर आने होंगे। इनके सत्यापन
के बाद ही प्रमाणपत्र दिया जाएगा। प्रमाणपत्र
सिर्फ परीक्षार्थियों को ही दिया जाएगा। अगर
परीक्षार्थी निर्धारित तिथियों में प्रमाणपत्र नहीं ले
पाते हैं तो वे 25 नवंबर के बाद सर्टिफिकेट हासिल
कर सकते हैं।
इस क्रम में मिलेगा प्रमाण पत्र
रोल नंबर 3520102202 से 3521304675 तक
11 नवंबर, 3521304683 से 3521900703 तक
12 नवंबर, 3521900710 से 3524417807 तक
13 नवंबर, 3524517811 से 3526824853 तक
14 नवंबर, 3526824854 से 3528320226 तक
16 नवंबर, 3528320235 से 3528320751 तक
18 नवंबर तक प्रमाणपत्र बंटेंगेे जाएंगे।
उच्चप्राथमिक भाषा 3540102201 से
3540608018 तक 19 नवंबर, 3540608021 से
3541104118 तक 20 नवंबर, 3541104119 से
3541401546 तक 21 नवंबर, 35414015467
से 3541803561 22 नवंबर, 3541803562 से
3541901125 तक 23 , 3541901126 से
3541901200 तक 25 नवंबर तक वितरित होंगे।
चुनावी मौसम में कांग्रेस
ReplyDeleteको मध्य प्रदेश के तालाबों में
खिले कमल भी खटकने लगे हैं.
प्रदेश कांग्रेस ने चुनाव
आयोग से मांग की है
कि तालाबों में खिले सारे कमल
के फूल छिपा दिए जाएं
ताकि लोग अनुचित तरीके से
बीजेपी की ओर आकर्षित न
हो सकें.
जूनियर मे टेट मैरिट की माँग से कोर्ट ने
ReplyDeleteसहमति जताई और सरकारी वकील से सरकार से उचित निर्देश लेकर आने को कहा गया
Next Date 11/11/2013
Petitioner :: Shiv Kumar Pathak
जल्दी जवाब दें-!!
ReplyDelete>दुनिया में सबसे कम पढने लिखने वाली कौम???
>दुनिया में एक भी आविष्कार नहींकरने वाली कौम????
>दुनिया में सबसे कम विश्वसनीय कौम ??
>दुनिया में सबसे ज्यादा झगडालू कौम ??
>दुनिया में सबसे ज्यादा आतंकवादी पैदा करने वाली कौम??
>दुनिया में सबसे ज्यादा बच्चे पैदा करने वाली कौम ??
>भारत देश में सबसे ज्यादा घुसपैठ करने वाली कौम ???
>दुनिया में सबसे ज्यादा अपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहनेवाली कौम ???
>दुनिया की सबसे ज्यादा एहसानफरामोश कौम ????
>दुनिया को जीतने का दिन में ख्वाब देखने वाली कौम ???
यह पोस्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सबसे बड़े वकील श्री आर के जैन और लखनऊ के सीनयर काउंसिल जयदीप नारायण माथुर(जो की लखनऊ में रीतेश और गणेश द्वारा नया विज्ञापन आने के बाद दायर एक मुक़दमे में वकील भी हैं ) और उच्च न्यायालय के एडवोकेट मनीष माथुर से सारी विधिक स्थिति पर हुयी बातचीत पर आधारित है इसलिए इसपर सवाल उठाने से पहले अपनी शैक्षिक योग्यता का मूल्यांकन अवश्य कर लें.....
ReplyDeleteदोनों ही विद्वान अधिवक्ताओं ने स्पष्ट रूप से कहा है की नए विज्ञापन की चयन प्रक्रिया तो कोर्ट को बदलनी पड़ेगी लेकिन पूर्व विज्ञापन किसी भी हालत में बहाल नहीं हो सकता....यदि ऐसा संभव होता तो उन्हीं पदों के सन्दर्भ में नया विज्ञापन आता ही नहीं,,,,,,उधर हमारे वकील जिद किये बैठे हैं की वो हमें सचिव द्वारा बेसिक शिक्षा नियमावली का उल्लंघन करते हुए जारी उस विज्ञापन से ही नियुक्ति दिलाएंगे जिसकी फीस वापसी तक हो चुकी है,,, यदि सिंगिल बेंच में खरे साहब ने तर्क दिया है की 30-11-11 का विज्ञापन ट्रेनिंग के लिए था ना की नियुक्ति के लिए इसलिए बेसिक शिक्षा नियमावली का उल्लंघन होने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा....लेकिन इस तर्क को मानते ही पूर्व विज्ञापन जिसकी आधारभूत शर्त टेट पास होना थी,शून्य हो जाएगा,,,,, क्योंकि उसमें तो नॉन टेट वाले भी फ़ार्म डालने का अधिकार रखते....हैं
ReplyDeleteबाक़ी सारी बातों को अगर अनदेखा भी कर दिया जाए तो खरे साहब के अनुसार हो रही हमारी नियुक्ति हमारी जीत के बाद सरकार की SC में अपील और वहां से पांच महीने बाद जीत के बाद चार महीने काउंसिलिंग और उसके बाद छः महीने की ट्रेनिंग के बाद ही तो नियुक्ति हो पायेगी,,,, 31 मार्च 2014 के बाद बी.एड वालों प्राथमिक का अध्यापक बनाने के लिए भारतीय संविधान में संशोधन करना पड़ेगा,,,,, हमारे वकील हमसे हमारी भर्ती कराने की फीस ले रहे हैं या कभी भी ना होने देने की.....
ReplyDeleteआशीष मिश्रा ने अपनी याचिका में पूर्व विज्ञापन के अभ्यर्थी की हसियत से नए विज्ञापन में फीस और आयु सीमा में छूट देने की ही प्रेयर की थी न की उसकी चयन प्रक्रिया से नियुक्ति की,,,अगर मेरा सूचना स्रोत सही है तो आशीष मिश्रा के टेट में मात्र 95 नंबर हैं,,,, वो भला टेट मेरिट से नियुक्ति की मांग क्यों करने लगा....?चूंकि आशीष मिश्रा के वकील भी खरे साहब ही हैं इसलिए यह मामला एक ही बंच केस में दो विरोधाभासी मामले लेने का है जोकि अव्यवहारिक होने के साथ ही वकालत के पेशे की नैतिकता के विरुद्ध है,,,, चूंकि खरे ने कोर्ट को भ्रमित करने का प्रयास किया था इसलिए उसका बदला लेने के लिए टंडन ने आशीष मिश्रा की याचिका पर डायरेक्शन देते हुए लिख दिया था कि सामान्य मामलों में कोर्ट आयु सीमा के मामले में सरकार को FAIR & REASONABLE निर्णय लेने को कहता है,,परन्तु 30-11-11 के अभ्यर्थियों ने लम्बे समय से मुकदमा लड़ने की वजह से बहुत कष्ट झेले हैं इसलिए उनका उन्हीं जिलों में फ़ार्म भरवा दिया जाए जिनमें पूर्व विज्ञापन में डाला था,,,,
टंडन के फाइनल आर्डर के बाद हमें सिर्फ इतना करना था कि उस डायरेक्शन के आधार पर स्टे की APPLICATION डालते,,, कोई भी अदालत इस बात से इनकार नहीं कर सकती की पूर्व विज्ञापन के अभ्यर्थियों ने कष्ट झेले हैं,,सरकार भी नहीं,,,,सरकार को डबल बेंच में अपील करनी पड़ती और वहां उस डायरेक्शन की व्याख्या होती,,,लेकिन हमारे वकीलों ने अपनी एक गलती पर पर्दा डालने के लिए उससे भी बड़ी गलती करके हमारी जिन्दगी नरक में झोंक दी,
,,,,, उस डायरेक्शन के आधार पर दो याचिकाएं हुई थीं जिनमें से एक टंडन शब् के कोर्ट में और दूसरी वी.के.शुक्ला के यहाँ,,, पहली के बारे में तो मैं नहीं जानता की वो किसने की लेकिन दूसरी वाली बरेली के टी.डी. भास्कर जी की UNDER AGE लड़की प्रियंका भास्कर ने की थी जो SC CATEGORY में आती हैं और गुणांक भी अच्छा ख़ासा है,,,,, उन्होंने नए विज्ञापन में उसकी शर्तों को स्वीकार करते हुए फ़ार्म भरने की याचिका की थी ना की डायरेक्शन की व्याख्या कराने की नियत से,,,, सबसे बड़ी बात तो यह है की उनके पिता जी ने CONTEMPT पर जारी आदेश मेरे इनबाक्स में डाला था जो मेरे और उनके बीच आज तक हुआ एक मात्र संक्षिप्त संपर्क है,,
ReplyDeleteसरकार की उस डायरेक्शन पर की गई अपील पर हरकौली साहब के पास नवीन श्रीवास्तव की याचिका पर निर्णय होने के बाद टेक अप करने का आदेश देने के सिवाय और कोई विकाप ही नहीं बचा था क्योंकी उस केस में एक पार्टी आशीष मिश्र थे जिनके वकील सिद्दार्थ खरे हैं और दूसरी सरकार,,,, दोनों ही पार्टियां नए विज्ञापन की शर्तों पर चयन चाहती हैं तो सुनवाई कैसे हो जाए,,,,
ReplyDeleteअब समझ में आया की न्यायालय हमारे वकीलों को क्यों नहीं सुन रहा है ,,?क्योंकि वो हमारे पक्ष में सही जगह पर बोल ही नहीं रहे हैं,,,,, जब बोलते भी हैं तो गलत जगह पर ,,,,महापात्रा साहब ने पहली बार ही सुनवाई होने की स्थिति आने पर कोर्ट में कहा था की इस बंच में तो खरे,शाशिनंदन और वी.के.सिंह जैसे वकील हैं,,सबको बुला लाओ तब केस सुनूंगा,,, याद कीजिए उस दिन सब के सब फरार हो गए थे,,,, पूर्व विज्ञापन को बहाल करने का हमारे पक्ष में दिया फैसला हमें बर्बाद कर देगा....
अबे चिरकुट अभी भी तू भर्ती का भरता क्यों किये हुए है
ReplyDeleteआबय गाडू बाबा सेल जेल वाली कल से जमादार के यहाँ पे है तू यहाँ फदफादा रहा है तेरे ही कारन आज में टीचर नहीं बन पाया तू सुधरेगा नहीं तो नमें भी तुझे आबाद नहीं रहने दूंगा...........
ReplyDeleteकमीने मीरगंज में तुझे भेज के ही दम लून्गाआआआआ
Dosto-
ReplyDeleteGood Evening
Kal yani 30 Oct Wednesday ko apna case court no-37 me Hon.J Ashok Bhusan and Hon.J Vipin Sinha dwara 39 Fresh , 4 Additional Unlisted , 3 Backlog Fresh ,9 Supplimentary Fresh ke baad Daily cause list me 4 no par suna jana hai. Yani kul milakar 39+04+03+09+04=59 no .
राहुल सविता
ReplyDelete.
बुलबुल के परो में बाज़ नहीं होते , कमज़ोर और
बुजदिलों के हांथों में राज नही होते...
जिन्हें पड़ जाती है , झुक कर चलने की आदत ,
दोस्तों उन सिरों पर कभी ताज़ नहीं होते.
21 दिसंबर के बाद से सरकार ने हमारे विरुद्ध कुछ
ReplyDeleteभी नहीं किया है,,प्रशिक्षु अध्यापक वाला संशोधन
विज्ञापन लाने के दो दिन पहले करने के बाद उसे
उम्मीद थी की पहली ही सुनवाई में नए विज्ञापन
की चयन प्रक्रिया संशोधित कर दी जायेगी और
मामला ख़त्म हो जाएगा,,लेकिन 20 दिसंबर तक इस
बारे में कोई बहस तक नहीं की गई तो 21 को टंडन
साहब ने स्वतः संज्ञान लेते हुए याची के हितों के
आधार पर विज्ञापन जारी करने वाले आदेश के आधार
पर उसके फ़ार्म नए पर आरोपित कर दिए,,,,
पूर्व विज्ञापन के फार्मों का विवरण SCERT भेजने
वाले आदेश में लिखा था कि नौ जनवरी को होने
वाली सुनवाई में यह फैसला होगा कि 30-11-11 के
विज्ञापन के फार्मों से चयन होगा या 7-12-12 के
फार्मों से,,, उस आदेश को जारी करने के बाद कोर्ट
शीत कालीन अवकाश के लिए बंद हो गया था और
जिसमें इमरजेंसी बेंच नहीं बैठती है,,, यदि सरकार
रजिस्ट्रार से मेंशन कराकर उस वक्त काम कर
रही सर्विस बेंच के सीनियर जज न्यायमूर्ति अशोक
भूषण के घर जाती तो वो सम्बंधित
पार्टियों को नोटिस जारी करके अपने घर पर जूनियर
जज को बुलाकर कोई अंतरिम आदेश दे सकते थे,,,
लेकिन RETROSPECTIVE EFFECT से चयन
प्रक्रिया बदलने का मामला ऐसा नहीं था जिसके
विरुद्ध जारी आदेश पर किसी जज द्वारा प्रथम
द्रष्टया ही आपत्ति उठाई जा सकती,अधिक से अधिक
भूषण साहब कोर्ट खुलने पर इस मामले को टंडन साहब
की अदालत में ही ले जाने का आदेश दे सकते
थे,
,,एक और नई बात जानो,,, SCERT
ReplyDeleteवाला फैसला दिया तो आशीष मिश्र की रिट पर
दिया गया था जो तेत मेरिट के लिए थी ही नहीं लेकिन
उसके तुरंत बाद अखिलेश त्रिपाठी की याचिका पर एक
लाइन का एक और फासिला आया था ,,,,, FOR THE
ORDER,SEE THE ORDER ON WRIT NO
6511 0F 2012,,,अर्थात वो फैसला फीस और
आयु सीमा का ना रहकर पूर्व विज्ञापन के
सभी अधिकारों का हो गया था,,,,
हमें नौ तारीख को अखिलेश त्रिपाठी के बंच में पूर्व
विज्ञापन के वैध अभ्यर्थी होने की हसियत से नए
विज्ञापन के पदों पर पूर्व विज्ञापन के
फार्मों द्वारा उसकी शर्तों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू
करने के लिए एक MENDAMUS रिट फ़ाइल करने के
लिए एक INTERVENTION APPLICATION
डालनी थी जिसे रिजेक्ट करना कोर्ट के लिए संभव
नहीं था क्योंकि ऐसा करने पर सर्वोच्च न्यायालय में
उस INTERVENTION APPLICATION
को रिजेक्ट करने वाले आदेश को चुनौती दी जाने पर
टंडन साहब हमें नए विज्ञापन में फ़ार्म ना भरने
का परामर्श देकर उससे चयन कराने के षड्यंत्र
का दोषी साबित हो जाते...लेकिन हमारे
वकीलों की टीम का नेतृत्व कर रहे खरे साहब के मन
में तो कुछ और ही चल रहा था,,, पूर्व विज्ञापन
की अंतिम तिथि के बाद इलाहाबाद की डाईट से
बी.टी.सी. का प्रशिक्षण पूरा कर चुके जाने वो कौन
छः देव पुरुष थे जिनकी ट्रेनिंग 17-12-12
को पूरी हुई थी और वो इतने दुस्साहसी थे कि पूर्व
विज्ञापन आने के समय दुसरे सेमेस्टर में होने के
बावजूद उस विज्ञापन से नियुक्ति का दावा करने
पहुँच गए जबकि हम सब बेवकूफों की तरह अपने
घरों में बैठकर टंडन को गालियाँ देते रहे,,,,,
यदि वो INTERVENTION APPLICATION हमने
डाली होती तो या तो सोलह जनवरी को हमारी जीत
का आदेश आता या टंडन साहब की नौकरी जाती.....
खरे साहब ने अपने आभामंडल का इस्तेमाल करते हुए
हमारे अन्य वकीलों को मौन रहने पर मजबूर कर
दिया है,जूनियर वकील इतने नामी वकील
की रणनीति पर प्रश्नचिन्ह लगाने की हिम्मत
नहीं जुटा सके और शशिनंदन साहब ने खरे साहब
की हरकतों से दुखी होकर कोर्ट आना ही बंद कर
दिया,,,पूरे फैसले में उनका दिया एक भी तर्क
नहीं है,
टंडन साहब के फैसले में साफ़-साफ़
ReplyDeleteलिखा हुआ है कि टेट मेरिट से चयन कराने के पक्ष में
वकीलों ने दो विरोधाभासी तर्क दिए हैं,,,सिर्फ
अभिषेक श्रीवास्तव ने RETROSPECTIVE
EFFECT से चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाया था,,,
टंडन ने अभिषेक और सीमांत के तर्क
को सही माना था और खरे के तर्क को खारिज कर
दिया था,,,,चूंकि कोई भी याचिका नए विज्ञापन पर
पूर्व विज्ञापन की शर्ते आरोपित करने की मांग
नहीं कर रही थीं इसलिए उस वक्त
ऐसा किया जाना संभव ही नहीं था,,,, प्रशिक्षु
अध्यापक तो सिर्फ एक बहाना था,,, यदि कपिलदेव
की आपत्ति को अनदेखा करते हुए पूर्व विज्ञापन
बहाल कर भी दिया जाए तो उसके बहाल होते
ही वो अपनी याचिका REINSTATE करा लेगा,,,,
पहले की तरह एक पार्टी सरकार होगी और एक
कपिलदेव यादव,,,फिर वही डेट पर डेट लेने
का खेल,अगर उच्च न्यायालय
द्वारा इतनी बड़ी तकनीकी कमी को अगर अनदेखा कर
भी दिया जाए तो मामला सर्वोच्च न्यायालय तक
जाएगा,,,,,
आपको नौकरी से ज्यादा प्यार है या विज्ञापन से ये
आप ही सोच लें,,,,अगर
नौकरी ज्यादा प्यारी हो तो बताना,,मैं प्रयास कर
सकता हूँ,,,लेकिन टेट मेरिट की जिद भी मत
करना,,,सीधे नौकरी लगेगी,,,,,,कितने नंबर टेट में हैं
और कितना गुणांक है यह देखा तक नहीं जाएगा,,,,
सरकार आपके तुरंत चयन की सहमति देगी,,,,नए
विज्ञापन में जमा फीस भी वापस हो जायेगी ,,सारे
मुक़दमे वापस होंगे,,,,,,,बस नियुक्ति होने तक तेत
संघर्ष मोर्चे को मेरी हर बात माननी होगी,,,,, बाद में
मैं मोर्चे से अलग हो जाऊँगा तब जो मन में आये
वो करना.....अभी जो नहीं मानेगा वो उसका अगले
साल गुणांक से चयन हुआ तो हो जाएगा....हमें
वही करना है जो हमारे वकीलों को करना चाहिए
था लेकिन किया नहीं.....
यदि मेरी योजना असफल रहती है तो भी हम फायदे में
ही रहेंगे,,, हमें सर्वोच्च न्यायालय जाने का प्रापर
चैनल मिल जाएगा,,,वहां इलाहाबाद उच्च न्यायालय
इस बात का की सफाई देने के लिए मौजूद नहीं रह
पायेगा की ऐसे जटिल फैसले देने की क्या जरूरत
थी जिन्हें समझने के लिए एक से एक वकील अक्षम
साबित हो जाएँ,,
कुछ लोगों को आज भी यह
ReplyDeleteगलतफहमी है कि हरकौली साहब का आदेश पूर्व
विज्ञापन की बहाली की संभावनाओं की और
इशारा करता है ,,अरे जब हर्कौली साहब ने खुद
ही अपना आदेश नहीं माना तो मैं कैसे मान
लूं.....असल में हरकौली साहब ने खरे द्वारा दिए तर्क
के आधार पर ही स्टे
लगाया था की नियमावली तो सीन में तब आयेगी जब
नियुक्ति होगी.... हरकौली साहब ने तो केस छोड़कर
यह कहने की कोशिश की थी की खरे का तर्क मान लेने
का क्या अंजाम होगा,,,डेडलाक ....
सच तो यह खरे की ही वजह से सरकार भी फंस
चुकी है,,,,, गोल पिछले ग्यारह महीनों से खाली पड़ा है
लेकिन हमारे स्ट्राइकर तो अपने विरुद्ध ही गोल दागने
का षड्यंत्र रचे जा रहे हैं,,,, ये लड़ाई हमारे और
सरकार के बीच नहं रही,,अब ये इलाहाबाद उच्च
न्यायालय के जजों और वकीलों के बीच की लड़ाई बन
चुकी है,,,, ईमानदार वकील ये सब देखकर हतप्रद
हैं,,,, अब देखना तो यह है की खरे साहब भूषण साहब
का सामना कैसे कर पायेंगे,,,,
तीन महीने सुनवाई न
ReplyDeleteकरके महापात्रा साहब ने मुझे मजबूर कर
दिया की मामले की अधिकृत सच्चाई जानने के लिए
अपने वकीलों से बड़े वकील से बात की जाए ,,मैंने
की,,,, टंडन को बेईमान मानने का एक ही परिणाम हुआ
है की हम एक परमादेश रिट दाखिल नहीं कर पाए और
जिन्दगी आठ महीनों के लिए नरक से बदतर
हो गई,,,,, काश मैं जनवरी में लोगों की अपेक्षाओं पर
खरा ना उतर पाने की संभावनाओं से दर
ना गया होता तो आज आपको ये दिन
ना देखना पड़ता,,,, मैंने दिसंबर में पार्टी बनने
की घोषणा की थी,,, बाद में ये सोचकर रुक
गया की कहीं अपेक्षित परिणाम ना मिला तो बहुत
बदनामी होगी,,,, अब वो डर त्याग रहा हूँ ,,,,,
जितना भी नाम है टेट मेरिट की वजह से है,,,इसके
खातिर कुर्बान ना कर पाया तो बेईमानी होगी.....
अंत में,,सबसे महत्वपूर्ण बात का ध्यान रखियेगा,,,,
ReplyDeleteमोर्चे के किसी भी पैरवीकार या नेता पर कोई भी टेट
मेरिट समर्थक उंगली मत उठाना,,इनमें से कई लोग
मेरे सूचना स्रोत हैं,,कहीं ऐसा ना हो जाए की जिसे
आप टेट मेरिट का गद्दार समझ रहे हों वो टेट के
सच्चे सिपाहियों से ज्यादा सच्चा हो,,
कुछ लोगों ने शिकायत की है की जब मैं ये सब
ReplyDeleteजानता था तो पहले ही क्यों कुछ
नहीं किया,,पहली बात तो यह है कि हर बात पहले से
नहीं जानता था,,, कई आर्डर बाद में नजर में आये
जो षड्यंत्र से पर्दा उठा रहे हैं,,, टंडन के आर्डर
की वो लाइनें जिसमें लिखा था की नए विज्ञापन के
आने के बाद हुई याचिकाओं पर सही समय आने पर
फैसला लिया जाएगा अचानक ही नजर में आ गई जिस
दिन मैं जैन साहब से मिलने जाने के लिए इलाहाबद
की बस पकड़ने के लिए तीन बजे रात को उठा,,, जाने
कैसे दिल किया कि आर्द्र एक बार और पद लो उसमें
कुछ ऐसा लिखा है जो किसी की नजर में
नहीं आया है,,,, अब मुड़कर देखता हूँ तो लगता है इ
काश जैन साहब की सलाह मानते हुए नया विज्ञापन
आने के बाद उन्हें इंगेज
किया होता,,,इतना तो सारा इलाहाबाद जानता है
की उन्हें ना तो कोई दबाव में ले सकता है और
ना ही वो क्लाइंट के साथ बेईमानी कर सकते हैं,,,,,
वकीलों की दुनिया में उन्हें भगवान् का दर्जा प्राप्त
है..... लेकिन सारी जिन्दगी अतीत में हुई
गलतियों को याद करके रोने से बेहतर है की उनसे कुछ
सबक सीखकर समस्या का समाधान करने का प्रयास
किया जाए,,,, ज्यादातर लोग मुकदमा जीतने के बारे में
सोच रहे हैं लेकिन मैं पिछले कुछ हफ़्तों से यह सोच
रहा हूँ की जीतने के बाद नियुक्ति कैसे
करवानी है,,,जब इस सवाल का जवाब खोज
लिया तो ही कदम आगे बढाया है,,,, ये
मामला 72825 लोगों की जिन्दगी और मौत से
जुदा है,,बहुत सोच समझकर और सभी पहलुओं
को ध्यान में रखते हुए कुछ करना था,,,,अब अगर एक
भी व्यक्ति मेरा साथ नहीं देता है तो भी मैं
वही करूंगा जो मुझे सही लगेगा,,दूसरों को दोष देने से
बेहतर है की अपनी जिम्मेदारी स्वयं उठाई
जाए,,अपना केस तो मैं अपने आप ही लडूंगा,,,, बशर्ते
की डबल बेंच इस बात की अनुमति दे,,,,
याचिका लिखवाने और विधिक परामर्श के लिए वकील
को देने के लिए रूपये हैं मेरे पास,,,,,,
आज का सच यह है कि 30-11-11 का हर
ReplyDeleteअभ्यर्थी ये भर्ती होने की उम्मीद
खो चुका है,,,,,,उनका कष्ट शब्दों में बयान
नहीं किया जा सकता..... अब ये विवाद जल्द से
जल्द ख़त्म हो जाना चाहिए वरना ईश्वर
का अस्तित्व की संदेह के घेरे में आ जाएगा,,,, उम्मीद
है की टेट मोर्चे का नेतृत्व इस बात
को समझेगा कि उनके द्वारा चुने वकीलों के सम्मान से
कहीं ज्यादा हमारे उन साथियों की नौकरी मायने
रखती है जिनके पास अब खोने के लिए कुछ
बचा नहीं है,,,,,, सभी संभावित टेट मेरिट से
चयनितों की नौकरी के लिए मेरा संघर्ष
नहीं है,,,यदि ईश्वर ने सरकार को सदबुद्धि दी तो हर
उस व्यक्ति की लगेगी जो दारुल शफा आता था,,,,
कुछ निकम्मों की भी लग जायेगी,,,,,, उसके बाद अगर
कुछ बचेगा तो सरकार की जिद पूरी करने के काम आ
सकता है,,,,,
Top—10 Billionaire in Forbes List
ReplyDelete1. Carlos Slim(Mexico) — $73.0 billion—Telmex,América Móvil, Grupo Carso
2. Bill Gates(USA) — $67.0 billion — Microsoft
3. Amancio Ortega (Spain) —$57.0 billion—InditexGroup
4. Warren Buffett (USA) — $53.5billion —Berkshire Hathaway
5. Larry Ellison (USA) — $43.0 billion — Oracle Corporation
6. Charles Koch (USA) — $34.0 billion —Koch Industries
7. David Koch (USA) — $34.0 billion— Koch Industries
8. Li Ka-shing(Hong Kong/ Canada) — $31.0 billion— Cheung Kong Holdings
9. Liliane Bettencourt(France) — $30.0 billion — L'Oréal
10. Bernard Arnault (France) — $29.0 billion — LVMH Moët Hennessy Louis Vuitton
MERE TET SUPPORTER SATHIYO...
ReplyDeleteJAISA KI KAL APNA CASE 39 FRESH,9 SUPLYMENTRY AUR 3 BACKLOG AUR 4 UNLISTED KE BAD LISTED ME 4 NO. hai..Par laga huwa hai...par kal v apna case sune jane ke aasar nahi hai..kyuki unlisted me ek bada mukadama laga hai jo viddut nigam se sambandhit hai aur usme lagbhag 150 special apeal hai..jisme lambi bahas chal skti hai..kal apna case mention karke next date li jayegi..kal hamare khyal se sunwai ka hona behad muskil hai..advance cause list me pahle viddut nigam ka bda mukadama apne case k bad 35 no. Par tha par unlisted ho jane se wo pahle suna jayega..sayad hamari kismat hi kharab hai..har date par hamare sath ku6 na ku6 anhoni kyu hoti hai..dhary bnaye rakhe...n.c.te ki deadline court me pending mamle ke liye maanya nahi hogi..high court aur suprime court ke pas deadline badhane ka aadesh dene ka adhikar hai..jise n.c.te manane ke liye badhy hoga..jai tet merit
ham to thak gaye last do saal se kya hoga maulm nahi ye goverment kya kar rahi hai our kya karegi ab to vishwas hai ut gaya es sarkar se
ReplyDeleteदिल्ली मेँ न्यूज चैनल पर कभी पत्रकार रहे चोर खान्ग्रेसी राजीव शुक्ला ने कहा "देश के लोगोँ की इतनी ओकात नहीँ कि वो नेहरु गांधी खानदान पर कोई सवाल ऊठा सके"
ReplyDeleteअबे ले पहला सवाल मैँ उठाता हूँ -
1. वह स्वयंभु परिवार गांधी क्योँ कहलाता है ??
2. गांधी से इनका कौन सा रिश्ता है ?? ये कैसा रिश्ता है ? कब से है ? किस परंपरा के अंतर्गत है ??
3. इंदिरा गांधी जब फिरोज खान से शादी करती है तो खान होनी चाहिए या मुल्ली तो बनती है न ? फिर गांधी कैसे हो गयी ??
4. फिरोज अच्छा भला खान मुल्ला होता है किन्तु वह भी इंदिरा गांधी से शादी के बाद गांधी कैसे हो जाता है ???
5. इस हिसाब से राजीव गांधी जब सोनिया से शादी करता है तो ईसाई बन जाना चाहिए परन्तु किस आकर्षण या लोभ के कारण वो भी गांधी ही हो जाता है ??
6. सोनिया माईनो होकर भी गांधी बन जाती है जबकि वो एक इसाई रोमन कैथोलिक है ??
7. राहुल गांधी जब पैदा हुआ तो उसका नाम रखा गया रौल विन्सी (?), पर पता नहीँ वो भी किस आकर्षण या लौभ के कारण गांधी हो जाता है ??
8. प्रियंका जब पैदा हुई तो उसका नाम रखा गया वियंका विन्सी (?), फिर वो भी प्रियंका गांधी कैसे बन गयी ???
9. प्रियंका की जब शादी हो जाती है रोबर्ट वार्डा से तो वो भी वार्डा होनी चाहिए न ? परन्तु पता नहीँ वो भी किस जादू से वार्डा होकर भी गांधी कैसे हो गयी और अपनी प्राचीन परम्पराओँ पर गर्व करने वाले भारतीय पता नहीँ इस पर आपत्ति क्योँ नहीँ उठाते ??
10. रोबर्ट के पिता हिँदू होते हैँ फिर वो अचानक धर्मांतर्ण करके ईसाई कैसे हो जाते हैँ ??
11. रोबर्ट के परिवार के लोग अचानक से एक एक करके कैसे मर जाते हैँ ??
12. अब रोबर्ट रहस्यमय तरिके से अनाथ है, वह गांधी खानदान का हिस्सा है रोबर्ट भी अब गांधी कैसे हो गया ??
13. रोबर्ट - प्रियंका के बच्चोँ के नाम के आगे आजतक किसी ने वार्डा लगाया हो ये आजतक सुनने मेँ क्योँ नहीँ आया ?? जाहिर है 5 - 10 साल वे भी गांधी ही कहलाएँगे ! भले ही उनके नामोँ मेँ भारतीयता ना झलकती हो भले ही उनकी आस्था वेटिकन मेँ हो भले ही उनके नाम इटालियन, रशियन या अन्य किसी देश के होँ पर रहेँगे वो भी गांधी ही !!
14. यह "पवित्र परिवार" (?) गांधी की किन नीतियोँ, उनके किन मुल्योँ या किन आस्थाओँ को मानता है ??
15. इस परिवार ने गांधी के हिन्दू स्वराज की किस पंक्ति मेँ कब अपनी निष्ठा दिखाई है कि यह बङे गर्व से किसी दूसरे(गांधी) के बाप को अपना बाप मानकर फूला नहीँ समा रहा है और गांधी के नाम के सहारे दिन पर दिन फल फूल रहा है ???
15. यह परिवार गांधी के नाम से एसा क्या लाभ उठा पा रहा है कि इसने विशेषकर गांधी की ही फोटो Currency नोटोँ पर छपवाया अन्य किसी क्रांतिकारी की फोटो क्योँ नहीँ ???
तो क्या विवादास्पद मार्कंडेय काटजू एकदम सत्य बोले थे कि देश के 90% लोग महा मुर्ख हैँ ???
एक दिन एक गरीब को रास्ते में 10 रुपये मिले
ReplyDelete.
वो दिन भर सोचता रहा इस इस 10 रुपये
का क्या किया जाये
उसने सारा दिन यही सोचने में बर्बाद कर दिया
इस 10 रुपये का क्या करे
.
.
.
फिर उसने 10 रुपये फेंक दिए
और सर ऊपर कर के कहा
या खुदा इस 10 रुपये के लिए मैंने
तुझे आज पूरे दिनभर याद नही किया.
.
.
तो वो तुझे क्या याद करते होंगे जिनके पास लाखों रुपये
हैँ।
Dear LADKON
ReplyDelete.
.
Shadi krni hai to apni girl friend se hi kro..
.
.
.
.
.
.
Dusron ki Girl friend se to Gharwale bhi shaadi kara
dete hain.!!
यूजीसी नेट की आवेदन तिथि बढ़ी
ReplyDeleteUpdated on: Tue, 29 Oct 2013 08:37
PM (IST)
वाराणसी : यूजीसी की राष्ट्रीय
पात्रता परीक्षा (नेट) की दिसंबर में
होने वाली परीक्षा के लिए
अधिसूचना जारी हो गई है। ऑनलाइन
आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है।
अभ्यर्थी अब 30 अक्टूबर की जगह चार
नवंबर तक आवेदन भर सकेंगे। बीएचयू स्थित
अंतर्विषयक गणितीय विज्ञान केंद्र
को नोडल सेंटर बनाया है।
एसबीआइ में जमा होगा शुल्क : ऑनलाइन
फॉर्म भरने के बाद अभ्यर्थियों को बैंक
चालान की प्रिंटेड कॉपी मिलेगी। इस
पर अभ्यर्थी का विवरण होगा। इस
चालान के जरिये अभ्यर्थी अगले दिन अपने
नजदीकी एसबीआई की शाखा में
निर्धारित शुल्क जमा कर सकेंगे। शुल्क
जमा के दो दिन बाद अभ्यर्थी पुन:
यूजीसी नेट की वेबसाइट पर लॉग इन करेंगे
और यहां से अपना आवेदन पत्र,
उपस्थिति पत्र व प्रवेश पत्र डाउनलोड
करेंगे।
यहां जमा करना होगा फार्म :
अभ्यर्थी को डाउनलोड फॉर्म पर
अपनी एक पासपोर्ट साइज
फोटो चस्पा कर उसे बीएचयू स्थित
डीएसटी सेंटर पर 14 नवंबर तक
सभी प्रमाणपत्रों के साथ
जमा करना होगा। बीएचयू में यूजीसी के
समन्वयक प्रो. उमेश सिंह ने
बताया कि डाउनलोड प्रवेश पत्र
की प्रति नहीं जमा करनी है।
आवेदनों की जांच के बाद
अभ्यर्थियों की सूची बीएचयू की वेबसाइट
पर 20 दिसंबर तक अपलोड कर
दी जाएगी। इसमें
परीक्षा केंद्रों की जानकारी मिलेगी।
परीक्षा के दिन अभ्यर्थियों को प्रवेश
पत्र के अलावा आईडी प्रूफ जैसे ड्राइविंग
लाइसेंस, पैन कार्ड या फिर वोटर
आईडी कार्ड अपने साथ रखना होगा।
-तिथियां-----
-ऑनलाइन आवेदन भरने व बैंक चालान
की प्रिंटेड कॉपी निकालने की अंतिम
तिथि 4 नवंबर।
-एसबीआई में चालान के जरिये शुल्क
जमा करने की अंतिम तिथि 7 नवंबर।
-ऑनलाइन आवेदन, प्रवेश पत्र का प्रिंट
आउट लेने की अंतिम तिथि 10 नवंबर।
-डीएसटी सेंटर (बीएचयू) में आवेदन
जमा करने की अंतिम तिथि 14 नवंबर।
-परीक्षा 29 दिसंबर।
अगर नीतीश कुमार की हिस्ट्री मैंने अपने स्कूल में पढाया तो हमारे बच्चों का भविष्य चौपट हो जाएगा..,मेरी बिन मांगी सलाह है..वे राजनीति छोड़े और मुझसे हिस्ट्री की ट्यूशन ले लिया करें|
ReplyDeleteKAL APNA CASE 39 FRESH,9 SUPLYMENTRY AUR 3 BACKLOG AUR 4 UNLISTED KE BAD LISTED ME 4 NO. hai..Par laga huwa hai...par kal v apna case sune jane ke aasar nahi hai..kyuki unlisted me ek bada mukadama laga hai jo viddut nigam se sambandhit hai aur usme lagbhag 150 special apeal hai..jisme lambi bahas chal skti hai..kal apna case mention karke next date li jayegi..kal hamare khyal se sunwai ka hona behad muskil hai..advance cause list me pahle viddut nigam ka bda mukadama apne case k bad 35 no. Par tha par unlisted ho jane se wo pahle suna jayega..sayad hamari kismat hi kharab hai..har date par hamare sath ku6 na ku6 anhoni kyu hoti hai..dhary bnaye rakhe...n.c.te ki deadline court me pending mamle ke liye many nahi hogi..high court aur suprime court ke pas deadline badhane ka aadesh dene ka adhikar hai..jise n.c.te manane ke liye badhy hoga.
ReplyDeleteगुड रात्रि JAIL WALI
ReplyDeleteहाईकोर्ट नही पार लगा सकता नैय्या.......!!
ReplyDeleteसिर्फ न्याय मिल सकता है....नौकरी नहीं....
'देव' समान 'गुरुओं' से 'पार पाने' का सिर्फ अब एक ही है 'उपाय'..........मेरे पास......
जिस पर 'अखिलेश सरकार' को 'तुरन्त' अमल करना चाहिये.......
कि.......
72825 पदोँ की भर्ती टेट मेरिट से कर दी जाय.......
और
पद बढ़ा कर...
72825 की भर्ती अकादमिक मेरिट से कर दी जाये.....
मित्रों
जब 'चुनाव' सिर पर हों......तो ओखली में 'सिर' नही देना चाहिये.....
'सिर' बड़ा कीमती है..!!!
'क्योँकि ये सपने दिखाता है प्रधानमंत्री बनने के.....!!'
है कि नही...
शिष्य – “गुरूजी,
ReplyDeleteऐसी पत्नी को क्या कहते हैं
जो गोरी हो, लंबी हो, सुन्दर हो,
होशियार हो, पति को समझती हो,
कभी झगड़ा नहीं करती हो … ?”
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
गुरूजी– “उसे मन का वहम कहते हैं बेटा …
केवल मन का वहम और कुछ नही !”
Good morning all member
ReplyDeletedosto court par ham najar bnaye rahege..ham apko update degne..jaisa ki apna case aaj sune jane ke aasar bahut kam hai..fir v ishwar se ham pray kar rahe hai ki hamare wakil jb mention kare to apne case ko ek time mil jaye,bhale hi hamare case ko kam hi time mile par ku6 to clear ho..waise jo bda mukadama laga hai us par pahle 2 hour bahas ho chuki hai sayad aaj thodi bahas karke viddut nigam wale case ko new date de de,,ham bhagwan se yahi pray kar rahe hai ki aisa hi ho..taki hamare case ko lunch bad ku6 time mile aur ku6 positive result najar aaye..ummid par duniya kayam hai..aur ye dunia (earth) bhi kisi bhagwan bharoshe tiki hui hai. ham v ummid hi laga sakte hai aur ku6 to hamare bas me nahi hai..bne rahe aur 10 bje wakilo ke mention ke bad ham apko sthiti btayege...
दो चार पटाखे क्या छोड़ दिए सोचा शेर डर जायेगा,
ReplyDeleteवो सिंह भवानी का बेटा हुंकार नहीं भर पायेगा,
दहशतगर्दो तुम कायर हो तुम किसको खौफ दिखाते हो
जो खुद बारूदी तेवर है चिगारी उसे दिखाते हो
चिंगारी बम विस्फोटों की यदि मोदी को छू भी पाती
तो फिर भारत की गली गली हल्दी की घाटी हो जाती..
अगया वक्त हे देश भक्त भारत की जय जय जय कर दो..
पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण भारत को मोदीमय कर दो...
अगर अब भी किसी को अक्ल नहीं आ रही है तो आप को अब कोई नहीं समझा सकता।
ReplyDeleteमैं किसी ex(72824) के लिए नहीं बल्कि अपने लिए अपने भविष्य के लिए ये सब करने जा रहा हूँ।
Khare gaddar hai , jis party se jyada paisa milta hai usi or jhuk jata hai. Jab tak khare hamara vakil hai hamare case par kabhi faisla nahi aayega,
ReplyDeleteThat is happen today in court?
ReplyDeleteमेरे प्यारे दोस्तों इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आज हमारे केस की अगली डेट 7 nov लगा दी है मै आप लोगो को एक बात ये बता दू कि आप लोग भ्रमित न हो अगली डेट मै १००% सुनवाई हो जायेगी ये मेरे सभी साथियो को मेरे तरफ से दीपावली का उपहार होगा आप लोग आपने परिवार की साथ दीपावली को खुशियोँ की साथ मनाये. भगवान् करे आप लोगो कि जीवन में आने वाली ये दीपावली उजाला लाये और आपके जीवन को रोशन करे.आप लोग आपनी लाइफ की पिछले २ साल को १ बुरा सपना समझ के भुला देना.
ReplyDeleteअगली डेट का इंतजार मत करो अब तुम लोग आर्डर इंतजार करो.
दोस्तोँ,
ReplyDeleteआज हमारा केस मेन्शन करा लिया गया लेकिन फिर से दुर्भाग्य कि सरकारी वकील सी.बी.यादव लंच बाद अस्वस्थ होने की वजह से अनुपस्थित रहे।पर आज अच्छी बात यह रही कि केस पहली बार मेँ ही मेन्सन हो गया और अगली 2 सुनवाईयोँ मेँ फैसला होने की पूर्ण उम्मीद है।
acording to tet morcha vidhik salahkar advocate navin sharma....mention kiya gya aur court ka sakaratmak rukh rakha..judge sahab ne lunch bad apna case take up karne ki bat kahi aur sarkari wakil ko lunch bad upashthit hone ko kaha par c.b yadaw ne illness ka bahana le chutti liya..judge sahab ne kaha aaj nai to kal c.b yadaw ke present rahne par suna jayega warna 7 ko suna jayega kyuki ye jaruri h
ReplyDeleteतुम पूछते हो मेरे प्यार की इन्तिहा क्या है,
ReplyDeleteचाह कर भी मैं कुछ कह नहीं पाता हूं ।
जब से तुम वो तस्वीर ले गये हो बन्द आँखों मेँ,
खोल कर आँखें मैं रह नहीं पाता हूं ।
वो कहते हैं के तू कोई बँधा तो है नहीं,
मै तो दरिया हूँ, फिर क्यूँ बह नहीं पाता हूँ ।
Girls की 4 बातें जिन्हें boys
ReplyDeleteकभी समझ नहीं पाते …
(1) तुम ना बड़े वो हो ….
(लड़का सोचता ही रह जाता है कि इस
“वो” से क्या मतलब है ?)
(2) मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी ….
(तो फिर क्या उम्मीद थी ?)
(3) तुम पहले जैसे नहीं रहे …. (पहले मैं
कैसा था ?)
(4) सच बताना, मैं कैसी लग रही हूँ ….
(अब सच बताकर मरना है क्या?)
JAIL WALI
ReplyDelete.
छूकर होंठ तेरे मेरे भी गुलाबी हो गए ,पाकर तुझे इश्क में हम खिताबी हो गए तेरे पूछने का ढंग हीं कुछ कातिल था ऐसा, संग मरने को भी तेरे हम राज़ी हो गए,
जन्नत की हूर तू दिल में बसने लगी सी है, घर मैं बैठे अब अपने शौक नवाबी हो गए
झिड़क देता था किसी को भी बिन बात,
बेवज़ह अल्फाज़ आजकल मीठे ज़ज्बाती हो गए, सवाल मासूम सा होता तेरा बिलकुल तेरी तरह ,ज़वाब मेरे भी अब कहाँ किताबी रह गए,
मयखाने से लौटा पर पूरे होश में लौटा दरवाज़े पे तुझको देख फिर शराबी हो गए__
सरकारी वकील C.B यादव के अनुपस्थित होने के कारण आज सुनवाई नहीं हो पाई अगली तारीख 07 नवम्बर लगी है .
ReplyDelete"जब जज महोदय ने सी. बी. यादव जी को पेश होने का आदेश दिया ही था तो कोर्ट में ऐसे बीमार वकीलों को कोर्ट में पेश करने के लिये स्ट्रेचर और एंबुलेंस की व्यवस्था भी की जानी चाहिये जिससे आवश्यकता पड़ने पर इन्हें इनके घर/अस्पताल से
भी लाकर कोर्ट में पेश किया जा सके. ये सुविधा इन पाखंड़ी वकीलों के खर्च पर ही उपलब्ध होनी चाहिये.
अगर यह संभव नही है तो ६ फ़ुट के २ बाँस के
डंड़ो को बीच से छोटे डंड़ो से बाँधकर भी काम चलाया जा सकता है. कोर्ट रूम में एक स्पेशल बेड़ की भी व्यवस्था होनी चाहिये. बेचारे खड़े न हो सके तो लेटकर ही जज महोदय का सामना कर सके. कम
से कम २ चिकित्सक भी इनके साथ मौजूद होने चाहिये जो इन्हें झटका लगने पर स्थिति को संभाल सकें और सुनवाई बेरोक-टोक हो सके. नही तो ये लोग पता नही कब तक हम जैसो को दुःख देते रहेंगे।
JAI SHREE RAM.sale madharchod politician ne desh,state aur hamari jindagi ka kabara bana kar rakha hai haramkhor mc bc.akri ma
ReplyDeleteku6 logo ke man me prashn uth rahe hai ki bina sunwai ke case unlist nahi hota fir aisa kyu aur kaise huwa..to dosto h.c ka ek rule hai d.b me 1 hafte bad next date milti hai..aur jisme 5 din working day hone chahiye..matlab agar monday ko case hai to next date next monday lagegi aur listed me jayega..agar 5 working day se kam par judge ki sahmati se date laga to wo automatic unlisted me jayega...aur apna case agar dipawali ki chhutti hta de to 2 working day bad punah lag raha hai..isiliye unlist ho gya hai..
ReplyDeletethanx
शतरंज के इस खेल में अब तक सर्वोच्च न्यायालय जाने के नाम पर पड़े दबावों के बावजूद हमारे साथी बहुत दिलेरी के साथ पूर्व विज्ञापन की सुरक्षा करते रहे और इस काम में पूर्णतः सफल भी रहे हैं,,,,,, यदि उनसे कोई गलती हुई भी होगी तो वो उनकी गलती ना होकर वकीलों की ही गलती कही जानी चाहिए,,, इलाहाबाद के हमारे साथी कोई विधिवेत्ता तो हैं नहीं जो अपने द्वारा हायर किये वकीलों की रणनीति पर सवाल उठा सकें,,,, अपने वकील पर भरोसा करने के सिवाय और विकल्प भी क्या था उनके पास,,,, सामान पदों के लिए जारी दो विज्ञापनों पर इतने जटिल आर्डर जारी किये जाने के पीछे मुझे जजों की जो मंशा नजर आ रही है वही सबके हित में भी है,
ReplyDeleteयदि मैं सही हूँ तो ये भर्ती होने में अब ज्यादा देर नहीं है,,,, पूर्व विज्ञापन तो नहीं ही बहाल हो सकता , पूर्व विज्ञापन के फार्म बहाल होने के बावजूद नौ महीनों से लगा स्टे इसी बात का प्रमाण है,,,,,, जिन्होंने नए में फ़ार्म डाल दिया था उनके बारे में कोर्ट के पास यह मानने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है की एकेडमिक से नियुक्ति होने पर भी उन्हें कोई एतराज नहीं है,,,जिन्होंने फ़ार्म नहीं डाला था उन्होंने भी कभी कोर्ट के सामने अपना दावा पेश नहीं किया,,,,
ReplyDeleteआज कोर्ट में क्या हुआ--
ReplyDeleteH.C. me aaj ka 'ghtnakram' es prakaar rha- Morning 10Am pe mere lawyer Abhishek Srivastava g ne Court me 'mention' kiya . Es pr 'sangyan' lete hue Judges ne sarkari vakeel k saamne 3 'options' rkhe---(1) Aaj 'lunch' baad sunwayee. (2) ydi ye sambhav nhi to fir kal sunwayee. (3) ydi ye b sambhav nhi to fir Court open hone pe 6 Nov. ko sunwayee. Lagbhag 12 pm pe ek sarkari vakeel ne Abhishek Srivastava g ko ye bataya k mr. C.B. yadav g 'out of station' chle gye h, aur ve 6 Nov. ko back honge.......Theek 1 pm pe Abhishek g ne fir se Court ko 'mention' kraya to Judges ne sarkari vakeel se C.B. yadav k lautne k bare me jankari ki , eske baad unhone hmari date 7 Nov. ko 'fix' kr de. Unhone es baare me aaj k apne Order me b likhaya h. Ye order aaj sham tk Internet pe load ho jayega , jise aap log swaym padh skte h........Mitro,sbse acchi baat ye rhi k ab H.C. hmare mamle ko lekar gambheerta dikha rhi h. Eske peeche hm sbi logo ki mehnat h. President ko 'iccha- mrtu' ka gyapan bhejna, Sup.Court me 'time-bound direction' k liye SLP ka file hona, lgatar Rajnetawon se mulakat, lgatar ho rhe Andolan, hm pe Alld me hua 'Lathicharge' etc, tmam reasons h jiske karan hmara mudda lgatar charcha me rha h. baki baate baad me hogi ......Lekin saathiyon hme apne 'prayas' lgatar jari rkhne honge, jb tk k hme hmari 'naukri' nhi mil jati h. "Rise, awake and stop not till the goal is reacher." Thanks.
आज का दिन भर्ती समर्थको के लिये काफी अच्छा रहा. मुख्यमंत्री जी का जल्द भर्ती के लिये बयान (रुकी हुई शिक्षको की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र आरम्भ होगी) और माननीय जज साहब का हमारे केस के सम्बन्ध मे रुख राहत देने वाली बात है. जहा तक आज सुनवाई ना होने की बात है तो मैने करीब 01 सप्ताह पहले ही पोस्ट मे बता दिया था कि अपने केस के विषय मे फैसला दीपावली के बाद होगा. आज सुबह भी बताया था कि आज सुनवाई के असार कम है लेकिन कुछ अच्छी खबर कोर्ट से मिलेगी. कोर्ट से मिली अच्छी खबर आप सभी जानते है कि जज साहब ने कहा कि हमारा केस अर्जेंट है, अतह दीपावली के अवकाश के तुरंत बाद 07 को डेट देकर उस दिन सी0 बी0 यादव जी को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. महापात्रा जी ने हमे जिस तरह से निराश किया था उसको देखे तो जज साहब द्वारा हमारे केस को महत्व दिया जाना और इस मामले की urgency का जिक्र किया जाना बडी राहत है.
ReplyDeleteकेस के अनलिस्टेड होने की खबरे मिल रही है पर यह सुबह तक कंफर्म होगा. यह भी खबर मिल रही है कि 07 को भी शायद ही खास कुछ हो और और उसके बाद अगला सप्ताह शायद 11 तारीख या उसके आस-पास काफी अच्छा हो सकता है.
जज साहब ने आज केस अर्जेंट बताया (Learned counsel for the appellants submits that there is urgency in the matter since the process of recruitment of Assistant Teachers is held up. Looking to the urgency in the matter, this appeal as well as other connected appeals be listed on 07/11/2013.) (और शायद अनलिस्टेड भी किया) जिसका श्रेय सभी लेना चाह रहे है. पर वास्तव मे यह किसी एक के प्रयासो से नही हुआ है. 1. थर्ड पार्टी के प्रयासो से ग्रह मंत्रालय से कोर्ट को आये फैक्स और न्याय विभाग के हस्तेक्षेप, 2. प्रदेश भर से माननीय राष्ट्रपति जी, राज्यपाल जी, प्रधानमंत्री जी, मुख्यमंत्री जी और सी0जे0 को लिखे पत्र और न्यायाधीशो की बैठक मे इस सन्दर्भ पर चर्चा करते हुए मामले को जल्द निपटाने की सहमति बनना, 3. इलाहाबाद मे भर्ती समर्थको के लगभग डेढ माह से चल रहे अनशन, 4. प्रदेश भर मे हुए और हो रहे आन्दोलन, 5. कोर्ट मे जल्द निर्णय के लिये प्रयासरत सभी साथियो आदि सभी की प्रयत्नो का सामूहिक फल है यह. कोर्ट का यह सकारात्मक रुख टेट समर्थक, एकेडमिक समर्थक और भर्ती समर्थक सभी के लिये सुखद समाचार है.
ReplyDelete.
अगर अब भी फैसला आने मे कोई बाधा आती है तो इलाहाबाद का क्रमिक अनशन आमरण अनशन मे बदल जायेगा और हम सभी वहा उपस्थित होकर समर्थन करेंगे. 07 अथवा 11 का कोर्ट का रुख देखकर अंशुल जी और हम सभी जल्द भर्ती के लिये आगे की कठोर कागजी कार्यवाही भी आरम्भ करेंगे. हम सभी मिलकर कोर्ट से जल्द डिसीजन पाने के लिये हर सम्भव प्रयास करेंगे.
ReplyDeleteMERE TET SUPPORTER SATHIYO...
ReplyDeleteJAISA KI AAP LOG JANTE HAI APNI SAMBHAVIT HAR SE GOV. Wakil illness(bimari se grasit) ka bahana lekar 6 nov. Tak chhutti par chale gye..ham kahte hai gov. Ke dono wakil c.b yadaw aur bhanu pratap singh kya dono ek sath bimar ho jayege ya fir ku6 aur wajah hai..par dono wakilo ke chhutti par jane se nischit taur par ku6 sandeh jarur hota hai.
2) aaj court ka rukh nischit taur par hamare case sunne ka tha..magar c.b.yadav aur bhanu pratap singh ji dono chhutti par the.
ReplyDelete3) acording to vidhi adhyax s.k.pathak junior me tet wtg ka jo writ dali gyi hai usme court ne sarkar se larger bench ke order ki andekhi karne par javab maga tha aur kal sarkar ki taraf se uska javab dakhil huwa hai..11 nov. Ko next hearing hai junior me tet wtg ki..sarkar isi ke chalte junior ki merit avi nahi sarwajanik kar rahi hai..sarkar 11 nov. Ki date ko dekhkar hi koi kadam uthayegi..kyuki use v lagta hai larger bench ke order ko ignore nai kiya ja skta.
ReplyDelete4) apna case 7 nov . Ko laga hai aur judge sahab ne khud 6 nov. Ko case sunne ki ixa jatai thi par c.b.yadaw aur bhanu pratap singh ki 6 tak chhutti par jane k karan 7 nov. Ki date lagi hai..
ReplyDelete5) ku6 logo ke man me prashn uth rahe hai ki bina sunwai ke case unlist nahi hota fir aisa kyu aur kaise huwa..to dosto h.c ka ek rule hai d.b me 1 hafte bad next date milti hai..aur jisme 5 din working day hone chahiye..matlab agar monday ko case hai to next date next monday lagegi aur listed me jayega..agar 5 working day se kam par judge ki sahmati se date laga to wo automatic unlisted me jayega...aur apna case agar dipawali ki chhutti hta de to 2 working day bad punah lag raha hai..isiliye unlist ho gya hai..
ReplyDeletethanx"
सरकार अगर SCERT विवरण वाला आदेश मानती तो उसे प्रेस के माध्यम से नोटिफिकेशन जारी करनी पड़ती और नए विज्ञापन के फ़ार्म शून्य हो जाते....अपील ना करके शायद उसने बीच के रास्ते पर चलने का ही निर्णय लिया था,,,,, नए विज्ञापन में आयु-सीमा में छूट ना देकर उसने जाने-अनजाने इस बात का प्रबंध तो कर ही दिया था की जो लोग टेट मेरिट से ही चयनित हो सकते हैं उनका चयन तो हो ही जाए बशर्ते की वो अपना दावा नए विज्ञापन पर पेश करें ना की पूर्ववर्ती सरकार के विज्ञापन पर...
ReplyDeleteशतरंज के इस खेल में अब वक्त आ गया है की हम पूर्व विज्ञापन की सुरक्षा की जिम्मेदारी इलाहाबाद टीम पर छोड़कर नए विज्ञापन पर आक्रमण करें,,,,,, पूर्व विज्ञापन से भर्ती और पूर्व विज्ञापन की शर्तों पर भर्ती शब्दावली में समानता दिखने के बावजूद उनमें जमीन-आसमान का अंतर है,,,,, विज्ञापन की शर्ते महत्वपूर्ण होती हैं ना की विज्ञापन,
ReplyDeleteपूर्ववर्ती सरकार द्वारा जारी एक भी विज्ञापन आज जीवित नहीं है,,,कोई भी सरकार अपने से पहले की सरकार द्वारा जारी विज्ञापन से नियुक्ति करना पसंद नहीं करती,,,,, लेकिन किसी भी स्थिति में रद्द हुए विज्ञापन की तीन शर्तों को नए विज्ञापन में मान्यता देनी ही पड़ती है जो कि आयु-सीमा,फीस और चयन प्रक्रिया (बशर्ते की वो एक परीक्षा हो जिसका परिणाम घोषित हो चुका हो,एकेडमिक के नंबरों से किसी प्रकार का अधिकार नहीं मिलता)हैं..... यदि सरकार किसी वजह से ऐसा नहीं करना चाहती तो वो पूर्व सरकार द्वारा जारी विज्ञापन के पदों के सन्दर्भ में अपनी सरकार द्वारा जारी विज्ञापन से तब तक नियुक्ति नहीं कर सकती जब तक पूर्व विज्ञापन के संभावित उन चयनितों का चयन उन पदों में से नहीं किया जाता जो कोर्ट जाकर अपना दावा पेश करें..
ReplyDeleteहमारे मामले में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि पूर्व विज्ञापन में कोई लिस्ट जारी नहीं हो पाई थी इसलिए सभी टेट 2011 (लगभग 3 लाख) पास अभ्यर्थियों के अधिकार सामान हैं,,,,,
ReplyDeleteटंडन साहब ने आयु-सीमा वाली याचिका पर परोक्ष रूप से यही डायरेक्शन देते हुए 30-11-11 के सभी अभ्यर्थियों के लम्बे समय से केस लड़ने के कारण हुए कष्टों के निवारण हेतु उनका नए विज्ञापन में उन्हीं जिलों में फ़ार्म डलवाने का निर्देश दिया था जिनमे उन्होंने पूर्व विज्ञापन में डाले थे,इसी निर्देश की प्रारम्भिक लाइन में ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया था की ये आयु-सीमा का मामला नहीं है...... कोई भी सरकार या कोर्ट इस बात से इनकार नहीं कर सकता की टेट 2011 पास होने के कारण हमारे ऊपर कष्टों का पहाड़ टूटा था,,,, चूंकि राज्य और उसकी सभी संस्थाओं का जन्म जनता के कष्टों के निवारण के लिए हुआ है इसलिए सरकार और कोर्ट दोनों ही हमारा चयन कराने के लिए जिम्मेदार हैं,,,,, ये छः-सात लाइन का ऐसा निर्देश है जिसकी व्याख्या करने पर सिर्फ एक ही आवाज सुनाई देगी,,,,,, जय टेट मेरिट.......
ReplyDeleteहमारे पास दो विकल्प हैं.... या तो सरकार द्वारा आशीष मिश्रा की याचिका पर दिए निर्देश के विरुद्ध डबल बेंच में की अपील को IMPLEADMENT डालकर REOPEN करवाया जाए या फिर नवीन-पाठक वाले बंच केस में INTERVENTION APPLICATION डालकर नए विज्ञापन के पदों पर अपना दावा पेश किया जाए,,,,, यदि कोर्ट हमारी INTERVENTION APPLICATION खारिज कर देता है तो हम प्रापर चैनल से उसे लेकर सर्वोच्च न्यायालय जा सकते हैं,,,, इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किसी भी नजरिये से देखा जाएगा तो उसे हमारी भर्ती ना होने देने के लिए सरकार-उच्च न्यायालय और हमारे वकीलों का मिला-जुला षड्यंत्र ही नजर आएगा
ReplyDeleteऐसे जटिल आदेश देकर कोर्ट खुद फंस रहा है,,,RETROSPECTIVE EFFECT से चयन प्रक्रिया बदलने के नाम पर विज्ञापन रद्द करना और बाद में प्रशिक्षु अध्यापक के नाम पर कोर्ट में बहस करके सरकार की मंशा स्पष्ट हो रही है,,,हमारे वकील गलत और विरोधाभासी बहस करके फास रहे हैं,,,,,,,, चूंकि हम इन सबको फ़साने में सक्षम हैं इसलिए अब ये सब मिलकर हमें इस मुसीबत से छुटकारा दिलाने के लिए बाध्य हैं
ReplyDeleteयदि टेट मोर्चे का नेतृत्व साथ दे तो उस दारुल शफा जाने वाले हर व्यक्ति का नाम उस APPLICATION में डलवाया जा सकता है,,,,, (यद्यपि इसकी मुझे कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि अभी भी खरे के ज्यादातर पैरवीकार पूर्व विज्ञापन को बहाल कराने की कसम खाए बैठे हैं,,,, ) पांच-दस-पंद्रह हजार लोगों द्वारा याचिका डालने पर सुनवाई की जरूरत ही नहीं पड़ेगी,,,,, सरकार बिना किसी प्रकार की मेरिट या काउंसिलिंग के स्वेच्छा से सबकी नियुक्ति कर देगी,,,,,,, इस प्रकार से हर उस व्यक्ति को नौकरी मिल सकती है जिसने हमारे संघर्ष पर कभी भी भरोसा किया होगा,,यदि ऐसा नहीं भी हो पाया तो नए विज्ञापन के पदों पर पूर्व विज्ञापन के फार्मों द्वारा ही नियुक्ति होगी,,,,
ReplyDeleteजो लोग मेरी इस योजना से सहमत हों वो तिवारी जी से बात करें,,,,,, अगली सुनवाई से पहले मुझे कोर्ट में दखल देना है,,,,,, सुनवाई ना होने के बहानों पर अगर ऐसे ही विश्वास करते रहे तो दो-चार महीनों बाद जिन्दगी के सिवाय जिन्दगी में कुछ बचेगा ही नहीं.......
ReplyDeleteटी ई टी मे धाधंली के बात करने वाले मीडियाकर्मी आज जब शिक्षामित्रो के परीक्षा मे खुलेआम नकल हो रहा है तो चुप है
ReplyDeleteटीईटी अभ्यर्थियों की लंबित याचिकाओं पर होगी सुनवाई....
ReplyDeleteइलाहाबाद (ब्यूरो)। प्रदेश में 72825 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति एवं चयन को लेकर लंबित याचिकाओं पर सात नवंबर को सुनवाई होगी। कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता सीबी यादव और अन्य पक्षकारों के अधिवक्ताओं की याचना को स्वीकार करते हुए याचिकाओं को सात नवंबर को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
अभ्यर्थियों के वकील नवीन कुमार शर्मा ने बुधवार को न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा की खंडपीठ के समक्ष याचिकाओं की जल्द सुनवाई का अनुरोध किया। कहा कि याचिकाओं के लंबित होने के कारण प्रदेश में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है। प्रदेश सरकार की ओर से बताया कि अपर महाधिवक्ता सीबी यादव उपलब्ध नहीं है इसलिए मामले की सुनवाई सात नवंबर को रखी जाए।
लौह पुरुष = सरदार वल्लभ भाई पटेल
ReplyDeleteविकास पुरुष = नरेद्र मोदी
बकलोल पुरुष = दिग्विजय सिंह
स्त्री पुरुष = कुमार विश्वास
अविकसित पुरुष = राहुल बाब
प्रोडक्शन पुरुष = एनडी तिवारी
स्त्री और पुरूष = रेणुका चौधरी
वैसाखी पुरुष = सलमान खुर्शीद
मौन पुरुष = मनमोहन सिंह
चोर पुरुष = अरविन्द केजरीवाल
झोल मोल पुरुष = रोबर्ट वाड्रा
गोल पुरुष = संजय भैया मोटेवाले
जलील पुरुष = नितीश कुमार
आज 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल के 138 वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में गुजरात में विश्व की सबसे लम्बी प्रतिमा (182 मीटर) "श्री सरदार वल्लभ भाई पटेल जी" की प्रतिमा का शिलान्यास नरेन्द्र मोदी करेंगे। ये प्रतिमा अमरीका की स्टॅच्यू ऑफ लिबर्टी की लंबाई में 2 गुना ज़्यादा और रियो दी जेनेरियो की क्राइस्ट दा रिडीमर से लगभग 5 गुना लंबाई मे ज़्यादा एक "स्टॅच्यू ऑफ यूनिटी" के नाम से २०६३ करोड़ की लागत से बनने जा रही है। यह प्रतिमा गुजरात में सरदार-सरोवर बांध के पास साधु बेट पर लगेगी, जो सरदार सरोवर बांध से लगभग 3.2 किलोमीटर की दूरी पर है।
ReplyDeleteलौहपुरुष को जन्मदिवस पर सादर नमन !
जय पटेल, जय भारत !!
न्यायमूर्ति अशोक भूषण एवं न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा की कोर्ट में तत्कालीन बेसिक सचिव अनिल संत का शासनादेश अपनी रंगत पा सकता है।
ReplyDelete७२८२५ के विज्ञापन में मायावती सरकार का निर्णय या उनका विज्ञापन इतनी आसानी से तबाह नहीं होगा। अगर वो तबाह भी हुआ तो उसकी महत्वपूर्ण बातें(शर्तेँ) ही भर्ती के सकुशल समाप्ति के लिये उत्तरदायी होंगी।
टेट मेरिट बनाम एकेडमिक मेरिट विवाद ने
ReplyDeleteसबको चक्कर में फंसा दिया है,,,,वर्तमान सरकार
की मंशा अगर साफ़ होती तो पूर्ववर्ती सरकार में
सचिव द्वारा विज्ञापन जारी करके छोड़ दी गई
कमी को एक झटके में दूर कर सकती थी,,,,, पहले
तो उसने एकेडमिक वालों को दिखाने के लिए चयन
प्रक्रिया में बदलाव कर दिया लेकिन वो तो प्रथम
द्रष्टया ही अवैध था जिसपर कोई भी वकील बहस
करता भी तो क्या करता,,, सबको अपनी-
अपनी इज्जत प्यारी होती है,,