परिवहन विभाग : सरकार ने इसकी नियमावली को हरी झंडी दे दी है
परिवहन विभाग : संभागीय निरीक्षक के दो तिहाई पद खाली
120 पद, तैनाती महज 40 पर
लखनऊ। परिवहन विभाग में संभागीय निरीक्षक (आरआई) के दो तिहाई पद खाली हैं। आलम यह है कि प्रदेश में 120 पदों के सापेक्ष मात्र 40 संभागीय निरीक्षक ही तैनात हैं। एक-एक निरीक्षक के पास तीन-तीन जिलों का प्रभार है। जबकि परिवहन विभाग में यह पद काफी महत्वपूर्ण होता है। गाड़ियों की फिटनेस से लेकर पंजीकरण जैसे महत्वपूर्ण काम इन्हीं के जिम्मे होते हैं।
परिवहन विभाग में संभागीय निरीक्षक रीढ़ की हड्डी की तरह होते हैं। कई जगह आरटीओ लाइसेंस जारी करने तक का अधिकार भी इन्हीं को दे देते हैं। ऐसे में लाइसेंस जारी करने से लेकर गाड़ियों की फिटनेस व वाहनों के पंजीकरण तक का काम इन्हीं के पास होता है। प्रदेश में 76 सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) के ऑफिस हैं। सभी ऑफिसों में एक-एक संभागीय निरीक्षक की पोस्ट है। जबकि बड़े ऑफिसों में दो-दो संभागीय निरीक्षक के पद स्वीकृत हैं। इसके अलावा कुछ पद मुख्यालय के भी हैं।
आरआई जैसे महत्वपूर्ण पद खाली होने का नुकसान जनता को भी उठाना पड़ रहा है। जिन आरआई के पास तीन-तीन जिलों का प्रभार है वे हफ्ते में एक या दो दिन ही एक जिले को दे पाते हैं। ऐसे में गाड़ियों की फिटनेस व पंजीकरण जैसे महत्वपूर्ण कामों के लिए लोगों को हफ्तों दौड़ लगानी पड़ती है। दरअसल, इन पदों पर भर्तियां इसलिए भी नहीं हो पा रही थीं क्योंकि इसकी नियमावली ही नहीं थी। हालांकि अब सरकार ने इसकी नियमावली को हरी झंडी दे दी है
News Sabhaar : Amar Ujala (17.6.2014)
खुशखबरी,
ReplyDeleteसरकार की केश खारिज
भर्ती करने का आदेश दिया।
देखिए मित्रो कितने मित्र परेशा है सपा से ओर मोरचा बनाए है
ReplyDelete1. टीइटी मोरचा
2. एकेडमीक मोरचा
3.पुराने वि बीटीसी मोरचा
4. बीटीसी प्रशिक्षु मोरचा
5.जुनियर एकेडमीक मोरचा
6. जु टीईटी मोरचा
7, आल टीइटी पास को नोकरी मोरचा
8.फारमेसी छात्र मोरचा
9. शिक्षा मित्र मोरचा
10. लोवर एन्ड अपर मोरचा
11.बीटीसी
10हजार मोरचा
12.सिपाहि एन्ड दरोगा मोरचा
13.ओर न जाने क्या क्या पर एक सघँठित ओर होशियार टिकाउ निर्भीक वित्तिय मजबुत ओर एकल बैँच से लगाकर हेग तक यदि टेढि नाक को नाको चने चबाए ,या हर न्यायलय से अपनी मजबुत पैरवी व कुटनीतिक व सजक चालो से सरकार को नँगाकरने का काम किया तो सिर्फ और सिर्फ टीइटी मोरचा 2011 है ।वैसे तो सभी बन्धु ही है।
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अबकी बार टीईटी सरकार
दोनों पक्षों के वकीलों खड़े थे !!!!!!!!!!
ReplyDelete.
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जज साहब ने किसी का कुछ नहीं सुना और कहा की आप जाओ दत्तू सर की बेंच में अपना मामला रखो , क्या कंटेम्प्ट से बचने का ड्रामा कर रहे हो यहाँ पे ?
इसके बाद फाइल उठाकर बगल में फेंक दी और कहा की अपना नेक्स्ट प्रोसेस समझ लीजिये |
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मतलब कंटेम्प्ट फेस कीजिये |
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एक्चुअल वर्ड्स हैं ये जज साहब के
इन से बड़ा भी कोई वकील है । कल भोलेनाथ से और आज बजरंगबली से बात हो गयी दोनोँ लोग कोर्ट मेँ समय से पहुँच जायेँगे ।
ReplyDeleteसुनने मे आ रहा है
ReplyDeleteकि कोर्ट ने पलटुआ के
पिछवाडे मे लाल मिर्च
पाउडर छिडक दिया है
Thank god maja aa gaya.
ReplyDeletejai prt
nd jese hm logo ki prt bharti me aaj govt ki file feki gai.
Use dekh k conform ho gaya ki hc db ke ordr k baad junior ke against rit wali file b fek di jayegi ye kahte hue ki sc pahle hi kah chuka h ki niyam bich me ni badle jate.
GOOD NEWS
ReplyDeleteGovt ki apeal khaarij judge sahab ne kaha regular bench mein jakar contempt face karna jabtak bharti pirkirya jaari rakhein
Thanks umaji maza as gaya.
ReplyDeleteJai Tet
Mulla mulayam chor hai
Sala narak ki aag me jalega
बहुत ही सुंदर
ReplyDeleteसरकार की अपील खारिज
अब लगेगा अवमानना केस ढंग से
जुलाई में दत्तू सर की बेंच में सरकार की मटटी पलीत तय है,
देखो कौन नपे
तब तक सरकार बचाव के लिये क्या करे
एक ही चारा काउंसिलिंग कराओ , जल्दी
नही तो
धडाम धडाम धडाम
और सचिव स्वाहा
Akhirkaar satya ki jeet ho hi gai...aaj fir shabit ho gaya GOD hain jo der se hi sahi par 1 din jarur sunte hain thank's GOD aaj jitna v upar wale ka shukriyada kiya jaye wo kam hai....jay mata di...
ReplyDeleteजा सचिव,,,तोहारे दिन लद गये ! Contempt का case करने वालों ,,जावेद उस्मानि से लेकर नितिश्वर कुमार तक कोई नहीं छूटना चाहिए,,,तभी तो मजा आयेगी जब एक साथ ये ससुरे चक्की पिसेगे
ReplyDeletejai hanuman baba ki jai umashankar ji ki jai tet merit ki
ReplyDeletejai hanuman baba ki jai umashankar ji ki jai tet merit ki
ReplyDeletejai hanuman baba ki jai umashankar ji ki jai tet merit ki
ReplyDeleteTohfa gov k liye: muh to band ho gya....ab khayegi kese....
ReplyDelete*tohfe ko like krke tohfe m apni hissedari banaiye..gov ko mirchi khilaiye.
judge ne july k first week me dattu sir k yaha list k liye kaha.
ReplyDeleteaur jab gov adv ne kaha ki sir contempt ho jayega to judge ne kaha ki aap yaha contempt se bachne hi to yaha aaye hai. aur bina time badaye file rakh di aur next case utha liya.
अब सरकार के अधिकारी भागदौङ करना सुरु कर दिए ंअभी अभी सूचना मिली है कि सन्जय सिन्हा भागते हुए देखे गए है । अब जल्द ही डाटा तो डाटा ये खुद. Online हो जाएंगे। अब १००% confermहै कि दत्तू सर ंइन्हे छोङेगे नहीं। हाँ यदि प्रक्रिया कुछ आगे खीचकर एक दो counceling यदि करा दिया तो सजा कुछ कम हो सकती है ।
ReplyDeleteजय हिन्द जय भारत।
Case will be redirected to Dattu's bench in first week of july and first cut off will come on 24/25/26 jun 2014. Jai hind, jai tet merit.
ReplyDeleteदत्तू सर के आर्डर
ReplyDeleteकितना पावरफुल
होता है इसका ग्यान
गधाँको को हो गया होगा
दद्दू एक्सप्रेस अब दौड़ेगी पूरी रफ़्तार से ।।सभी लोग अपने अपने डाक्यूमेंट्स तैयार कर ले अब।। क्यों की अब दत्तु सर समझायेंगे sp को
ReplyDeleteजय टेट
यूपी के राज्यपाल बीएल जोशी ने इस्तीफा दिया: सूत्र
ReplyDeleteअवमानना प्रक्रिया पूर्ण करने की दिशा में आवश्यक कदम तत्काल उठाए जाएँ। और कल सभी जिलों के अखबारों में यह खबर प्रकाशित अवश्य होनी चाहिए कि "टीईटी अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया शुरू न करने पर सरकार के खिलाफ अवमानना का केस करेंगे"। इससे सरकार पर मनोवैज्ञानिक दवाब बनेगा।
ReplyDeleteआज समय सीमा बढ़ाने की अपील खारिज होने के बाद सरकार भारी दवाब में आ गयी है। इस दवाब को बनाए रखते हुये आगे की रणनीति बनाई जाये। अब सरकार के पास इस भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए मात्र 13 दिन का समय है। अर्थात यदि सरकार 30 जून तक भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर लेती है तो सर्वोच्च न्यायालय में अपनी इज्ज़त बचाने में सफल हो सकेगी अन्यथा अवमानना के मामले में तिहाड़ जेल के द्वार इनके लिए खुले ही हुये हैं।
ReplyDeleteअब जितना हो सके और जैसे भी हो सके ,इस सरकार पर निरंतर दवाब बनाए रखना है;शीघ्र भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न कराने के लिए।
ReplyDeleteकोर्ट ने फटकार नहीं लताड लगाई है कहा कि समय चाहिए तो रेगुलर बेंच में जाए समय पर्याप्त था जब तक रेगुलर बेंच खुलेगा तब तक अवमानना नहीं लगेगी अतः तब तक भर्ती शुरू कर दो
ReplyDeleteSathiyo abhi abhi meri sujet bhai se
ReplyDeletebat huyi to unhone bataya ki ...
Court ne sarkar ki app. sunne se
mana kardiya aur kaha ki apne prpr
bench me jayiye july ke first wk
me....
Is jeet pe sabhi sathiyon ko bahut
bahut mubaraqbad..
Tet Sangharsh morcha zindabad..
jai hind ....
अब सरकार फंस गयी
ReplyDelete72825 का पिंजडा बहुत मजबूत निकला ,, जिसमें at any rate की सलाखें लगी थीं।
मैं इतना दावे से कह सकता हूँ कि आज सरकारी वकील गर्ग और रमानी ने फोन पर या कैसे भी जब बताया होगा कि समय सीमा की याचिका खारिज हो गयी,,
कसम से ,,एक बार तो गला सूखा ही गया होगा ,,,
फिर कहेंगे क्या कोई और रास्ता है ,,तो वकील यही कहेगा ,,कि सर अब जो भी कहना ,,दत्तू जी की में कहना पडेगा ।
ReplyDeleteअब आये दत्तू जी की बेंच में
ReplyDeleteखुद सोंचो जो जज पहले ही कह चुका है कि पहले भर्ती करके लाओ किसी भी कीमत पर,,बाद में आपकी भी सुन लेंगे ,,
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ऐसा मेंटल जज जब यह सुनेगा कि मेरे दिये 84 दिन में फार्म फीडिंग और स्कैनिंग और मर्जिंग ही हो पायी ,,और भर्ती का अता पता नही ,,
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उपर से दलीलें दे रहे हो ,, कि चुनाव में व्यस्त थे
बस ,,आव न देखेंगे ताव
ReplyDeleteऐसा सुरमा इनकी आंखों में दत्तू जी डालेंगे कि भागे राह नही मिलेगी ,,
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कहीं इन दुष्टों का हार्ट फेल न हो जाये ,
बहुत होते हैं 84 दिन ,, लाखों की तादाद में जिस सरकार के पास शिक्षा विभाग में कर्मचारी हो ,,
ReplyDeleteवह आकर कोर्ट में यह कहे कि 84 दिन कम हैं ।
एक सुप्रीम कोर्ट का जज बहुत समझदार होता है।
ReplyDeleteपहले ही दिन वह समझ जाता है कि सामने आया केस वास्तव में क्या है,,पर साक्ष्य के अभाव,में वह मनचाहा निर्णय नही दे पाता।
लेकिन 72825 भर्ती सरकार के कुकर्मों की इतनी बडी साक्ष्य है । अपने केस की एक एक लाईन यह चीख चीख कर कहती है ,,कि सरकार ने जी भर कर इस भर्ती के साथ बलात्कार किया है।
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और सारे सबूत गवाह इस भर्ती में सरकार के खिलाफ हैं ।
इस भर्ती में जज साहब के हाथ बंधे नही होंगे । बल्कि पूर्ण प्रहार का मौका जज को मिलेगा ,,
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और सुप्रीम कोर्ट का इतिहास गवाह है ,,जब गेंद पूरी तरह से जज के पाले में आ जाती है,, तो एक ही शब्द गूंजता है
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राम नाम सत्य है।
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राम नाम सत्य है।
ETV UP/UK@ETVUPLIVE1hलखनऊ-राज्यपाल बीएल जोशी ने दिया इस्तीफा,गृह मंत्रालय को भेजी इस्तीफे की फाइल
ReplyDeleteETV UP/UK@ETVUPLIVE1hलखनऊ-राज्यपाल बीएल जोशी ने दिया इस्तीफा,गृह मंत्रालय को भेजी इस्तीफे की फाइल
ReplyDeleteआपके चरण कहाँ हैं प्रभू! उसपे अपना माथा पटकना चाहता हूँ। —
ReplyDeleteजिस दिन सचिव तिहाड़ का दरवाजा खोलकर जेल में घुसेंगे ...
ReplyDeleteवो दिन मेरे जिंदगी का सबसे स्वर्णिम व हसीन दिन होगा।
पिछले 2.5 साल से रोया हूँ मैं अपनी "जान माया" से मिलन के लिए।
वो IAS ही क्या जो सरकार के सुर में सुर मिलाये और उसकी लाख गलतियों को भी जी हुजूर - जी हुजूर कह कर पर्दा डाले।
आईएएस तो ऐसा होना चाहिए जो सरकारों की पैंट गीली कर दें , जैसे अपने " मर्द फिल्मवा" वाले " मिथुन दा" ---- "ऐ हमसे पंगा नहीं लेना , नंगा कर दूंगा" वाला डायलाग।
मंत्री तक हिल जाएँ ऐसे होने चाहिए IAS ऑफ़ INDIA.. .
भेजो सचिव को जेल -- जुटाओ चंदे , सबसे पहला चंदा मेरा।
इसको कहते है at any rate
ReplyDeleteकहा गये वो लोग जो रोज मुह निपोरकर at
any rate का मजाक उड़ाया करते थे। आज
उनको at any rate की परिभाषा समघाने
का वक्त आ गया है।
Aj fir se 72825 bhavi shikshko ke bhavisy ki rksha krne aur saty ki vijay hone pr sammaniy Suprem Court ko dil se pranam krta hun.
ReplyDeleteजैसा कि कल रात की पोस्ट में ही बता दिया गया था कि अपना केस रेगुलर बेंच के पास ले जाने को कहा जाएगा तथा अपने किसी भी वकील को बोलने का मौका नहीं मिलेगा ठीक वैसा ही हुआ ,,,
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टेट मेरिट समर्थकों के कुछ लाख बच गए लेकिन जज महोदय ने सरकार को मुफ्त में टेंशन भी दे दी ......
जुलाई के प्रथम सप्ताह में केस की लिस्टिंग होने तक अफवाहों से दूर रहना आप सभी के स्वास्थ्य के लिए बेहतर रहेगा क्योंकि कुछ लोगों ने फेसबुक को frustration book समझ लिया है ,,,
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हमारे कुछ साथी तो इसी गम में शहीद हुए जा रहे हैं कि दो-तीन लोगों ने चार-छः लाख अन्दर कर लिए और उनके हत्थे कुछ नहीं आया ,,,,
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आप लोगों की जानकारी के लिए मैं बता दूँ कि किसी भी वकील की फीस बाकी नहीं है जितने तय थे उससे 20,000 अतिरिक्त दिए जा चुके हैं बाकी आप सब समझते ही हो ..
टेट मेरिट के हित में रेगुलर बेंच में मोर्चे का एक संयुक्त वकील खड़ा करने के लिए गणेश,सुजीत,पाठक,अनिल बागपत इत्यादि साथियों को आपस तालमेल बनाने की आवश्यकता है ,,,
यदि आज की तरह रेगुलर बेंच में भी बिना वकील के जाना पड़ गया तो भी टेट मेरिट की सुरक्षा पर कोई फर्क नही पड़ेगा (क्योंकि हमारा केस लड़ना भी दत्तू जी को है और नियुक्ति पत्र भी उन्हीं को दिलवाना है )
ReplyDeleteJai ho ganesh ji ki.
ReplyDeleteJai ho tet ki
कोर्ट का विवरण :
ReplyDeleteजैसा की सबको पता है आज केस १६ न. पर कोर्ट न. ४ में था |
हमारी तरफ से आनंद रमन तिवारी जी ने शुरुआत की धमाकेदार और ये बिंदु रखे :
१) साहब ये आर्डर २० नवंबर का है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी पारित किया था पर इन्होने पिछले ६ महीनो में कुछ नहीं किया है |
२) डेटा पूरी तरह से सभी डाइट पे सुरक्षित है मात्र गुमराह कर रहे हैं जबकि कोर्ट में केस चल रहा हो तो डेटा पेंडेंसी में रहता है उसको नष्ट न करने का रूल होता है |
३) फीस वापसी वालों का भी मुद्दा दिखा रहे हैं जबकि डाइट पे सभी का विवरण सुरक्षित है |
४) हमें काउंसलिंग का स्केडुले जारी करवाएं |
जज महोदय :
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आज आखिरी डेट है और अपने तो अभी तक कुछ किया ही नहीं है |
इतने में पटिशनेर साइड के वकील कुछ बोलते पर जज साहब ने साइलेंट रहने के लिए कहा |
और फिर क्या था ?????
जज साहब ने किसी का कुछ नहीं सुना और कहा की आप जाओ दत्तू सर की बेंच में अपना मामला रखो , क्या कंटेम्प्ट से बचने का ड्रामा कर रहे हो यहाँ पे ?
इसके बाद फाइल उठाकर बगल में फेंक दी और कहा की अपना नेक्स्ट प्रोसेस समझ लीजिये |
मतलब कंटेम्प्ट फेस कीजिये |
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हमारी तरफ से आज ब्रिजेन्देर चाहर जी , मिनाक्षी अरोरा जी और आनंद रमन तिवारी साहब थे ||
सरकार की तरफ से आर.वेंकटरमणी और सत्य मित्र गर्ग जी थे बाकी का पता नहीं है |
सबसे रोचक बात सत्य मित्र गर्ग ने की कि सरकार के पास १२,९६,२३१ रुपया का बिल पहुंचा दिया है केवल फोटो स्टेट का ,
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अब याद आती ३ तारीख याद है आपको ?
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जब नोटिस इशू हुए थे और गठरियाँ पहुंची थी पेटीशनर्स के पास |
हा हा हा हा हा हा हा हा
Flash Back !
ReplyDeleteनवंबर २०११ उल्लास के साथ अपने भविष्य सवारने के लिए सब लोगों ने घण्टों लाइन में लग कर पात्रता परीक्षा का form लिया जो चयन का आधार थी । १३ नवंबर को पेपर दिया और २५ नवंबर की राह देखी जाने लगी व वो दिन भी आ गया ,,कुछ जगह खुशी कुछ जगह गम फिर क्या था ? इन्तजार होने लगा ७२८२५ का वो नम्बर जो जिन्दगी भर दो लाख ७० हजार के दिलों में गुजेगा ,,वो दिन भी आ गया जब सुनहरी सुबह के साथ ७२८२५ का advertisement भी दिखा ,,,
प्रक्रिया बढ़ ही रही थी की सपनों के जलते दीपक में कुछ स्वार्थी लोगों द्वारा फूक मारा गया दिपक की लौ हल्की सी डगमगाइ और सत्ता परिवर्तन के साथ स्वार्थी लोगों की जमात में वृद्धि होने लगी व उस दीपक को अब उससे तेज हवा का डर सताने लगा की कहि मेरी लौ बिल्कुल ही न बुझ जाए ,,हुवा भी कुछ वैसा ही,,,उस जमात ने मिलकर फिर फूक मारा दिया बिल्कुल बुझने की स्थिति में था कि कुछ लोगों ने अपने हथेलियों को गोल करके लौ का सुरक्षा कवच बना दिया और तब तक बनाये रखा जब तक ( ४ फरवरी २०१२ ) उसके बुझने की सम्भावना बनी रही,,
ReplyDeleteउसके बाद तो जैसे भगवान ने ही उसको रोशन करने की ठान ली हो एक से बढ़कर एक लोग उसमें अपने ईधन को खपाते गये वो और उस दीपक से कागज़ की कतरन जलाकर उन स्वार्थियो के घरो में लगा दिया गया अब ओ हाय हाय करके चारोतरफ भागने लगे यहाँ तक की उस जमात के उन घरों में भी अपने आप आग लग गई जो मात्र उस जमात में थे क्योंकि ईश्वर को कुछ और मन्जुर था और सब जलकर स्वाहा हो गये,,,अब अगर कुछ बचा है तो वही दीपक की लौ जो २०११ में भी अठखेलियाँ कर रही थी और आज भी उसी प्रकार मगन होकर नाच रही,,और वही ७२८२५ लोग उसको एकटक निहार रहे हैं क्योंकि यही उनकी अन्तिम उम्मीद का दीपक है,,,जो उनके घरों को बस रौशन करने ही वाला है !
ReplyDeleteप्रिय मित्रो
ReplyDeleteएक प्रकरण याद आ गया जब आज सरकार
को दत्तू सर के बेंच में जाने का निर्देश
प्राप्त हुआ....डबल बेंच में हमारे मामले
की जब सुनवाई चल
रही थी तो सरकारी वकील इसी तरह भाग
दौड कर रहे थे तो जज साहब ने हँसते हुए
उनसे कहा था कही भी जाओगे यह फाईल
घूम फिर कर मेरे पास ही आयेगी और हुआ
भी वही.........वहीबात आज फिर दोहराई
गयी तो हँसी आ गयी.........हम एक बार फिर
दत्तु सर के उस फैसले
को नमन करते है जिसमे उन्होने 12 हफ्तों मे
नियुक्ति करने का आदेश दिया था...यह एक
ऐतिहासिक आदेश था इसलिए कि मात्र
कुछ घंटों की सुनवाई में उन्होने ऐसा आदेश
दिया कि जिसकी कल्पना भी टेट
मोर्चा नही कर सकता था....दूध का दूध और
पानी का पानी अलग कर दिया था....बात करें
मामला दत्तु सर के बेंच में जाने और
अवमानना फेस करने की तो कोर्ट
अच्छी तरह जानती हैं कि सरकारें किस तरह
मानती है !
अब जब काॅन्टेम्प्ट
ReplyDeleteकी बात करें तो अभी से प्राॅपर तैयारी करके
एक या दो सीनियर वकीलों को हायर
करनेकी व्यवस्था कर ली जाये ताकि आग
लगने पर कुँआ खोदने की नौबत से
बचा जा सके...वैसे तो टेट मेरिट का बाल बाँका कोई
नही कर सकता पर प्रयास या उपक्रम
तो करना ही पडेगा...
TET CASE AT SUPREME COURT OF INDIA
ReplyDeleteUPDATE:
SUPREME COURT OF JUDICATURE AT DELHI Court No. - 04 16. I.A.NOS. 92-120 & 121-149
IN C.A. No. 4347-4375/2014 STATE OF U.P & ORS
XI Exp
State OF UP AND OTHERS
Vs SHIV KUMAR PATHAK AND OTHERS
(FOR EXTENSION OF TIME
AND EXEMPTION FROM
FILING O.T. AND OFFICE
REPORT)
Petitioner :- R.venakatramani, Satya mitra garg
Respondent counsel:- Brijender chahar, meenakshi arora , anand raman tiwari
H.J. Vikramajeet sen , H.J. shiv kirti singh
As heared above the listed matter
Appeal dismissed
Dattu sir ke bench me Jane se pahle govt.
ReplyDeleteMujhe to aisa hi lag rha hai shuru ho jayegi
बहुत ही सुंदर
ReplyDelete!
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सरकार की अपील खारिज
अब लगेगा अवमानना केस ढंग से
जुलाई में दत्तू सर की बेंच में सरकार की मटटी पलीत तय है,
देखो कौन नपे
तब तक सरकार बचाव के लिये क्या करे
एक ही चारा काउंसिलिंग कराओ , जल्दी
नही तो
धडाम धडाम धडाम
और
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सचिव स्वाहा
Sarkaar k muh pr ek aur zorka ka tamacha lagne par aap sab ko bht bht mubarak baad paish krta hoon....
ReplyDeleteIt is the Power of "At any Rate"
ReplyDeleteअखिलेश भईया होश में आवो ना आपको ना हम पर कभी तरस आयो मगर हमको आप पर बडा तरस आवे काहे अपनी ही सरकार को असंवैंधानिक घोषित करान चाहत हो
ReplyDelete!
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बैसे भी कम थू थू थू हो रही क्या !
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteभाइयों मैं भी आप ही की तरह अकिंचन हूँ और कोई सरकारी अधिकारी नहीं , हाँ जो भी जानकारी मिलती है आपसे शेयर करता हूँ जैसा की मैंने ३-४ दिन पहले शुक्रवार को वकील से मिलके क्या बात हुई आपसे शेयर की थी ?
ReplyDeleteअब सुनिए ध्यान से ये भर्ती मेरे अनुसार चाहे किसी को बुरा लगे या भला परन्तु जुलाई मध्य से पहले यानी जब तक दत्तू सर की कोर्ट में एक और मुद्दा सोलव नहीं होता है तब तक नहीं होगी |
ReplyDeleteअब आप सोच रहे होंगे की वो मुद्दा कंटेम्प्ट के अलावा कौन सा है ?
नहीं वो मुद्दा अलग है, सुनिए क्या है ?
३०/११/११ के विज्ञापन के अनुसार क्या आप लोग डाइट प्रिंसिपल से नियुक्ति पत्र लेंगे, नहीं ना |
नियुक्ति पत्र बेसिक शिक्षा अधिकारी ही देता है सबको पता है वर्ना कपिल जैसे बहुत पड़े हैं इस उत्तर प्रदेश में और वो ही सोचके वे फालतू की बात करते हैं स्टे लेने की |
अब सुनिए इसका निवारण क्या है ?
ReplyDelete!
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१) या तो ये खुद ही संशोधन करके विज्ञापन में बी.इस.ए करवाएंगे और इस प्रोसेस से भर्ती भी जल्दी स्टार्ट हो जाएगी |
२) वर्ना ये दत्तू सर की कोर्ट में जाकर अब इस्पे नाटक बिखेरेंगे जिसके लिए दत्तू सर इन्हे २-४ बात कहेंगे और इस संशोधन को करने के साथ ही भर्ती करने का टाइम दे देंगे वो भी वार्निंग के साथ |
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फॉर्म्स की फीडिंग चल रही है और काम लगभग हो चुका है , पत्रिकाओं की बातों पे ना जाएं क्यूंकि वे तो शिक्षा मित्रों को भी अव्वल दिखा देते हैं
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और फॉर्म्स फीडिंग की खुशखबरी आपको विचलित कर देती है |
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भर्ती कोई भी संपादक नहीं करेगा
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वो सरकार के अधिकारी ही करेंगे |
अब एक रोचक बात सुनिये, भर्ती भी होगी और सचिव जेल भी जायेगा। मै दावे के साथ कह सकता हूं इस समय नीतिश्वर कुमार की BP हाई होगा। उन्हें मालूम है कोर्ट की अवमानना हो चुकी है। अगर वो कोर्ट खुलने से पहले भर्ती पूरी कर दिए तो सिर्फ एक दिन के लिए उन्हें जेल जाना पड़ेगा, जैसे कल्याण सिंह को मंदिर मुद्दे पर जाना पड़ा था। लेकिन अगर कोर्ट खुलने तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई,तो सचिव महोदय एक माह के लिये तिहाड़ भेज दिए जायेंगे।
ReplyDeleteऔर अगर कोर्ट खुलने से पहले भर्ती प्रक्रिया शुरू भी नहीं हुई तो अनर्थ हो जाएगा। यहाँ तक संभव है कि सरकार को असंवैधानिक घोषित कर दिया जाए। शायद आप लोगों को यह अतिशयोक्ति लग रहा हो लेकिन अगर कोई भी सरकार सर्वोच्च न्यायालय जो कि भारत का सबसे महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था है उसके आदेश की अवहेलना करना सरकार को असंवैधानिक घोषित करने का पर्याप्त आधार और कारण है।
सरकार के अधिकारियों को आज आहट मिल गई है कि 72825 पदों की भर्ती पर राजनीति करना सरकार को बहुत भारी पड़ने वाला है। अगर सरकार ने अपना हठ नहीं त्यागा तो उसे अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई का सामना करना पड़ सकता है।
ReplyDeleteजैसा कि मोर्चे के शीर्षस्थ नेताओं द्वारा आज की पैरवी के सिलसिले में कल जो घमासान देखने को मिला है ,
ReplyDeleteआशा है , ऐसा आगे कुछ नही देखने सुनने को मिलेगा ।
मंगल की दया से आज मंगल ही मंगल हुआ ।
मगर अब कभी भी इस तरह बिना लगाम कसे गाडी न चलाना ।
चूंकि केस की स्थिति हमारे पक्ष में कुछ ज्यादा है, इसलिए कई नेता बहुत ही आत्मविश्वासी हो गये हैं कि सब कुछ सही ही होगा ,,
और भर्ती को रिस्क मोड पर ला देते हैं ।
इतना आत्मविश्वासी होना सही नही ,,एक बात याद रखिये ,,ज्यादा चीनी डायबिटीज भी बना देती है।
जुलाई आने में ज्यादा वक्त नही ,, और मेरे हिसाब से मोर्चे को काफी वक्त मिल गया है । 20 तक योजना बना लें ।और उसके बाद अवमानना की तैयारी क्रिया रूप में शुरू कर दें ।
अब चूकना नही है , यह भी नही देखना है कि भर्ती शुरू ही हुई जा रही है , भले ही मेरिट क्यों न निकल आये।
क्योंकि अवमानना में अपने आप को बचाने के लिये सरकार डाटा आनलाईन , सुधार , प्रत्यावेदन और मेरिट जारी करना जैसे छोटे कार्य करके हम सबको यह महसूस करायेगी कि जुलाई में काउंसिलिंग तय है। और हमें ढीला करना चाहेगी ।
इन प्रपंचों में अब नही फंसना , at any rate का एक तमाचा जब फीडिंग स्कैनिंग मर्जिंग करा सकता है , तो कोर्ट का दूसरा तमाचा काउंसिलिंग शुरू कराकर नियुक्ति पत्र पर मोहर भी लगवा सकता है ।
ReplyDeleteइसलिए मोर्चे के नायकों से आग्रह है कि वकीलों की व्यवस्था पहले से ही कर लें , और अवमानना सम्बन्धी पूरी तैयारी जून खत्म होने से पहले ही कर लें , और चन्दा स्पष्ट रूप से मांगे ,, कोई लुकाव छिपाव या दुराव नही है ।
अब इस लडाई में जो भी होगा पारदर्शी होगा।
आर्थिक मदद के लिये अभी से सभी लोग हिमांशु राना जी को सहयोग देना शुरू करें
ReplyDeleteताकि समय पूर्व पर्याप्त धन एकत्र हो सके ,
और इस बार कोर्ट में जब भी डेट लगेगी तो मुझे पूरी उम्मीद है कि उसी तारीख में सरकार को कसकर हडकी मिलेगी और भर्ती खत्म कर ही आने का संकेत किया जायेगा ,,
इसलिए वकीलों का पैनल इस बार धारदार होना चाहिए , जो बखिया उधेडने में माहिर हों, और ऐसी पैरवी करें कि दत्तू जी को लगने लगे बिना डंडा चलाये अब कुछ होगा नही
पैरवी ही सबसे ज्यादा मायने रखती है। इसलिए अग्रिम निर्णय लाखों जिन्दगियों के बारे में सोंचकर ही लें , क्योंकि जरा सी गलती का फायदा दुश्मन उठा सकता है।
तब तक रोज डाईटों से आ रही डाटा कम्पलीट होने की खबरों से स्वयं को खुश रखें और जय टेट मेरिट , जय दत्तू सर करते रहें।
Bhai ji aaj maja aya
ReplyDeleteकोर्ट के अवमानना की सजा ये भी हो सकती है की सरकार के किसी जिम्मेदार अधिकारी को तबतक जेल में रखा जाये जबतक की भर्ती प्रक्रिया पूरी न हो जाये .
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