टेट मेरिट धारियों को सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिल ही चुका है लेकिन जो समय का नुक्सान हो रहा है उसकी भरपाई हो जाये तो अच्छा होगा ,
अगर सुप्रीम कोर्ट आगे भर्ती धारियों को आदेश की डेट से सेलरी देने जैसा कुछ प्रावधान करे तो एक बड़ी राहत टेट पास लोगो को मिल सकती है ,
संविधान की सर्वोच्च कुर्सी पर राष्ट्रपति महोदय हैं और आप अपनी समस्याओं (गंभीर मसलों से सम्बन्धी ) को उनके समक्ष रख सकते हैं , लेकिन किसी तरह के नकारात्मक विचार न लाएं और उचित माध्यम से देश के कानून के भीतर अपनी समस्याएं सुलझाएं ।
इस 72825 शिक्षकों की भर्ती में प्रत्यावेदन फीड होने के बाद भी कुछ देरी हो सकती हैं अगर सभी अभ्यर्थीयों की डिटेल्स ठीक से नहीं भरी गयी तब तो फिर एक बार थोड़ा टाइम लग सकता है , लेकिन आशा है कि भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है तो अब कुछ समय और लगकर भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाएगी ,
लेकिन अपने सभी संवेधानिक प्रक्रियाओं के तहत प्रयास जारी रखें
जूनियर शिक्षक भर्ती का विरोध करने वालों को एक पहलु यह देखना चाहिए कि अगर जूनियर भर्ती पहले होती है तो कम टेट मार्क्स वालों को फायदा मिल सकता है ।
लेकिन अगर जूनियर शिक्षकों को पहले नियुक्ति पत्र नहीं मिलता है तब वे प्राइमरी में भर्ती के लिए कोशिश करेंगे ।
टेट वेटेज को मेने भी कई बार लिखा कि यह जरूरी है वर्ना एन सी टी ई गाइड लाइंस में दोबारा परीक्षा देकर मार्क्स बढ़ाने के लिए मौका दिए जाने की बात नहीं लिखी जाती और चयन प्रक्रिया में वेटेज दिए जाने की बात नहीं लिखी होती ।
लेकिन के वी इस , डी एस एस एस बी , जवाहर नवोदय विद्यालय आदि की भर्ती में टेट मार्क्स के वेटेज की बात नहीं दिखाई दी ,
अगर किसी के पास इस समबन्ध में अधिक जानकारी हो तो वह बताये
आजकल देख रहे हैं कि टेट मेरिट से भर्ती चाहने वाले बहुत से लोग मानसिक अवसाद की स्थति से गुजर रहे हैं और
कुछ टेट मेरिट से भर्ती चाहने वाले लोग अपने आप को संभाल न पाकर अपशब्द भी उपयोग कर रहे हैं , ऐसे कुछेक अपशब्दों को देखा और उन्हें हटा दिया गया है , और अब ब्लॉग पर कुछ समय के लिए फिल्टर लगा दिया है ।
आखिर ये हो क्या रहा है?इस भर्ती को करने से नुकसान क्या है इस बेहया निरंकुश और अत्याचारी सरकार को?और इस भर्ती को कर देने से ऐसा क्या इसका नुकसान हो जायेगा?
ReplyDeleteये 5से 6 माह का समय ये सरकार और इसके नक्कारा और हरामी अधिकारी ऐसे खा गए जैसे ये घुस खाते है। इन 6 महीनो में इन्होने आखिर किया क्या है?सोचो और समझो तो कुछ भी तो ऐसा नहीं दिखा रहा है जिसको कहा जा सके की सरकार और उसके अधिकारियो ने एन 6 माह में ये कम किया है। अभी तक जो भी कार्य हुआ है उसका कोई औचित्य नहीं दिख रहा है। अगर मैन्युअली भी ये भर्ती शुरू की गयी होती तो एन 6 महीनो में आधी ख़त्म हो गयी होती। भाई लोगो ये सरकार ऐसा क्यों कर रही है मेरे समझ से परे है अगर आप लोगो को इसका उत्तर मालूम हो तो कृपया जरुर दें। और हाँ ध्यान रखे की सितम्बर में उपचुनाव है एस बार इनको एक भी सीट न मिलाने पाए!
72825 प्रशिक्षु भर्ती अपडेट *****
ReplyDeleteआज कई जिलो के जिलाध्यक्ष और सक्रीय कार्यकर्त्ता लगभग 200 की संख्या में scert कार्यालय पहुंचे और अपनी मांगो को रखते हुए ताला बंदी की scert निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर आज एक अवमानना के मामले में इलाहबाद हाई कोर्ट में मौजूद थे इसलिए उनसे मुलाकात नही हुई।। उनसे मुलाकात न होने पर मोर्चे के प्रतिनिधि डिप्टी निदेशक इश्तियाक अहमद से मिले और अपना मक्तव्य बताया ।।इश्तियाक अहमद ने इस संबध में हीरालाल गुप्ता से मिलने की सलाह दी।। इसके बाद मोर्चा गुप्ता जी से मिला और शाशानादेश की मांग की । शाशानादेश की मांग को सिरे से नकारते हुई हीरालाल गुप्ता ने कहा की जब तक सभी जिलो का डाटा scert नही पहुँच जाता तब तक वो go निकालने की स्तिथि में नही है ।। जब मोर्चा द्वारा गुप्ता जी को ये बताया गया की अहमद जी ने बताया है की जैसे जैसे जिलो का डाटा आता जायेगा वैसे वैसे 3 दिन के अन्दर nic कट ऑफ जारी कर देगा इस प्रश्न के उत्तर में गुप्ता जी ने बताया की nic द्वारा तैयार software अलग अलग जिलो का डाटा merging और filtering नही कर सकता क्यों कि उसमे एक ही अभ्यर्थी कई जिलों में रिपीट होगा जिससे डाटा filteration में प्रोब्लम होगी और पूरी तरह फंक्शन नही कर पायेगा ।। counccling और go के सम्बन्ध में हीरालाल गुप्ता ने बताया कि अधिकतम प्रयास 31 अगस्त और counclng sept के प्रथम सप्ताह में हो सकती है उससे पहले कोई चांस नही है।। हीरालाल गुप्ता को contept का नोटिस recieve करवाया गया जिस पर गुप्ता जी ने कहा कि शाशन पर पहले से ही कई मामले लंबित है एक और से कोई फर्क नही पड़ेगा।। लेकिन हम अपना काम कर रहे है ।।। इसलिए साथियों contept के लिये इन्तजार न करो , उसे शीघ्र करो ।
Santosh Chaturvedi
ReplyDeleteदोस्तों ****** आज देख रहा हूँ टेट ग्रुप के कई एडमिन और कुछ टेट समर्थक काफी हताश,परेशान और निराश हैं । जो स्वाभाविक भी है । जहाँ कुछ वीर योधा आगे से कोई खबर ना देने की बात कर रहे हैं वही कुछ लोग टेट मोर्चा से अलग होने की भी बाते कर रहे हैं । कुछ तो ऐसे भी हैं जो मोर्चे के अहम् पदाधिकारियों पर ही अपनी क्रोधवर्षा कर रहे हैं । दोस्तों ये सब बाते अप्रत्याशित भी नही हैं । ये एक आक्रोश है जो किसी न किसी बहाने से निकल रहा है ।
अब जरा ठंढे दिमाग से सोचिये कि आखिर गलती किसकी है । चूक कहाँ हुई जो आज हमलोग दर ब दर भटकने को विवश हैं जब कि हमसे हर मायने में कनिष्ठ लोग नियुक्ति-पत्र प्राप्त कर के पहली तनख्वाह उठाने का सपना देख रहे हैं ।
दोस्तों हकीकत ये है कि हम बिलकुल सही दिशा में जा रहे हैं । जो हमे करना चाहिए वही हम सभी ने किया और अब भी वही कर रहे हैं ।इसमें न तो हमारे टेट के पदाधिकारियों की कोई गलती है ना हमारी । आज अगर हम इस मुकाम पे हैं तो अपनी एकता, परस्पर विस्वाश और जीतने की ललक की वजह से हैं । जहाँ तक टेट मोर्चे की गुटबंदी की बात है तो जहाँ इतना बड़ा परिवार है वहाँ थोडा-बहुत मतभेद होना बड़ी बात नही है। सभी का लक्ष्य एक है -किसी भी तरह पारदर्शी तरीके से भर्ती संपन्न कराना ।सरकार की मंशा प्रारभ से ही दूषित रही है । वो भर्ती को जितना लटका सकती है , लटका रही है । सिर्फ उसके पास कोई बहाना नही है और वो एक बहाने की खोज में है जिससे उसे ये भर्ती न करनी पड़े । लेकिन ये भर्ती उसे करनी ही पड़ेगी ।
जितना हम-आप परेशान है उस से कम ये अधिकारी परेशान नही है लेकिन समस्या ये है कि सरकार की हरी झंडी नही मिल रही है
मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष गणोश शंकर दीक्षित और सचिव राकेश यादव सहित तमाम पदाधिकारियों ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा हीरालाल गुप्ता से मुलाकात की। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि अभी तक 33 जिलों का डाटा उपलब्ध नहीं हो सका जिसके कारण प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। सितंबर के पहले सप्ताह में प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। 1दरअसल उच्चतम न्यायालय ने 25 मार्च को आदेश जारी कर 12 सप्ताह में भर्ती की प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया था। अध्यक्ष गणोश शंकर दीक्षित ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की तो फिर पांच सितंबर को एक बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा। 1गौरतलब है 30 नवंबर 2011 को सूबे में सहायक प्राथमिक अध्यापकों की टीईटी हुई थी। सपा सरकार ने सात अगस्त 2012 को नया शासनादेश जारी करते हुए सहायक शिक्षकों की भर्ती शैक्षिक गुणांक के आधार पर करने का निर्देश दिया। इसके बाद सात दिसंबर को सरकार ने शैक्षिक गुणांक के आधार पर चयन करने का विज्ञापन निकाला। इसी विज्ञापन के आधार पर हाई कोर्ट में अपील की गयी जिस पर चार फरवरी 2013 को स्टे हो गया। इसके बाद मामला उच्चतम न्यायालय गया जहां पर 25 मार्च को इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला यथावथ लागू करने का आदेश दिया गया।1गौरतलब है की प्रदर्शनकारी छात्रों ने जल्द से जल्द अपनी मांगों ेको पूरा करने की अपील की है अन्यथा वे अपना आंदोलन भविष्य में और तेज कर सकते हैं। आज भी उन्होंने दो घंटे तक तालाबंदी के साथ ही प्रदर्शन किया जिसके बाद प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा। आंदोलनरत छात्र और छात्रओं को शांत करने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी को हस्तक्षेप करना पड़ा तब जाकर आंदोलनरत छात्रों की नाराजगी कम हो सकी। जब सितंबर में प्रक्रिया शुरू हो जाने का आश्वाशन मिला तब जाकर छात्र शांत हुए और प्रदर्शन समाप्त किया।
ReplyDeleteअपनी तो जिदंगी इन्तजार मेँ ही कटनी है
ReplyDeleteअभी डाटा फीडिँग का इन्तजार
फिर G O का इन्तजार
फिर काउंसलिग का इन्तजार
फिर नियुक्ति पत्र का इन्तजार
फिर ट्रेनिँग का इन्तजार
फिर परीक्षा का इन्तजार
फिर परिणाम का इन्तजार
फिर पूर्ण नियुक्ति का इन्तजार
फिर वेतन का इन्तजार
इतने इन्तजार पूरे होते होते 2017 तो आ ही जायेगा