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Tuesday, June 12, 2012

INVITATION-CUM-BRIEFING FOR MEDIA ON AGITATION OF 12.06.2012 AT JANTAR-MANTAR, NEW DELHI ( Drafted by Shyam Dev Mishra )

INVITATION-CUM-BRIEFING FOR MEDIA ON AGITATION OF 12.06.2012 AT JANTAR-MANTAR, NEW DELHI ( Drafted by Shyam Dev Mishra )


---------- अग्रेषित संदेश ----------
प्रेषक: Shyam Dev Mishra <shyamdevmishra@gmail.com>
दिनांक: 10 जून 2012 9:38 am
विषय: INVITATION-CUM-BRIEFING FOR MEDIA ON AGITATION OF 12.06.2012 AT JANTAR-MANTAR, NEW DELHI
प्रति: rashid azad <rashid.khurshid@gmail.com>, Sarkari Damad <sarkaridamad007@gmail.com>, Muskan Bharat <muskan24by7@gmail.com>, dev02019654@gmail.com, rajesh rao <rajeshrow86@gmail.com>, nnitinmehta1982@rediffmail.com, Naved Ahmed <navedahmeds@gmail.com>, dharmchand1980@gmail.com

 दिनांक: 
सेवा में,
महोदय,
विषय: उत्तर प्रदेश में टी..टी.-उत्तीर्ण 72825 प्राथमिक अध्यापकों की भर्ती-प्रक्रिया में हो रहे विलम्ब पर राज्य-सरकार की निष्क्रियता के विरोध में दिनांक 12.06.2012 को जन्तर-मंतर, नईदिल्ली में सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित एक-दिवसीय धरना-प्रदर्शन की सूचना एवं कवरेज हेतु आमंत्रण.

   
जैसा कि आपको ज्ञात होगा, उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा (यू.पी.टी.ई.टी.) 2011 के माध्यम से दिसंबर 2011 में प्रारंभ हुई 72825 प्राथमिक अध्यापकों की भर्ती-प्रक्रिया में हो रहे विलम्ब से प्रदेश में शिक्षा का अधिकार के हनन एवं लाखों शिक्षित और योग्य बेरोजगार अभ्यर्थियों के भविष्य पर छाई अनिश्चितता पर राज्य-सरकार के अस्पष्ट रवैये के विरोध में प्रदेश के लगभग 272000 टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यर्थी मार्च 2012 से लगातार आन्दोलनरत हैं.


ज्ञात हो कि प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राज्य सरकार ने नियमों में आवश्यक संशोधन करके अध्यापकों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के दिशा-निर्देशों के अनुसार 13 नवम्बर 2011 को अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन करवाया. मालूम हो कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् ने अध्यापन की गुणवत्ता को बनाये रखने के उद्देश्य से यह निश्चित किया कि अध्यापकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को उसके द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सम्बंधित राज्य-सरकार द्वारा समय-समय पर आयोजित की जाने वाली  "अध्यापक पात्रता परीक्षा" उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा. साथ ही चयन में भी इसके अंको को महत्त्व देने की सिफारिश की. इस नई व्यवस्था को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी महत्त्व देते हुए इसे अनिवार्य कर दिया.


परीक्षा के परिणाम में कई बार संशोधन हुए और कई असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने अपने पास मौजूद उत्तर-पुस्तिका की कार्बन-कापी के आधार पर उच्च  न्यायालय में भी अपील की और अंततः न्यायालय के निर्देश के अनुसार अंतिम रूप संशोधित परिणाम जारी किया गया. तदुपरांत भर्ती-प्रक्रिया की शुरुआत हुई और हर जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अलग-अलग विज्ञापन निकालने की समयसाध्य और खर्चीली पुरानी परिपाटी के स्थान पर राज्य-सरकार द्वारा अधिकृत की गई माध्यमिक शिक्षा परिषद् द्वारा समस्त बेसिक शिक्षा अधिकारियों की ओर से 2 दिसंबर 2011 को एक संयुक्त विज्ञप्ति प्रकाशित कर टी.ई.टी. मेरिट के आधार पर 72825 प्रशिक्षु प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किये गए थे. इस बीच माध्यमिक शिक्षा परिषद् के निदेशक संजय मोहन द्वारा कुछ अभ्यर्थियों से अध्यापक पात्रता परीक्षा में अंक बढवाने के नाम पर रुपये लेने का मामला सामने आया जिसमे हुई जाँच में ये मामला महज ठगी तक सीमित रहा और परिणामों में धांधली के आरोप साबित नहीं हुए हैं. वैसे भी हर अभ्यर्थी के पास मौजूद उत्तर-पुस्तिका की प्रति के आधार पर परिणाम की सत्यता की जाँच का विकल्प सबके लिए खुला है.


इसके बाद तमाम अभ्यर्थियों ने, जिनके लिए टी.ई.टी. में अंक कम होने से चयन के आसार कम थे, टी.ई.टी. के आधार पर चयन की प्रक्रिया को उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में चुनौती दी पर ऐसे सभी मामलों में न्यायालय ने आपत्तियों को दरकिनार करते हुए इसे न्याय-संगत और नियम-संगत ठहराया. परन्तु वाराणसी के एक अभ्यर्थी कपिल देव यादव ने एक याचिका दायर कर भर्ती का विज्ञापन बेसिक शिक्षा अधिकारियों के स्थान पर उनकी ओर से माध्यमिक शिक्षा परिषद् द्वारा जारी किये जाने को तकनीकी आधार पर चुनौती दी जिसपर न्यायालय ने 4 जानवरी 2012 को भर्ती-प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब माँगा. तब से इस मसले में सुनवाई कम तारीखें ज्यादा मिली हैं और कोर्ट के बाहर भी राज्य-सरकार ने अबतक इस मसले पर अपना रुख जाहिर नहीं किया है साथ ही सरकारी पक्ष ने जिस प्रकार का लापरवाही भरा रवैया कोर्ट के अन्दर दिखाया है वह भी इस मामले के निस्तारण में इतने विलम्ब का प्रमुख कारण रहा है. और तो और, कई तारीखों पर तो यह भी साबित हुआ कि सरकारी वकील को महज विज्ञप्ति में दिए गए निर्देशों-तथ्यों तक की जानकारी न थी.


यहाँ यह बताना महत्वपूर्ण होगा कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के नियमों के अनुसार कक्षा 1 से 5 तक के अध्यापन के लिए बी.एड. डिग्रीधारक अभ्यर्थियों की नियुक्ति की समय-सीमा 1 जनवरी 2012 रखी गई थी. ऐसे में राज्य-सरकार की लापरवाही और उसके द्वारा किये गए विलम्ब का खामियाजा निर्दोष अभ्यर्थियों को न भुगतना पड़े और प्रक्रिया शुरू होने के पहले निर्धारित हो चुके नियमों के अनुसार भर्ती हो, इस मांग को लेकर आक्रोशित अभ्यर्थियों ने प्रदेश-भर में जिला-स्तर पर तो प्रदर्शन किये ही, समय समय पर राज्य-सरकार तक अपनी आवाज़ पहुचने के लिए लखनऊ तक पहुंचे. इस क्रम में अभ्यर्थियों द्वारा लखनऊ में 20 मार्च को एक-दिवसीय धरने का आयोजन किया गया था, जिसमे शामिल होने जा रहे अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किया गया. इसके उपरान्त पुनः लखनऊ में 30 मार्च से 2 अप्रैल तक अनशन किया गया जिसपर स्थानीय प्रशासन ने मुख्यमंत्री से वार्ता का आश्वासन देकर समाप्त करवाया. . गौरतलब है कि इस अनशन के दौरान कई अभ्यर्थियों की स्थिति इस कदर बिगड़ गई थी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था. अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री से शीघ्र कार्यवाही के आश्वासन के सिवा कुछ न मिल सका. अभ्यर्थियों द्वारा पुनः 20 अप्रैल को लखनऊ में प्रदर्शन किया गया जिसे प्रशासन ने मुख्यमंत्री से वार्ता कराकर हल निकालने के आश्वासन के साथ समाप्त करवाया. माननीय मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में इस समस्या को सुना तो पर नतीजा फिर सिफर ही रहा. पुनः 29 से 31 मई को लखनऊ में आक्रोशित अभ्यर्थियों ने विधान सभा का लगातार घेराव किया जिसमे पुलिस ने बर्बरता पूर्वक महिलाओं तक पे लाठियां चलाई, सैकड़ो गिरफ्तारियां की गई, हज़ारों लोगो को अलग-अलग स्थानों पे निरुद्ध किया गया और इस जनाक्रोश का हल निकालने के बजाय इसे कुचलने का हर संभव उपाय किया. इस सारे घटनाक्रम को मीडिया ने लगातार महत्त्व दिया.


अभ्यर्थियों को शांत करने के उद्देश्य से कभी निर्णय लेने के लिए राज्य-सरकार ने दस दिन का समय माँगा तो कभी मुख्य-सचिव की अध्यक्षता में जाँच-समिति बनाकर 3 हफ्ते में रिपोर्ट आने और तदनुसार कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया पर आज ये सारी समय-सीमायें समाप्त हो गई है और मसला वहीँ का वहीँ है.


इन स्थितियों से व्यथित हो कई अभ्यर्थियों का मानसिक अवसाद के कारण निधन तक हो चुका है. प्रदेश-भर में सभी अभ्यर्थी अपने पाने स्तर से सरकार से इस मसले के निराकरण का आग्रह कर रहे हैं. सही मनोज कुमार "मयंक" और उनके साथियों ने इस समस्या की ओर न सिर्फ प्रदेश, बल्कि केंद्र सरकार तक को आकृष्ट करने के लिए इस भीषण गर्मी में वाराणसी से दिल्ली तक की पदयात्रा शुरू की जिसके इस अतुल्य प्रयास की सराहना व्यापक स्तर पे हुई है और उन्हें इस प्रदर्शन के दौरान सम्मानित भी किया जाना प्रस्तावित है.


शिक्षा का अधिकार को न सिर्फ यू. पी.ए. सरकार और केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के लिए एक महत्वपूर्ण विषय रहा है बल्कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसे बच्चों का संवैधानिक अधिकार करार दिया है. केंद्र सरकार इस सम्बन्ध में होने वालों खर्चों में 65% अंशदान देती है और समय-समय पर दिशा-निर्देश देने को अधिकृत होती है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में शिक्षा के अधिकार के उद्देश्यों की प्राप्ति में आने वाली बाधाओं की ओर, इस समूचे प्रकरण पर राज्य-सरकार की चुप्पी और अस्पष्ट रुख की ओर केंद्र सरकार और माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री कपिल सिब्बल जी का ध्यान आकर्षित करते हुए निवेदन है कि,
1. प्रदेश में 72825 प्रशिक्षु प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती-प्रक्रिया को लेकर अपने रुख को न सिर्फ स्पष्ट करे बल्कि न्यायालय में लंबित मामले के शीघ्र निपटारे के लिए ठोस कार्यवाही करे.
2. भर्ती-प्रक्रिया को पुनः किसी कानूनी बाधा से सुरक्षित रखने के लिए न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के अतिरिक्त किसी भी प्रकार का परिवर्तन नियम व् शर्तों में में न करे और पूर्व-निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही चयन व् नियुक्ति की जाये.
3. प्रदेश में अध्यापकों की आवश्यकता के मुकाबले एन.सी.टी.ई. द्वारा निर्धारित योग्यता वाले अभ्यर्थियों की भारी कमी को ध्यान में रखते हुए कक्षा 1 से 5 तक के अध्यापकों के लिए बी.एड. डिग्रीधारकों को दी गई समय सीमा (१ जनवरी 2012) को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत बढाया जाये.
4. समाचारपत्रों में छपी खबरों के अनुसार प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री द्वारा विधान सभा में में बिना आवश्यक अर्हता (टी.ई.टी.) रखने वाले शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने की सरकार की योजना का जिस प्रकास विधान सभा में दिए जवाब से हुआ, उस से स्पष्ट है कि राज्य सरकार इस मामले की को पर्याप्त गंभीरता से नहीं ला रही है या फिर जानबूझकर गुमराह कर रही है. इस लिए व्यापक जनहित में आवश्यक है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुसार छात्र-शिक्षक अनुपात के लक्ष्य को प्राप्त करने की समय सीमा को ध्यान में रखते हुए राज्य-सरकार को इस दिशा में बनाई गई कार्य-योजना स्पष्ट करने का निर्देश दिया जाये तथा वैधानिकता को ध्यान में रखते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश केंद्र-सरकार द्वारा जारी किये जाएँ.
टी.ई.टी. अभ्यर्थियों की इस मुहिम को उत्तर प्रदेश में मीडिया का जबरदस्त समर्थन मिला है. मीडिया द्वारा इस मामले को दिए गए महत्त्व का नतीजा था कि उत्तर प्रदेश सरकार को विधान-सभा और विधान-परिषद् में सदस्यों के तीखे सवालों का सामना कररना पड़ा और सदस्यों ने टी.ई.टी. अभ्यर्थियों की स्थिति और उस पर सरकार के रुख पर रोष जताते हुए जरुरु कदम उठाने को कहा. आशा है कि राजधानी में अपनी आवाज़ उठाने के लाखो टी.ई.टी. अभ्यर्थियों के इस प्रयास को स्थानीय और राष्ट्रीय मीडिया का भरपूर सहयोग मिलेगा और इस महत्वपूर्ण मुद्दे पे सम्बंधित पक्षों के साथ-साथ जनता का भी ध्यान आकृष्ट करने के हमारे इस प्रयास में आप हमारा यथासंभव सहयोग करेंगे और इस आन्दोलन को प्रमुखता से प्रकाशित-प्रसारित करेंगे.


धन्यवाद,
निवेदक
समस्त यू.पी.टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यर्थी

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UPTET : टीईटी अभ्यर्थी 12 को दिल्ली में देंगे धरना


अजीतमल(औरैया)। टीईटी संघर्ष मोर्चा औरैया की बैठक अजीतमल में हुई। अमित मिश्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक में पदयात्रियों के स्वागत के लिए दिल्ली चलने की रणनीति तय की गई । मालूम हो कि टीईटी संघर्ष मोर्चा बनारस के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार मयंक व अन्य साथी टीईटी मेरिट पर चयन तथा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की मांग को लेकर 20 मई से बनारस से दिल्ली की पद यात्रा पर है। मार्ग में पड़ने वाले सभी जिला मुख्यालयों पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। 11 जून को मयंक आनंद बिहार नई दिल्ली पहुंचेगे । 12 जून को जंतर मंतर नई दिल्ली पर एक दिवसीय धरना आयोजित किया जायेगा। 12 जून को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल से मुलकात होगी। बैठक में टीईटी एकता संघर्ष मोर्चा औरैया से भी अधिक से अधिक संख्या मे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियो से 12 जून को सुबह 8 बजे जंतर मंतर पहुंचेंगे। बैठक में अमित मिश्रा , आकांक्षा सोनी, अरविंद सेंगर, अमन वर्मा, सुगम, मोहित, विनय शर्मा, दीपचंद्र, सुनील, सुशील, अभिजीत प्रताप, नीरज आिद थे


News Source : Amar Ujala (12.6.12)
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BETET : Recruitment process will be started from 10th July 2012


BETET : अगले साल फरवरी तक सभी रिक्त पदों पर बहाली पूरा करने का लक्ष्य
Bihar Elementary Teacher Eligibility Test (BETET) News : Teachers recruitment upto February 2013 -
Recruitment process will be started from 10th July 2012

पटना (एसएनबी)। राज्य में दस जुलाई के बाद प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षक नियोजन शुरू होने की संभावना है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने गाईडलाइन तैयार कर लिया है। शिक्षा मंत्री पीके शाही से अनुमोदन के बाद इसकी घोषणा की जायेगी। शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार सभी नियोजन प्रक्रिया को अगले साल के फरवरी तक पूरा कर लिये जाने का टारगेट निर्धारित किया गया हैराज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में करीब सवा लाख प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है। नगर स्तर पर मेधा सूची का निर्माण नगर नियोजन समिति के सचिव सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी/ कार्यपालक नगर विकास पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक/ अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा किया जायेगा। किन्तु मुख्य दायित्व नियोजन समिति के सचिव की होगी। पंचायत समिति के लिए मेधा सूची नगर नियोजन समिति के सचिव एवं नियोजन समिति में मनोनीत उच्च विद्यालय के शिक्षक द्वारा तैयार की जायेगी। मेधा सूची के प्रत्येक पृष्ठ पर संबंधित दोनों व्यक्तियों का हस्ताक्षर होगा। नगर शिक्षक एवं पंचायत शिक्षक के बेसिक ग्रेड के शिक्षकों के नियोजन हेतु मेधा सूची अभ्यर्थियों के द्वारा इंटरमीडिएट परीक्षा में प्राप्त प्राप्तांक के प्रतिशत को जोड़कर तथा जोड़ में तीन से भाग देकर तैयार की जायेगी। इसी प्रकार स्नातक ग्रेड के शिक्षकों के नियोजन के लिए स्नातक परीक्षा में प्राप्त प्राप्तांक के प्रतिशत प्रशिक्षण परीक्षा में प्राप्त प्राप्तांक तथा शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्राप्त प्राप्तांक के प्रतिशत को जोड़कर तथा जोड़ में तीन से भाग देकर तैयार की जायेगी। स्नातक में प्रतिष्ठा प्राप्त अभ्यर्थी को कुल मेधा अंक में पांच प्रतिशत अतिरिक्त अंक दिये जायेंगे। समान मेधा अंक होने पर जन्म तिथि एवं जन्म तिथि समान होने पर नाम के हिन्दी वर्णमाला के अक्षर के आरोही क्रम को मेधा सूची में वरीयता का आधार माना जायेगा। अप्रशिक्षित अभ्यर्थी की मेधा सूची बेसिक ग्रेड के लिए इन्टरमीडिएट में प्राप्त अंक के प्रतिशत एवं शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्राप्त प्राप्तांक के प्रतिशत को जोड़कर तथा जोड़ में दो से भाग देकर तैयार की जायेगी। इसी प्रकार स्नातक शिक्षक के लिए स्नातक में प्राप्तांक के प्रतिशत एवं शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्राप्तांक के प्रतिशत को जोड़कर तथा जोड़ में दो से भाग देकर तैयार की जायेगी। स्नातक में प्रतिष्ठा के लिए पांच प्रतिशत अतिरिक्त अंक दिये जायेंगे। बेसिक ग्रेड एवं स्नातक ग्रेड के शिक्षकों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक विषय के प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों की मेधा सूची अलग-अलग तैयार की जायेगी। आरक्षण के अनुसार प्रत्येक विषय एवं कोटि में सबसे पहले प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का नियोजन होगा। रिक्ति होने पर अप्रशिक्षितों का नियोजन होगा। न्यूनतम अंकों की गणना अतिरिक्त एवं ऐच्छिक विषयों के अंकों को छोड़कर की जायेगी

समाचार साभार (http://www.rashtriyasahara.com/epaperpdf//862012//862012-md-pt-2.pdf)
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HTET : टीईटी से छूट देने का भी ज्यादा लाभ नहीं मिलेगा गेस्ट लेक्चरर को


HTET : टीईटी से छूट देने का भी ज्यादा लाभ नहीं मिलेगा गेस्ट लेक्चरर को
पात्र अध्यापकों को भी कम लाभ मिलेगा

चंडीगढ़। हरियाणा शिक्षक भरती बोर्ड ने पीजीटी (लेक्चरर) के 14 हजार से पदों के लिए जो आवेदन मांगें हैं, उसके लिए लगाई शर्त से हरियाणा के गेस्ट लेक्चररों को ज्यादा लाभ नहीं मिलेगा। नतीजतन गेस्ट टीचरों ने 19 जून को शिक्षा सदन के सामने एक दिन का प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
इस भरती में हरियाणा सरकार ने चार साल के टीचिंग अनुभव वाले टीचरों को टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट से छूट इसलिए दी है ताकि गेस्ट टीचरों को फायदा मिल जाए। अब भरती बोर्ड ने शर्त लगाई है कि पीजीटी के लिए एमए में 50 फीसदी न्यूनतम अंक हों और साथ में बीएड की डिग्री भी होना जरूरी है। इसके अलावा अंडर ग्रेजुएशन, दस जमा दो और दसवीं में से किन्हीं दो में कम से कम 50 फीसदी अंक हों और एक में 45 फीसदी। ये सर्विस रूल्स 11 अप्रैल 2012 को अधिसूचित किए हैं। इससे पहले के रूल्स में प्रावधान था कि लेक्चरर के लिए एमए तो 50 फीसदी अंकों से पास होना जरूरी था, लेकिन अंडर ग्रेजुएशन, दस जमा दो या दसवीं में 50 फीसदी या 45 फीसदी अंकों की शर्त नहीं थी, सिर्फ हिंदी का ज्ञान होना जरूरी था।
गेस्ट टीचर यूनियन के महासचिव राजेंद्र शर्मा शास्त्री ने बताया कि सरकार ने जो टीईटी से छूट दी है, उससे गेस्ट लेक्चररों को लाभ नहीं होगा।
इस समय 2700 गेस्ट लेक्चरर हैं, जिनमें से 1500 के पास बीएड की डिग्री ही नहीं हैशर्मा ने कहा कि क्योंकि पहले वाले रूल्स में लेक्चररशिप के लिए एमए होना जरूरी था, बीएड की शर्त नहीं थी और अंडर ग्रेजुएशन, दस जमा और दसवीं में 50 या 45 फीसदी अंकों की शर्त नहीं थी, इसलिए इस भरती में उन्हें कोई फायदा नहीं होगा।
शर्मा ने कहा कि यूनियन ने 10 जून को आपात बैठक कर फैसला किया है कि गेस्ट टीचरों को एकमुश्त रेगुलर करने की घोषणा राज्य सरकार करे। अन्यथा 19 जून को शिक्षा सदन के सामने एक दिन का प्रदर्शन किया जाए


News Source : Amar Ujala (12.6.12)
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HTET : 4 YEAR EXEMPTION KO CENTRE NE NAKARA


HTET : 4 YEAR EXEMPTION KO CENTRE NE NAKARA

केंद्र सरकार ने राइट टू एजूकेशन (आरटीई) के तहत टीचर नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता के साथ टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) से हरियाणा सरकार द्वारा दी गई छूट की शर्त को नामंजूर कर दिया है। इसके बावजूद छूट के साथ ही शिक्षक भरती बोर्ड करीब 10 हजार जेबीटी टीचर भरती करेगा। अगले सप्ताह यह विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा। हरियाणा सरकार ने चार साल तक के टीचिंग अनुभव वाले उम्मीदवारों को
टीईटी से छूट देने का फैसला कर रखा है। यह टीचर सर्विस रूल्स में शामिल कर दिया गया है। पात्र अध्यापक संघ ने इसकी शिकायत केंद्र सरकार से की थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए केंद्र ने एक जून को हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर सूचित किया है कि आरटीई के तहत टीचर नियुक्त करने के लिए टीईटी पास होने की शर्त जरूरी है। हरियाणा सरकार ने आरटीई के तहत करीब 10 हजार टीचरों की भरती करने के लिए शिक्षक भरती बोर्ड को आग्रह पत्र भेज दिया है। इसके लिए टीईटी पास उम्मीदवार भी योग्य होंगे और टीईटी पास न होने वाले चार साल का टीचिंग अनुभव वाले उम्मीदवार भी। शर्त यह है कि जिनकी नियुक्ति होगी, उन्हें एक अप्रैल 2015 तक टीईटी पासकरना होगा


Source : nilratia.blogspot.com
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Monday, June 11, 2012

RTET 2012 Notification, Exam Date, Application Form | www.rtetbser.com | www.rtetbser.org

RTET 2012 Notification, Exam Date, Application Form


To Know Latest Update/ Syllabus / Model Paper etc, Keep Visiting : http://joinrtet.blogspot.in/



  • ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने की तिथि
    14 जून से 09 जुलाई 2012 (अपराह्न 02.00 बजे तक)
  • बैंक चालान जमा कराने की तिथि
    14 जून से 09 जुलाई 2012 (अपराह्न 05.00 बजे तक)
  • परीक्षा तिथि : 09 सितम्बर, 2012 


Rajasthan Teacher Eligibility Test 2012 (RTET 2012) will be conducted by Board of School Education, Rajasthan as a nodal agency ordered by Govt. of Rajasthan. Board of School Education, Rajasthan has published an advertisement regarding RTET 2012 on its official website http://www.rtetbser.com and http://www.rtetbser.org. Rajasthan Teacher Eligibility Test 2012 (RTET 2012) will be conduct as per following schedule.

RTET 2012 Schedule:
  • Online Application: 14 June to 09 July 2012
  • Submission of Bank Challan: 14 June to 09 July 2012
  • Date of Examination: Sunday, 9th September, 2012
  • Timing: Level-I: 11.00 am to 12.30 noon
    Level-II 02.00 pm to 3.30 pm

To See Complete Details , Visit : http://www.rtetbser.com/







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RTET 2012 : प्राइमरी टीचर्स पात्रता के लिए बीएड धारियों को मौका नहीं


RTET 2012 : प्राइमरी टीचर्स पात्रता के लिए बीएड धारियों को मौका नहीं



अजमेर.आरटेट 2012  में पहले स्तर अर्थात कक्षा 1 से 5 तक की शिक्षक पात्रता के लिए बीएडधारी प्रविष्ट नहीं हो सकेंगे। बोर्ड कार्यक्रम के मुताबिक कक्षा 1 से 5 तक (स्तर-प्रथम) के शिक्षक पात्रता के लिए न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ उच्चतर माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में दो वर्षीय डिप्लोमा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इनके अलावा ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने न्यूनतम 45 फीसदी अंकों के साथ उच्चतर माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में दो वर्षीय डिप्लोमा में उत्तीर्ण हो, वे पात्र होंगे। 

बोर्ड ने यह भी कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक अर्जित किए हैं और प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र स्नातक (बीएलएड) का 4 वर्षीय कोर्स किया है, वे भी इसके लिए पात्र होंगे। इन कक्षाओं के शिक्षक पात्रता के लिए बोर्ड ने कहीं भी बीएडधारियों से आवेदन नहीं मांगे हैं। बोर्ड ने पिछले साल बीएडधारियों को भी आवेदन मांगे थे, लेकिन इसमें ब्रिज कोर्स की शर्त रखी थी। इस बार ऐसा नहीं किया गया है। कक्षा 6 से 8 तक के शिक्षक पात्रता के लिए बीएडधारियों से मांगे आवेदन बोर्ड ने कक्षा 6 से 8 तक के शिक्षक पात्रता के लिए गत वर्ष वाली ही योग्यताएं तय की हैं। 

न्यूनतम 50 फीसदी स्नातक के साथ ही शिक्षा शास्त्र में एक वर्षीय स्नातक (बीएड), न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों के साथ : 


स्नातक एवं शिक्षा शास्त्र में एक वर्षीय स्नातक एवं न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उच्चतर माध्यमिक एवं 4 वर्षीय प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र स्नातक (बीएल एड) में कोर्सेज में से किसी एक में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। प्राप्तांक सुधार के लिए दे सकेंगे अभ्यर्थी आरटेट बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार द्वारा नियुक्त स्थायी नोडल एजेंसी हर साल आरटेट परीक्षा का आयोजन करेगी। इसकी मान्यता प्रमाण पत्र जारी किए जाने की तिथि से सात साल तक रहेगी। परीक्षार्थी यदि चाहे तो गत आरटेट 2011 में प्राप्तांक में सुधार के लिए आरटेट 2012 की परीक्षा दे सकता है। 

माना जा रहा है कि प्राप्तांक सुधार के लिए भी इस बार बड़ी संख्या में अभ्यर्थी आरटेट में शामिल हो सकते हैं। कारण, गत वर्ष के परिणाम में अपात्र घोषित किए गए अधिकतर अभ्यर्थियों के प्राप्तांक न्यूनतम प्राप्तांक से मामूली कम रह गए थे। इसके चलते ही अभ्यर्थियों ने बोर्ड के सिविल लाइंस स्थित कैंपस में प्रदर्शन भी किए थे और री टोटलिंग के लिए ओएमआर शीट की प्रति भी सूचना के अधिकार के तहत मांगे थे। ऐसे अभ्यर्थी अब प्राप्तांक सुधार के लिए पुन: आरटेट में बैठ सकते हैं।

News Source : Bhaskar.com (11.6.12)
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www.kuexams.com – Kakatiya University Degree Results 2012 | KU Degree Results 2012 – kuwarangal.com | Kuwarangal Dgree Results 2012


www.kuexams.com – Kakatiya University Degree Results 2012 | KU Degree Results 2012 – kuwarangal.com | Kuwarangal Dgree Results 2012
Kakatiya University  is very popular university in Andhra Pradesh. Kakatiya University will going to declare its UG Degree 1st, 2nd and 3rd year Results 2012 today at its official site. Its official site is kuwarangal.com. Under graduate courses are B.Com, B.Sc, B.A and many more.



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UPTET : जंतर-मंतर पर कल अनशन करेंगे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी


UPTET : जंतर-मंतर पर कल अनशन करेंगे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी

बुलंदशहर : शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर नियुक्ति की मांग को लेकर वाराणसी से पैदल यात्रा कर आए दो सदस्यों का स्वागत किया गया। यहां से दल दिल्ली रवाना हुआ। सभी सदस्य मंगलवार को जंतर मंतर पर अनशन कर कपिल सिब्बल को ज्ञापन सौंपेंगे।

टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के दो सदस्य मयंक और रमेश कुमार वाराणसी से पैदल चलकर शुक्रवार रात बुलंदशहर पहुंचे। यहां मोर्चा के सदस्यों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर मोर्चा की उपाध्यक्षा सुधा आर्य ने कहा कि जब तक पूर्व निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार नियुक्तियां नहीं होतीं, जब तक संघर्ष जारी रहेगा। शिक्षा सुधार समिति के सचिव अमरपाल लोधी ने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार का सर्व शिक्षा अभियान तब तक विफल है, जब तक कि प्रदेश के प्रत्येक विद्यालय में योग्य शिक्षकों का अभाव रहेगा।

मोर्चे की सदस्या ज्योति वर्मा ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार टीईटी के आधार पर शीघ्र भर्ती नहीं करती तो प्रदेश के लाखों टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी आमरण अनशन के लिए विवश होंगे। इसी मांग को लेकर पदयात्रियों का दल शनिवार को दिल्ली रवाना हुआ। यहां जंतर-मंतर पर मंगलवार को सभी सदस्य अनशन करेंगे। इसके बाद केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को आठ सूत्रीय मांग पत्र सौंपेंगे। पदयात्रियों का स्वागत करने वालों में ऋषिपाल सिंह, रामौतार सिंह, कपिल कुमार, रामवीर शर्मा, सिद्धांत कटियार आदि शामिल रहे


News Source : Jagran.com (11.6.12)
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UPTET : दिल्ली जाएंगे आज टीईटी पास


UPTET : दिल्ली जाएंगे आज टीईटी पास

ज्ञानपुर (ब्यूरो)। टीईटी संघर्ष मोर्चा भदोही इकाई के कार्यकर्ता व पदाधिकारियों का जत्था 11 जून को दिल्ली के लिए प्रस्थान करेगा। जहां वे12 जून को वाराणसी से दिल्ली तक पद यात्रा करने वाले टीईटी अभ्यर्थियों का अभिनंदन करेंगे। यह जानकारी मोर्चा के अरुण चतुर्वेदी ने दी
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प्रदेश सरकार की आलोचना
मुरादाबाद। टीईटी संघर्ष मोर्चा ने शिक्षा मित्रों को दो वर्ष का प्रशिक्षण देकर उन्हें शिक्षक बनाने की नीति के लिये प्रदेश सरकार की आलोचना की है। बैठक में कहा गया कि यह टीईटी एवं बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का शोषण है। वक्ताओं ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल के उस बयान की सराहना की है। महीपाल सिंह, एम के मिश्रा, फिरोज खान, प्रियांक त्यागी, प्रदीप शर्मा, सुशील कुमार, सलमान आदि मौजूद रहे।
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अनशन में दिल्ली जाएंगे टीईटी अभ्यर्थी
कानपुर। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को दिल्ली में एक दिन का अनशन करेंगे। यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी रत्नेश पाल ने बताया कि धरने के बाद एचआरडी मंत्री से मिलेंगे। जिले से करीब 500 अभ्यर्थी भी दिल्ली जाएंगे।
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टीईटी अभ्यर्थियों ने सरकार को कोसा
फतेहपुर। रविवार को नहर कालोनी में हुई टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक में सरकार के रवैये पर आक्रोश जाहिर करते हुए सदस्यों ने शासन की मंशा पर सवाल खड़े किए। अध्यक्षता करते हुए राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि छह माह से टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं। प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी के बाद भी सरकार टीईटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति को लेकर ठोस कदम नहीं उठा रही है। बैठक में 12 जून को दिल्ली में प्रस्तावित रैली के बारे में जानकारी देते हुए भारी संख्या में लखनऊ पहुंचने का आवाहन किया गया। अनिल कुमार, शिवशंकर गुप्ता, रामबाबू, संतोष पाल, अरुण गर्ग, राकेश, कपिल, फूल सिंह, मनीष श्रीवास्तव सहित भारी संख्या में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी मौजूद रहे।
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टीईटी अभ्यर्थियों को धरना दिल्ली में कल
महराजगंज। सदर बीआरसी परिसर में रविवार को टीईटी उत्तीर्ण एकता मोर्चा की बैठक हुई। इसमें प्रदेश सरकार के आश्वासन के बावजूद नियुक्ति न होने पर रोष व्यक्त किया गया। अभ्यर्थियों ने सरकार से चयन का आधार स्पष्ट करने की मांग की। अपनी मांगाें को मनवाने के लिए अभ्यर्थी 12 जून को नई दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना, प्रदर्शन करेंगे।
जिलाध्यक्ष महेन्द्र वर्मा ने कहा कि टीईटी मेरिट के आधार पर नियुक्ति की घोषणा होने पर ही संगठन संतुष्ट होगा। हम केवल आश्वासन से संतुष्ट होने वाले नहीं हैं। उन्होंने अभ्यर्थियों से दिल्ली पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन करने की अपील की। आंदोलन के दौरान टीईटी अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधि मंडल मानव संसाधन विकास मंत्री से मिलेगा। महामंत्री मदन यादव ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उससे पहले हम चुप बैठने वाले नहीं हैं।
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दिल्ली में धरने को लेकर बनी रणनीति
•जंतर-मंतर पर कल जुटेंगे टीईटी अभ्यर्थी
महराजगंज। सदर बीआरसी परिसर में रविवार को टीईटी उत्तीर्ण एकता मोर्चा की बैठक हुई। इसमें प्रदेश सरकार के आश्वासन के बावजूद नियुक्ति न होने पर रोष व्यक्त किया गया। अभ्यर्थियों ने सरकार से चयन का आधार स्पष्ट करने की मांग की। अपनी मांगाें को मनवाने के लिए अभ्यर्थी 12 जून को नई दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना, प्रदर्शन करेंगे।
जिलाध्यक्ष महेन्द्र वर्मा ने कहा कि टीईटी मेरिट के आधार पर नियुक्ति की घोषणा होने पर ही संगठन संतुष्ट होगा। हम केवल आश्वासन से संतुष्ट होने वाले नहीं हैं। उन्होंने अभ्यर्थियों से दिल्ली पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन करने की अपील की। आंदोलन के दौरान टीईटी अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधि मंडल मानव संसाधन विकास मंत्री से मिलेगा। महामंत्री मदन यादव ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उससे पहले हम चुप बैठने वाले नहीं हैं।
इस मौके पर विजय बहादुर राय, हरिप्रकाश गुप्ता, उमेश चन्द्र मिश्र, राकेश अग्रहरी, प्रवीण पटेल, अवधेश वर्मा, कमलेश कुमार, महेन्द्र प्रसाद यादव, मनीष पटेल, सदानन्द पासवान, मनोज कुमार प्रजापति और रामकुमार पटेल आदि मौजूद रहे।
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धरना सफल बनाने की बनाई रणनीति

देवरिया। टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक रविवार को टाउनहाल प्रांगण में हुई। जिसमें जंतर-मंतर दिल्ली में होने वाले एक दिवसीय धरना को सफल बनाए जाने पर रणनीति बनाई गई। साथ ही संगठन के विस्तार किए जाने पर भी बल दिया गया।
बैठक को संबोधित करते हुए मोर्चा के प्रदेश संरक्षक गोरखनाथ सिंह ने कहा कि वाराणसी से मनोज कुमार सिंह मयंक ने पदयात्रा निकाली है। 20 मई से शुरू हुई यह यात्रा 12 जून को दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचेगी। जहां पर पूरे प्रदेश के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी एक दिवसीय धरना देंगे। धरना के दौरान केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि हम तब तक संघर्ष करते रहेंगे जब तक हमारा हक नहीं मिलता।
मोर्चा के पदाधिकारी रघुवंश शुक्ल, राजित दीक्षित, राकेश मणि त्रिपाठी, पुंडरीकाक्ष शर्मा, राजीव दीक्षित, पद्माकर, संतोष, श्रीप्रकाश, हरेंद्र पुरी, अरविंद मिश्र, मनोज कुमार, चंद्रभूषण सिंह, रतेंद्र सिंह, शालिनी, शैलेष, मुन्ना विश्वकर्मा, श्याम रंजन आदि रहे।

News Source : Amar Ujala (11.6.12)
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UPTET : शिक्षक पात्रता परीक्षा की मेरिट पर ही की जाए शिक्षकों की नियुक्ति


UPTET : शिक्षक पात्रता परीक्षा की मेरिट पर ही की जाए शिक्षकों की नियुक्ति

•प्रवेश परीक्षा का विकल्प ही बेहतर
सहारनपुर। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर रविवार को गांधी पार्क में हुई बैठक में अभ्यर्थियों ने कहा कि प्रदेश सरकार कई बार दावे करने के बावजूद शिक्षकों की नियुक्ति पर टालमटोल कर रही है। इससे अभ्यर्थियों का मानसिक उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार भर्ती को लेकर बयानबाजी या गुमराह करने की बजाय नियुक्ति को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करे। भर्ती प्रक्रिया को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन के तहत अब 12 जून को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रस्तावित धरने प्रदर्शन और अनशन में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की गई।

मोर्चा अध्यक्ष संजय कुमार और संरक्षक प्रदीप धीमान ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से टीईटी की परीक्षा के जारी परिणाम की त्रुटियों और अन्य मामलों के कारण यह भर्ती प्रक्रिया अधर में लटकी है। नई सरकार बनने से उन्हें शिक्षक बनने का सपना पूरा करने की उम्मीद थी, मगर ऐसा नहीं हो सका।
टीईटी अभ्यर्थियों ने इस बात पर हैरानी जताई कि विशिष्ट बीटीसी सहित अन्य चयन प्रक्रियाओं में एकेडमिक मेरिट के दुुरुपयोग के मामलों को देखने के बाद भी प्रदेश सरकार एकेडमिक मेरिट को ही आधार बनाकर नियुक्तियां करने की मंशा रखती है, जबकि योग्य अभ्यर्थियों के चयन के लिए प्रवेश परीक्षा का विकल्प ही बेहतर है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को लगता है कि टीईटी के परिणाम में अब भी अनियमितताएं हैं तो उनकी पूरी जांच कराकर अपात्रों को अलग कर दें और पात्रों का चयन करा लिया जाए।
इसी आंदोलन के मद्देनजर वाराणसी से दिल्ली तक पदयात्रा करने वाले अभ्यर्थियों मयंक और मनोज को सम्मानित करने का भी प्रस्ताव बैठक में रखा गया। सत्यवीर, संदीप कुमार, रवींद्र राठौर, सुखपाल सिंह आदि रहे। 
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टीईटी संघर्ष मोर्चा करेगा प्रदर्शन


मुजफ्फरनगर। टीईटी संघर्ष मोर्चा की टाउनहाल में बैठक में जिलाध्यक्ष बलकेश चौधरी ने बताया कि 12 जून को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के साथ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री से मुलाकात करके टीईटी भर्ती की मांग की जाएगी। रालोद एमएलसी चौधरी मुश्ताक ने छात्रों को टीईटी भर्ती प्रक्रिया मुद्दा विधान परिषद में उठाने का आश्वासन दिया है। बैठक में फारुख हसन, कपिल शर्मा, मनोज मंयक, साकिद अली, मोहित बालियान, राशिद, रवि प्रकाश, सिद्धार्थ, वकील अहमद, राहुल, नकल, मनोज, नदीम, नूर मौहम्मद, पिंकी, शालिनी और नेहा आदि मौजूद रहे।


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दिल्ली में धरना देंगे टीईटी अभ्यर्थी


खेकड़ा। टीईटी की परीक्षा पास करने पर भी शिक्षकों की भर्ती न करने से अभ्यर्थियों में आक्रोश व्याप्त है। छात्र आज दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना देंगे।
नगर में रेलवे रोड पर रविवार की शाम टीईटी अभ्यर्थियों की बैठक हुई। अभ्यर्थियों ने कहा कि टीईटी की परीक्षा पास करने पर भी सरकार ने उनकी नियुक्ति नहीं की है। उनके भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ किया जा रहा है। बैठक में संजय गुप्ता, सौरभ, अमितेश धामा, लोकेंद्र धामा आदि मौजूद थे


News Source : Amar Ujala (11.6.12)
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Sunday, June 10, 2012

UPTET : केंद्र तक अपनी आवाज पहुंचाएंगे टीईटी अभ्यर्थी

UPTET : केंद्र तक अपनी आवाज पहुंचाएंगे टीईटी अभ्यर्थी

देवरिया: टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक रविवार को टाउनहाल परिसर में आयोजित की गई। इसमें मोर्चा पदाधिकारियों ने आगे की रणनीति तय की। अभ्यर्थियों ने केंद्र तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए 12 जून को दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले एक दिवसीय धरने को सफल बनाने का संकल्प लिया



















बैठक को संबोधित करते हुए मोर्चा के प्रदेश संरक्षक गोरखनाथ सिंह ने कहा कि वाराणसी से मनोज कुमार मयंक द्वारा 20 मई को शुरू की गई पदयात्रा 12 जून को दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचेगी। जहां टीईटी अभ्यर्थियों द्वारा एक दिवसीय धरना दिया जाएगा। धरने के दौरान अभ्यर्थी केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को ज्ञापन सौंपेंगे। श्री सिंह ने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती यह संघर्ष जारी रहेगा

मोर्चा के रघुवंश शुक्ला ने कहा कि सरकार चारों तरफ से घिर चुकी है। उन्होंने कहा कि अभी सरकार की नीयत साफ नहीं है, लेकिन किसी भी हाल में हम अपने लक्ष्य को प्राप्त किए बिना चुप बैठने वाले नहीं हैं। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश कुशवाहा ने कहा कि हम सरकार के सामने घुटने टेकने वाले नहीं हैं। राजीव दीक्षित ने कहा कि लखनऊ में जो कुछ हुआ वह ऐतिहासिक था। अभ्यर्थियों के इस प्रदर्शन से सरकार पूरी तरह भयभीत हो चुकी है। उम्मीद है जल्द ही इसका सार्थक परिणाम दिखेगा। संचालन संदीप कुशवाहा ने किया

इस अवसर पर प्रमुख रूप से राकेश मणि त्रिपाठी, पुण्डीकाक्ष शर्मा, पद्माकर, संतोष, हरेंद्रपुरी, विश्वकर्मा, चंद्रभूषण सिंह, अरविंद मिश्र, मनोज कुमार, रतेंद्र सिंह, शालिनी चौहारी, शैलेष मुन्ना विश्वकर्मा, श्याम रंजन, शैलेष कुमार पांडेय, मुन्ना विश्वकर्मा, हरेंद्र, रति शर्मा, अनिल कुमार, संतोष चौबे, रघुवंश मणि दूबे, विकास पाण्डेय, मनोज कुमार सिंह, यशवंत कुमार, संतोष कुमार आदि मौजूद थे

News Source : Jagran.com (10.6.12)
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UPTET : हक पाने को संघर्ष करें


UPTET : हक पाने को संघर्ष करें

रामपुर । टीईटी संघर्ष मोर्चा ने बैठक कर कहा है कि हक पाने के लिए कड़ा संघर्ष किया जाएगा।

















टीईटी अभ्यर्थियों की बैठक शनिवार को अंबेडकर पार्क में हुई, जिसमें नियुक्ति को लेकर विचार किया गया। प्रदेश अध्यक्ष राजेश प्रताप ने कहा कि टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी की जा रही है। उन्हें नौकरी देकर रोजगार से जोड़ा जाए। इसके लिए वे मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों लखनऊ भी गए थे, लेकिन उन पर लाठीचार्ज किया गया, जिसकी निंदा की जाती है। अब संघर्ष मोर्चा ने 12 जून को दिल्ली जंतर-मंतर पर आंदोलन का निर्णय लिया है। इसमें अधिक से अधिक अभ्यर्थी शामिल हों और हक पाने के लिए कड़ा संघर्ष करें

इस मौके पर मोहम्मद सलीम, राजपाल सिंह यादव, मुनेश कुमार, गुरपाल सिंह, संतोष राज, प्रदीप भटनागर, रिजवान खान, विजय कुमार, विनय कुमार, कुलदीप सिंह, प्रियंक त्यागी, पंकज सिंह, हरजीत सिंह आदि शामिल रहे।

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आज आगामी रणनीति को जुटेंगे अभ्यर्थी


बड़ौत,बागपत। टीईटी की बहाली को लेकर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा लगातार प्रयास जारी हैं। अपनी इसी कवायद के तहत रविवार को सभी अभ्यर्थी नगर के रेलवे स्टेशन पर एक जुट होगें और आगामी रणनीति की रूपरेखा तैयार करेंगे

प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक की भर्ती का मामला फिर से तूल पकड़ रहा है। टीईटी संघर्ष मोर्चो के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि लखनऊ में अभ्यर्थियों पर हुए पुलिस लाठी-चार्ज के बाद इस आदोलन को जबरदस्त समर्थन मिलना शुरू हो गया है। इधर वारणसी से दो अथ्यर्थी पैदल यात्रा करते हुए आगामी 12 जून को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंच रहे हैं। यहां एक दिन का धरना प्रस्तावित है। इस धरना में प्रदेश भर से अभ्यर्थी भाग लेने नई दिल्ली पहुंचेगे। इसी कड़ी में अभ्यर्थियों को एकजुट करने के लिए रविवार को रेलवे स्टेशन में बैठक का आयोजन किया जा रहा है। इसमें लखनऊ धरने के बाद लिए गए निर्णय आदि की जानकारी दी जाएगी। बैठक सवेरे नौ बजे आहूत की जाएगी। सभी से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की गई है


News Source : Jagran.com (9.6.12)
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INVITATION-CUM-BRIEFING FOR MEDIA ON AGITATION OF 12.06.2012 AT JANTAR-MANTAR, NEW DELHI ( Drafted by Shyam Dev Mishra )

INVITATION-CUM-BRIEFING FOR MEDIA ON AGITATION OF 12.06.2012 AT JANTAR-MANTAR, NEW DELHI ( Drafted by Shyam Dev Mishra )

---------- अग्रेषित संदेश ----------
प्रेषक: Shyam Dev Mishra <shyamdevmishra@gmail.com>
दिनांक: 10 जून 2012 9:38 am
विषय: INVITATION-CUM-BRIEFING FOR MEDIA ON AGITATION OF 12.06.2012 AT JANTAR-MANTAR, NEW DELHI
प्रति: rashid azad <rashid.khurshid@gmail.com>, Sarkari Damad <sarkaridamad007@gmail.com>, Muskan Bharat <muskan24by7@gmail.com>, dev02019654@gmail.com, rajesh rao <rajeshrow86@gmail.com>, nnitinmehta1982@rediffmail.com, Naved Ahmed <navedahmeds@gmail.com>, dharmchand1980@gmail.com


दिनांक:
सेवा में,
महोदय,
विषय: उत्तर प्रदेश में टी..टी.-उत्तीर्ण 72825 प्राथमिक अध्यापकों की भर्ती-प्रक्रिया में हो रहे विलम्ब पर राज्य-सरकार की निष्क्रियता के विरोध में दिनांक 12.06.2012 को जन्तर-मंतर, नई दिल्ली में सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित एक-दिवसीय धरना-प्रदर्शन की सूचना एवं कवरेज हेतु आमंत्रण.




















जैसा कि आपको ज्ञात होगा, उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा (यू.पी.टी.ई.टी.) 2011 के माध्यम से दिसंबर 2011 में प्रारंभ हुई 72825 प्राथमिक अध्यापकों की भर्ती-प्रक्रिया में हो रहे विलम्ब से प्रदेश में शिक्षा का अधिकार के हनन एवं लाखों शिक्षित और योग्य बेरोजगार अभ्यर्थियों के भविष्य पर छाई अनिश्चितता पर राज्य-सरकार के अस्पष्ट रवैये के विरोध में प्रदेश के लगभग 272000 टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यर्थी मार्च 2012 से लगातार आन्दोलनरत हैं.


ज्ञात हो कि प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राज्य सरकार ने नियमों में आवश्यक संशोधन करके अध्यापकों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के दिशा-निर्देशों के अनुसार 13 नवम्बर 2011 को अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन करवाया. मालूम हो कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् ने अध्यापन की गुणवत्ता को बनाये रखने के उद्देश्य से यह निश्चित किया कि अध्यापकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को उसके द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सम्बंधित राज्य-सरकार द्वारा समय-समय पर आयोजित की जाने वाली  "अध्यापक पात्रता परीक्षा" उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा. साथ ही चयन में भी इसके अंको को महत्त्व देने की सिफारिश की. इस नई व्यवस्था को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी महत्त्व देते हुए इसे अनिवार्य कर दिया.


परीक्षा के परिणाम में कई बार संशोधन हुए और कई असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने अपने पास मौजूद उत्तर-पुस्तिका की कार्बन-कापी के आधार पर उच्च  न्यायालय में भी अपील की और अंततः न्यायालय के निर्देश के अनुसार अंतिम रूप संशोधित परिणाम जारी किया गया. तदुपरांत भर्ती-प्रक्रिया की शुरुआत हुई और हर जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अलग-अलग विज्ञापन निकालने की समयसाध्य और खर्चीली पुरानी परिपाटी के स्थान पर राज्य-सरकार द्वारा अधिकृत की गई माध्यमिक शिक्षा परिषद् द्वारा समस्त बेसिक शिक्षा अधिकारियों की ओर से 2 दिसंबर 2011 को एक संयुक्त विज्ञप्ति प्रकाशित कर टी.ई.टी. मेरिट के आधार पर 72825 प्रशिक्षु प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किये गए थे. इस बीच माध्यमिक शिक्षा परिषद् के निदेशक संजय मोहन द्वारा कुछ अभ्यर्थियों से अध्यापक पात्रता परीक्षा में अंक बढवाने के नाम पर रुपये लेने का मामला सामने आया जिसमे हुई जाँच में ये मामला महज ठगी तक सीमित रहा और परिणामों में धांधली के आरोप साबित नहीं हुए हैं. वैसे भी हर अभ्यर्थी के पास मौजूद उत्तर-पुस्तिका की प्रति के आधार पर परिणाम की सत्यता की जाँच का विकल्प सबके लिए खुला है.


इसके बाद तमाम अभ्यर्थियों ने, जिनके लिए टी.ई.टी. में अंक कम होने से चयन के आसार कम थे, टी.ई.टी. के आधार पर चयन की प्रक्रिया को उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में चुनौती दी पर ऐसे सभी मामलों में न्यायालय ने आपत्तियों को दरकिनार करते हुए इसे न्याय-संगत और नियम-संगत ठहराया. परन्तु वाराणसी के एक अभ्यर्थी कपिल देव यादव ने एक याचिका दायर कर भर्ती का विज्ञापन बेसिक शिक्षा अधिकारियों के स्थान पर उनकी ओर से माध्यमिक शिक्षा परिषद् द्वारा जारी किये जाने को तकनीकी आधार पर चुनौती दी जिसपर न्यायालय ने 4 जानवरी 2012 को भर्ती-प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब माँगा. तब से इस मसले में सुनवाई कम तारीखें ज्यादा मिली हैं और कोर्ट के बाहर भी राज्य-सरकार ने अबतक इस मसले पर अपना रुख जाहिर नहीं किया है साथ ही सरकारी पक्ष ने जिस प्रकार का लापरवाही भरा रवैया कोर्ट के अन्दर दिखाया है वह भी इस मामले के निस्तारण में इतने विलम्ब का प्रमुख कारण रहा है. और तो और, कई तारीखों पर तो यह भी साबित हुआ कि सरकारी वकील को महज विज्ञप्ति में दिए गए निर्देशों-तथ्यों तक की जानकारी न थी.


यहाँ यह बताना महत्वपूर्ण होगा कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के नियमों के अनुसार कक्षा 1 से 5 तक के अध्यापन के लिए बी.एड. डिग्रीधारक अभ्यर्थियों की नियुक्ति की समय-सीमा 1 जनवरी 2012 रखी गई थी. ऐसे में राज्य-सरकार की लापरवाही और उसके द्वारा किये गए विलम्ब का खामियाजा निर्दोष अभ्यर्थियों को न भुगतना पड़े और प्रक्रिया शुरू होने के पहले निर्धारित हो चुके नियमों के अनुसार भर्ती हो, इस मांग को लेकर आक्रोशित अभ्यर्थियों ने प्रदेश-भर में जिला-स्तर पर तो प्रदर्शन किये ही, समय समय पर राज्य-सरकार तक अपनी आवाज़ पहुचने के लिए लखनऊ तक पहुंचे. इस क्रम में अभ्यर्थियों द्वारा लखनऊ में 20 मार्च को एक-दिवसीय धरने का आयोजन किया गया था, जिसमे शामिल होने जा रहे अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किया गया. इसके उपरान्त पुनः लखनऊ में 30 मार्च से 2 अप्रैल तक अनशन किया गया जिसपर स्थानीय प्रशासन ने मुख्यमंत्री से वार्ता का आश्वासन देकर समाप्त करवाया. . गौरतलब है कि इस अनशन के दौरान कई अभ्यर्थियों की स्थिति इस कदर बिगड़ गई थी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था. अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री से शीघ्र कार्यवाही के आश्वासन के सिवा कुछ न मिल सका. अभ्यर्थियों द्वारा पुनः 20 अप्रैल को लखनऊ में प्रदर्शन किया गया जिसे प्रशासन ने मुख्यमंत्री से वार्ता कराकर हल निकालने के आश्वासन के साथ समाप्त करवाया. माननीय मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में इस समस्या को सुना तो पर नतीजा फिर सिफर ही रहा. पुनः 29 से 31 मई को लखनऊ में आक्रोशित अभ्यर्थियों ने विधान सभा का लगातार घेराव किया जिसमे पुलिस ने बर्बरता पूर्वक महिलाओं तक पे लाठियां चलाई, सैकड़ो गिरफ्तारियां की गई, हज़ारों लोगो को अलग-अलग स्थानों पे निरुद्ध किया गया और इस जनाक्रोश का हल निकालने के बजाय इसे कुचलने का हर संभव उपाय किया. इस सारे घटनाक्रम को मीडिया ने लगातार महत्त्व दिया.


अभ्यर्थियों को शांत करने के उद्देश्य से कभी निर्णय लेने के लिए राज्य-सरकार ने दस दिन का समय माँगा तो कभी मुख्य-सचिव की अध्यक्षता में जाँच-समिति बनाकर 3 हफ्ते में रिपोर्ट आने और तदनुसार कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया पर आज ये सारी समय-सीमायें समाप्त हो गई है और मसला वहीँ का वहीँ है.


इन स्थितियों से व्यथित हो कई अभ्यर्थियों का मानसिक अवसाद के कारण निधन तक हो चुका है. प्रदेश-भर में सभी अभ्यर्थी अपने पाने स्तर से सरकार से इस मसले के निराकरण का आग्रह कर रहे हैं. सही मनोज कुमार "मयंक" और उनके साथियों ने इस समस्या की ओर न सिर्फ प्रदेश, बल्कि केंद्र सरकार तक को आकृष्ट करने के लिए इस भीषण गर्मी में वाराणसी से दिल्ली तक की पदयात्रा शुरू की जिसके इस अतुल्य प्रयास की सराहना व्यापक स्तर पे हुई है और उन्हें इस प्रदर्शन के दौरान सम्मानित भी किया जाना प्रस्तावित है.


शिक्षा का अधिकार को न सिर्फ यू. पी.ए. सरकार और केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के लिए एक महत्वपूर्ण विषय रहा है बल्कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसे बच्चों का संवैधानिक अधिकार करार दिया है. केंद्र सरकार इस सम्बन्ध में होने वालों खर्चों में 65% अंशदान देती है और समय-समय पर दिशा-निर्देश देने को अधिकृत होती है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में शिक्षा के अधिकार के उद्देश्यों की प्राप्ति में आने वाली बाधाओं की ओर, इस समूचे प्रकरण पर राज्य-सरकार की चुप्पी और अस्पष्ट रुख की ओर केंद्र सरकार और माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री कपिल सिब्बल जी का ध्यान आकर्षित करते हुए निवेदन है कि,
1. प्रदेश में 72825 प्रशिक्षु प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती-प्रक्रिया को लेकर अपने रुख को न सिर्फ स्पष्ट करे बल्कि न्यायालय में लंबित मामले के शीघ्र निपटारे के लिए ठोस कार्यवाही करे.
2. भर्ती-प्रक्रिया को पुनः किसी कानूनी बाधा से सुरक्षित रखने के लिए न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के अतिरिक्त किसी भी प्रकार का परिवर्तन नियम व् शर्तों में में न करे और पूर्व-निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही चयन व् नियुक्ति की जाये.
3. प्रदेश में अध्यापकों की आवश्यकता के मुकाबले एन.सी.टी.ई. द्वारा निर्धारित योग्यता वाले अभ्यर्थियों की भारी कमी को ध्यान में रखते हुए कक्षा 1 से 5 तक के अध्यापकों के लिए बी.एड. डिग्रीधारकों को दी गई समय सीमा (१ जनवरी 2012) को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत बढाया जाये.
4. समाचारपत्रों में छपी खबरों के अनुसार प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री द्वारा विधान सभा में में बिना आवश्यक अर्हता (टी.ई.टी.) रखने वाले शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने की सरकार की योजना का जिस प्रकास विधान सभा में दिए जवाब से हुआ, उस से स्पष्ट है कि राज्य सरकार इस मामले की को पर्याप्त गंभीरता से नहीं ला रही है या फिर जानबूझकर गुमराह कर रही है. इस लिए व्यापक जनहित में आवश्यक है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुसार छात्र-शिक्षक अनुपात के लक्ष्य को प्राप्त करने की समय सीमा को ध्यान में रखते हुए राज्य-सरकार को इस दिशा में बनाई गई कार्य-योजना स्पष्ट करने का निर्देश दिया जाये तथा वैधानिकता को ध्यान में रखते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश केंद्र-सरकार द्वारा जारी किये जाएँ.
टी.ई.टी. अभ्यर्थियों की इस मुहिम को उत्तर प्रदेश में मीडिया का जबरदस्त समर्थन मिला है. मीडिया द्वारा इस मामले को दिए गए महत्त्व का नतीजा था कि उत्तर प्रदेश सरकार को विधान-सभा और विधान-परिषद् में सदस्यों के तीखे सवालों का सामना कररना पड़ा और सदस्यों ने टी.ई.टी. अभ्यर्थियों की स्थिति और उस पर सरकार के रुख पर रोष जताते हुए जरुरु कदम उठाने को कहा. आशा है कि राजधानी में अपनी आवाज़ उठाने के लाखो टी.ई.टी. अभ्यर्थियों के इस प्रयास को स्थानीय और राष्ट्रीय मीडिया का भरपूर सहयोग मिलेगा और इस महत्वपूर्ण मुद्दे पे सम्बंधित पक्षों के साथ-साथ जनता का भी ध्यान आकृष्ट करने के हमारे इस प्रयास में आप हमारा यथासंभव सहयोग करेंगे और इस आन्दोलन को प्रमुखता से प्रकाशित-प्रसारित करेंगे.


धन्यवाद,
निवेदक
समस्त यू.पी.टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यर्थी


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UPTET : यूपीः रेग्यूरल शिक्षा मित्रों को भी ट्रेनिंग


UPTET : यूपीः रेग्यूरल शिक्षा मित्रों को भी ट्रेनिंग


शिक्षा मित्र रहते हुए रेग्यूलर स्नातक करने वालों को भी ट्रेनिंग देने की तैयारी है। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी के निर्देश पर उच्चाधिकारियों की बैठक हो चुकी है। इस संबंध में शीघ्र ही शासनादेश जारी करने की तैयारी है। रेग्यूलर शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग प्रक्रिया शीघ्र शुरू किया जाएगा, ताकि वर्ष 2014 तक सभी शिक्षा मित्रों को ट्रेंड कर शिक्षक बनाया जा सके। इंटर पास शिक्षा मित्रों के बारे में भी शीघ्र निर्णय कर लिया जाएगा, ताकि उनको भी ट्रेनिंग दी जा सके

शिक्षा का अधिकार अधिनियम में यह अनिवार्य कर दिया गया है कि कोई भी शिक्षक अनट्रेंड नहीं रहेगा। शिक्षा मित्र अनट्रेंड शिक्षकों की श्रेणी में आते हैं। इसलिए माया सरकार ने स्नातक पास 1.24 लाख शिक्षा मित्रों को दो वर्षीय डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीईई) ट्रेनिंग देने का निर्णय किया था। स्नातक उत्तीर्ण शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग देने के लिए आवेदन मांगे गए, तो इसमें रेग्यूलर शिक्षा मित्रों को इससे अलग कर दिया गया। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश है कि शिक्षा मित्र रहते हुए कोई रेग्यूलर स्नातक नहीं कर सकता है। रेग्यूलर स्नातक को अवैध करार दे दिया गया। इसको लेकर शिक्षा मित्रों ने उच्चाधिकारियों से कई बार संपर्क किया, लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं किया जा सका

सपा ने घोषणा पत्र में वादा किया था कि सरकार बनने में शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाया जाएगा। सरकार बनने के बाद घोषणा पर अमल करने के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इसमें रेग्यूलर शिक्षा मित्रों को भी ट्रेनिंग देने पर शीघ्र निर्णय लेने को कहा गया। सूत्रों का कहना है कि इसके बाद उच्चाधिकारियों की हुई बैठक में रेग्यूलर शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग पर सहमति बनी है। यदि जरूरी हुआ, तो सरकार इस संबंध में हाईकोर्ट के आदेश पर न्याय विभाग से दिशा-निर्देश भी प्राप्त करेगी, ताकि आगे चलकर किसी तरह की समस्या न खड़ी हो। मौजूदा समय करीब 62 हजार शिक्षा मित्रों को ब्लाक संसाधन केंद्र और न्याय पंचायत संसाधन केंद्रों पर ट्रेनिंग दी जा रही है


News Source : Amar Ujala ( 10.6.12)
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HPTET : 2950 शिक्षकों की भर्ती करेगी हिमाचल सरकार


Himachal Pradesh Teacher Eligibility Test (TET ) News : 

शिमला. प्रदेश में 2950 शिक्षकों की जल्द भर्ती की जाएगी। खाली पड़े इन पदों को भरने की प्रक्रिया शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) परिणाम आने के बाद शुरू हो जाएगी। सरकार ने इसके लिए हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर को टीईटी परीक्षा का परिणाम जल्द घोषित करने की मांग की है।


अब तक बोर्ड की तरफ से शास्त्री विषय का परिणाम ही घोषित किया गया है। शिक्षकों के कुछ पद पिछले काफी समय से खाली चल रहे थे, जबकि कुछ पद स्कूलों के अपग्रेड होने के बाद सृजित हुए हैं। शिक्षकों की भर्ती होने के बाद कई स्कूलों में चल रही कमी दूर हो जाएगी।


प्रारंभिक शिक्षा निदेशक राजीव शर्मा के अनुसार सरकार ने 2950 शिक्षकों के पदों को भरने की अनुमति प्रदान कर दी है। यह भर्ती प्रक्रिया टीईटी परीक्षा परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद शुरू होगी। शास्त्री का परिणाम घोषित हो चुका है और इन पदों को पहले चरण में भरा जाएगा।



अपग्रेड मिडिल स्कूलों को मिलेंगे 500 पद
किस श्रेणी के कितने पद
श्रेणी पद
शास्त्री 470
भाषा अध्यापक 500
टीजीटी ऑर्ट्स 780
टीजीटी मेडिकल 324
टीजीटी नॉन मेडिकल 876
कुल 2950

सरकार ने हाल ही में राज्य के 100 प्राइमरी स्कूलों को अपग्रेड कर मिडिल का दर्जा दिया है। तीन चरणों में इन स्कूलों को अपग्रेड किया है। इसमें दो बार क्रमश: 45-45 स्कूल और इसके बाद करीब दस स्कूलों को अपग्रेड किया गया। इस तरह एक मिडिल स्कूल में टीजीटी नॉन मेडिकल, टीजीटी ऑर्टस, डीपीई, भाषा अध्यापक और शास्त्री के पद भरे जाने हैं।


जल्द घोषित होगा टीईटी परीक्षा परिणाम (HPTET / TET  Result will be declared shortly )
हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर ने अब तक शास्त्री पद के लिए ली गई टीईटी परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया है। इसके बाद भाषा अध्यापक और टीजीटी के पदों के लिए ली गई परीक्षा का परिणाम आना है। शास्त्री टीईटी का परीक्षा परिणाम आने के बाद इस श्रेणी के 470 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।


नई भर्ती में टीईटी पास करना अनिवार्य
सरकार ने भर्ती प्रक्रिया के लिए टीईटी की शर्त को अनिवार्य कर दिया है। इसमें न्यूनतम 60 अंक आने अनिवार्य हैं। आरक्षित वर्ग के लिए इसमें छूट है। टीईटी परीक्षा के बाद नई भर्ती पर नए आरएंडपी नियम लागू होंगे। इस तरह टीईटी परीक्षा और नए नियमों के अनुसार, वरीयता सूची को तैयार कर स्कूलों में खाली पदों को भरा जाएगा।


आयुर्वेद विभाग में भर्ती होंगे 154 डॉक्टर
आयुर्वेद विभाग में 154 डॉक्टरों के पद भरे जाएंगे। 12 जून से शुरू हो रही भर्ती प्रक्रिया में 50 फीसदी पदों को बैच वाइज भरा जाएगा, जिसके तहत 77 डॉक्टरों को वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी। डायरेक्ट भरे जाने वाले 78 पदों के लिए परीक्षा ली जाएगी।


प्रदेश में 2950 शिक्षकों की जल्द भर्ती की जाएगी। खाली पड़े इन पदों को भरने की प्रक्रिया शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) परिणाम आने के बाद शुरू हो जाएगी। सरकार ने इसके लिए हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर को टीईटी परीक्षा का परिणाम जल्द घोषित करने की मांग की है।

अब तक बोर्ड की तरफ से शास्त्री विषय का परिणाम ही घोषित किया गया है। शिक्षकों के कुछ पद पिछले काफी समय से खाली चल रहे थे, जबकि कुछ पद स्कूलों के अपग्रेड होने के बाद सृजित हुए हैं। शिक्षकों की भर्ती होने के बाद कई स्कूलों में चल रही कमी दूर हो जाएगी। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक राजीव शर्मा के अनुसार सरकार ने 2950 शिक्षकों के पदों को भरने की अनुमति प्रदान कर दी है। यह भर्ती प्रक्रिया टीईटी परीक्षा परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद शुरू होगी। शास्त्री का परिणाम घोषित हो चुका है और इन पदों को पहले चरण में भरा जाएगा।


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News Source : Bhaskar.com ( 9.6.12)
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Results Announced This Week

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Results Announced

CBSE Exam Results
All India Engineering Entrance Exam (AIEEE)-2012
Announced on June 9, 2012 at 22:45Hrs
Jharkhand Academic Council
JAC Madarsa results 2012
Announced on June 9, 2012 at 12:00Hrs
Tripura Board Examination Results
Madhyamik Pariksha (10th Standard Examination)- Year 2012
Announced on June 9, 2012 at 09:30Hrs
Uttar Pradesh Examination Results
UP High School (Class X) Examination Results 2012
Announced on June 8, 2012 at 12:30Hrs
Tripura Board Examination Results
Tripura Joint Entrance Examination - Year 2012
Announced on June 7, 2012 at 16:00Hrs
Tripura Board Examination Results
Higher Secondary Examination (H.S. +2 Stage) - Year 2012
Announced on June 7, 2012 at 09:30Hrs






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UPTET : दिल्ली में धरने को सफल बनाने पर चर्चा


UPTET : दिल्ली में धरने को सफल बनाने पर चर्चा


•टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक

आजमगढ़ (ब्यूरो)। टीईटी संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक शनिवार को कुंवर सिंह उद्यान में उमेश की अध्यक्षता में हुई। इसमें दिल्ली में जंतर-मंतर पर 12 जून को आयोजित धरने को सफल बनाने सहित अन्य मुद्दाें पर चर्चा की गई। अरविंद वर्मा और सूबेदार यादव ने कहा कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर 12 को टीईटी संघर्ष मोर्चा द्वारा धरने का आयोजन किया गया है। अजय यादव ने कहा कि 15 जून को मंडलस्तरीय कार्यक्रम करके टीईटी मेरिट पर नियुक्ति करने के लिए मजबूर किया जाएगा। इसी क्रम में राकेश, पंकज, तेजबहादुर, राणा प्रताप सिंह ने संबोधित किया। बैठक की अध्यक्षता आजाद यादव ने किया। इस मौके पर गजानंद, विरेंद्र कुमार राजभर, बृजराज यादव, अरविंद यादव, सुरेश सरोज, शिवचंद, सूर्यभान, परमहंस, यादव, रामाश्रय आदि उपस्थित थे।


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मंत्री के बयान की निंदा
•टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने उठाई आवाज

बलिया। बेसिक शिक्षा मंत्री की ओर से छह जून को पड़रौना में प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के संबंध में दिए गए बयान पर उत्तर प्रदेश टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक वैदिक बाल विद्या मंदिर में संपन्न हुई। जिसमें वक्ताओं ने सरकार की नीतियों की निंदा करते हुए शिक्षा मंत्री के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण, गैर जिम्मेदाराना एवं मानसिक दिवालियापन का परिचायक बताया।
वक्ताओं ने कहा कि एक महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए उनकी ओर से दिया गया यह बयान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कन्नौज के चुनावी जनसभा में दिए गए बयान के ठीक विपरीत है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुखिया के बयान का खंडन उनके अधिनस्थ मंत्री कर दें। उत्तर प्रदेश टीईटी संघर्ष मोर्चा द्वारा 12 जून को दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में जिले के अधिक से अधिक टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी भाग लेंगे। बैठक में प्रमुख रूप से दिग्विजय पाठक, पीयूष चौबे, सुरेंद्र कुमार सिंह, अतुल सिंह, मंजीत सिंह आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता संजय पांडेय तथा संचालन नागेंद्र ने किया



News Source : Amar Ujala (10.6.12)
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