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Tuesday, October 30, 2012

MTET : Maharashtra yet to conduct teachers eligibility test

MAHATET : Maharashtra yet to conduct teachers eligibility test



http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/





PUNE: Maharashtra has yet to introduce a teachers eligibility test (TET) of its own under the Right of Children for Free and Compulsory Education (RTE) Act, 2009. The TET has been provided as a qualifying benchmark for recruitment of teachers in the primary and upper primary schools.

Already, the Central Teachers Eligibility Test is being conducted by the Central Board of Secondary Education ( CBSE) for recruitment of teachers for Stds I to VIII at the central government and CBSE-affiliated schools.

A note reviewing the implementation of the RTE Act, 2009, in various states, put up for consideration by the Central Advisory Board of Education at its impending meeting on November 1, has highlighted the progress made so far by the states including Maharashtra.

According to the note, Maharashtra is among the few states, along with Goa, Mizoram, Meghalaya and Sikkim, which has not yet introduced the TET. So far, 23 states have conducted the eligibility test. The state is also in the process of reviewing the curriculum for primary and upper primary education to make the same in tune with the RTE requirement, the note says.

All the states and Union territories have notified the RTE rules, which lay down the procedures for implementation of the RTE Act. A total of 24 states have constituted the State Commission for Protection of Child Rights (SCPCR) or the Right to Education Protection Authority (REPA), which are the grievance redressal mechanisms provided for under the act. Maharashtra has preferred the SCPCR instead of REPA.

Statistics provided by the note pointed out that the total number of sanctioned posts for teachers in the state is 3,38,658 and 32,746 of these posts are vacant. In all 81.66% of the 69,722 schools have RTE-compliant pupil-teacher ratio (PTR) in the state. Maharashtra's overall PTR has been pegged at 25 students per teacher, while the number of RTE-compliant PTR schools is 56,932.

The state has 64,296 schools with drinking water facilities and this constitutes 92.22% of the total schools while 60,058 schools (86.14%) have ramps. Similarly, 16,542 schools have common toilets while 49,772 schools have independent toilets for girls and boys.

The RTE has prescribed minimum working days and instruction hours for primary and upper primary schools. For primary schools, 200 days and 800 hours have been prescribed while the same for upper primary schools is 220 days and 1,000 hours.


News Source : Times of India (30.10.12)
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TET exam is not yet conducted by Maharashtra Govt., And I feel Maharashtra domicile candidate may have a chance in such exam.

Wait and watch to see , What terms and conditions comes for this exam.
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UPTET : वादे पूरे कर रही है सरकार: राम गोविंद


UPTET  : वादे पूरे कर रही है सरकार: राम गोविंद









मंत्री का दावा

•सूबे की सरकार द्वारा किया गया वादा हो रहा पूरा
टीईटी की समस्या को एक दो माह में कर लिया जाएगा हल
•स्कूलाें में शिक्षकाें की कमी को जल्द किया जाएगा पूरा
•बच्चाें की पसंद से बनेगा पुष्टाहार


मिर्जापुर। सपा ने जनता से जो वादे किए थे उस पर अमलीजामा पहनाने का काम शुरू कर दिया गया है। सरकार शिक्षा में सुधार लाने के लिए तत्पर है। अगले कुछ माह में शिक्षकों की भर्ती की जाएगी, जहां शिक्षकाें की कमी है उन स्थानों को चिह्नित कर तैनाती की प्रक्रिया चल रही है तथा अगले एक दो माह में टीईटी उतीर्ण अभ्यर्थियों की समस्या का समाधान कर लिया जाएगा। यह बातें सूबे के बेसिक शिक्षा व बाल विकास पुष्टाहार मंत्री रामगोविंंद चौधरी ने लोंहदी स्थित राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया के आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहीं।
मंत्री ने दावा किया कि बेरोजगारी भत्ता हो, कन्या विद्या धन या अन्य कोई योजना सभी पर गंभीरता से अमल किया जा रहा है। शिक्षा के गिरते स्तर पर कहा कि जनता सरकारी स्कूलाें के प्रति विश्वास रखे तभी इनका स्तर उठेगा। कहा कि निजी स्कूलाें के शिक्षक प्रशिक्षित नहीं होते हैं जबकि सरकारी स्कूलाें में प्रशिक्षित और योग्य शिक्षक तैनात किए जाते हैं। सरकार किताब से लेकर भोजन, वजीफा और ड्रेस सहित तमाम सुविधाएं मुफ्त मुहैया करा रही है जबकि निजी स्कूलों में ऐसा कुछ नहीं है। कहा कि टीईटी उत्तीर्ण लोगों की समस्या अगले एक दो माह में हल कर ली जाएगी।
स्कूलाें में मिड डे मील में गड़बड़ियों के सवाल पर कहा कि अगले कुछ दिनाें से वह गुप्त तरीके से इसकी जांच कराएंगे और जहां भी गड़बड़ी मिलेगी वहां के कर्मचारी व अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुष्टाहार के बारे में कहा कि अब बच्चाें के पसंद के हिसाब से आहार बनवाया जाएगा ताकि बच्चे खुश हो कर उसका सेवन करें। श्री चौधरी ने कहा कि विकलांगों के लिए विशेष शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है और जो विकलांग घर से नहीं निकल पाते हैं उनके लिए घर पर शिक्षा व्यवस्था करने की योजना बनाई जा रही है।
मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का काम भाजपा कर रही है क्योंकि उसके पास अब कोई अन्य मुद्दा नहीं बचा है। भाजपा अब सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। पत्रकार वार्ता के दौरान नगर विधायक व प्रदेश के राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया सहित अन्य सपा नेता मौजूद रहे

News Source : Amar Ujala (30.10.12)
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टीईटी अभ्यर्थियों से धैर्य की अपील

गाजीपुर। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक लंका मैदान में हुई। रमा त्रिपाठी ने संगठन को मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि निराश और हताश होने की आवश्यकता नहीं है। धैर्य का परिचय देने की जरूरत है। कहा कि हमारी मांग शुरू से ही टीईटी मेरिट की रही है और आगे भी रहेगी। हमे नि:स्वार्थ भाव से अपनी मांगपर अडिग रहना है। बैठक में अमित पांडेय, आनंद कुमार सिंह, अरुण यादव, चंद्रमा , सुशील, संजय, बालेश्वर, कुबेर यादव ने विचार रखे
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टीईटी अभ्यर्थियों की बैठक एक को
शिकोहाबाद (ब्यूरो)। टीईटी महासंघ मोर्चा के अध्यक्ष रवीकांत सिंह के अनुसार अध्यापक पात्रता परीक्षा- 2011 के सभी अभ्यर्थियों की बैठक एक नवंबर को नारायण इंटर कालेज में सुबह साढ़े दस बजे आयोजित की गई है। बैठक में जनपद के समस्त अभ्यर्थियों से भाग लेने को कहा गया है।
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टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
भत्ता नहीं रोजगार चाहिए, नहीं तो आंदोलन

आवेदनपत्र के साथ लिए गए सौ रुपए वापस करने की मांग की
•विरोध स्वरूप ज्यादातर युवाओं ने काले कपड़े पहन रखे थे 

चित्रकूट। उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की चित्रकूट इकाई ने सोमवार को भी सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी भत्ता नहीं रोजगार चाहिए के नारे लगाते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचे और अपनी नियुक्ति की मांग करते हुए एसडीएम के द्वारा मुख्यमंत्री को अपनी मांगों का ज्ञापन भेजा। विरोध स्वरूप ज्यादातर युवाओं ने काले कपडे़ पहन रखे थे अन्यथा काले रंग के कपडे़ की पट्टी बांधकर विरोध जताया।
टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को भेजे अपने पत्र में कहा कि लगभग तीन लाख उत्तीर्ण अभ्यर्थी पिछले एक साल से अपनी नियुक्ति की बाट जोह रहे हैं। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा आवेदनपत्र के साथ लिए गए सौ रुपए के ड्राफ्ट को कैंसिल कर बेरोजगारों को उनका आवेदन शुल्क वापस करने की मांग की। संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष आलोक कुमार पांडे ने कहा कि उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया तो टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी जनआंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे। इस अवसर पर रविकुमार, कमलेश कुमार, बीरेंद्र सिंह, अमृतलाल, कुंवर सिंह, चंद्रभूषण सिंह, सुरेंद्र रैकवार, अवधराज, रामदयाल आदि मौजूद रहे

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टीईटी भ्रष्टाचार का मामला भी उठेगा
फर्रुखाबाद। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के सदस्य अरविंद केजरीवाल के सामने टीईटी भ्रष्टाचार का मामला भी उठाएंगे। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक लक्ष्मण सिंह के साथ हुई। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि टीईटी उत्तीर्ण होने वालों के साथ धोखा नहीं होने दिया जाएगा। संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष धीरेंद्र वर्मा ने कहा कि सरकार से जब भी हक मांगा तो लाठी मिली। अब यह लड़ाई केजरीवाल को सौंपी जाएगी। इस दौरान अनुज कटियार, रवीन्द्र दिवाकर, आलोक पाल, राकेश वाजपेई, अनिल कश्यप, कंचन कटियार, सुखवीर पाल, देवानंद सिंह, संदीप, आलोक दीक्षित, प्रदीप सिंह, पवन पाल, कर्मवीर सिंह, सुशील गुप्ता आदि मौजूद रहे
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टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा का प्रदर्शन
आजमगढ़। बीएड, टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा ने शहीद कुंवर सिंह उद्यान गेट पर सोमवार को प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। बीएड डिग्री धारकों ने प्रदेश सरकार से सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हेतु यथाशीघ्र विज्ञापन निकलवाने की मांग की।
टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्री धारकों का कहना है कि वह एक वर्ष से शिक्षक बनने की आस में बैठे हैं। पहले उच्च न्यायालय द्वारा भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गयी थी, लेकिन अब उच्च न्यायालय और एनसीटीई से प्रतिबंध हटने के बाद भी शिक्षक भर्ती विज्ञापन में टाल मटोल किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के शासनकाल में बेरोजगार युवा खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। डिग्री धारकों ने मुख्यमंत्री से तत्काल विज्ञापन प्रकाशित कर उनकी नियुक्ति करने की मांग की

News Source : Amar Ujala (30.10.12)
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Day by day TET candidates anxiety increases, What will happen in advertisement, When will advertisement come . Will they get fee/draft amount against old advertisement.

Candidates eagerly waiting HC hearing on 6th November 2012.

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UPSC : Rectt Result-8 Asstt Programmer in CBI

UPSC : Rectt Result-8 Asstt Programmer in CBI



F.1/128(15)/2011R-II/SPC-II
UNION PUBLIC SERVICE COMMISSION
DHOLPUR HOUSE, SHAHJAHAN ROAD,
NEW DELHI – 110 069.
NOTICE OF RESULT
 
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UPSC : Rectt Result-100 post of Drugs Inspector


UPSC : Rectt Result-100 post of Drugs Inspector 


F.1/196(87)/2010-R.I/SPC-II
UNION PUBLIC SERVICE COMMISSION
DHOLPUR HOUSE, SHAHJAHAN ROAD
NEW DELHI‐110 069.
NOTICE OF RESULT  
   
    UNION PUBLIC SERVICE COMMISSION ADVERTISED 100 POSTS OF DRUGS INSPECTOR
IN THE CENTRAL DRUGS STANDARDS CONTROL ORGAINSATION, DEPARTMENT OF HEALTH AND FAMILY WELFARE  VIDE    ADVERTISEMENT NO. 16 ITEM 04 VACANCY NO. 10031604128 DATED 28.08.2010.

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UPTET : नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करे सरकार

UPTET : नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करे सरकार







आजमगढ़: बीएड टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की बैठक सोमवार को कुंवर सिंह उद्यान में हुई। इसमें टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्री धारकों के लिए प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित कराने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि पहले सरकार न्यायालय से प्रतिबंध लगने का बहाना कर रही थी। अब न्यायालय और एनसीटीई से प्रतिबंध हटने के बाद भी भर्ती का विज्ञापन नहीं निकाला जा रहा है। बेरोजगार युवकों का उत्पीड़न कर सरकार अच्छा नहीं कर रही है। यदि सरकार विज्ञापन जारी नहीं करती है तो हम आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस मौके पर श्रीश यादव, हंसराज यादव, हौशिला प्रसाद कु शवाहा, सुभाष चंद, दिनेश, विजय गुप्ता, विशाल, रेयाज अहमद आदि उपस्थित थे

News Source : Jagran (29.10.12)
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Recently in NEWS, B. Ed marks shall be add in selection process OR not. Therefore formula for selection still undecided.

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UPTET : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को कब मिलेगी नियुक्ति


UPTET : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को कब 


मिलेगी नियुक्ति









मैनपुरी: शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने के लिए भर्ती प्रक्रिया में न्यायालय द्वारा तारीख पर तारीख मिल रही हैं। वहीं शासन अपना स्पष्टीकरण कोर्ट में प्रस्तुत नहीं कर रहा है, जिससे टीईटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया की राह खुल सके लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया जा सका है

उल्लेखनीय है कि टीईटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति का मामला अभी भी न्यायालय की दहलीज पर न्याय की आस में है जबकि शासन अब तक अपना पक्ष स्पष्ट नहीं कर सका है। अभ्यर्थियों का कहना है कि शासन अपना एक निर्णय ले कि शिक्षकों की नियुक्ति गुणांक के आधार पर करनी है या बीएड की मैरिट के आधार पर। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी करीब एक वर्ष से नियुक्ति के इंतजार में है लेकिन शासन नियुक्ति प्रक्रिया का कोई खाका तैयार नहीं कर सका है जिससे 2 लाख 75 हजार परीक्षार्थी मारे-मारे फिर रहे हैं

बता दें कि तत्कालीन बसपा सरकार ने नियुक्ति को टीईटी की मैरिट के आधार पर भर्ती की बात कही थी। जबकि उच्च स्तर पर धांधली के चलते वर्तमान सरकार ने टीईटी के साथ-साथ सामान्य वर्ग के परीक्षार्थियों के लिए 90 अंक, अन्य पिछड़े वर्ग व अनुसूचित जाति के परीक्षार्थियों के लिए 83 अंकों को पात्रता का आधार बनाया है। इसके अलावा नियुक्ति को हाईस्कूल के 10 प्रतिशत, इण्टर के 20 प्रतिशत, स्नातक के 40 प्रतिशत तथा बीएड थ्योरी व प्रयोगात्मक में प्रथम पर 12-12 अंक, द्वितीय श्रेणी में 6-6 अंक दिए जाएगे और तृतीय श्रेणी में 3-3 अंक दिए जाने पर सहमति बनी थी लेकिन अब सरकार ने विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में बीएड के अंकों को जोड़ने का सुझाव एनसीआरटी से मांगा है। जिससे टीईटी अब सिरदर्द बन गयी है। जिससे टीईटी परीक्षार्थियों को न्यायालय से भी निराशा ही मिल रही है

फिलहाल न्यायालय द्वारा सुनवाई की तारीख 6 नवम्बर कर दी गई है जबकि बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों के लिए वही शिक्षक पात्रता परीक्षा मान्य हो गयी है। जिसके लिए नियुक्ति का शासनादेश भी जारी हो चुका है। जिससे यह तो स्पष्ट है कि शासन ने वर्तमान शिक्षक पात्रता परीक्षा को बहाल कर दिया। बीएड टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की मांग है कि उन्हें भी न्यायालय व सरकार राहत देकर नियुक्ति दे। जिसमें निर्देश कुमार, बृजेश कुमार, शैलेंद्र यादव, ऋषि मिश्रा, हिमांशी यादव, विकास यादव, माधवेंद्र सिंह, सरिता चौहान, अभिषेक यादव आदि शामिल हैं


News Source : Jagran (29.10.12)
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Some candidates said that advertisement is approved and will be published soon. And nearly one month is going to passed and no news for such advertisement arrives.

What I feel is - Advt. matter may be solved in court and after that it may be released.

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Monday, October 29, 2012

‘Bulbs in a bottle’ movement to light up shanties in town





Gr8 Discovery of Energy (Sun's Energy illuminate LIGHT in SLUMS, Free Energy)


Ten years after the light was first shown on the idea of the bottle bulb, the first batch of these ‘lights’ will be installed in the Mumbai slums. This week, students from the University of St Gallen, Switzerland, and St Xavier’s College, Mumbai, will come together to plant the first seeds of an international grassroots movement in power-starved India.

    In 2002, Alfredo Moser, a mechanic in Sao Paulo, Brazil, where power outages are a regular feature, realized that a plastic bottle full of water, when teamed with sunlight, could light up his dark atelier. For developing and under-developed nations of the world, the discovery of the bottle bulb, also known as the solar water bulb or water bulb, was nothing short of a ‘eureka’ moment.
Without doubt one of the most cost-efficient and green ways to light up a space, the bottle bulb requires a one-litre plastic bottle full of water, bleach to keep the water from growing green and a good-quality adhesive. The bottle full of water should be stuck into the roof in a manner such that the top half of the bottle is exposed to the sun and the bottom half is in the room underneath. When the water in the bottle above the roof catches the sun, it lights up the room underneath like a 55-watt bulb.

    Moser’s invention was taken up by his neighbours, but according to Geraldine Lüdi of Liter of Light Switzerland, the idea’s breakthrough came about only last year when Illac Diaz installed the first bottles in the slum of Philippines. “The Strategy International Management (SIM) students from The University St. Gallen heard about this idea and founded Liter of Light Switzerland (today Liter of Light Europe) in November 2011,” she says. “The idea is to evolve a worldwide movement, spread the word about Liter of Light and illuminate millions of homes.”

    A Filipino entrepreneur, the work of Diaz, who spearheaded the Isang Litrong Liwanag (A Liter of Light) campaign, caught the attention of four college students in Mumbai. “A friend showed me a demonstration video and I, in turn, shared it with three other friends. We were all immediately taken by it and decided to start work in Mumbai’s slums. Our project is called Jal Jyoti: Lighting lives, One litre at a time. We're really fortunate that Liter of Light Switzerland announced its decision to visit Mumbai around the same time we started our groundwork,” explains Sanjna Malpani of Jal Jyoti.
Since the ‘technology’ is as simple as it is, there are several pioneer projects which have evolved independently in places like Egypt and Peru. Networking platforms and the like are a great asset. Facebook, for instance, enables the various chapters to exchange information, complications, ideas and so on.

    Malpani adds, “We plan to use the Swiss chapter’s expertise and technical know-how to advantage while providing them with an inlet into the city’s slums as also helping them access recycled bottles, materials and so on. We also plan to conduct a workshop in St Xavier's College on October 29 to teach more students interested in Jal Jyoti how to make these bottles as well as carry out actual fieldwork to install them.” The two groups will be working through this week in the slums at Backbay Depot, Cuffe Parade and Antop Hill.

    Lüdi concludes, “We see ourselves primarily as incubators, hence apart from installing bottles we work towards making the project self-sustaining. We do not want the project to crash when we leave; a local base is really important to establishing a grass-roots movement.

    “We are in close contact with the students from St Xavier’s College. Together, we are working on the logistics, where they are a great help; we, on our part, are providing them with our expertise and experience so that they can take over when we leave. We are also in touch with NGOs such as IKYA Global Foundation (IGF) and Teach for India, which are helping us reach out to the slums.”
Source:Times of India


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अब हाई स्कूल तक मुफ्त शिक्षा की तैयारी


अब हाई स्कूल तक मुफ्त शिक्षा की तैयारी
शिक्षा के अधिकार कानून का दायरा बढ़ाने के लिए खाका तैयार

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने निशुल्क शिक्षा के अधिकार कानून का दायरा अब दसवीं तक बढ़ाने के लिए फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है। केंद्रीय शिक्षा सलाहकार परिषद की सब कमेटी ने दसवीं तक बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उन्हें सरकार की ओर से कापी-किताब, ड्रेस तथा लड़कियों को साइकिल भी दिए जाने की सिफारिश की है। हाईस्कूल तक आरटीई कानून को लागू करने के लिए अगले पांच सालों में 20 हजार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। सब कमेटी की रिपोर्ट पर पहली नवंबर को केब कमेटी की बैठक में राज्यों के साथ चर्चा के बाद सरकार अगला कदम उठाएगी।
आरटीई एक्ट 2009 के तहत वर्तमान में आठवीं कक्षा तक सरकार ने निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान कर रही है। हाई स्कूल तक आरटीई को लागू करने का फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए वर्ष 2011 में हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्खल के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
कमेटी ने कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं। कमेटी ने 17 साल से कम उम्र के बच्चों को लाभ दिए जाने का प्रस्ताव किया है। एससी एसटी तथा गरीब बच्चों के साथ ही दूरस्थ शिक्षा के मामलों में उम्र के मामले में रियायत देने का भी सुझाव दिया है। योजना के तहत सभी स्कूलों में केवीएस के समान सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया है। कमेटी ने कमजोर वर्ग के बच्चों तथा लड़कियों को छात्रवृत्ति दिए जाने का भी सुझाव दिया है।
कमेटी ने कहा है कि राज्यों से हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा खत्म करने के साथ अभिभावकों से नो डिटेंशन पालिसी पर, निजी स्कूलों से गरीब बच्चों को निशुल्क प्रवेश देने तथा स्कूल मैनेजमेंट कमेटी जैसे मुद्दों पर विभिन्न पक्षों से विस्तार से चर्चा होनी चाहिए
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केंद्र सरकार अपनी महत्वाकांक्षी आरटीई योजना का दायरा बढ़ाएगी। सरकार ने इस कानून का दायरा 10वीं तक बढ़ाने का फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है। हाईस्कूल तक नि:शुल्क शिक्षा के लिए पांच सालों में 20 हजार करोड़ की जरूरत होगी।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अब दसवीं तक निशुल्क शिक्षा के अधिकार कानून का दायरा बढ़ाने के लिए फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है। हाईस्कूल तक आरटीई कानून को लागू करने के लिए अगले पांच सालों में 20 हजार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। पहली नवंबर को केब कमेटी की बैठक में राज्यों के साथ चर्चा के बाद सरकार अगला कदम उठाएगी।
छात्रओं को साइकिल की सिफारिश
केंद्रीय शिक्षा सलाहकार परिषद की सब कमेटी ने दसवीं तक बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उन्हें सरकार की ओर से कॉपी-किताब, ड्रेस तथा लड़कियों को साइकिल भी दिए जाने की सिफारिश की है। कमेटी ने आरटीई को हाई स्कूल तक लागू करने की सिफारिश के साथ ही कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। कमेटी ने इसके तहत 17 साल से कम उम्र के बच्चों को लाभ दिए जाने का प्रस्ताव किया है। एससी, एसटी तथा गरीब बच्चों के साथ ही दूरस्थ शिक्षा के मामलों में उम्र के मामले में रियायत देने का भी सुझा दिया है। योजना के तहत सभी स्कूलों में केवीएस के समान सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया है। इस योजना के तहत पढ़ने वाले बच्चों को मिड डे मील, निशुल्क साइकिल, कॉपी-किताब एवं स्टेशनरी भी दिए जाने का प्रस्ताव है। कमेटी ने कमजोर वर्ग के बच्चों तथा लड़कियों को छात्रवृत्ति दिए जाने का भी सुझाव दिया है।
अभी 8वीं तक मुफ्त शिक्षा
आरटीई एक्ट 2009 के तहत वर्तमान में आठवीं कक्षा तक सरकार निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान कर रही है। अब इसी कानून के तहत दसवीं तक बच्चों को सरकारी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा प्रदान करने की योजना है। हाई स्कूल तक आरटीई को लागू करने का फ्रे मवर्क तैयार करने के लिए 2011 में गठित हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्खल के नेतृत्व में एक कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कमेटी ने सुझाव दिया कि राज्यों से हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा खत्म करने, अभिभावकों से नो डिटेंशन पालिसी पर, निजी स्कूलों से गरीब बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश देने तथा स्कूल मैनेजमेंट कमेटी जैसे मुद्दों पर विभिन्न पक्षों से विस्तार से चर्चा होनी चाहिए।


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