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Saturday, September 14, 2013

PUBLIC INTEREST LITIGATION : RIGHT TO EDUCATION to FILL PRIMARY / UPPER PRIMARY POSTS IN UP

PUBLIC INTEREST LITIGATION : RIGHT TO EDUCATION to FILL PRIMARY / UPPER PRIMARY POSTS IN UP




HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD 



?Court No. - 32

Case :- PUBLIC INTEREST LITIGATION (PIL) No. - 34647 of 2013

Petitioner :- Subhash Chandra Tewari
Respondent :- State Of U.P. And 5 Others
Counsel for Petitioner :- Rajesh Kumar Singh
Counsel for Respondent :- C.S.C.,Jai Ram Pandey

Hon'ble Sunil Ambwani,J.
Hon'ble Surya Prakash Kesarwani,J.
The petitioner is working as Asstt. Teacher in Purva Madhyamik Vidyalaya Purvajagir Vikash Khand Kone, Distt. Mirzapur.
By this writ petition filed in public interest he has prayed for directions to the respondent authorities to fulfill the mandate of Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009 as well as the mandate of the 86th Constitutional Amendment inserting Art.21A by providing proportionate number of teachers in the Primary and Upper Primary Schools in Distt. Mirzapur. It is submitted by learned counsel for the petitioner that by indiscriminate posting and transfers for questionable reasons the District Basic Education Officer, Mirzapur has created a situation in which a large number of schools are not having any teachers, whereas in some schools in urban areas on account of absorption/ transfer/ posting, more than sufficient number of teachers have been posted.
It is admitted to the petitioner that there are large number of vacancies of teachers in Primary Schools on account of failure of the State Government to hold Teachers Eligibility Test, in time. There were large number of complaint in earlier Teachers Eligibility Test held by the State Government on which the State Government has taken a stand and amended the rules providing that any person, who has passed TET, if he is otherwise qualified is eligible to be appointed as Asstt. Teacher in Primary Schools and Upper Primary Schools.
The prayers for posting proportionate number of teachers in all the schools is in public interest to protect the fundamental rights of children guaranteed under Art.21A of the Constitution of India as secured by the Act of 2009.�
Let the respondents file counter affidavit giving number of teachers, posted in the schools at Mirzapur, giving details of the schools, number of students, number of sanctioned posts and the number of teachers posted on such posts.
In the meantime, the District Basic Education Officer, Mirzapur will ensure that the teachers are posted in the Primary Schools and Upper Primary Schools in such numbers, that atleast one teacher is posted in every school, until regular appointments are made.
List on 23rd July, 2013.
Order Date :- 27.6.2013
SP/

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This is an UNCERTIFIED copy for information/reference. For authentic copy please refer to certified copy only


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UP-TET 2011 : टीईटी पर सुनवाई एक हफ्ते बाद


UP-TET 2011 : टीईटी पर सुनवाई एक हफ्ते बाद







इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय में टीईटी मामले में शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अब इसके एक हफ्ते बाद सूची बद्ध होने की संभावना है। न्यायमूर्ति लक्ष्मीकांत महापात्र और न्यायमूर्ति अमित बी स्थालेकर की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।

गौरतलब है कि अदालत के समक्ष यह प्रकरण विचाराधीन है कि प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में मेरिट के मानक क्या रखे जाएं। सिर्फ टीईटी की मेरिट को ही आधार माना जाए या फिर इसमें शैक्षिक अर्हता के अंकों को भी शामिल किया जाए



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Friday, September 13, 2013

72825 Teacher Recruitment, UP-TET 2011, Allahabad Highcourt : 13 सितंबर बनी उम्मीदों की तारीख इसी दिन आने वाला है फैसला

72825 Teacher Recruitment, UP-TET 2011, Allahabad Highcourt : 13 सितंबर बनी उम्मीदों की तारीख इसी दिन आने वाला है फैसला








इलाहाबाद : अदालती विवादों में उलझी प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति शायद अब सही पटरी पर आ जाए। अभ्यर्थियों की उम्मीदें 13 सितंबर पर टिकी हैं। इस दिन अदालत इस मामले में यह फैसला सुनाएगी कि भर्ती के लिए चयन का आधार क्या हो। विवाद इस बात पर है कि टीईटी की मेरिट के आधार पर चयन किया जाए या फिर शैक्षिक अर्हता को भी चयन के मानकों में शामिल किया जाए। 



सूबे में 72825 शिक्षकों की भर्ती शुरू से ही विवादों में फंसी रही है। बसपा शासन में निकाले गए इस विज्ञापन में कभी टीईटी परीक्षा को लेकर मामला उलझा रहा तो बाद में चयन के मानकों का पेंच फंस गया।
 यहां तक कि मामला पूर्ण पीठ तक गया और वहां से कुछ शंकाओं पर निर्देश हासिल करने के बाद अब न्यायमूर्ति लक्ष्मीकांत महापात्र और अमित बी स्थालेकर की खंडपीठ इस पर फैसला सुनाएगी

 चूंकि मूल विवाद चयन के लिए निर्धारित होने वाले मानकों को लेकर है, इसलिए अभ्यर्थी बेचैन हैं। विशेष रूप से वे अभ्यर्थी जिन्होंने टीईटी को मेरिट का आधार बनाए जाने के बाद अपनी नियुक्ति को निश्चित सा मान लिया था। इसके लिए बसपा सरकार में नियमों में फेरबदल भी किए गए थे। हालांकि अभ्यर्थियों का एक और समूह टीईटी के अंकों के साथ ही शैक्षिक अर्हता के अंकों को भी शामिल किए जाने का पक्षधर है। हालांकि हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर बहुत कुछ सरकार के रुख पर भी निर्भर करेगा कि वह भर्ती को लेकर कितनी सक्रियता दिखाती है। 

एक विवाद आयुसीमा को लेकर भी खड़ा होने की संभावना है। अभ्यर्थियों में कई उर्दू शिक्षकों और मोअल्लिम वालों को आयुसीमा में मिली छूट के आधार पर इस भर्ती के लिए भी आयुसीमा बढ़ाने की वकालत कर रहे हैं। उनके अनुसार सरकार बदलने के बाद इन नियुक्तियों के लिए फिर से विज्ञापन लिए गए थे। ऐसी स्थिति में लगभग बीस हजार अभ्यर्थी ऐसे थे जो आयुसीमा से बाहर हो गए थे। उन्हें अवसर नहीं मिल पाएगा

News Sabhaar : Jagran (11.9.13)




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UP TGT PGT आखिर किस दरवाजे को खटखटाएं ये शिक्षक नौकरी तो मिली लेकिन न मिल सकी नियुक्ति, सरकार को चिंता नहीं और चयन बोर्ड उदासीन

UP TGT PGT आखिर किस दरवाजे को खटखटाएं ये शिक्षक

नौकरी तो मिली लेकिन न मिल सकी नियुक्ति, सरकार को चिंता नहीं और चयन बोर्ड उदासीन


 इलाहाबाद बसपा शासनकाल में टीजीटी और पीजीटी परीक्षा चयनित करीब आठ सौ शिक्षकों को नियुक्ति की राह ही नहीं मिल रही है। उनके लिए न सरकार के दरवाजे खुल रहे हैं और न ही चयन बोर्ड इस समस्या के बारे में कोई रुचि ले रहा है। हताश शिक्षकों ने अब आंदोलन का रास्ता अपनाया है लेकिन उनकी आवाज नक्कारखाने में तूती की तरह ही गूंज रही है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक सेवा चयन बोर्ड के समक्ष खड़े अजीत कहते हैं-‘इससे तो अच्छा होता कि नौकरी मिली ही न होती। कम से कम उम्मीदों का दिया तो न जला होता।’

खाली का जगह मिली भरी कुर्सी : पूरा मामला यह है कि 2000 और 2010 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने क्रमश: छह हजार और पांच हजार शिक्षकों की भर्ती की। 1इनमें अधिकांश को तो विद्यालयों में नियुक्ति मिल गई लेकिन बोर्ड की गलती से लगभग आठ सौ चयनित अभ्यर्थियों को ऐसे विद्यालयों में भेज दिया गया, जहां पह ही नहीं रिक्त थे। ऐसे में उन्हें मायूस लौटना पड़ा। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षकों से बात की तो उन्होंने साफ कहा कि इसमें वे कुछ नहीं कर सकते। हां, यह लिखकर बोर्ड जरूर भेजवा दिया कि चूंकि पद रिक्त नहीं है, इसलिए इन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं दी जा सकती। परीक्षा के तमाम तामझाम से गुजरकर नौकरी की सफलता में झूम रहे ये अभ्यर्थी अब सड़क पर थे। 1क्यों नहीं थे पद रिक्त : नियम यह है कि विद्यालयों के द्वारा भेजे गए अधियाचन के आधार पर ही परीक्षा कराई जाती है। फिर पद क्यों नहीं रिक्त थे? इस सवाल की पड़ताल में सामने आया इसके कई कारण थे। अधिकांश में चयनित पदों के सापेक्ष किसी मृतक आश्रित की नियुक्ति की जा चुकी थी या फिर न्यायालय के आदेश पर किसी का समायोजन हो चुका था। कुछ पदों पर शासन की ओर से प्रमोशन हो चुका था और कुछ में जनशक्ति निर्धारण के तहत पद खत्म किया जा चुका था।

एक दो विद्यालय तो अल्पसंख्यक होने का दर्ज पा चुके थे, इस वजह से नियुक्ति नहीं हो पाई। एक प्रमुख कारण अधिकारियों और प्रबंधकों की जुगलबंदी थी जिसकी वजह से मनचाहे लोगों को पदों पर रख लिया गया। 1बोर्ड उदासीन : कारण कई थे लेकिन चयनित अभ्यर्थियों पर इनकी गाज गिरी और उन्होंने एक बार फिर चयन बोर्ड का दरवाजा खटखटाना शुरू किया। अब हाल यह है कि चयन बोर्ड की पूरी तस्वीर ही बदली हुई है। इसके लिए जिम्मेदार बसपा शासन के अध्यक्ष और सदस्य लगभग गायब हैं और उनकी जगह नए निजाम के पसंदीदा लोगों ने ले रखी है। इसलिए भी इन चयनित अभ्यर्थियों की सुनवाई नहीं हो रही है। वे बोर्ड कार्यालय के समक्ष डेरा डाले हुए हैं लेकिन कुछ भी जवाब नहीं मिल पा रहा। 1हरिशंकर मिश्र, इलाहाबाद 1बसपा शासनकाल में टीजीटी और पीजीटी परीक्षा चयनित करीब आठ सौ शिक्षकों को नियुक्ति की राह ही नहीं मिल रही है। उनके लिए न सरकार के दरवाजे खुल रहे हैं और न ही चयन बोर्ड इस समस्या के बारे में कोई रुचि ले रहा है। हताश शिक्षकों ने अब आंदोलन का रास्ता अपनाया है लेकिन उनकी आवाज नक्कारखाने में तूती की तरह ही गूंज रही है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक सेवा चयन बोर्ड के समक्ष खड़े अजीत कहते हैं-‘इससे तो अच्छा होता कि नौकरी मिली ही न होती। कम से कम उम्मीदों का दिया तो न जला होता।’

खाली का जगह मिली भरी कुर्सी : पूरा मामला यह है कि 2000 और 2010 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने क्रमश: छह हजार और पांच हजार शिक्षकों की भर्ती की। 

इनमें अधिकांश को तो विद्यालयों में नियुक्ति मिल गई लेकिन बोर्ड की गलती से लगभग आठ सौ चयनित अभ्यर्थियों को ऐसे विद्यालयों में भेज दिया गया, जहां पह ही नहीं रिक्त थे। ऐसे में उन्हें मायूस लौटना पड़ा। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षकों से बात की तो उन्होंने साफ कहा कि इसमें वे कुछ नहीं कर सकते। हां, यह लिखकर बोर्ड जरूर भेजवा दिया कि चूंकि पद रिक्त नहीं है, इसलिए इन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं दी जा सकती। परीक्षा के तमाम तामझाम से गुजरकर नौकरी की सफलता में झूम रहे ये अभ्यर्थी अब सड़क पर थे।

क्यों नहीं थे पद रिक्त : नियम यह है कि विद्यालयों के द्वारा भेजे गए अधियाचन के आधार पर ही परीक्षा कराई जाती है। फिर पद क्यों नहीं रिक्त थे? इस सवाल की पड़ताल में सामने आया इसके कई कारण थे। अधिकांश में चयनित पदों के सापेक्ष किसी मृतक आश्रित की नियुक्ति की जा चुकी थी या फिर न्यायालय के आदेश पर किसी का समायोजन हो चुका था। कुछ पदों पर शासन की ओर से प्रमोशन हो चुका था और कुछ में जनशक्ति निर्धारण के तहत पद खत्म किया जा चुका था। 

एक दो विद्यालय तो अल्पसंख्यक होने का दर्ज पा चुके थे, इस वजह से नियुक्ति नहीं हो पाई। एक प्रमुख कारण अधिकारियों और प्रबंधकों की जुगलबंदी थी जिसकी वजह से मनचाहे लोगों को पदों पर रख लिया गया। 

बोर्ड उदासीन : कारण कई थे लेकिन चयनित अभ्यर्थियों पर इनकी गाज गिरी और उन्होंने एक बार फिर चयन बोर्ड का दरवाजा खटखटाना शुरू किया। अब हाल यह है कि चयन बोर्ड की पूरी तस्वीर ही बदली हुई है। इसके लिए जिम्मेदार बसपा शासन के अध्यक्ष और सदस्य लगभग गायब हैं और उनकी जगह नए निजाम के पसंदीदा लोगों ने ले रखी है। इसलिए भी इन चयनित अभ्यर्थियों की सुनवाई नहीं हो रही है। वे बोर्ड कार्यालय के समक्ष डेरा डाले हुए हैं लेकिन कुछ भी जवाब नहीं मिल पा रहा।

जिन पदों के सापेक्ष अभ्यर्थियों को भेजा गया है, डीआईओएस की जिम्मेदारी है कि ज्वाइन कराएं। बोर्ड के हाथ तो बंधे हैं। नियमानुसार एक विज्ञापन के चयनित अभ्यर्थियों को दूसरे विज्ञापन में समायोजित नहीं किया जा सकता।
वंश गोपाल मौर्य
सचिव, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड



News Sabhaar : Jagran (12.9.13)

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UP TGT PGT Recruitment : चयनित शिक्षकों का धरना खत्म


UP TGT PGT Recruitment : चयनित शिक्षकों का धरना खत्म

इलाहाबाद (ब्यूरो)। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अफसरों के आश्वासन के बाद टीजीटी और पीजीटी में चयनित शिक्षकों ने बृहस्पतिवार को धरना समाप्त कर दिया। 2009 और 2010 की भर्ती के आठ सौ चयनितों को अभी तक नियुक्ति नहीं मिली है। इसको लेकर चयनित शिक्षक लंबे समय से आंदोलनरत हैं। इसी क्रम में बृहस्पतिवार को धरनारत चयनित शिक्षकों के बीच बोर्ड के सचिव तथा अन्य अफसर पहुंचे और उन्होंने आश्वासन दिया कि एक महीने में सभी का समायोजन कर दिया जाएगा। इसके बाद उन्होंने एक महीने के लिए आंदोलन स्थगित कर दिया। चयनित शिक्षकों कहना था कि यदि एक महीने में उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे फिर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे

News Sabhaar : Amar Ujala (13.9.13)

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Thursday, September 12, 2013

72825 Teacher Recruitment / UP-TET 2011 : Allahabad High Court Hearing on 13th September 2013

72825 Teacher Recruitment / UP-TET 2011 : Allahabad High Court Hearing on 13th September 2013












 For Orders
 SPECIAL APPEAL DEFECTIVE                
   2. DF-TU 237/2013   SHIV KUMAR PATHAK AND OTHERS    V.K. SINGH               
                                                       G.K. SINGH
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
 WITH SPLA- 150/2013   NAVIN SRIVASTAVA AND OTHERS     ABHISHEK SRIVASTAVA      
                                                       SHASHI NANDAN
                                                       ASHEESH MANI TRIPATHI
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       C.B.YADAV
                                                       BHANU PRATAP SINGH
 WITH SPLA- 149/2013   SUJEET SINGH AND OTHERS         NAVIN KUMAR SHARMA       
                                                       SHAILENDRA
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
 WITH SPLA- 152/2013   RAJEEV KUMAR YADAV              SADANAND MISHRA          
                                                       SEEMANT SINGH
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       SHYAM KRISHNA GUPTA
 WITH SPLA- 159/2013   ANIL KUMAR AND OTHERS           SIDDHARTH KHARE          
                                                       ASHOK KHARE
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
 WITH SPLA- 161/2013   ALOK SINGH AND OTHERS           ABHISHEK SRIVASTASVA     
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
                                                       R.A. AKHTAR
 WITH SPLA- 205/2013   AMAR NATH YADAV AND OTHERS      PANKAJ LAL               
                                                       INDRA RAJ SINGH
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       MRIGRAJ SINGH
                                                       B.P. SINGH
                                                       S. NADEEM AHMAD
 WITH SPLA- 206/2013   YAJUVENDRA SINGH CHANDDEL AND   KSHETRESH CHANDRA SHUKLA 
                       -ANOTHER
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       R.A. AKHTAR
 WITH SPLA- 220/2013   AMITESHWARI DUBEY AND OTHERS    MANOJ KUMAR DUBEY        
                       Vs. STATE OF U.P. THRU' SECRY.  C.S.C.                   
                       - BASIC EDUCATION LOK. AND ORS. A.K. YADAV
                                                       R.A. AKHTAR
 WITH SPLA- 244/2012   DR. PRASHANT KUMAR DUBEY        ALOK MISHRA              
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
 WITH SPLA- 246/2013   PRIYANKA BHASKAR AND OTHERS     VIJAY SHANKAR TRIPATHI   
                                                       VINOD SHANKAR TRIPATHI
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       RAM CHANDRA SINGH
 WITH SPLA- 248/2013   UMA SHANKER PATEL AND OTHERS    NAVIN KUMAR SHARMA       
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       R.A. AKHTAR
                                                       A.K. YADAV
 WITH SPLA- 249/2013   DEVESH KUMAR AND OTHERS         NAVIN KUMAR SHARMA       
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       MRIGRAJ SINGH
                                                       R.A. AKHTA R
 WITH SPLA- 261/2013   SANJAY KUMAR AND OTHERS         HEMANT KUMAR RAI         
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       R.B. PRADHAN
 WITH SPLA- 262/2013   SANJAY KUMAR AND OTHERS         HEMANT KUMAR RAI         
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
 WITH SPLA- 264/2013   RAMA TRIPATHI AND OTHERS        HEMANT KUMAR RAI         
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
 WITH SPLA- 265/2013   NAGENDRA KUMAR YADAV AND OTHER  NAVIN KUMAR SHARMA       
                       -S
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       R.A. AKHTAR
                                                       SANJAY CHATURVEDI
 WITH SPLA- 266/2013   HARVENDRA SINGH AND OTHERS      NAVIN KUMAR SHARMA       
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       R.A. AKHTAR
                                                       Y.S. BOHAR
 WITH SPLA- 268/2013   RAJIV KUMAR SRIVASTAVA AND OTH  NAVIN KUMAR SHARMA       
                       -ERS
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       R.A. AKHTAR
                                                       B.P. SINGH
 WITH SPLA- 307/2013   VINEET KUMAR SINGH AND OTHERS   JAGDISH PATHAK           
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
 WITH SPLA- 333/2013   SATENDRA SINGH AND OTHERS       R.K. MISHRA              
                                                       G.K. MISHRA
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       H.K. YADAV
                                                       ILLEGIBLE
 WITH SPLAD-200/2013   RAJPAL SINGH AND OTHERS         MURTUZA ALI              
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       AYANK MISHRA
                                                       R.A. AKHTAR
                                                       SHYAM KRISHNA GUPTA
 WITH SPLAD-227/2013   PRAVEEN KUMAR                   IRSHAD ALI               
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       SHYAM KRISHNA GUPTA
 WITH SPLAD-228/2013   MAHENDRA KUMAR VERMA AND OTHER  VIJAY CHAURASIA          
                       -S
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
 WITH SPLAD-302/2013   RAM BABOO SINGH AND OTHERS      NAVIN KUMAR SHARMA       
                                                       NEERAJ TIWARI
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
 WITH SPLAD-672/2013   SHASHI KUMAR YADAV AND ANOTHER  HEMANT KUMAR RAI         
                       Vs. STATE OF U.P. & 2 OTHERS    C. S. C.                 
 WITH SPLAD-697/2013   MOHAMMAD IMRAN AND 58 OTHERS    NAVIN KUMAR SHARMA       
                                                       NEERAJ TIWARI
                       Vs. STATE OF U.P. AND 3 OTHERS  C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
 WITH SPLAD-698/2013   SUKRITI KUMAR AND 119 ORS.      NAVIN KUMAR SHARMA       
                                                       NEERAJ TIWARI
                       Vs. STATE OF U.P. AND 3 ORS.    C.S.C.                   
                                      For Admission
 SPECIAL APPEAL                          
   3. DF    855/2013   SHYAM BIHARI DIXIT              R.K. OJHA                
                                                       ARUN KUMAR TIWARI
                       Vs. STATE OF U.P. AND 2 ORS.    C.S.C.                   
                                                       RAMESH UPADHYAYA
   4. DF    1077/2013  SURAJ BHAN, MANAGER, C/M, RAM   J.P. SINGH               
                       -RATAN INTERMEDIATE COLLEGE
                       Vs. DR. MADAN KUMAR BANSAL AND  C.S.C.                   
                       - 5 OTHERS                      A.S.G.I. (2013/7466)
                                                       B.N. RAI
 WITH SPLA- 442/2013   SURAJ BHAN                      J.P. SINGH               
                                                       ASHOK KHARE
                       Vs. DR. MADAN KUMAR BANSAL AND  A.S.G.I.                 
                       - OTHERS                        C.S.C.(2013/564)
                                                       B.N. RAI
                                                       MISS SEEMA SINGH


It is expected that final verdict may arrive on 13th Sept 2013.



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सापेक्षता का सिद्धांत | Theory of Relativity


सापेक्षता का सिद्धांत | Theory of Relativity

Ye Baat to Mene Sunee Padee hai ki Bhrmha Ji ka 1 Minute hamare hazaron saal ke barabar hota hai, aur vhe Amar Hain.
Aur Aaj ke Scientist Bhee - Black Hole ke Jariye jo Time Machine Ke Kalpana Kar Rah Hain, uski Saranchna Bhrmha Lok ki Saranchna se Miltee Jultee hai -

सापेक्षता का सिद्धांत | Theory of Relativity

आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को तो हम सभी जानते है । आइंस्टीन ने अपने सिद्धांत में दिक् व काल की सापेक्षता प्रतिपादित की। उसने कहा, विभिन्न ग्रहों पर समय की अवधारणा भिन्न-भिन्न होती है। काल का सम्बन्ध ग्रहों की गति से रहता है। इस प्रकार अलग-अलग ग्रहों पर समय का माप भिन्न रहता है।
समय छोटा-बड़ा रहता है।

उदाहरण के लिए यदि दो जुडुवां भाइयों मे से एक को पृथ्वी पर ही रखा जाये तथा दुसरे को किसी अन्य गृह पर भेज दिया जाये और कुछ वर्षों पश्चात लाया जाये तो दोनों भाइयों की आयु में अंतर होगा।
आयु का अंतर इस बात पर निर्भर करेगा कि बालक को जिस गृह पर भेजा गया उस गृह की सूर्य से दुरी तथा गति , पृथ्वी की सूर्य से दुरी तथा गति से कितनी अधिक अथवा कम है ।

एक और उदाहरण के अनुसार चलती रेलगाड़ी में रखी घडी उसी रेल में बैठे व्यक्ति के लिए सामान रूप से चलती है क्योकि दोनों रेल के साथ एक ही गति से गतिमान है परन्तु वही घडी रेल से बाहर खड़े व्यक्ति के लिए धीमे चल रही होगी । कुछ सेकंडों को अंतर होगा । यदि रेल की गति और बढाई जाये तो समय का अंतर बढेगा और यदि रेल को प्रकाश की गति (299792.458 किमी प्रति सेकंड) से दोड़ाया जाये (जोकि संभव नही) तो रेल से बाहर खड़े व्यक्ति के लिए घडी पूर्णतया रुक जाएगी ।


सापेक्षता का सिद्धांत पोराणिक कथाओं में -
इसकी जानकारी के संकेत हमारे ग्रंथों में मिलते हैं। श्रीमद भागवत पुराण में कथा आती है कि रैवतक राजा की पुत्री रेवती बहुत लम्बी थी, अत: उसके अनुकूल वर नहीं मिलता था। इसके समाधान हेतु राजा योग बल से अपनी पुत्री को लेकर ब्राहृलोक गये। वे जब वहां पहुंचे तब वहां गंधर्वगान चल रहा था। अत: वे कुछ क्षण रुके। जब गान पूरा हुआ तो ब्रह्मा ने राजा को देखा और पूछा कैसे आना हुआ? राजा ने कहा मेरी पुत्री के लिए किसी वर को आपने पैदा किया है या नहीं? ब्रह्मा जोर से हंसे और कहा, जितनी देर तुमने यहां गान सुना, उतने समय में पृथ्वी पर 27 चर्तुयुगी {1 चर्तुयुगी = 4 युग (सत्य,द्वापर,त्रेता,कलि ) = 1 महायुग } बीत चुकी हैं और 28 वां द्वापर समाप्त होने वाला है। तुम वहां जाओ और कृष्ण के भाई बलराम से इसका विवाह कर देना।
अब पृथ्वी लोक पर तुम्हे तुम्हारे सगे सम्बन्धी, तुम्हारा राजपाट तथा वैसी भोगोलिक स्थतियां भी नही मिलेंगी जो तुम छोड़ कर आये हो |
साथ ही उन्होंने कहा कि यह अच्छा हुआ कि रेवती को तुम अपने साथ लेकर आये। इस कारण इसकी आयु नहीं बढ़ी। अन्यथा लौटने के पश्चात तुम इसे भी जीवित नही पाते |
अब यदि एक घड़ी भी देर कि तो सीधे कलयुग (द्वापर के पश्चात कलयुग ) में जा गिरोगे |
इससे यह भी स्पष्ट है की निश्चय ही ब्रह्मलोक कदाचित हमारी आकाशगंगा से भी कहीं अधिक दूर है । मेरे मतानुसार यह स्थान ब्रह्माण्ड का केंद्र होना चाहिए ।
इसी कारण वहां का एक मिनट भी पृथ्वी लोक के खरबों वर्षों के समान है |

यह कथा पृथ्वी से ब्राहृलोक तक विशिष्ट गति से जाने पर समय के अंतर को बताती है। आधुनिक वैज्ञानिकों ने भी कहा कि यदि एक व्यक्ति प्रकाश की गति से कुछ कम गति से चलने वाले यान में बैठकर जाए तो उसके शरीर के अंदर परिवर्तन की प्रक्रिया प्राय: स्तब्ध हो जायेगी। यदि एक दस वर्ष का व्यक्ति ऐसे यान में बैठकर देवयानी आकाशगंगा (Andromeida Galaz) की ओर जाकर वापस आये तो उसकी उमर में केवल 56 वर्ष बढ़ेंगे किन्तु उस अवधि में पृथ्वी पर 40 लाख वर्ष बीत गये होंगे।

काल के मापन की सूक्ष्मतम और महत्तम इकाई के वर्णन को पढ़कर दुनिया का प्रसिद्ध ब्राह्माण्ड विज्ञानी Carl Sagan अपनी पुस्तक Cosmos (डाउनलोड लिंक : http://www.nacidoateo.com.ar/wp-content/uploads/2012/04/Carl%20Sagan%20-%20Cosmos%20%28Random%20House,%20New%20Edition,%201980,%202002%29.pdf ) में लिखता है, "विश्व में एक मात्र हिन्दू धर्म ही ऐसा धर्म है, जो इस विश्वास को समर्पित है कि ब्राह्माण्ड सृजन और विनाश का चक्र सतत चल रहा है। तथा यही एक धर्म है जिसमें काल के सूक्ष्मतम नाप परमाणु से लेकर दीर्घतम माप ब्राह्म दिन और रात की गणना की गई, जो 8 अरब 64 करोड़ वर्ष तक बैठती है तथा जो आश्चर्यजनक रूप से हमारी आधुनिक गणनाओं से मेल खाती है।"

In English : http://inimish.blogspot.in/2010/10/where-einstein-meets-hinduism.html

योगवासिष्ठ आदि ग्रंथों में योग साधना से समय में पीछे जाना और पूर्वजन्मों का अनुभव तथा भविष्य में जाने के अनेक वर्णन मिलते हैं।

पश्चिमी जगत में जार्ज गेमोव ने अपनी पुस्तक one, two, three, infinity में इस समय में आगे-पीछे जाने के संदर्भ में एक विनोदी कविता लिखी थी-


There was a young girl named liss Bright
who could travel much faster than light
She departed one day
in an Einstein way
and came back on the previous night

अर्थात्- एक युवा लड़की, जिसका नाम मिस ब्राइट था, वह प्रकाश से भी अधिक वेग से यात्रा कर सकती थी। एक दिन वह आइंस्टीन विधि से यात्रा पर निकली और बीती रात्रि में वापस लौट आई।

प्राचीन सम्रद्ध भारत में ऐसे अनेको अनेक प्रमाण मिलते है , जिन्हें हम कल्पना कह कर ठुकरा देते है और कुछ समय बाद वही जब पश्चिम का विज्ञान बन कर, कुछ पश्चिमी वैज्ञानिक द्वारा प्रमाणित हो कर आता है तो उसको स्वीकारा जाता है

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What I believe is , SCIENCE means - If a particular rule applied then it will always be applied, means
If cure for fever is Paracetamol then it is acceptable in science.
Hit and Trial is not acceptable as Science believe on principles / laws / rules.

We heard in ancient times in India there is Udan Khatola just like plane but How a common person use it, how we can make a Udan Khatola is given by Current Scientist and we have to praise their efforts.
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Uttrakhand TET Exam which is going to held on 8th Sept 2013 is cancelled


Uttrakhand TET Exam : गुजरात, मध्यप्रदेश और यूपी से आए टीईटी देने

Uttrakhand TET Exam which is going to held on 8th Sept 2013 is cancelled






उत्तराखंड में आठ सितंबर को होने वाली टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। हाईकोर्ट में शिक्षा विभाग की विशेष याचिका के खारिज होने के बाद विभाग ने यह निर्णय लिया है।

परीक्षा के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी। इसमें विभिन्न 24 शहरों के 344 परीक्षा केंद्रों में एक लाख 36 हजार 952 परीक्षार्थियों को शामिल होना था।


शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की थी। जिसमें कहा गया था कि ग्रेजुएशन में टीईटी में 45 फीसदी से कम अंक वाला अभ्यर्थी भी शामिल हो सकता है, लेकिन शिक्षा विभाग की इस विशेष याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। जिसके चलते परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है।

हजारों अभ्यर्थियों के लिए राहत
परीक्षा में अब स्नातक अभ्यर्थी चाहे जिस श्रेणी में पास हुए हों, परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। याचिका खारिज होने से उनका मास्साब बनने का रास्ता खुल गया है।

आठ सितंबर को होने वाली टीईटी की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। कोर्ट में विभाग की विशेष याचिका के खारिज होने के बाद यह निर्णय लिया गया है। परीक्षा कब होगी इसके लिए दुबारा से आदेश जारी किए जाएंगे।
- राधिका झा, शिक्षा महानिदेशक


प्रदेश में बनाए गए थे इतने केंद्र
टीईटी प्रथम पेपर में 169 केंद्रों पर 75957 अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होना था। जबकि दूसरे पेपर में 175 केंद्रों पर 60995 अभ्यर्थी।



अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) देने रविवार को कई आवेदक एमबीपीजी कालेज पहुंचे, जबकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद करीब 5 दिन पहले ही परीक्षा स्थगित कर दी गई थी। परीक्षा देने आए अधिकांश आवेदक हल्द्वानी से बाहर के थे। स्थानीय अखबार न पढ़ने के कारण इन्हें परीक्षा स्थगित होने की सूचना नहीं मिली और अन्य स्रोतों से आवेदकों को शिक्षा विभाग सूचना नहीं भेज पाया था। एक दंपति गुजरात से और एक महिला मध्यप्रदेश से परीक्षा देने पहुंची थीं। इसके अलावा यूपी के कई शहरों से आई महिलाएं भी थीं।गुजरात में नौकरी करने वाले सुरेश महर मूलरूप से पिथौरागढ़ के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी की रविवार को टीईटी थी। इसका प्रवेशपत्र भी उनके पास गुजरात पहुंच गया था। श्री महर ने बताया कि प्रवेशपत्र मिलने के बाद उन्होंने अपना और पत्नी का रिजर्वेशन करा लिया था। डेढ़ साल के बेटे को लेकर दोनों शनिवार शाम यहां पहुंचे और सिडकुल में नौकरी करने वाले अपने दोस्त रोहित के यहां रुके। रविवार को जब सुरेश पत्नी को परीक्षा दिलाने बेटे के साथ कालेज पहुंचे तो पता चला कि परीक्षा रद हो गई। श्री महर ने बताया कि सरकारी लापरवाही की वजह से उनकी पांच दिन की छुट्टी तो गई ही, साथ ही करीब चार हजार रुपये आने-जाने में खर्च हो गए। इसके साथ 48 घंटे का सफर अलग से।
इसी तरह मध्यप्रदेश सागर की महिला ने बताया कि वह दो दिन पहले आ गई थीं इसके बावजूद उन्हें परीक्षा स्थगित होने की जानकारी नहीं मिल पाई। महिला का हल्द्वानी में मायका है वह अपने बच्चों को छोड़कर परीक्षा देने आई हैं। मेरठ से आई अनीता अग्रवाल का कहना था कि विभाग को इसकी लिखित सूचना देनी चाहिए थी। लखनऊ में एक निजी कंपनी में काम करने वाले रोहित का कहना था कि विभागीय लापरवाही के कारण उनके कई जरूरी काम छूट गए हैं

News Sabhaar : amarujala.com
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RTET : तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए 5.33 लाख ऑनलाइन आवेदन


RTET  : तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए 5.33 लाख ऑनलाइन आवेदन

RTET / Rajasthan Teacher Eligibility Test News
RTET, Grade 3rd Teacher Recruitment Rajasthan

जोधपुर तृतीय श्रेणी शिक्षकों की नई भर्ती प्रक्रिया के तहत पूरे रा\'य में 5 लाख 32 हजार 939 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। इनमें 92 हजार 646 आवेदन जोधपुर से मिले हैं। इस भर्ती के लिए ऑफलाइन आवेदन की अवधि मंगलवार शाम 5 बजे समाप्त हो गई। बड़ी संख्या में ऑफलाइन आवेदन भी आए हैं। इसके आंकड़े जिलेवार एकत्रित किए जा रहे हैं।
पंचायतीराज विभाग के उपायुक्त ((प्रशिक्षण)) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पूरे प्रदेश में तृतीय श्रेणी शिक्षक प्रथम लेवल के लिए 1 लाख 24 हजार 498 और द्वितीय लेवल के लिए 4 लाख 20 हजार 441 ने ऑनलाइन आवेदन किया है। जोधपुर से प्रथम लेवल के लिए 13 हजार 987, जबकि द्वितीय लेवल के लिए 78 हजार 659 आवेदन मिले हैं। जिला परिषद के सीईओ मगनलाल योगी ने इस सीधी भर्ती की तैयारियों के निर्देश दे दिए हैं


News Sabhaar : भास्कर न्यूज (12.9.13)
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If all major current recruitment happens as per RTE Act by 31st March 2013 then 3-4 lakh new teaching aspirant candidates will get job.
From last 3-4 years recruitment process is delayed and new dead line is 31st March 2014,


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शिक्षक भर्ती घोटाला: चौटाला की याचिका न्यायालय में खारिज


शिक्षक भर्ती घोटाला: चौटाला की याचिका उच्चतम  न्यायालय में खारिज

क्या बीमारी के कारण कुर्सी छोड़ देंगे चौटाला


नयी दिल्ली:  कोर्ट ने बीमारी के आधार पर उनकी अंतरिम जमानत बढ़ाने से साफ इन्कार करते हुए कहा कि क्या सत्ता में आने पर वह बीमारी के कारण कुर्सी छोड़ देंगे? पीठ ने कहा कि वह अस्पताल में नहीं रह सकते। वह बिल्कुल ठीक हैं और उन्हें जेल जाना होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रभावी और अमीर लोगों के विशेष सुविधाएं लेने पर कड़ी टिप्पणियां भी कीं। हालांकि कोर्ट ने चौटाला को समर्पण करने के लिए छह दिन का और समय दे दिया

उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा के शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की अवधि बढ़ाने के लिये दायर याचिका आज खारिज कर दी. न्यायालय ने कहा कि उच्च स्तरीय मेडिकल बोर्ड की राय में स्पष्ट है कि अब उनके अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं है.न्यायमूर्ति एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने चौटाला की याचिका खारिज करने के साथ ही उन्हें जेल प्रशासन के समक्ष समर्पण के लिये 23 सितंबर तक का वक्त दिया है. पहले उन्हें 17 सितंबर तक समर्पण करना था. न्यायालय ने कहा कि चौटाला को हर कीमत पर 23 सितंबर तक समर्पण कर देना चाहिए.

न्यायालय ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि आवश्यकता पड़ने पर चौटाला को उचित, प्रभावी और दक्षता प्राप्त चिकित्सा सहायता उपलब्ध करायी जाये.इंडियन नेशनल लोकदल के 78 वर्षीय नेता ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की अवधि बढाने से उच्च न्यायालय के इंकार के बाद शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी. उच्च न्यायालय ने 6 सितंबर को उनकी याचिका खारिज करते हुये उन्हें 17 सितंबर तक जेल प्रशासन के समक्ष समर्पण का निर्देश दिया था.  उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर चौटाला की जमानत की अवधि बढ़ाने से इंकार कर दिया था. बोर्ड ने कहा था कि अब चौटाला के अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं है.

 पीठ ने सजा के खिलाफ दाखिल चौटाला की अपील पर हाई कोर्ट के शीघ्र सुनवाई करने पर टिप्पणियां भी कीं। कहा कि उनकी अपील तो जनवरी में दाखिल हुई और उस पर सुनवाई भी होने लगी जबकि यहां (सुप्रीम कोर्ट) में वर्ष 2005 में मौत की सजा के केस अभी लंबित हैं।     

दिल्ली की विशेष अदालत ने 22 जनवरी को शिक्षक भर्ती घोटाले में चौटाला, उनके पुत्र अजय चौटाला को दस दस साल की तथा 53 अन्य दोषियों को अलग अलग अवधि की सजा सुनायी थी. इनमें से 44 दोषियों का चार चार साल की और एक दोषी को पांच साल की कैद की सजा सुनायी गयी है.  चौटाला ने दस साल की सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है

गौरतलब है कि चौटाला और उनके पुत्र अजय चौटाला और 53 अन्य जूनियर बेसिक प्रशिक्षित शिक्षक भर्ती घोटाले में अलग अलग समय के लिए जेल में सजा काट रहे हैं

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UTET : तदर्थ नियुक्ति में एक्ट एवं टीईटी का पेच


UTET : तदर्थ नियुक्ति में एक्ट एवं टीईटी का पेच


देहरादून, पीटीए शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति के लिए शिक्षा अधिनियम और टीईटी-दो की बाधा से पार पाना होगा। बाधा दूर करने को अधिनियम में संशोधन की दरकार होगी। फिलहाल सरकार ने इस दिशा में कसरत शुरू कर दी है।

सरकारी सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत पीटीए शिक्षक तदर्थ नियुक्ति के लिए जोर लगाए हुए हैं। प्रदेश में फिलहाल 590 पीटीए शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से 388 शिक्षकों को सरकार से निर्धारित सात हजार रुपये मासिक मानदेय मिल रहा है। मानदेय से वंचित रहे 90 पीटीए शिक्षकों को भी यह लाभ देने पर पिछली कैबिनेट मुहर लगा चुकी है। इससे मानदेय प्राप्त करने वाले पीटीए शिक्षकों की संख्या बढ़कर 488 हो जाएगी। गौरतलब है कि शेष 102 शिक्षकों को निर्धारित शैक्षिक योग्यता पूरी नहीं करने के कारण मानदेय के लिए अपात्र माना गया है। अब मानदेय प्राप्त कर रहे पीटीए शिक्षक तदर्थ नियुक्ति पाने को सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं।

सूत्रों के मुताबिक सरकार इन शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति देने के पक्ष में है। लिहाजा इस दिशा में कसरत शुरू हो चुकी है। लेकिन, इस मामले में शिक्षा अधिनियम-2006 और माध्यमिक शिक्षा के विनियम आड़े आ रहे हैं। अधिनियम में पीटीए शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति देने का प्रावधान नहीं है। यही नहीं, शिक्षा का अधिकार अधिनियम को प्रदेश सरकार लागू कर चुकी है। इसके मुताबिक अब छठवीं, सातवीं और आठवीं कक्षा पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। इसके लिए एलटी नियमावली में भी बाकायदा संशोधन किया जा चुका है। चूंकि, पीटीए शिक्षकों को अब तदर्थ नियुक्ति दी जानी है, लिहाजा उक्त दोनों नियमावली में संशोधन की दरकार होगी। शिक्षा अधिनियम में संशोधन के बाद ही पीटीए शिक्षकों की तदर्थ नियुक्ति की राह आसान हो सकेगी। इसके लिए परामर्शी विभागों से मशविरा किया जा रहा है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक उक्त संबंध में फाइल आगे कार्मिक को भेजी गई है। तदर्थ नियुक्ति के लिए नई व्यवस्था की जरूरत पड़ सकती है

News Sabhaar : Jagran ( 10.9.13)




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LT Grade Teacher Recruitment Uttar Pradesh : शिक्षक भर्ती में पीजी के अंकों का वेटेज खत्म


LT Grade Teacher Recruitment Uttar Pradesh : शिक्षक भर्ती में पीजी के अंकों का वेटेज खत्म
भर्ती के लिए नियमावली में संशोधन होगा

LT Grade Teacher Uttar Pradesh, L T Grade Teacher Recruitment in GIC / GGIC









प्रदेश में होनी है 6 हजार शिक्षकों की भर्ती




लखनऊ। राजकीय इंटर कॉलेजों में होने वाली एलटी ग्रेड भर्तियों में अब परास्नातक अभ्यर्थियों को अतिरिक्त लाभ नहीं मिलेगा। सरकार ने इन भर्तियों में पीजी के अंकों का वेटेज खत्म करने की तैयारी कर ली है। नए संशोधन के मुताबिक अब केवल हाईस्कूल, इंटर और स्नातक के अंकों के आधार पर ही मेरिट तैयार की जाएगी। नियमावली में इस नए संशोधन को शिक्षा विभाग ने सहमति दे दी है। जल्द ही कैबिनेट बैठक में इस संशोधन प्रस्ताव को रखा जाएगाहाईस्कूल तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रदेश में लगभग 6000 भर्तियां होनी हैं। इनमें पुरुष और महिलाओं के लिए आधे-आधे पद हैं
इन पदों के लिए शैक्षिक अर्हता स्नातक थी। जो परास्नातक होते थे उन्हें 15 अंकों का अतिरिक्त वेटेज दिया जाता था। इस पर भी आपत्ति यह उठती रही है कि कई अभ्यर्थी जिस विषय के अध्यापक के लिए आवेदन करते थे उसमें पीजी नहीं होते। दूसरे विषय में पीजी होने पर भी उन्हें अतिरिक्त अंकों का लाभ मिल जाता था। उसका कोई लाभ स्टूडेंट्स को नहीं मिलता था। इस पर कई मामले कोर्ट में भी लंबित हैं। इसी को देखते हुए नियमावली में संशोधन की बात शासन ने कही थी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने यह संशोधन प्रस्ताव शासन को भेज दिया। शासन स्तर पर भी इस पर सहमति बन गई है। अब कार्मिक विभाग की सहमति के बाद इसे कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा।


News Sabhaar : amarujala (12.9.13)
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In previous recruitment of LT Grade teacher, Criteria of PG marks is not clear.
And M.A = M. Com = M.Sc = M. Lib etc happens.

For example LT Grade Mathematics Teacher recruitment, Weightage of marks in such a way
M. Sc. Mathematics = M. A (Political Science , Economics) 

Now extra marks/weightage of PG degree is going to remove.

However it is bad for those who did PG in Same Subject in which vacancies are advertised and are deserving to teach their specialized subject.


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UPTET : टीईटी पास अभ्यर्थियों ने दिखाई ताकत विधान भवन के सामने घंटे भर चला प्रदर्शन


UPTET : टीईटी पास अभ्यर्थियों ने दिखाई ताकत
विधान भवन के सामने घंटे भर चला प्रदर्शन ,
सीओ ने एक को जड़ा थप्पड़, पुलिस ने फटकारीं लाठियां






लखनऊ। मेरिट के आधार पर नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदेश के टीईटी उत्तीर्ण सैकड़ों अभ्यर्थियों ने मंगलवार को चारबाग से विधान भवन तक मार्च निकाला और सड़क पर बैठ कर प्रदर्शन किया। इस कारण लगभग एक घंटे तक चारबाग से आने वाला यातायात जाम रहा। इसी दौरान नारेबाजी करने वालों में एक को हजरतगंज के सीओ दिनेश यादव ने थप्पड़ जड़ दिया। इससे अभ्यर्थी भड़क उठे। बाद में प्रदर्शनकारियों को लाठियां फटकार कर पुलिस ने खदेड़ दिया।



देर शाम प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने वार्ता के लिए बुलाया। प्रमुख सचिव ने प्रदर्शन समाप्त करने की बात कहते हुए मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, विधानसभा सत्र के बाद टीईटी अभ्यर्थियों की मांगों को कैबिनेट में रखा जाएगा।
सुबह से ही विभिन्न जिलों से आए प्रदर्शनकारियों के जत्थे चारबाग स्टेशन से विधान भवन की ओर बढ़ने लगे। इनका नेतृत्व कर रहे गणेश शंकर दीक्षित ने बताया कि टीईटी उत्तीर्ण (2011) अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री से पूर्व घोषित मांगों को पूरा करने को कहा है। नवंबर 2011 में प्रकाशित विज्ञप्ति के अनुसार 72,825 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की जाए। साथ ही हाईकोर्ट में शपथ-पत्र देकर टीईटी के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की कमी को देखते हुए 30 नवंबर 2011 को शुरू की गई प्रक्रिया बहाल करने की मांग भी इसमें शामिल है।
इलाहाबाद के विकास जायसवाल ने बताया कि सुबह साढ़े नौ बजे सभी टीईटी अभ्यर्थी चारबाग में इकट्ठे हुए। इसके बाद दोपहर 12 बजे से विधान भवन तक मार्च निकाला और वहीं जमीन पर बैठ गए। उनका आरोप है कि हजरतगंज सीओ दिनेश यादव ने उनके एक साथी को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। इससे अभ्यर्थी उग्र हो गए। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लाठियां फटकारते हुए खदेड़ दिया। शाम साढ़े तीन बजे उनकी वार्ता प्रमुख सचिव बेसिक से कराई गई। उन्होंने आश्वासन दिया कि विधानसभा सत्र के बाद उनकी मांगों को कैबिनेट में रखा जाएगा।

संघर्ष मोर्चा की तीन प्रमुख मांगें
•30 नवंबर 2011 की विज्ञप्ति के आधार पर 72,825 सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हो।
•हाईकोर्ट में शपथ पत्र प्रस्तुत कर नियुक्तियां शुरू की जाएं।
•31 मार्च 2014 से पहले टीईटी उतीर्ण अभ्यर्थियों में से शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए।

सरकार कर रही छलावा
अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार पर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से छलावा करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने बीते 5 अप्रैल को मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल को मेरिट के आधार पर नियुक्ति का आश्वासन दिया था लेकिन इसे दरकिनार करते हुए नई विज्ञप्ति जारी कर हमारे साथ छलावा किया गया है


News Sabhaar : Amar Ujala (11.9.13)



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