लखनऊ, 29 दिसंबर (जागरण संवाददाता) : सेवायोजन कार्यालय में नौकरी पाने के लिए पंजीयन कराने वाले बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर है। पंजीयन कराने के लिए लंबी कतारों में खड़े रहने वाले बेरोजगारों के नौकरी की राह आसान बनाने के लिए प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग ने कमर कस ली है। विभाग पंजीयन के साथ ही नौकरी की जानकारी ऑन लाइन देने की तैयारी कर रहा है। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय की पहल पर राजधानी समेत प्रदेश के 14 क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालयों को ऑन लाइन करने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालयों के साथ ही सभी जिला सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों का डाटा कंप्यूटर में फीड किया जाएगा। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशक ने सभी कार्यालयों को 15 जनवरी तक डाटा इंट्री का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं। यही नहीं अधिकारियों को बेरोजगारों का डाटा हिंदी में फीड करने के निर्देश दिए गए हैं। डाटा इंट्री का कार्य पूरा होने पर बेरोजगार 666.2ी6ं8श्नंल्ल.श्र1ॠ पर पंजीकरण के साथ ही नौकरी की जानकारी ले सकेंगे। वेबसाइट के माध्यम से सेवायोजक भी काम करने वाले कामगारों की जानकारी विभाग को ऑन लाइन दे सकते हैं। इस सुविधा से प्रदेश में पंजीकृत 18 लाख बेरोजगारों को लाभ होने की संभावना है। आने वाले समय में देश के सभी 926 सेवायोजन कार्यालयों को भी ऑन लाइन किया जाएगा। इस सुविधा से बेरोजगारों को घर बैठे सारी जानकारी मिल सकेगी।
News : Jagran (30.12.2011)
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Good News for Unemployed candidates, Not to wait in queue for Employment Exchange registration in UP.
Everything will become ONLINE with Job details, And Recruiting departments can also give there job details through Online/website.
कूड़ा हो गए तीन लाख टीईटी सर्टिफिकेट
ReplyDeleteDec 30, 06:59 pm
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अमरीश शुक्ल, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा में मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर परिषद को पूरा परीक्षा परिणाम संशोधित करना पड़ा। ऐसे में पुराने परीक्षा परिणाम के आधार पर छाप दिए गए पौने तीन लाख प्राथमिक स्तर के टीईटी प्रमाण पत्रों को अब कूड़े के डब्बे में डालने के अलावा यूपी बोर्ड के पास और कोई चारा नहीं बचा है। इससे सरकार का कई लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 13 नवंबर को प्रदेश में पहली बार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) आयोजित की गई थी। शिक्षक पात्रता परीक्षा का परिणाम 25 नवंबर को घोषित कर दिया गया। दो दिन बाद परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों की उत्तर माला भी जारी कर दी गई। पहले तो यूपी बोर्ड ने अभ्यर्थियों से आपत्तियां लेने से ही मना कर दिया। बाद में उत्तरमाला में ही एक ही प्रश्नों के अलग-अलग विकल्प देने से बोर्ड के ऊपर दबाव बढ़ा तो आपत्तियां निस्तारित करने की घोषणा की गई। परिषद ने अभ्यर्थियों से आपत्तियां लीं और कुछ का निस्तारण भी कर दिया। निस्तारित आपत्तियों के आधार पर परीक्षा परिणाम भी घोषित कर दिया गया। बावजूद इसके सभी आपत्तियां निस्तारित नहीं हो सकीं। अभ्यर्थियों से कहा जाने लगा कि अब कोई भी संशोधन नहीं होगा। निराश अभ्यर्थी इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण में चले गए। हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर को माध्यमिक शिक्षा परिषद को सभी आपत्तियों का 100 रुपये शुल्क के साथ निस्तारण करने के आदेश दे दिया। इस आदेश के बाद परिषद ने कुछ और प्रश्नों पर विशेषज्ञों से जांच कराई और पूरा परीक्षा परिणाम एक बार फिर संशोधित कर दिया। इस संशोधन से अभ्यर्थियों को प्राथमिक स्तर में एक से छह व उच्च प्राथमिक में एक से 10 अंकों का फायदा हुआ। उधर, परिषद ने 7 दिसंबर से सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से टीईटी में सफल अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र देने की घोषणा कर दी थी। घोषणा के मुताबिक प्राथमिक स्तर के प्रमाण पत्रों की छपाई भी हो गई। परिणाम संशोधित हो जाने और सभी अभ्यर्थियों के अंक बढ़ जाने के कारण छप चुके लगभग पौने तीन लाख प्रमाण पत्र बेकार हो गए। सूत्रों के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा परिषद ने अब एक जनवरी के बाद ही टीईटी के प्रमाणपत्रों की छपाई कराने का निर्णय लिया है। अब प्रमाण पत्र 10 जनवरी के बाद ही जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को भेजे जाएंगे।
ANOOP PANDEY, ALLD.
UPTET-GEN-MALE-ART - 127
HI, MUSKAN,
HAPPY NEW YEAR "2012"
JAGRAN KI KHABAR HAI
कूड़ा हो गए तीन लाख टीईटी सर्टिफिकेट
ReplyDeleteDec 30, 06:59 pm
अमरीश शुक्ल, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा में मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर परिषद को पूरा परीक्षा परिणाम संशोधित करना पड़ा। ऐसे में पुराने परीक्षा परिणाम के आधार पर छाप दिए गए पौने तीन लाख प्राथमिक स्तर के टीईटी प्रमाण पत्रों को अब कूड़े के डब्बे में डालने के अलावा यूपी बोर्ड के पास और कोई चारा नहीं बचा है। इससे सरकार का कई लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 13 नवंबर को प्रदेश में पहली बार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) आयोजित की गई थी। शिक्षक पात्रता परीक्षा का परिणाम 25 नवंबर को घोषित कर दिया गया। दो दिन बाद परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों की उत्तर माला भी जारी कर दी गई। पहले तो यूपी बोर्ड ने अभ्यर्थियों से आपत्तियां लेने से ही मना कर दिया। बाद में उत्तरमाला में ही एक ही प्रश्नों के अलग-अलग विकल्प देने से बोर्ड के ऊपर दबाव बढ़ा तो आपत्तियां निस्तारित करने की घोषणा की गई। परिषद ने अभ्यर्थियों से आपत्तियां लीं और कुछ का निस्तारण भी कर दिया। निस्तारित आपत्तियों के आधार पर परीक्षा परिणाम भी घोषित कर दिया गया। बावजूद इसके सभी आपत्तियां निस्तारित नहीं हो सकीं। अभ्यर्थियों से कहा जाने लगा कि अब कोई भी संशोधन नहीं होगा। निराश अभ्यर्थी इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण में चले गए। हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर को माध्यमिक शिक्षा परिषद को सभी आपत्तियों का 100 रुपये शुल्क के साथ निस्तारण करने के आदेश दे दिया। इस आदेश के बाद परिषद ने कुछ और प्रश्नों पर विशेषज्ञों से जांच कराई और पूरा परीक्षा परिणाम एक बार फिर संशोधित कर दिया। इस संशोधन से अभ्यर्थियों को प्राथमिक स्तर में एक से छह व उच्च प्राथमिक में एक से 10 अंकों का फायदा हुआ। उधर, परिषद ने 7 दिसंबर से सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से टीईटी में सफल अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र देने की घोषणा कर दी थी। घोषणा के मुताबिक प्राथमिक स्तर के प्रमाण पत्रों की छपाई भी हो गई। परिणाम संशोधित हो जाने और सभी अभ्यर्थियों के अंक बढ़ जाने के कारण छप चुके लगभग पौने तीन लाख प्रमाण पत्र बेकार हो गए। सूत्रों के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा परिषद ने अब एक जनवरी के बाद ही टीईटी के प्रमाणपत्रों की छपाई कराने का निर्णय लिया है। अब प्रमाण पत्र 10 जनवरी के बाद ही जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को भेजे जाएंगे।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_8701175.html
hahaha achha hua sarkar ko bhi thoda chuna lag gaya humare career k saath khilvad karne se
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