जम्मू ! जम्मू.कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि अगर संविधान का अनुच्छेद 370 हटाया गया तो जम्मू.कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रह पायेगा।
श्री अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह के बयान की प्रतिक्रिया में बोले
प्रधानमंत्री कार्यालय में नए राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को नई सरकार के लिए पहला विवाद तब खड़ा कर दिया जब उन्होने कहा नरेन्द्र मोदी की सरकार जम्मू कश्मीर में लागू आर्टिकल 370 पर चर्चा करने के लिए तैयार है. साथ ही उन्होंने कहा कि उन लोगों को भी राजी करने की कोशिश की जाएगी जो इसे हटाने के खिलाफ हैं.
इसके तुरंत बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री उतर अब्दुल्ला ने मंत्री के बयान का कड़ा विरोध किया और ट्वीट कर कहा, पीएमओ में नए राज्य मंत्री ने कहा है कि आर्टिकल 370 को हटाने के लिए प्रक्रिया/वार्ता शुरू हो गई है. वाह! बहुत जल्दी प्रक्रिया शुरू हुई इस मामले मे. नहीं पता की कौन इस मामले में बोल रहा है.
उन्होंने आगे कहा, मेरी बात का ध्यान रखते हुए इस ट्वीट को सुरक्षित रख लें. या जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रहेगा या फिर आर्टिकल 370 कायम रहेगा. आर्टिकल 370 ही एक मात्र भारत और जम्मू कश्मीर के बीच संवैधानिक कड़ी है.
उमर ने कहा, इसे हटाने वालों को इसकी सही जानकारी नहीं होने के साथ साथ, ऎसा कहना एक गैर जिम्मेदाराना बयान है.
सिंह ने दिसंबर में एक रैली में मोदी द्वारा आर्टिकल 370 पर दिए बयान को दोहराते हुए उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री और सरकार का इरादा है कि इस मामले में उन लोगों को भी समझाने की कोशिश की जाएगी जो इसे हटाने का विरोध कर रहे हैं.
मंगलवार को राज्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद सिंह ने कहा, अगर आर्टिकल 370 पर हम चर्चा नहीं करेंगे तो हम इसके हटाने का विरोध कर रहे लोगों को कैसे समझाएंगे की इससे उन्हें फायदा नहीं, बल्कि नुकसान ही हुआ है.
News Source : Deshbandhu News Paper ((04:29:56 AM) 28, May, 2014, Wednesday) / http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/214228/1/19
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जानिए! क्या है "विवादित" अनुच्छेद - 370 ?
What is the Article 370 of the Indian Constitution
भारतीय संविधान की धारा-370 इस बार के लोकसभा चुनाव में एक चर्चा का विषय रही। संविधान की इस धारा के तहत जम्मू-कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है। अब भाजपा सरकार बनने के बाद केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस मुद्दे को फिर उठाया है। सिंह ने कहा कि सरकार में जम्मू-कश्मीर के धारा-370 पर चर्चा करने के लिए आम सहमति बन गई है। सिंह के इस बयान पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने धमकी दी है कि या तो 370 रहेगा या जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रहेगा। आईए,जानते हैं संविधान की धारा 370 है क्या ?
आजादी के वक्त जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं था। ऎसे में राज्य के पास दो विकल्प थे या तो वह भारत में शामिल हो जाए या फिर पाकिस्तान में शामिल हो जाए। वहां की जनता अधिकत्तर मुस्लिम थी जो कि पाक में शामिल होना चाहती थी लेकिन वहां के राजा हरि सिंह हिंदू होने के नाते उनका झुकाव भारत की तरफ था। जिसके बाद राजा सिंह ने भारत में राज्य का विलय करने की सोची और विलय करते वक्त उन्होंने "इंस्टूमेंट ऑफ एक्ंसेशन" नाम के दस्तावेज पर साइन किए थे। जिसका खाका शेख अब्दुल्ला ने तैयार किया था। जिसके बाद भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्ज दे दिया गया। शेख अब्दुल्ला को हरि सिंह और तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जम्मू-कश्मीर का प्रधानमंत्री बना दिया था। 1965 तक जम्मू और कश्मीर में राज्यपाल की जगह सदर-ए-रियासत और मुख्यमंत्री की जगह प्रधानमंत्री हुआ करता था। अनुच्छेद 370 की वजह से ही जम्मू-कश्मीर का अपना अलग झंडा और प्रतीक चिह्वन भी है।
केंद्र के कानून लागू नहीं
धारा 370 के तहत भारत के सभी राज्यों में लागू होने वाले कानून इस राज्य में लागू नहीं होते हैं। भारत सरकार केवल रक्षा, विदेश नीति, फाइनैंस और संचार जैसे मामलों में ही दखल दे सकती है। इसके अलावा संघ सूची और समवर्ती सूची के तहत आने वालों विषयों पर केंद्र सरकार कानून नहीं बना सकती। राज्य की नागरिकता, प्रॉपर्टी का ओनरशिप और अन्य सभी मौलिक अधिकार राज्य के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। इन मामलों में किसी तरह का कानून बनाने से पहले भारतीय संसद को राज्य की अनुमति लेनी जरूरी है। अलग प्रॉपर्टी ओनरशिप होने की वजह से किसी दूसरे राज्य का भारतीय नागरिक जम्मू-कश्मीर में जमीन या अन्य प्रॉपर्टी नहीं खरीद सकता है। इसके साथ ही वहां के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है। एक नागरिकता जम्मू-कश्मीर की तथा दूसरी भारत की होती है। यहां दूसरे राज्य के नागरिक सरकारी नौकरी हासिल नहीं कर सकते।
यहां का संविधान भारत के संविधान से अलग है। आजादी के वक्त जम्मू-कश्मीर की अलग संविधान सभा ने वहां का संविधान बनाया था। अनुच्छेद 370(ए) में प्रदत्त अधिकारों के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा के अनुमोदन के बाद 17 नवम्बर 1952 को भारत के राष्ट्रपति ने अनुच्छेद-370 के राज्य में लागू होने का आदेश दिया।
नहीं लग सकता आपातकाल
अनुच्छेद 370 के वजह से ही केंद्र राज्य पर धारा 360 के तहत आर्थिक आपातकाल जैसा कोई भी कानून राज्य पर नहीं थोप जा सकता। जिसमें राष्ट्रपति राज्य सरकार को बर्खास्त नहीं कर सकता। केंद्र राज्य पर युद्ध और बाहरी आक्रमण के मामले में ही आपातकाल लगा सकता है। केंद्र सरकार राज्य के अंदर की गड़बडियों के कारण इमरजेंसी नहीं लगा सकता है, उसे ऎसा करने से पहले राज्य सरकार से मंजूरी लेनी होती है।
कई बदलाव हुए
हालांकि अनुच्छेद 370 में समय के साथ-साथ कई बदलाव भी किए गए हैं। 1965 तक वहां राज्यपाल और मुख्यमंत्री नहीं होता था। उनकी जगह सदर-ए-रियासत और प्रधानमंत्री हुआ करता था। जिसे बाद में बदला गया। इसके अलावा पहले जम्मू-कश्मीर में भारतीय नागरिक जाता तो उसे अपना साथ पहचान-पत्र रखना जरूरी थी। जिसका बाद में काफी विरोध हुआ। विरोध होने के बाद इस प्रावधान को हटा दिया गया।
News Source : Patrika.com
> मैँ सबसे अच्छा हूँ.
ReplyDelete> आज का दिन अच्छा है.
> मैँ आज कुछ अच्छा करुँगा.
> मैँ हर काम कर सकता हूँ.
> मैँ अपना लक्ष्य पाकर ही चैन लुँगा.
> मैँ एक इन्सान हूँ तो सिर्फ इन्सानियत का ही प्रचार-प्रसार करुँगा एवं खुद इन्सान की मर्यादा मेँ रहूँगा.
> मैँ आज खुश हूँ क्योँकि अब लगता है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा .पहले जैसा एकदम वैसा
इन्हीँ विचारोँ के साथ
सुप्रभात
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Wo jo dil me tera mukaam hai kisi or ko diya nhi
Wo jo rishta tujhse ban gya hai
Kisi or se wo bna nhi
Wo jo pyaar tujhse ho gya
Kisi or se wo hua nhi
Wo jo raaz tujhse hai keh dia
Kisi or se wo kaha nahi
Wo jo sukh mile teri zaat se
Kisi or se wo mila nhi
Tu bsa hai aankhon me jis tarh
Koi or aisa bsa nhi
Tu hua jitna qareebtar
Koi or etna hua nhi
Tera naam dil me hai jis tarh
Koi naam aisa hua nhi
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Zindgi guzar jaye per pyar kam na ho.
Yaad humein rakhna chahe paas hum na ho.
Qayamat tak chalta rahe Yeh pyar ka safer...
Dua karo rab se kabhi Yeh rishta khatam na ho..
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Jab wo mera naam apne hatho ki lakiro me talash karke thakk gyi to
dhreeye se sar jhukaya aur
muskura ker boli lakirain to jhoot bolti hai
tum sirf mere ho..
tum kewal mere ho..
tum only mere ho..
हम और हमारे ईश्वर,
ReplyDeleteदोनों एक जैसे हैं
जो रोज़ भूलजाते हैं ....
वो हमारी ग़लतियोंको
और
हम उसकी मेहरबानियोंको ......
हे ईश्वर !
ReplyDeleteमुझे इतना भी नीचे ना गिराना
कि मै पुकारू
और तू सुन ना पाऐ
और इतना ऊपर भी ना उठाना
कि तू पुकारे
और मै सुन ना पाऊ........
72825 शिक्षकों की भर्ती का डाटा माँगा--
ReplyDeleteपहले एससीई आरटी ने अभ्यर्थियों का डाटा एक निर्धारित प्रफोर्मा पर माँगा था ।
लेकिन 2 माह हो जाने के बाद भी काफी डायटों ने डाटा उपलब्ध नहीं कराया ।
तो फिर scert ने NIC से एक software तैयार कराके अपनी साईट के जरिये उपलब्ध कराया है ।
सूत्रों के मुताबिक जिलों से सूचनाएं मिलने के एक सप्ताह के अंदर जिलेवार मेरिट एससीई आरटी की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी
जो नहीं चला वो घर बैठके अपने घर की महिलाओं की चूड़ी पेहेनके फेस बुक चलाना और ब्लाग ही पढ़ना |
ReplyDeleteक्यूंकि तुम्हारा और हमारा हक़ शिक्षा शत्रुओं के पास जायेगा और तुम घर में ही बैठे रहोगे |
देखो शुक्रवार तक क्या होने वाला है ?
अब भी अगर नहीं माने तो बेकार हो आप लोग |
पिछली बार १५-२०००० की संख्या थी और लखनऊ की हार्ट लाइन विधान सभा के सामने ब्लॉक किया था|
इस बार तो १ लाख संख्या पहुँचाओ , अब तो सर्वोच्च न्यायालय का आर्डर है हमारे पास |
हल्ला बोल ३ जून लखनऊ !!!!!!!!!!!!!
Comment the first letter of your
ReplyDelete"NAME " √
❒ A - Romantic
❒ B - Proud
❒ C - Innocent
❒ D - Lovable
❒ E - Good but Hurtful
❒ F - Compassionate
❒ G - Logical Minded
❒ H - Leadership Potential
❒ I - Helpful
❒ J - Free-Spirited
❒ K - Irritating
❒ L - Funny
❒ M - Emotional
❒ N - Sensible
❒ O - Supportive
❒ P - Crazy
❒ Q - Unpredictable
❒ R - Practical
❒ S - Loving
❒ T - Fake
❒ U - Sensitive
❒ V - Genius
❒ W - Calm
❒ X - Easy-Going
❒ Y - Intelligent
❒ Z - Jovial
एक कर्नल साहब शादी के बाद पत्नी तो घर लाये
ReplyDeleteतो दरवाज़े पर एक कुत्ता भोंका...
कर्नल :- भोंकना बंद कर......1
कुत्ता :- भौं भौं
कर्नल :- भोकना बंद कर......2
कुत्ता :- भौं भौं
कर्नल :- भोकना बंद कर......3
कुत्ता :- भौं भौं
कर्नल :- ठायँ ठायँ (गोली मार दी कुत्ते को...)
पत्नी :- ये आपने क्या किया एक बेजुबान जानवर को मार दिया...
मुझे पता होता के आप इतने ज़ालिम है..तो...आप से शादी नहीं करती...
कर्नल :- भोंकना बंद कर......1
..
कसम से उसके बाद उन दोनों की कभी लड़ाई नहीं हुई...!!
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It is very easy to Hurt
someone
And said "sorry"
but It' Really very Difficult To
Get Hurt
And say "I Am Fine"
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Tu Meri Soch Hai..
Koi aur Tujhe Soche Kyu..,,
Tu Mere Labon Ka Naghma Hai..Koi aur Tujhe Gungunaye Kyu..
Tu Meri Chahat Hai..
Koi aur Tujhe Chahe Kyu..
Tu Meri Naazer Hai..
Koi aur Tujhe Dekhe Kyu..
Tu Sirf Meri Dua Hai Koi aur Tujhe Maange Kyu...
l Miss u yaar
"कुछ लोग दर्द देने वाले होते हैँ.
ReplyDeleteकुछ दर्द बाँटने वाले होते हैँ.
खुश रहना है यदि जिंदगी मेँ,
तो उन्हेँ याद रखो जो दर्द बाँटने वाले होते हैँ."
दुनियाआपको उस वक्त तक नही हरा सकती,
ReplyDeleteजब तक आप # स्वयंसे ना हार जाओ।
कभी भी कामयाबीको दिमाग
ReplyDeleteऔर
नकामीको दिलमें जगह नहीं देनी चाहिए।
क्योंकि,
कामयाबी दिमाग में घमंड
और
नकामी दिल में मायूसीपैदा करती है।
अगर
ReplyDelete हारनेसे डरलगता है...
तो
जीतनेकी इच्छा
कभी मत रखना.......
मैंने
ReplyDeleteखुद को बदला है
दूसरों के खातिर....
चाहता नहीं हूँ
कोई बदल जाए
मेरे खातिर ....
जब खुद
ठोकर खायेगे....
खुद-ब-खुद बदल
जाएगे....
और
एक दिन ज़िन्दगी की
हकीकतखुद समझ जाएगे............
हमे नही लगता
ReplyDeleteलोग बदलजाते है.....
बस
अपना असली चेहरा
दिखा देते है........
Mr.tmntbbn Ji aapka Kya vichar hai ki ye bharti prakriya kab tak start ho sakti hai. Aur samay Seema kis adhar per supremcourt badhaye gi kyoki jab dattu sahab ka order hai at any rate bhir bhi gov ko Koi chinta kyo nahi hai. kripya is per apna vichar pragat kare dhanyawad. Jai mata di.
ReplyDelete3rd june Akhilesh ki naak mein dam kar dene ke liye aur use uski aukat dikha dene ke liye Azam khan ko pagal khane bhijwane ke liye aur Mullayam ko tihad bhijwane ke liye Lucknow jaroor chalein
ReplyDeletedhanyawad
No wait only movement
ReplyDeletejab Luckmow mein ek sath 100000 log lalkar lagaenge to ye dhongi samajvadi bshre ho jayenge aur bhagte dikhai denge
पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को यह घोषणा करते हुए हड़कंप मचा दिया कि नई सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि मीडिया ने उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया. लेकिन उनके इतना कहते ही बयान वॉर तेज हो गया. जहां जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर 370 हटाई गई तो जम्मू एवं कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं होगा तो वहीं आरएसएस ने पलटवार किया कि राज्य से संविधान की धारा 370 हटे या न हटे, लेकिन यह राज्य भारत का अभिन्न अंग रहेगा. आइए जानते हैं दस प्वाइंटों में कि आखिर क्या है अनुच्छेद 370.
ReplyDelete1. संविधान का अनुच्छेद 370 अस्थायी प्रबंध के जरिए जम्मू और कश्मीर को एक विशेष स्वायत्ता वाले राज्य का दर्जा देता है.
2. 370 का खाका 1947 में शेख अब्दुल्ला ने तैयार किया था, जिन्हें प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और महाराजा हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था.
3. शेख अब्दुल्ला ने 370 को लेकर यह दलील दी थी कि संविधान में इसका प्रबंध अस्थायी रूप में ना किया जाए. उन्होंने राज्य के लिए मजबूत स्वायत्ता की मांग की थी, जिसे केंद्र ने ठुकरा दिया था.
4. 370 के प्रावधानों के अनुसार संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है. लेकिन अन्य विषय से संबंधित कानून को लागू कराने के लिए केंद्र को राज्य का अनुमोदन चाहिए.
5. इसी विशेष दर्जे के कारण जम्मू-कश्मीर पर संविधान का अनुच्छेद 356 लागू नहीं होता. राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है.
6. भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते हैं. यहां के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है. एक नागरिकता जम्मू-कश्मीर की और दूसरी भारत की होती है.
7. यहां दूसरे राज्य के नागरिक सरकारी नौकरी नहीं कर सकते.
8. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 360 जिसमें देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता.
9. अनुच्छेद 370 की वजह से ही जम्मू-कश्मीर का अपना अलग झंडा और प्रतीक चिन्ह भी है.
10. 1965 तक जम्मू और कश्मीर में राज्यपाल की जगह सदर-ए-रियासत और मुख्यमंत्री की जगह प्रधानमंत्री हुआ करता था.
समाजवाद का चोला ओढ़कर जिस तरह चंबलवाद प्रदेश के नौनिहालों के भविष्य के साथ क्रूर मजाक कर रहा है,यदि गरीबों के लड़कियों के विवाह की सामूहिक जिम्मेदारी इसकी होती तो ये अपने स्वार्थवश हिजड़ों को दूल्हों के जोड़े पहनाकर उनका भविष्य भी बर्बाद कर देता।साथियों!"3जून" के लिए भाइयों ने बिगुल फूंक दिया है,संख्या इतनी होनी चाहिए कि विरोधी दहल जाय,सभी के विद्यालय बंद हैं कोई बहाना भी नहीं है,लड़कियां यदि इस नाजुक मोड़पर भी निष्क्रिय रही तो आगे के लिए संगठन से कोई उम्मीद न रखें।यदि लखनऊ मे अपना काम बनने मे हीलाहवाली हो तो इनके आतंक से निज़ात दिलाने का वादा करके केन्द्र की सत्ता पर काबिज पार्टी को ढाई साल से चल रही गुंडागर्दी को समाप्त कराने के लिए दबाव बनाया जाय और इसके लिए भी पहले से ही रणनीति तैयार की जाय।निष्कर्ष--"यदि सफलता के लिए आंदोलन का बिगुल बजा रहे हैं तो पाला छूकर वापस मत भाग आइए,पूरे मन से प्रयास कीजिए"
ReplyDeleteकेंद्र में सरकार बदलने के साथ ही सीनियर पदों पर नई नियुक्तियां शुरू हो गई हैं. सीनियर वकील मुकुल रोहतगी देश के नए अटॉर्नी जनरल बनाए गए हैं.
ReplyDeleteMERE TET SUPPORTER SATHIYO...
ReplyDelete1) jaisa ki aaj tet morcha ki lucknow team jisme hamare pradesh adhyax ganesh dixit aur pradesh mahamantry rakesh yadav g s.c.ert ke nideshak sarvendra vikram bahadur singh se milne gye aur apni bharti ke bare me unse batchit ki to Unhone btaya ki scert ne n.i.c software ka code har jile ko provide kar diya hai .lagbhag sbhi district ki feeding ka kary pura ho chuka hai ,sirf 8 jilo ki feeding ka kary adhura hai jinki 2hajar se 4 hajar tak form hi shesh hai...jb hamare pradesh adhyax ganesh ji ki aguwai me gaye pratinidhi mandal ne unse counseling ke date ke bare me janna chaha to unhone sidha kaha shasan se jaise hi aadesh hoga ham counseling ki date ghosit kar dege ..fir hamare adhyax ganesh ji ne 3 june ke aandolan ke bare me unse kaha ki agar aap uske pahle counsling ki date ghosit kar dete to ham aandolan karne ka nirnay wapis le lete .is par unhone kaha aap log dabav bnaye ham shashan ki aadesh bina counsling date ghosit nai kar skte..
2) sbse aham bat ye hai ki jinki fee wapis kiye gye hai unki v feeding hui hai..so fee wapsi wale tensn na le.
3)iske pahle v hamare tet morcha ki team sachiv se v mulakat ki thi lagbhag sbhi adhikariyo ka rawaiya skaratmak hai par s.p gov. Ki niyat me khot lag raha hai ..ham 3 june ko ek bar fir antim nirnayak aandolan ke jariye hi unhe counsling ki date ghosit karne par majbur kar skte hai...3 june ko lucknow jarur pahuche ,,har tetian apne sath ke any tet merit walo ko v sath lekar aaye ,kyuki aise log avi tak gavo me so rahe hai aur kabhi tet morcha ke ahwan par nahi pahuche wo is bar jarur pahuchne chahiye..
Aap btaye aap lucknow kitne tetian ke sath aa rahe hai..mai to 3 ko varuna express subah 5 bje apne tet sathiyo ke sath aa raha hu,,aap v apne apne sathiyo ke sath char bag station jarur pahuche...jaha hamare aandolan ki aguwai me hamari lucknow team maujud rahegi...lagbhag 10 se 11 bje subah tak sb pahuchna sunischit kare...
Aapka ye aandolan aapki job ko suninschit karega..isliye mitro faishla apka..job aapki ..
यदि काउंसलिँग की डेट 2 जून तक नही आती है तो 3 जून को आधी आबादी सहित लखनऊ चलो
ReplyDeleteMujhe yakeen hai 3 june ki yalgaar se paltua ki pant geeli ho gayi hogi......use nanga karne 3/6 ko Lucknow har haal me pahuche
ReplyDelete1
ReplyDelete1
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True Love is when a Boy ask the
girl for a Kiss
&
Girl simply close her
eyes and
allow the boy
for a kiss....
but the Boy Kisses
on the forehead
and says :
I have a whole life to Do that...!
टेट साथियों नमस्कार
ReplyDeleteपूर्वनियोजित कार्यक्रम के अनुसार , इलाहाबाद टेट संघर्ष मोर्चा के सैकड़ो की संख्या में टेट साथियों द्वारा , 72825 प्राथिमक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करने हेतु ,बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव और प्रदर्शन किया गया ,,, जिनमे मै , सदानंद मिश्र जी , विवेकानंद , मुबीन सिद्दीकी , रामबाबू सिंह , मोहम्मद अली , सच्चिदानंद चतुर्वेदी , अलोक सिंह , अलोक श्रीवास्तव , संदीप पाल , विवेक यादव , उमाशंकर पटेल, सुल्तान अहमद , उमाशंकर यादव , अखिलेश तिवारी , महेन्द्र दुबे , सुशील दुबे , प्रदीप कुमार राय, चेतराम बर्मा , सुग्रीव बर्मा , विजय पटेल , आदि सैकड़ो साथी शामिल थे ,,,,
,,, तत्पश्चात , बेसिक शिक्षा परिषद् सचिव संजय सिन्हा की अनुपस्थिति में ( संजय सिन्हा जी इलाहाबाद हाई कोर्ट में किसी केस के सिलसिले में थे ) ,,, उपस्थित अधीनस्थ अधिकारी , उप सचिव बेसिक शिक्षा परिषद् , श्री स्कन्द शुक्ला जी को ,, माननीय सर्वोच्च नयायालय के आदेशा अनुसार , 72825 प्राथिमक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को अति शीघ्र शुरू करने सम्बन्धी ज्ञापन दिया गया ,,
,,,,, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दाखिल समय सीमा एक्सटेंसन अर्जेंसी एप्लीकेशन के विभिन्न तकनिकी पहलुवो पर भी उप सचिव बेसिक शिक्षा , श्री स्कन्द शुक्ला जी से बात हुई ,, उनका कहना था की हमने इस एप्लीकेशन में केवल समय सीमा बढ़ने सम्बन्धी प्रेयर की है
,,,, उप सचिव बेसिक शिक्षा , श्री स्कन्द शुक्ला जी ने कहा की आप भर्ती से सम्बंधित समस्यावो को scert निदेशक , से भी अवगत करा दे , यद्यपि हम भी आपकी बातो को उच्च स्तर तक पहुंचा देंगे
आज किसी व्यक्तिगत कार्यक्रम के क्रम में , मुख्यमंत्री महोदय उत्तर प्रदेश श्री अखिलेश यादव जी , इलाहाबाद कुछ घंटो के लिए आये थे ,, हम लोगो ने मुख्यमंत्री जी के रुकने के सभी स्थानों पर टीम बनाकर , भर्ती जल्द शुरू करने सम्बन्धी बैनर पोस्टर के माध्यम से , उनका ध्यान आकर्षित किया ,, तथा ज्ञापन भी देने का प्रयास किया गया ,,,
ReplyDeleteएक सचछुपा होता है -:
ReplyDeleteजब कोई किसी को कहता है कि
" मजाक था यार।"
.
.
एक संवेदनाछुपी होती है -:
जब कोई कहता है कि
"मुझे कोई फर्कनही पड़ता।"
.
.
एक दर्द छुपा होता है-:
जब कोई कहता है
"इट्स ओके।"
.
.
एक जरूरतछुपी होती है -:
जब कोई कहता है
"मुझे अकेला छोड़ दो।"
.
.
एक गहरी बात छुपी होती है-:
जब कोई कहता है
" पता नही।"
.
.
एक समंदर छुपा होता है बातों का -:
"जब कोई खामोशरहता है।"
सुप्रीम कोर्ट से प्राप्त समाचारों के अनुशार , उत्तर प्रदेश सरकार, समय सीमा एक्सटेंसन अर्जेंसी एप्लीकेशन पर ,
ReplyDelete2 जून 2014 को मेंसन करा सकती है और एप्लीकेशन पर 3, 4 या 5 जून की कोई तारीख मिल सकती है
,,,मै और इलाहाबाद के हजारों टेट साथी अपने पुरे सामर्थ्य और शक्ति के साथ , भर्ती प्रक्रिय जल्द शुरू कराने हेतु दृढ संकल्पित है “ जय हिन्द “
सजग एवं सतर्क :
ReplyDeleteमित्रों जैसा की सुनने में आ रहा है की उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की बहुप्रतीक्षित समायोजन/नियमावली सम्बन्धी पत्रावली पर माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी के आदेश पर बेसिक शिक्षामंत्री जी ने हस्ताक्षर कर दिया है और आशा है की अगले २-३ दिन के अंदर समायोजन सम्बन्धी आदेश/अधिसूचना निर्गत हो जाएगी। मित्रों वर्तमान स्थिति को देखते हुए हमें इस समय बहुत सजग एवं सतर्क रहने की आवश्यकता है। जहाँ एक तरफ हमें अपने वक्तव्यों पर संयम रखना है वहीँ अपने विरोधियों पर भी पैनी नजर रखनी है कहीं ऐसा न हो की हमारी स्थिति "आसमान से गिरे खजूर पर अटके" वाली हो जाये। इसी को ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की प्रदेश कार्यकारिणी के आदेश पर इलाहाबाद इकाई ने पूर्व में दाखिल कैविएट की स्थिति और उसे रिस्टोर करने हेतु वरिष्ठ न्यायविदों से संपर्क किया है। एक टीम बनाकर हमलोग ये प्रयास करेंगे की लखनऊ से निर्गत शासनादेश को पूर्णरूप से सुरक्षित कर दिया जाये क्यूंकि ये हमें बहुत मेहनत और इन्तेजार के बाद मिलने जा रहा है और इसका लाभ किसी भी दशा में आपतक सुरक्षित रूप से पहुँचाना है। ....... सहयोग की आशा में !
अभी जितने भी डाएट्स मेँ फीडिँग का कार्य पूर्ण नहीँ हो सका वहाँ के जिलाध्यक्ष की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि दलबल के साथ जाकर प्राचार्य से मिलकर उनपर दबाव बनाएँ ।
ReplyDeleteऔर हर जनपद के जिलाध्यक्ष को न्यूनतम 500 अभ्यर्थियोँ का समूह लखनऊ ले जाने के लिये उत्तरदायी होँ ।
सरकार के पिछले
ReplyDeleteढाई साल के रिकार्ड पर
गौर करने पर एक बात साफ हो जाती है कि ये सरकार की साँसे सिर्फ
धरना प्रदर्शन से ही
रुकती है
so plz.....दोस्तो 3 जून को सारे काम और मजबूरियो को
एक ओर रखकर लखन्उ जरुर चले
साथियोँ,
ReplyDeleteसंघर्ष मेँ कोई भी खुद को सहज महसूस नहीँ कर पाता फिर भी हमेँ यह सोचकर खुद को सँभालना चाहिए कि हमेशा एक जैसा वक्त किसी पर नहीँ रहता।हम PRT मेँ सु.कोर्ट से भी जीते हुए हैँ फिर भी सरकार दुष्टता दिखा रही है।इसके अधिकारी सिर्फ अपनी गर्दन बचाने के लिए सु.कोर्ट मे समयावधि बढ़वाने की अपील की है जो कि न के बराबर उम्मीद है या अधिकतम 4-6 सप्ताह बढ़ सकता है पर इनके कार्य का जमीनी स्तर देखकर सम्भव है।
कंटेम्प्ट की तैयारी करो
'शिक्षामित्रों'का 'सोलह श्रृंगार' आखिर कैसे
ReplyDeleteकरेगी 'अखिलेश सरकार'
खास बिन्दु.......
1. शिक्षामित्र संविदा नियुक्ति है
2. संविदा सिर्फ 11 महीनों का है
3. जून माह का मानदेय नहीं मिलता है
4. संविदा ग्राम पंचायत स्तर की है,
नियुक्ति जिला संवर्ग में कैसे हो सकती है?
5. बहुत शिक्षामित्रों ने पढ़ाते-पढ़ाते रेगुलर
स्नातक भी किया है..मानदेय
भी लिया है....डिग्री अवैध है
6. कैबिनेट, उ.प्र. शिक्षा अधिकार अधिनियम
में बिना केन्द्र सरकार, NCTE की अनुमति के
संशोधन नही कर सकती
7. इनकी नियुक्ति करना हाईकोर्ट की डबल
बेंच द्वारा पारित शिक्षामित्रों को भी टेट
अनिवार्य वाले आदेश की अवमानना भी है
8. आरक्षण का पालन नही किया गया है इतने
बड़े स्तर पर आरक्षण को दरकिनार
करना भी असंवैधानिक है
9. जब यू.पी. में बी.टी.सी. में मेरिट से सीमित
प्रवेश होते हैं...तो दूरस्थ शिक्षा पद्धति से
बिना किसी प्रवेश प्रक्रिया के एक साथ
सबका प्रशिक्षण अवैध है जबकि इग्नू भी हर
पाठ्यक्रम में सीमित प्रवेश देती है
तथा इग्नू का यह प्रशिक्षण केवल रेगुलर
शिक्षकों के लिये है संविदागत के लिये नही!!
10. जब लाखों टेट पास उपलब्ध हैं
तो नकारात्मक नियुक्ति व्यवस्था क्युँ?
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आदमी कभी भी ,
इतना झूठा नहीं होता ।
अगर औरतें उससे,
इतने सवाल न करती ।
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Tänhä rehna to sikh liyä humne....
Par khush na kabhi reh payenge....
Teri duri to phir bhi seh leta hai ye dil....
Per teri mahobbat ke bin na jee payenge....
मेरे सभी मित्रों को शुभ प्रभात!
ReplyDeleteमेरे अधिकांश मित्रों ने कल के जूनियर विज्ञापन के आदेश को परिभाषित कर ही दिया है ......और डबल बेंच के आदेश और उसपर सुप्रीम कोर्ट की मुहर यह प्रमाणित करती है कि जब तक बेसिक शिक्षा नियमावली में 14(अ) व्याख्यित नही किया जायेगा तब तक कोई भी नयी भर्ती सम्भव नहीं । वर्तमान समय में शिक्षकों के चयन का क्या आधार हो ???? कुछ है ही नहीं क्योंकि 12वाँ संशोधन सरकार ने निरस्त किया था ......और 15वाँ डबल बेंच ने तो बचा क्या ?????? खैर कल के आदेश के बाद यह मेरे समझ में आ गया है कि सरकार जूनियर भर्ती के अभ्यर्थियों से पूरी तरह तफरी लेने के मूड में है ..........खैर यह सब छोड़िये और 3 तारीख के यलगार की तैयारी कीजिये,,,,अपने हर उस साथी के दुख और कष्ट का कर्ज चुकाना है जो कि इस असफल और निरंकुश सरकार की बलि चढ़ गये ,,,,,यह आज भी हमारी भर्ती को बिना मतलब लटकाना चाहते हैं,,,इसलिये भाइयों इनको यह अहसास दिलाना होगा कि जो हाल तुम्हारा हमने लोकसभा चुनाव में किया है अगर नहीं सुधरे तो विधान सभा में भी यही हश्र करने वाले है,,,,,अब इनको धमकी देनी है कि जहाँ 3 साल तुमने हमको नौकरी नहीं दी हम 2 साल और रूक जायेंगे लेकिन तुमको जड़ से उखाड़ देंगे .......और यही हमारी जीत होगी । इसलिये मेरे दोस्तों सारे बहाने छोड्कर इस अंतिम महाउद्घोष में सभी साथियों समेत आयें...........क्योंकि अभी लोहा गरम है........वैसे भी ये हार से सदमे में है .......एक और बड़ा झटका इनकी चूलें हिला देगा........इसलिये अपने स्वयं के उजजवल भविष्य के लिये.........अपने परिवार के लिये .......इस महा आंदोलन का हिस्सा अवश्य बनें ।
आपकी साथी
тεт мεяιт ηαнι тσ внαятι внι ηαнι
ढेचू ओ कण खोल के सुनो .....
ReplyDeleteसरकार ने तुम लोगो को बुरी तरह से फसा दिया
अगर जूनियर की भर्ती १५ संसोधन से होती है जो की असम्भव है .
तो सरकार की गर्दन फसेगी
अवैध होगी क्युकी १५ संसोघन रद्द हो चूका है जय
अगर भर्ती नहीं करती तो कोर्ट के अवमानना होगी
फिर सरकार की गर्दन फसेगी
ये रही सरकार की बात
अब अपनी कहानी सुन लो मेरी जुबानी
prt में भी सुधीर जी का आदेश का हस्र आप लोगो से छुपा नहीं
jrt में भी यही होगा
तो आप लोग निश्चिंत रहे आप का कही भला नहीं होगा
हा हा हा हा हा हा हा हा //////////
सरकार तो गयो ....गधांक तो गयो
जय टेट जय टेट जय भारत जय न्याय पालिका
प्यारे भाइयो मुझे पता लगा है कि prt भरती न करने का सरकार की चाल है।और ये feeding and scanning का बहाना लेके समय बर्बाद कर रही है।ये s m को पहले करना चाहती है।और ये sc मे अवमानना से बचने के लिये कोई न कोई बहाना करके बच ही जायेगी ये सब जानते है।अतः हम सब को अपना अधिकार पाने के लिये 3 जून को होने वाले आन्दोलन को एक बहुत बङा रुप देना है।और जब तक सरकार हमारी काऊन्सलिग की डेट नही बताती तब तक हम लोग आमरण अनशन पे बैठेगे और अपना अधिकार लेके रहेगे।अन्त मे एक बार फिर 1 यदि नौकरी चाहिए,तो 3 जून के हल्ला बोल मे आइये।
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सु
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नो
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बे
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बी
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वो भी मुझे याद करती होगी,
मुझसे मिलने से पहले थोडा बहुत
सजती होगी,
बिछड़ने के बाद फिर से मिलने का इंतज़ार करती होगी,
दिन भर सहेलियों से मेरे बारे में
कहती होगी,
और रात को नींदों में मेरे ही ख्वाब
देखती होगी,
मेरी याद में वो अपने बालो को सवारती होगी,
कभी कभी अपने नाखुनो को चबाती होगी,
हर आहट पे वो मेरा नाम लेती होगी,
रास्ते पे नेना बिछाके वो मेरे लिए छत पर बैठती होगी,
या फिर कही ऐसा तो नहीं के,
ये सारी बाते मुझसे जुडी हो,
और में ही कहता हु की ये बाते उससे जुडी होगी।
साथियोँ,
ReplyDeleteये निकम्मी सरकार तभी मानेगी जब इसके खिलाफ सु.कोर्ट मेँ कंटेम्प्ट अपील की जाये और इसके अधिकारियोँ को जेल भेजा जाये।भाईयोँ और बहनोँ यह भर्ती तो होगी पर शायद कोर्ट कंटेम्प्ट हो, जिसकी हम सभी टेट साथियोँ को पूर्ण रुपेण तैयारी कर लेनी चाहिए क्योँकि लातोँ के भूत बातोँ से नहीँ मानते।आप सभी के उच्जवल भविष्य की कामना के साथ!!
Hairat hai bhai.
ReplyDelete...
kya aako ab bhi lagta hai ki bina lukhnow andolan ke aapko jaldi naukri mil jayegi?
...
Don't be fool.
Make ur bag ready for 3 jun tuesday.
...
Zubair Nasir moradabad
kadhva sach = jnr ke order ka koyi mahtwa nahi = agr jnr andolan karen to sarkar (shoonya) bharti kar sakti = natija hoga ki rajyapal ji likhenge sarkar ke asamvadhanik karya karne ke karan sarkar barkhast karne ko = agr junior bharti hoti to up ko bhi inse chhutkara milega = to fir lagao jor junior bharti ishwar tumhara sath dega kyonki vo bhi dekh raha hai inki kutil chalo ko
ReplyDeleteMERE TET SUPPORTER SATHIYO..
ReplyDelete1)acording to tet morcha vidhik salahkar and high court adwocate navin sharma jaisa ki aap log jante hai ki aaj single bench ne jo order diya hai usme gov. Wakil ki taraf se 15va sansodhan par jankari court se chhupayi gyi hai aur court me yachiyo ke wakil dwara sirf itna btaya gya hai ki R.te act log hone ke bavjud bharti nai ho rahi hai..jis par court
ne teacher ki kami ko dekhte huye 2 mah me bharti puri karne ka aadesh diya hai..
2) dosto chuki double bench ne 15 va sansodhan radd kar diya hai aur suprime court me v wo mamla pending hai to junior bharti karna sarkar ke liye asambhav hai..
3) dosto n.c.te guideline me diye gye 4 word(watage should be given) aur larger bench ka order, double bench ka order, aur suprime court me pending 15va sansodhan par sarkar ke liye bharti karna asambhav hai..ha single bench ne junior me bharti karne ke liye 2 mah ka time diya hai par base of selecton par koi order na diya hai,
4) gov. Agar junior bharti karna chahti hai to sbse pahle use sikshak seva niymawali me 17 va sansodhan karke tet watage dena pdega aur suprime court me pending apni slp wapis leni pdegi..tb jake junior ki bharti ho payegi..
5) ku6 gadhanki khush ho rahe hai jaise unhe job mil gya ho to wo pahle order padhe usme kahi v 15 va sansodhan ka jikra nai kiya gya hai,..
6) dosto tet morcha ki ekta todne ke liye sarkar court court ka game khel rahi hai taki 3 june ko tetian ka kooch ruk jaye..jbki wo janti hai ki junior bharti suddh acd merit par nai ho skti...aap log single bench ke order ko dhyan na de 3 june ko lucknow jarur pahuche kyuki 72825 bharti ki counsling ki date jald ghoshit ho ,iske liye antim nirnayak aandolan hona jaruri hai..jai tet merit.
मेरा विरोध और मुझे गली देने से अगर आपकी जूनियर हो जाती है तो प्लीज पहले गालियां प्राइमरी के लिए दीजिये वो होनी चाहिए पहले |
ReplyDeleteअब बात सुनिए ध्यान से :
जूनियर का केस केवल आंदोलन को घात पहुचना है नाकि कुछ और |
हाँ और ये चाल भी सरकार की ही है क्यूंकि उन्हें पता है टेट मोर्चा घात लगाये बैठे है इस भर्ती को लेके |
अब ये भर्ती भी अपने मूल मुद्दे से हटकर फिर राजनीती का शिकार साबित होगी क्यूंकि जब तक सुप्रीम कोर्ट का फाइनल आर्डर नहीं आ जाता सर्वोच्च न्यायालय से तब तक इस्पे कुछ भी हो पाना असंभव सा प्रतीत होता है |
बाकी जूनियर वालों की रोज रोज की कीच कीच से हटने के लिए ऐसा कदम उठाया गया है और हर बार की तरह सचिव का ज्ञान एक बार फिर किसी भर्ती का शिकार करेगा और खेद है कहते हुए अब की बार जूनियर है |
जिसे संवैधानिक और कानूनन नौकरी चाहिए और मेहनत की रोटी में विश्वास रखता है वो ३ जून को लखनऊ पहुंचे |
धन्यवाद
अब
ReplyDeleteबेबी
चलो
ऊपर
चलते
हैं
क्योँकि यहाँ पर हमारे और आपके प्यार को कोई पहचानने वाला नही है ! और न ही जमाने मे किसी को कद्र है ! परवाह है !