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Court ka Judgement Blog Par Diya Hua Hai, Neeche Dee Gayee News Mein Typo Error Hai, aur 4000 kee Jaghe 29334 Post par Aadesh Hai
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह दो महीने के भीतर जूनियर स्कूलों में सहायक टीचर्स की भर्ती प्रक्रिया पूरी करे। कोर्ट ने सरकार को चार हजार पदों पर भर्ती करने का आदेश दिया है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने सहायक शिक्षकों की भर्ती पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि जब तक टीईटी पर हाईकोर्ट से स्थिति साफ न हो जाए, तब तक भर्ती नहीं की जानी चाहिए।
उत्तर प्रदेश में बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और उर्दू प्रवीणताधारी प्रशिक्षित टीईटी पास करने के बाद सहायक अध्यापक बनने का इंतजार कर रहे हैं। बहरहाल, कोर्ट के आदेश पर यूपी सरकार ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन इस फैसले से मायूस युवाओं को एक उम्मीद तो बंधी है।
News Source : ETV UP/Uttarakhand | Thu May 29, 2014 | 17:39 IST
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See Judgemen :
HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD
Court No. - 34
Case :- WRIT - A No. - 28686 of 2014
Petitioner :- Brahm Dev Yadav And 5 Others
Respondent :- State Of U.P. And 4 Others
Counsel for Petitioner :- Pankaj Kumar Ojha,Shailendra
Counsel for Respondent :- C.S.C.,A.K. Yadav
Hon'ble Sudhir Agarwal,J.
1. Heard Sri Shailendra, Advocate for petitioners, learned Standing Counsel for respondents no. 1 to 3 and Sri A.K. Yadav and Sri Bhanu Pratap Singh, Advocates for respondents no. 4 and 5.
2. With the consent of learned counsel for the parties, this Court proceed to decide/dispose of the matter at this stage under the Rules of this Court.
3. The grievance of petitioners is that a huge number of vacancies in Primary Schools are continuing for years together and despite the fact that eligible and suitable candidates are available and there is no obstruction before respondents in any manner yet for sheer inaction or apathy, respondents are not completing process of appointment as a result whereof thousands of Primary Schools are running without Teachers.
4. The right to primary education has been made a fundamental right under the Constitution of India for budding upcoming generation and for accomplishment thereof Parliament has also enacted Right to Education Act, still the basic education department of State of U.P. is showing a total callousness by allowing thousands of vacancies of Teachers in Primary Schools, continuing for years together.
5. In the present case the matter relates to appointment of about 30,000 Teachers in Senior Primary Schools, i.e., the schools imparting education from Class 5 to Class 8.
6. For appointment of 29,333 posts of Assistant Teachers in Senior Basic Schools, process of selection commenced pursuant to Government Order dated 11.07.2013 but till date those vacancies have not been filled in though even counselling has been completed.
7. It is a serious matter when thousands and thousands vacancies of Teachers in Primary Schools, across the State are vacant yet the State Government is not able to fill in those vacancies since a long time, for one or the other reasons and many a times for reasons other than valid consideration.
8. Sri Shailendra, learned counsel for the petitioners, stated that for political reasons respondent-State is indulging in diluting the standard by making amendments in recruitment rules so as to downgrade the requisite qualifications for appointment and with an intention to cover a large chunk of otherwise unsuitable persons for appointment which caused a spate of litigation for the last few years. The ultimate casualty is the primary education in the State and the consequence is that vacancies of Assistant Teachers of several thousands are continuing as a result whereof the young children are being deprived of their fundamental right of primary education for want of Teachers.
9. Learned Standing Counsel attempted to counter the allegation of inaction and apathy on the part of State by stating that due to several sets of litigations, the actual appointments could not be made but the fact remains that department of Basic Education has miserably failed in discharge of its constitutional and statutory functions of ensuring smooth running of Primary Schools in State of U.P. for the last several years. Budgetary allocation to education department is one of the highest in the State yet it has not resulted in improvement of standard of Primary Education and one of the prime reason therefor is non-appointment of Teachers.
10. Be that as it may, at this stage since all preliminaries and other rituals with regard to selection has already completed, as stated at the Bar, I do not find it an occasion to make any further and detail observations on the conduct of respondents, except of placing on record a serious disapproval and condemnation of this Court on such inaction and lethargy as also incompetency on the part of State in so doing. Larger public interest cannot be permitted to sub-serve for otherwise individual or personal interest of State authorities.
11. In the facts and circumstances of the case, the writ petition is disposed of with a direction to respondents-Competent Authority(ies) to complete process of making actual appointments within a period of two months from the date of production of a certified copy of this order before concerned appointing authorities; and, ensure that appointed persons join their respective posts within a further period of fifteen days and primary institutions starts functioning in the next session, i.e., from July, 2014 and onwards, which would be in large public interest.
Order Date :- 29.05.2014
AK
Source : http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=3352934
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UPTET, 72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order
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जूनियर भर्ती का पेड़ हाई कोर्ट की डबल बेँच के 20 नवंबर के आदेश के बाद से sc मे अंतिम साँसे गिन रहा है और इधर टेट 2011 पास कुछ महान आत्माएँ आज के एकल पीठ के विरोधाभासी आदेश से म्रत घोषित हो चुके पेड़ से पके आम का रसास्वादन की कामना मे अपने गुणाँक का आकलन कर रहे है । कर लो भाई आम का सीजन है पता नही कब बरसात हो जाए और स्वाद खराब हो जाए ?
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Zindagi guzar jaye par pyar kam na ho,
.
Yaad hume rakhna chahe pass hum na ho,
.
Qayamat tak chalta rahe pyar ka safar,
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Dua karo Rab se yeh Rishta kabhi khatam na ho... .
मित्रों..
ReplyDeleteगर्मियाँ आ गई है........
बिजली जाना एक आम समस्या है...
जब आपके यहाँ बिजली चली जाए,
गर्मी लग रही हो तो निम्न उपाय करें...
1) बिजली विभाग को जी भर कर कोसें,
गालियाँ दें..
इससे आपके मन को शांति मिलेग़ीं!!
2) दोस्तों को मिस्ड काल और मेसेज करें, वो उठेंगे,
उनकी भी नींद खराब होगी..
इससे आप का दर्द बँट जाएगा,
मन में एक अजब सी खुशी का एहसास होगा!!
3) थोड़ी देर धूप में घूमें, पसीना आएगा..
इससे आप ठंडक महसूस करेंगे!!
4) पड़ोसी के बच्चे को खींच कर थप्पड़ मार दें, लड़ाई
होगी..
इससे 2-3 घंटे आपका मस्त समय व्यतीत होगा!!
और इतनी देर में तो शायद बिजली भी वापस आ
जाएगी....
एक आदमी झूठ बोलने की वजह से काफी मशहूर हो गया .. एक दिन वह किसी दूसरे शहर मे चला गया ... एक अस्सी साल की बूढ़ी औरत को पता चल गया तो डरती हुई आयी और बोली :- बेटा तुम ही दुनिया के सबसे झूठे व्याक्ति हो ना ..... . आदमी बोला :- लोगो की बात को दफा करो , ..... . . मै तो आपको देखकर हैरान रह गया कि इस उम्र मे ये हुस्न ये रंग और ये दिलकशी ... . बूढी औरत :- (शरमाती हुई ) या अल्लाह ! लोग भी कितने जालिम है !! अच्छे भले सच्चे इन्सान को झूठा कहते है ....!!!
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एक चेहरा था, दो आखें थीं ,हम भूल पुरानी कर बैठे,
इक किस्सा जी कर खुद को ही, हम एक कहानी कर बैठे...!
क्या मिला और क्या छूट गया, ये गुना-भाग हम क्या जाने,
हम खुद में जल कर निखरे हैं, कुछ और आग हम क्या जाने,
सांसों का मोल नहीं होता, कोई क्या हम को लौटाए?
जो सीस काट कर हाथ धरे, वो साथ हमारे आ जाए,
कहते हैं लोग हमें "पागल", कहते हैं नादानी की है,
हैं सफल "सयाना" जो जग में, ऐसी नादानी कर बैठे...!
एक चेहरा था, दो आखें थीं, हम भूल पुरानी कर बैठे,
3 जून का आन्दोलन देगा सकारात्मक परिणाम )
ReplyDeleteइस आन्दोलन को पहली बार सरकार गंभीरता से लेगी ।वार्ता पटल हारे हुए सेनापति की भांति आपको अपनी मजबूरियां बता कर आप से ही समय की मांग करेगी और सुप्रीम कोर्ट में सहयोग की विनती करती नजर आएगी ।
ये तभी संभव है जब चारबाग से लेकर विधान सभा तक टेट अभ्यर्थी ही नजर आये ।
संख्या बल के आधार पर ही काउंसिलिंग की डेट तय होगी । अब हमारे और आप के ऊपर है की हमे जॉब कब से करनी है ।
रही बात जूनियर भर्ती की तो सरकार 29334 की भर्ती 12वे संशोधन U P बेसिक एजुकेशन सर्विस रूल 1981 के आधार पर कर सकती है किउकि वही अब अस्तित्व में है ।
जब सरकार इस पद का G O निकला था तो उसमे चयन का आधार में लिखा था की वह नियमावली 1981 के अनुसार होगी । यदि सरकार 15 वे से भर्ती करेगी तो आसवैधानिक और 12वे से करती है तो सुप्रीम कोर्ट में बिना लड़े ही हार जाएगी और पूरानी भर्ती कोर्ट के रहमो करम पर हो जाएगी ।
15वा संशोधन के रद्द होने का कारण मूल भूत अधिकार (समानता का अधिकार) का हनन है । सरकार द्वारा बनाया हर नियम व् कानून उस सीमा तक शून्य है जंहा तक वह मूल भूत अधिकारों का उलंघन करती है। ये संविधान में लिखित है । चाटुकार अधिकारी अल्पज्ञानी सरकारी वकील व् बुद्ध हीन सरकार के बस की बात नहीं है की इस आदेश के बल पर 29334 जूनियर अध्यापको की सीधी भर्ती करा ले
कल जूनियर की भर्ती शुरू कराने की याचिका पर शैलेन्द्र श्रीवास्तव को खड़ा देखकर न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल भी सोच रहे होंगे कि क्या इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सारे वकील जालसाज हो गए हैं ,,, यद्यपि यह पेशे की मजबूरी है लेकिन फिर भी मैं समझ नही पा रहा हूँ कि शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने किस मुँह से 15th संशोधन से शासित नियम से जूनियर भर्ती शुरू कराने की माँग कोर्ट में कर दी जबकि वो हमारे उस केस के वकील हैं जिसमे 15th संशोधन को शून्य घोषित किया गया है ,,,,,यदि कल govt भूषण साहब का आदेश कोर्ट में पेश कर देती तो क्या शैलेन्द्र श्रीवास्तव उसके विरुद्ध बहस करते हुए कहते कि 15th संशोधन को शून्य करना भूषण साहब की विधिक गलती थी ?दलालों के भी कुछ उसूल होते होंगे लेकिन वकीलों का सिर्फ एक ही उसूल होता है,किसी भी तरह रुपया कमाना ....
ReplyDeleteHusband sent a text to his wife at night, "Hi Honey! I will get late, please try and wash all my dirty clothes and make sure you prepare my favorite dish before I return." After a while he sent another text, "And I forgot to tell you that I got an increase in my salary at the end of the month I'm getting you a new car."
ReplyDelete.
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She text back, "OMG really?" Husband replied, "No I just wanted to make sure you got my first message."
1- क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।
ReplyDelete——————-
2- मूर्ख मनुष्य क्रोध को जोर-शोर से प्रकट करता है, किंतु बुद्धिमान शांति से उसे वश में करता है।
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3- क्रोध करने का मतलब है, दूसरों की गलतियों की सजा स्वयं को देना।
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4- जब क्रोध आए तो उसके परिणाम पर विचार करो।
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5- क्रोध से धनी व्यक्ति घृणा और निर्धन तिरस्कार का पात्र होता है।
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6- क्रोध मूर्खता से प्रारम्भ और पश्चाताप पर खत्म होता है।
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7- क्रोध के सिंहासनासीन होने पर बुद्धि वहां से खिसक जाती है।
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8- जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप में नहीं कह सकता, उसी को क्रोध अधिक आता है।
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9- क्रोध मस्तिष्क के दीपक को बुझा देता है। अतः हमें सदैव शांत व स्थिरचित्त रहना चाहिए।
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10- क्रोध से मूढ़ता उत्पन्न होती है, मूढ़ता से स्मृति भ्रांत हो जाती है, स्मृति भ्रांत हो जाने से बुद्धि का नाश हो जाता है और बुद्धि नष्ट होने पर प्राणी स्वयं नष्ट हो जाता है।
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11- क्रोध यमराज है।
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12- क्रोध एक प्रकार का क्षणिक पागलपन है।
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13-क्रोध में की गयी बातें अक्सर अंत में उलटी निकलती हैं।
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14- जो मनुष्य क्रोधी पर क्रोध नहीं करता और क्षमा करता है वह अपनी और क्रोध करने वाले की महासंकट से रक्षा करता है।
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15- सुबह से शाम तक काम करके आदमी उतना नहीं थकता जितना क्रोध या चिन्ता से पल भर में थक जाता है।
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16- क्रोध में हो तो बोलने से पहले दस तक गिनो, अगर ज़्यादा क्रोध में तो सौ तक।
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17- क्रोध क्या हैं ? क्रोध भयावह हैं, क्रोध भयंकर हैं, क्रोध बहरा हैं, क्रोध गूंगा हैं, क्रोध विकलांग है।
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18- क्रोध की फुफकार अहं पर चोट लगने से उठती है।
19- # क्रोधकरना पागलपन हैं, जिससे सत्संकल्पो का विनाश होता है।
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20- क्रोध में विवेक नष्ट हो जाता है।
जय हो....!!!!!
ReplyDelete.
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अपनी भर्ती से सम्बंधित कुछ काम तो मैंने आज कर दिया।
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बाकी की भी तैय्यारी है।
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मैं तो माननीय प्रधानमंत्री जी तक अपनी भर्ती के सम्बंध में अपना निम्नलिखित मैटर pmindia.nic.in पर भेज चुका हूँ और मेरी इस पोस्ट को पढ़ने वाले सभी डियर्स से आशा है कि आप सब भी ऐसा करने का कष्ट करेंगें। साथ ही और भी जितने अधिक से अधिक साथियों तक आप यह संदेश भिजवा सके, भिजवाने का कष्ट करें।
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अगर अपनी तरफ़ से कुछ और जोड़ना चाहे तो यह ध्यान अवश्य रखें कि मैटर के अक्षरों की सीमा १,००० है।
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Aadarniya Pradhaan-mantri Mahoday ke charnon me saadar pranaam!
Mahoday,
U.P. Me 2011 me tatkaalin C.M. Sushri Mayawati ji dwara 72,825 prt padon par bharti nikaali gai thi lekin 20 Nov, 2013 ko maan-niy H.C. Albd dwara 3 mahinon me aur fir S.P dwara matter man-niy S.C. me le jaaye jaane par yehan se bhi 25 March, 2014 ko 12 hafton me (jisaki samay seema aagami 17 June ko poori hone ja rahi hai) humari bharti prakriya poori karne k aadesh diye jaane ke baawzood bhi abhi tak dwesh bhawna se prerit vartmaan C.M Sh. Akhilesh Yadav ji dwara mamla abhi tak latkaya ja raha hai jiske chalte hum sabhi awsaad grast hain aur humare bahut se saathi aatm-hatya jaisa kadam tak utha chuke hain.
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Aapse karbaddh praarthana hai ki hume atishighra nyay dilaakar hume iss dukh bhare jeevan se nikaalne me humaari sahaayata karke humare upar apni kripa drishti banaaye rakhen.
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Hum aapke aajeevan aabhari rahengen.
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Dhanyawaad
hi
ReplyDeleteaap sahi bole dost
ReplyDelete3rd june ko mahaandolan hona hai,aur usk liye aap sabhi ka hona bahu jaroori hai.
ReplyDeletedoston yahan par bahut sare fake id create karke blo par bas tme pass kare hain,par main fake nahin hoon.
ReplyDeleteजूनियर की भर्ती का सपना देखने वालो अगर सरकार ने आपकी काउसलिँग शुरु करवा दी तो आपके डाकयूमेँटस भी जमा हो जायेगेँ।फिर स्टे होना भी निश्चित है।उसके बाद 72825 की काउसलिँग होने लगी तो आप बिना डाकयुमेन्टस के 72825 से बाहर ।उस समय आप क्या इतनी आसानी से अपने डाकयूमेटस बापस ले सकते हो?जब डायट पर सुनने को मिलेगा "आज प्राचार्य नही है शपथ पत्र लाओ आज बडे बाबू नही है आदि आदि।72825 मे सब लाईन साफ है मरजी आपकी किस नौकरी को कानूनी रुप से स्टे फ्री मानते है।
ReplyDeleteजब तक सोये हैं चुप हैं, जो उठे तो आग लगा देंगे ।
ReplyDeleteअबके जो गुस्ताखी की तो , सार पाक जला देंगे ।।
समझ नहीं हमको गीदड़ , हम सिंहों की औलादें हैं ।
अबके युद्ध हुआ तो फिर, तेरी औकात बता देंगे ।।
लखनऊ आन्दोलन मेँ मैँ तभी आउँगा जब आन्दोलन का मुख्य विषय 'सपा सरकार की बर्खास्तगी' का होगा ।
ReplyDeleteमैँ आन्दोलन मेँ तभी आउँगा जब जेल भरो आन्दोलन हो तथा दो-चार बसेँ फूँक दी जाएँ और विधान सभा के सामने सपा नेता को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जाए ।
क्योँकि अब खुद से बढ़कर अपना प्रदेश और देश है , मैँ इन देशद्रोहियोँ से नौकरी की भीख माँगने नहीँ जा सकता ।
spa..saaf..ho...rastrapati...shashan..lagoo...ho..spa..bhrast..hai...esko....desh..se.nikalo..yah..ek..bhee...bharti..karne..k..mood...me..nahi..hai...ye...chahta..ab..tak..all.tet pass. ko..job..mil jaati...rte..ka..hawala..dekar..esk..napaak..erado..ko...rastrapati..pm..sc..hc....sabko...fax..karo..aur..batao..ki..hamara..paisa..khakar...sefai...me...nanga..naach..dekh..raha..hai...esk..karan...kai...tet..pass..ladk..ladkia...aatmhatya...kar..chuk..hai..esko...bharti..rokne..ka.huk..kisne..dea..hai..hai..kis..aukad..ka...saale..ko..sab..milkar..eska..jordar. virodh..karo...
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