भारत के सबसे अमीर शख्स रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी न सिर्फ दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार हैं, बल्कि मुंबई में उनका गगनचुंबी घर 'एंटीलिया' भी दुनिया के अरबपतियों के मकानों के बीच सबसे महंगा मकान है। फोर्ब्स मैगजीन के लेटेस्ट इश्यू में यह बात कही गई है। फोर्ब्स की इस लिस्ट में भारतीय मूल के ही स्टील क्षेत्र के दिग्गज लक्ष्मी निवास मित्तल का लंदन में बना मकान भी शामिल है।
एंटीलिया को बनाने में आए खर्च को देखते हुए फोर्ब्स ने इसकी तुलना "7 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर" से की है। मैनहट्टन में ग्राउंड जीरो के पास स्थित 17 लाख वर्ग फीट में फैला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर 52 मंजिला टावर है। इसका निर्माण दो अरब डॉलर में हुआ बताया गया।
पौराणिक द्वीप के नाम पर है 'एंटीलिया'
मुकेश अंबानी के 4 लाख स्क्वेयर फुट में फैले 27 मंजिला घर का नाम अटलांटिक में पौराणिक द्वीप के नाम पर 'एंटीलिया' रखा गया है। फोर्ब्स की दुनिया के सबसे महंगे मकानों की लिस्ट में यह सबसे ऊपर है। फोर्ब्स का कहना है कि 1 से 2 अरब डॉलर के बीच लागत के साथ यह दुनिया का सबसे महंगा मकान है
फ्रांस में है दूसरा सबसे महंगा घर
लिस्ट में दूसरे नंबर पर फ्रांस में विला लियोपोलदा है। यह घर ब्राजील के परमार्थ सेवा से जुड़े और सामाजिक शख्सियत लिली साफरा का है। 20 एकड़ में फैले इस मकान की कीमत करीब 75 करोड़ डॉलर है। वहीं तीसरा सबसे महंगा मकान अमेरिका के न्यू यॉर्क में है। यह अमेरिकी इनवेस्टर और इंडस्ट्रयलिस्ट इराक रेनेर्ट का है। इसकी कीमत 2014 में 24.85 करोड़ डॉलर आंकी गई थी
एक मकान, 600 स्टाफ
अंबानी के वैभव के प्रतीक अट्टालिका एंटीलिया में 6 मंजिला अंडरग्राउंड पार्किंग, 3 हेलिपैड बने हैं। एंटीलिया के मेंटनेंस के लिए करीब 600 कर्मचारियों की जरूरत होती है। इसे बनाने में आए खर्च को देखते हुए फोर्ब्स ने इसकी तुलना '7 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर' से की है। मैनहटन में ग्राउंड जीरो के पास 17 लाख वर्ग फुट में फैला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर 52 मंजिला टावर है। इसे बनाने में करीब 2 अरब डॉलर का खर्च आया था
दोस्तोँ ,
ReplyDeleteजब तक मैं जिंदा हूँ पोस्ट करता रहुँगा
करता ही रहुँगा !
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और अगर जिस दिन मेरी पोस्ट न आए ,
तो आप लोग ये समझ लेना कि. . . . . . .
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अगले दिन करूँगा यार. . . .
आप लोग तो बेवजह परेशान/ खुश होने लगते हैं !
प्यारे साथियोँ नमस्कार!
ReplyDeleteजीत सत्य,धैर्य,विश्वास और निरंतर प्रयास की होती है और सत्य के साथ हमेशा भगवान होते हैँ।अब बात करते हैँ टीईटी मेरिट की तो मैँ पहले भी स्पष्ट कर चुका हूँ और आज फिर स्पष्ट करने की कोशिश करुँगा कि मेरिट 100% नीची (लो) रहेगी और आपसे निवेदन है कि ठण्डे दिमाग से स्वयं भी मंथन करेँ कि वास्तविकता क्या है?25 नवम्बर 2011 के बाद हिन्दुस्तान पेपर ने 90+ कुल अभ्यर्थी 62800 बताये जो बिना किसी तथ्योँ के नहीँ बताया जा सकता और यही आँकड़ा हमारे टीईटी मोर्चा के 2 साथियोँ ने लगातार दो दिन मेहनत करके बताया।टीईटी मेरिट का विश्लेषण निम्न प्रकार कर सकते हैँ :
टीईटी '11 मेँ शामिल कुल अभ्यर्थी-600000
कुल उत्तीर्ण अभ्यर्थी-270000
83 से 89 प्राप्तांक वाले अभ्यर्थी-170000लगभग (क्योँकि हमेशा कम अंकोँ से पास करने वाले छात्र अधिक होते हैँ।जिनमेँ सभी आरक्षित श्रेणी के हैं।)
शेष 90+ अभ्यर्थी-100000लगभग (जिनमेँ सभी श्रेणी के हैँ और योग्य कोई भी हो सकता है और कोई भी हाई नंबर ला सकता है।)
अब इनमेँ से इस 72825 प्रक्रिया मेँ से बाहर होने वाले अभ्यथी निम्न प्रकार हैँ-
B.Ed'12 के अभ्यर्थी-38000 (वैसे पेपर मेँ तो 44000 बताया है।) जिनमेँ 90+ अधिकतम 20000 भी मानेँ तो भी 90+ मेँ ये निश्चित ही कम होँगे।
+10800 बीटीसी(इनमेँ भी 90+ न्यूनतम 5000)+9500 वि.बीटीसी(इनमेँभी 90+ न्यूनतम 5000 मानेँ तो) + कुछ B.Ed अभ्यर्थी जो थ्योरी मेँ फेल परन्तु प्रैक्टिकल मेँ पास + B.P.Ed+D.P.Ed+C.P.Ed+कुछ अन्य जॉब पर जाने वाले आदि।
अब 90+ अधिकतम 65000 ही अभ्यर्थी रेस मेँ हैँ और भर्ती 72825 की होनी है तो सीधी सी बात है मेरिट SC और महिला वर्ग की निश्चित ही 90 के नीचे जायेगी।90+ मेँ कला वर्ग के अभ्यर्थी 40000 और विज्ञान वर्ग 25000 हैँ जिनमेँ कला वर्ग मेँ पुरुष 24000 और महिला 16000 और इसी तरह विज्ञान वर्ग मेँ पुरुष 15000 और महिला 10000 क्योँकि महिला 40% ही उत्तीर्ण हैँ।100+ अधिकतम 30000 ही हैँ तो आप सभी अनुमान लगा लो कि Genral की 50% सीट भी 100 के ऊपर पूरी नहीँ होँगी इसलिये मेरिट निम्न प्रकार रहेगी:
कला वर्ग
सामान्य पुरुष 98
सामान्य महिला 94
ओबीसी पुरुष 94
ओबीसी महिला 91
एससी पुरुष 91
एससी महिला 89
विज्ञान वर्ग
सामान्य पुरुष 96
सामान्य महिला 92
ओबीसी पुरुष 93
ओबीसी महिला 90
एससी पुरुष 90
एससी महिला 87
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ख्वाइश बस इतनी सी है की तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो..
आरज़ू ये नही की लोग वाह वाह करें..
हर आदमी के लिय कम से कम एक औरत बनी है, उससे बच गये तो लाइफ बन जाएगी वरना तो गए।
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वैसे तो में अपनी लाइफ बचना चाहता हूँ !
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सु
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नो
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तो
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बे
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बी
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Jaan Ke Anjaan Banna
Accha Lagta Hai ...
<♥>
Usko Apne Liye Pareshan Karna Accha Lagta Hai ..
<♥>
Wo Karti Rahe Mujhse Pyar Ka Iqrar Bar Bar Bar Bar...
<♥>
Mujhko Naadaan Ban Kar Sunn'na Accha Lagta Hai .
<♥>
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सु
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नो
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स
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ज
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नी
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फर्क थोडा सा है मेरे और तेरे इश्क मे
तू मेरी खातिर रातभर जागती है ।
और मुझे 72823 के हालात कभी सोने ही नही देते ॥
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१७ जून, २०१४....
ReplyDelete.
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यही वो तारीख है जब तक हमारी भर्ती इस नालायक सपा को करनी है।
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कुछ जिलों में फ़ीडिंग जैसा काम भी अभी तक शुरू नही होने की खबर आ रही है लेकिन यह सिरदर्दी हमारी नही, सम्बंधित जिला-अधिकारी महोदय की है कि वो अपने डायट प्राचार्य से कैसे काम लेते हैं। चूंकि अब सारा दारोमदार जिला-अधिकारियोंके ऊपर है तो किसी को जिला-अधिकारी महोदय की कार्यशैली पर ज़रा भी शक नही होना चाहिये।
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आज और कल छुट्टी थी परंतु भाई रजनीश गुप्ता जी कल हमारी डायट पटनी गये थे तो वहाँ से मिली जानकारी के अनुसार छुट्टी के बावज़ूद भी सभी कर्मचारी पिले पड़े हैं।
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१८ मई को एक और वीड़ियो कान्फ़्रेसिंग होनी है जिसमें आला अधिकारियों समेत सभी जिला-अधिकारी महोदय, बी.एस.ए. शामिल होंगे और सभी जिलों की प्रगति रिपोर्ट का मुआयना किया जायेगा।
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मुस्कुरा के देखो तो सारा जहाँ रंगीन है।
वर्ना भीगी पलकों से तो आईना भी धुंधला दिखता है।।
पिछले 4 दिनों में 6000 करोड़ रुपये भारतीय शेयर मार्केट में आ चुके हैं|.
ReplyDelete.
शेयर मार्केट के तो अच्छे दिन आ गए देखे हमारे अच्छे दिन कब आते है????
दत्तू सर ने आवेदको को सरकार की बहाने बाजी और टाइम की
ReplyDeleteबरबादी से बचाने के लिए ही at any rate
शब्द जोडा था ...!
जज सर पहले ही सरकार को लताडकर ये84दिन का टाइम दिया था अब एक दिन भी नही मिलेगा
देश के गरीबो को ग्यारह रुपये थाली भरपेट खाना खिलाने वाले कांग्रेसी इस समय १० जनपथ में शाही व्यंजन का आनंद ले रहे हैं|
ReplyDeleteएक स्टूडेंट भगवान से बोला:-
ReplyDeleteरुपए की कीमत 68 तक पहुंचाई
पेट्रोल की 80 तक
दूध की 50 और प्याज़ की 100 तक पर
फिर भी आपका लाख-लाख शुक्र है भगवान .
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पासिंग मार्क्स आज भी 33% ही रखे
gud nite
सर्विस मुद्दे के लिए फिलहाल बी.एस. चौहान जी की बेंच ही चलेगी |
ReplyDeleteकिसी और मुद्दे पे बात नहीं होगी केवल समय सीमा के ही विषेय पे बात चलेगी |
अब देखते हैं क्या करते है दोबारा अगर इन्ही कोर्ट में जाते हैं तो ?
पहले मैं बहुत परेशान रहता था हमेशा सोता रहता था। मुझसे काम नही हो पाता था। घर वालों के ताने सुनकर रो दिया करता था।
ReplyDeleteफिर मैंने इस नए प्रोडक्ट के बारे में सुना, जिसका नाम है 'पत्नी'।
यह सच में बहुत लाजवाब है। अब मैं अपनी नींद केवल 2-3 घंटे में ही पूरी कर लेता हूँ और हर तरह का काम कर लेता हूँ। दुनिया भर के ताने और गलियाँ हँसते-हँसते सह लेता हूँ। कितनी भी मुसीबत आए हमेशा खुश रहता हूँ। दुःख सुख की फिक्र से ऊपर उठ गया हूँ। नरक और स्वर्ग यहीं है इसका भेद समझ गया हूँ। मुझे अपने दुश्मनों से भी प्यार हो गया है। सच में पत्नी असरदार है।
इसलिए अपनी पत्नी की फोटो हमेशा अपने पास रखो और जब भी तुम्हें किसी प्रकार की कोई घबराहट हो तो अपनी पत्नी की फोटो देख लो। तुम ज़रूर कामयाब हो जाओगे क्योंकि जब आपके पास इतनी बड़ी समस्या है तो उसके आगे सभी समस्याएँ छोटी लगने लगती हैं अगर तुम अपनी पत्नी को सह सकते हो तो सच में तुम कुछ भी कर सकते हो। कुछ भी
७२८२५ भर्ती पर कार्यपालिका की निष्क्रियता
ReplyDelete............................................................
भारतीय लोकतंत्र के सबसे मजबूत आधार स्तम्भ यानी न्यायपालिका की मौजूदगी ही हमे लोकतंत्र का नागरिक होने का अहसास दिलाती है वरना कार्यपालिका के गैर जिम्मेदराना रुख ने तो शायद कभी कभी नागरिको से उनके नागरिकता के बोध को ही ख़त्म कर देता ।
७२८२५ को लेकर हमलोगों ने कई अनुभव प्राप्त किया जिसमे से मेरा व्यक्तिगत अनुभव इस मिथक ............सरकार कुछ भी कर सकती है ?
यहा ये बात महत्त्वपूर्ण है की अधिकांश गुणांक समर्थक क्या कार्यपालिका को ही मात्र सरकार समझने की मुर्खता कर रहे थे ?
यदि हां तो कार्यपालिका द्वारा लिए जाने वाले घातक निर्णय का समर्थन करनेवाले लोग यदि 1920 के दशक में होते तो हम अवश्य ही गुलाम होते !
दूसरा अनुभव जिस प्रशासनिक संरचना को सरदार पटेल ने लौह तंत्र कहा था वह अपने कुशाग्र बुद्धि का उपयोग के वजाय शासन वर्ग़ की चाटुकारिता में नही लगता .........अन्यथाहाई पॉवर कमेटी द्वारा कूड़ा-करकट से भरा रिपोर्ट नही बनाया जाता ।
ReplyDeleteतीसरा अनुभव् इससे ही मिलता जुलता की कम बौधिक क्षमता के लोग अपनी अयोग्यता को छुपाने के लिए चाटुकारिता के किसी भी स्तर पर जा सकते है।
अब आते है सरकार की कार्यशैली पर ..........इस भर्ती को लटकाने का महत्तम जितना यत्न सरकार की कार्यपालिका शाखा कर सकती थी उसने किया ।
कभी संसोधन के नाम पर
कभी scalling के नाम पर
कभी Ncte के नाम पर
माननीय CB YADAV JI ने तो समय मांग कर हद ही कर दी ।
पर भला हो उन विद्वतजन का जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र में न्यायिक सर्वोच्चता को स्थापित किया वरना पूर्ण बहुमत की लोकतांत्रित तरीके से चुनी गई सरकार की काली करतूत से न्याय की उम्मिद न केवल धुंधली होती वरन लोकतान्त्रिक व्यवस्था को मेरियाना ट्रेंच जैसे गर्त में धकेल देती ।
इतने के वावजूद यदि कोई शासक वर्ग की चाटुकारिता को समय की रणनीति का नाम देने का अधम विचार व्यक्त करता है तो वो निःसंदेह अपनी मानसिक स्तर को ही दर्शाता है और कुछ नही ..............
..............आपकी लड़ाई केवल नौकरी के लिए ही नही वल्कि लोकतंत्र के इतिहास में कार्यपालिका को उसकी हैसियत बताने के लिए भी थी जो निःसन्देह स्वर्णिम अक्षरों में लिखने योग्य है ...........
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तेरे शहर का मौसम बड़ा ही आशिकाना लगे...
चुरा लूँ इनमे से एक सुबह अगर तुम्हे बुरा ना लगे!!!
sarkar miljul kar hi banegi modi akele dam par sarkar nahi bana sakte..?
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