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Monday, September 7, 2015

सातवें वेतन आयोग में 20% तक ही बढ़ोतरी! अधिकतम कार्यकाल 33 साल / Seventh Pay Commission Report Leaked in Some News Papers

सातवें वेतन आयोग में 20% तक ही बढ़ोतरी!  अधिकतम कार्यकाल 33 साल / Seventh Pay Commission Report Leaked in Some News Papers

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नरेंद्र  मोदी सरकार बेरोजगार नोजवानो के लिए राहत लाने की तैयारी में - रिटायरमेंट अधिकतम ३३ वर्ष की सेवा के बाद

मान लीजिये की किसी ने क्लर्क में १८ वर्ष की उम्र में ज्वाइन किया तो उसे अधिकतम ३३ वर्ष सेवा के बाद 51 वर्ष की उम्र में रिटायर होना होगा ।
माना जा रहा है की यह सब सरकारी सेवाओं में युवा बेरोजगारों / बढ़ती हुई युवा वर्क फ़ोर्स को देखते हुए किया जा रहा है ।

नरेंद्र मोदी युवा शक्ति के चाहते हैं , और इस तरह के अनुमान पहले भी लगते रहे हैं ।

इस से पहले मोदी जी ने सरकारी सेवाओं में साक्षात्कार प्रणाली ख़त्म करने की बात कही थी , और सरकारी सेवाओं में लगने वाले डॉक्यूमेंट गजेटेड अधिकारी से अटेस्ट करने  का झमेला ख़त्म करने की बात कही थी ।
वास्तव में इंटरवियु एक घोटाला सिस्टम ज्यादा है , साक्षात्कार में समुचित वीडियो ग्राफी की जानी जरूरी है अगर ये वास्तव में जरूरी है ।
लेकिन साक्षात्कार का खेल चोर दरवाजे से अपने चहेतों को एंट्री दिलवाने का ज्यादा है ।  मोदी जी इस मामले में तारीफ के काबिल हैं

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केंद्रीय कर्मियों को सातवें वेतन आयोग से बड़ा तोहफा मिलने की संभावना नहीं है। वेतन में औसत बढ़ोतरी 15 से 20% के बीच रहने की संभावना है। हालांकि, न्यूनतम मूल वेतन को बढ़ाकर 15 हजार किए जाने के आसार हैं।

सूत्रों के अनुसार, वेतन आयोग अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने में जुटा है। अगले दो महीनों में आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा। ‘हिन्दुस्तान’ को मिली विश्वस्त सूचना के अनुसार, सातवें वेतन आयोग का मानना है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों से मिली शानदार बढ़ोतरी के बाद अब वैसी बढ़ोतरी की गुंजाइश नहीं है। दूसरे, वेतन आयोग एक महत्वपूर्ण सिफारिश यह करने जा रहा है कि सरकारी कार्मिकों का अधिकतम सेवाकाल 33 साल निर्धारित किया जाए।

मतलब यदि कोई कार्मिक 20 साल में सरकारी नौकरी पा जाता है, तो वह 53 साल में सेवानिवृत्त हो जाएगा। बाकी लोगों के लिए सेवानिवृत्त की आयु 60 साल ही रहेगी। इसके अलावा, न्यूनतम मूल वेतन 15 हजार रुपये करने की संभावना है। इससे छोटे कार्मिकों को फायदा होगा। पिछले वेतन आयोग ने इसे 3050 से बढ़ा 7730 रुपये किया था।




सातवें वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारियों के वेतन में संशोधन होना है। सूत्रों के मुताबिक वेतन आयोग सिफारिशों को अंतिम रूप देने में जुटा है। अगले दो महीनों में आयोग अपनी रिपोर्ट सौंप देगा।

रिर्पोर्ट्स के मुताबिक सातवें वेतन आयोग का मानना है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद कर्मचारियों के वेतन में हुई शानदार बढ़ोतरी के बाद अब वैसी वृद्घि की गुंजाइश नहीं है।

वेतन आयोग एक महत्वपूर्ण सिफारिश यह करने जा रहा है। आयोग चाहता है कि सरकारी कर्मचारियों का अधिकतम सेवाकाल 33 साल तय किया जाए। इसका मतलब यह होगा कि यदि कोई कर्मचारी 20 साल में सरकारी नौकरी शुरू करता है तो वह 53 साल की उम्र में रिटायर हो जाएगा। बाकी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्त की आयु 60 साल ही रहेगी।

संभावना जताई जा रही है कि 7वां वेतन आयोग न्यूनतम मूल वेतन 15 हजार रुपए करने की सिफारिश करेगा। ऐसा करने से निचले स्तर के कर्मचारियों को फायदा होगा। पिछले वेतन आयोग ने न्यूनतम मूल वेतन को 3,050 रुपए बढ़ाकर 7,730 रुपए कर दिया था।

ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विस कंपनी डीबीएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक अनुसार सातवें वेतन आयोग का ज्यादातर बोझ अगले वित्त वर्ष (2016-17) के बजट में उठाया जाएगा। डीबीएस का कहना है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर कर्मचारियों के वेतन-भत्तों में 16 प्रतिशत बढ़ोतरी हो सकती है