देना ही होगा टीईटी (No other option exepmtion fot TET Exam , Give TET Exam)
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने टीजीटी डिग्रीधारक बेरोजगारों के टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) में छूट देने के आग्रह को नकार दिया है। टीजीटी डिग्री हासिल करने वाले बेरोजगारों ने शिक्षा मंत्री से टीईटी से छूट देने की मांग की थी। इसके बारे में प्रदेशभर से बैचवाइज भर्ती का इंतजार कर रहे अध्यापक शिक्षा मंत्री से व्यक्तिगत तौर पर मिले थे। शिक्षा मंत्री ईश्वर दास धीमान ने साफ कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए यह फैसला लिया गया है। जिन लोगों ने वर्षो पहले टीजीटी या अन्य डिग्री हासिल की है, उनके लिए आज के समय के अनुरूप चलना जरूरी है। शिक्षा मंत्री का कहना है कि जो अध्यापक टेस्ट पास करने के बाद भर्ती होगा, वह छात्रों को आज की परिस्थितियों के अनुरूप शिक्षा दे सकेगा। इसलिए टीईटी में छूट किसी भी कीमत पर नहीं मिलेगी। इसी माह मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने टीजीटी, भाषा अध्यापकों व शास्त्री के पद के लिए टीचर्स एलीजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) पास करना अनिवार्य किया था। अहम फैसले के अनुसार अब उक्त तीनों वर्गो के अध्यापकों के लिए टीईटी अनिवार्य कर दिया गया था। सीबीएसई सहित गुजरात, राजस्थान व दूसरे राज्य टीईटी को लागू कर चुके हैं। पंजाब इसे लागू करने की तैयारी में है। प्राध्यापक संघ समर्थन में अध्यापक संघ का विरोध टीईटी को लेकर हिमाचल प्रदेश स्कूल प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष अश्वनी कुमार का मानना है कि इससे शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ेगी। वहीं, हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ का मत इससे अलग है। संघ के प्रदेश प्रधान पीआर सांख्यान का कहना है कि भविष्य के लिए तो यह नीति ठीक है, लेकिन इसे उन बेरोजगार अध्यापकों पर लागू करना सही नहीं है, जिन्होंने 20 साल पहले टीजीटी की डिग्री हासिल की है और अब बैचवाइज नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में इस समय वर्ष 1986-87 बैच के टीजीटी आर्ट्स डिग्री होल्डर नियुक्ति के लिए कतार में हैं।
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