टीजीटी भर्ती में घपले की होगी जांच इलाहाबाद, वरिष्ठ संवाददाता First Published:21-02-12 11:28 PM Tweet ई-मेल प्रिंट टिप्पणियॉ: (0) अ+ अ- उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की टीजीटी भर्ती पर भी जांच की आंच आ गई है। पुर्नमूल्यांकनके बाद अंतिम परिणाम में एक बोर्ड सदस्य के पुत्र के सफल होने पर भी सवाल उठे हैं। गड़बड़ी के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। कमेटी एक सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट अध्यक्ष डॉ. आरपी वर्मा को सौंपेगी। अध्यक्ष डॉ. वर्मा ने कहा कि जांच के बाद यदि कोई भी तथ्य प्रकाश में आता है तो दोषी के विरुद्ध सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी। डॉ. वर्मा की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार सामाजिक विज्ञान का प्रथम परिणाम घोषित होने के बाद लिखित परीक्षा के परिणाम में अनुत्तीर्ण कुछ अभ्यर्थियों ने पुर्नमूल्यांकन के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। इन अभ्यर्थियों के आवेदन पर विचार करते हुए आंसर-शीट की फिर से जांच कराई गयीजिसमें कुछ अभ्यर्थी सफल पाए गए थे। बाद में इन अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल किया गया। इनमें से ही कुछ अभ्यर्थी अंतिम परिणाम में सफल रहे हैं। इनमें से एक अभ्यर्थी बोर्ड के सदस्य का पुत्र भीहै। पुर्नमूल्यांकन में पास हुए अभ्यर्थियों का रिजल्ट सार्वजनिक किए जाने संबंधी सवाल के जवाब में डॉ.वर्मा ने बताया कि ये प्रक्रिया पूर्व अध्यक्ष चैनसुख भारतीय के कार्यकाल में हुई थी। इन्ही बिन्दुओं की जांच के लिए तीन सदस्यीयसमिति गठित की गयी है। डॉ. वर्मा ने स्पष्ट किया है कि चयन बोर्ड की परीक्षा में भारत के किसी भी प्रान्त का कोई भी नागरिक प्रशिक्षित स्नातक या प्रवक्ता की परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए स्वतंत्र है। भले ही वह किसी अधिकारी, पदाधिकारी, कर्मचारी या अन्य से संबंधित क्यों न हो। उसे एक सामान्य अभ्यर्थी की तरह अवसर दिया जाता है।
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उफ! ये बेरोजगारी चुनाव के दौरान चर्चाओं के बीच इस बात ने भी गति पकड़ी कि जो भी लोग आचार संहिता जारी रखने की अवधि में सेवायोजन कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करा लेंगे वही लोग बेरोजगारी भत्ता पाएंगे। वहीं यह भी चर्चा है कि लोग टेबलेट कंप्यूटर या लैपटाप पाएंगे। इस बात का जिक्र कई राजनीतिक पार्टियों ने अपने घोषणापत्रों में भी किया है। इन्हीं चर्चाओं के बीच पिछले दस दिन से भारी भीड़ सेवायोजन कार्यालय पर उमड़ रही है। सोमवार को भी लगभग दो हजार लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया। कोई महिला अपनी लड़की के लिए फार्म खरीदने आई थी तो कहीं कुछ अभ्यर्थियों को देखकर अंदाजा लगाना मुश्किल था कि यह अपने लिए फार्म चाहते हैं कि अपने बच्चे के लिए। क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी मनोज कुमार सिंह कहते हैं कि यह वास्तव में अप्रत्याशित घटना ही कही जाएगी। उन्होंने कहा कि जो भी छात्र-छात्राएं आ रहे हैं उनके लिए वेबसाइट से आवेदन करने की बाबत पोस्टर और बैनर लगाए जाएंगे। ऑन लाइन तो नहीं भरेंगे कुछ छात्रों ने कहा कि उन्हें पता तो है कि आनलाइन भर सकते हैं लेकिन वे ऐसा करेंगे नहीं। इसका कारण पूछने पर उनका जवाब था कि भाई एक बार तोवेरिफिकेशन के लिए आना ही पड़ेगा तो फिर क्या फायदा आनलाइन भरने से। उल्लेखनीय है कि अभ्यर्थी 666.2ी6ं8श्नंल्ल.श्र1ॠ पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। अलबत्ता वेरिफिकेशन के लिए उन्हें कार्यालय आना पड़ेगा। वेरिफिकेशन कभी भी कराया जा सकता है। इससे रजिस्ट्रेशन की तिथि पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। वही अनेक छात्राओं को अभी भी जानकारी नहीं है कि आखिर किस वेबसाइट पर जाकर वह आनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। भीड़ के सामने लाचार दिखी पुलिस लगभग आधा दर्जन पुलिस कर्मी हजारों छात्रों को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करते दिखाई पड़े। लाइन फलांग रहे एक छात्र के खिलाफ जब अन्य ने आपत्ति जताई तो पुलिस वाले उसे पकड़कर बाहर ले गए
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टीईटी अंकपत्रों में तकनीकी खामियों से छात्र परेशान वाराणसी। टीईटी परीक्षार्थियों की परेशानी कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है। आज संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय द्वारा सैकड़ों छात्रों का अंकपत्र वितरित किया गया। छात्रों का कहना है कि दर्जनों छात्रों के अंकपत्रों में तकनीकी खामियां हैं। इसे ठीक कराने के लिए छात्रों को फिर इलाहाबाद तक चक्कर लगाना पड़ेगा। छात्र जयप्रकाश मिश्र के अंकपत्र में उसके नाम के आगे केएफई अंकित है। वह खुद नहीं समझपा रहा है कि यह क्यों अंकित है। इतना ही नहीं उसके पिता काशीनाथ मिश्रा का नाम भी अंग्रेजी में गलत अंकित है। मिश्रा में एच शब्द गायब हैं। इस तरह की तकनीकी समस्या सिर्फ एक छात्र के साथ नहीं है। इस तरह की तकनीकी खामी दर्जनों छात्रों के अंकपत्रों में पायी गयी है। इसे लेकर छात्र परेशान हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में स्पष्टीकरण इलाहाबाद कार्यालय ही दे सकता है
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रद न हो टीईटी परीक्षाफल यूपी टीईटी संघषर् समिति की मांग वाराणसी (एसएनबी)। यूपी टीईटी संघर्ष समिति की बैठक में मंगलवार को छात्रों ने सरकार से अपील की है कि किसी भी सूरत में टीईटी परीक्षा परिणाम रद नहीं किया जाना चाहिए। अब तक यही बात सामने आयी है कि कुल मिलाकर 800 के आसपास ही दागी छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। इसकी भी पुष्टि की जानी है। इसके लिए दो लाख 70 हजार उत्तीर्ण छात्रों की किस्मत से खिलवाड़ करना न्यायसंगत नहीं होगा। संघर्ष समिति के अध्यक्षइन्द्रजीत पटेल और उपाध्यक्ष शिवनारायण वर्मा ने कहा कि कोई दागी छात्र किस तरह परीक्षा में सफल हुआ। उसके लिए कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं। इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चयन का आधार प्रतिभा ही होनी चाहिए। प्रदेश में पहली बार आयोजित परीक्षाआरंभ से ही विवादों के घेरे मे रही है। छात्रों का आरोप है कि उनका हर तरह से मानसिक, आर्थिक और सामाजिक शोषण किया गया। कभी आवेदन-पत्र को लेकर परेशानी तो कभी प्रवेश पत्र और परीक्षाकेन्द्र को लेकर विवाद । हर विवाद में छात्रों का ही शोषण किया गया। सबको मालुम है कि लगभग 13 लाख छात्रों ने टीईटी परीक्षा दी । उसके बाद दो लाख 70 हजार छात्रों को उत्तीर्ण घोषित किया गया है। अब एक नई जानकारी सामने आ रही है कि फर्जीबाड़ा व घोटाले को लेकर कुछ लोग अदालत में जाकर टीईटी परीक्षा को ही रद कराना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि घोटाले की जांच हो। दोषियों को फांसी पर लटका दे सीबीआई लेकिन इसकी सजा निदरेष छात्रों को नहीं दिया जाना चाहिए। संघर्ष समिति के सदस्यों का कहना है कि नियमत: जब किसी परीक्षा के घोषित परीक्षाफल में बीस फीसदी स् अधिक छात्र दागी पाये जाते हैं , तब परीक्षा रद करने की मांग उठती है। सरकारी एजेंसियों का आकलन है कि टीईटी परीक्षा के कुल दागी छात्रों की संख्या 800 से एक हजार के बीच ही हो सकती है। यह संख्या कुल् सफल छात्रों के बीस फीसदी से बहुत कम है। लिहाजा अदालत को भी उत्तीर्ण छात्रों के भविष्य से सहानुभूति रखनी चाहिए। संघर्ष समिति के अधिकारियों ने प्रदेश भर के उत्तीर्ण छात्रों से अपील की है कि वह अपने करियर की रक्षा के लिए एकजुट हों। यदि छात्र अपनी न्यायसंगत बात उठाने में विफल रह गये तो उन्हें इसकी भार कीमत चुकानी पड़ सकती है। टीईटी अंकपत्रों में तकनीकी खामियों से छात्र परेशान वाराणसी।
By . on About TET Unions All Over UP on 2/22/12
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हटेंगी प्रभा, दूसरे सचिव की नियुक्ति तय इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद कीसचिव प्रभा त्रिपाठी का टीईटी घोटालेमें नाम आने और हाईकोर्ट में गिरफ्तारी से बचने के लिए याचिका दायर करने के बाद उनका इस पद से हटना तय माना जा रहा है। यही कारण है कि यूपी बोर्ड का अगला सचिव कौन होगा, यूपी बोर्ड दफ्तर में इस बात की चर्चा जोरों पर है। सचिव के पद पर कई नाम भी चर्चा में भी आ गए हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभापति संजय मोहन के गिरफ्तार होने के बाद सचिव गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट पहुंच गई हैं। इस मामले की एक सुनवाई भी हो चुकी है, जिसमें हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है।कोर्ट ने सरकार से टीईटी घोटाले में अब तक हुई जांच की प्रगति के बारे मेंराज्य सरकार को जानकारी देने को कहा है। मामले की सुनवाई 24 फरवरी को होगी। ऐसे में यह मामला अभी लंबा चलेगा। सचिव प्रभा त्रिपाठी इस बीच गिरफ्तार भी हो सकती हैं। वह एक सप्ताह से अधिक समय से कार्यालय भी नहीं आ रही हैं। यही कारण है कि 16 मार्च से प्रदेश में प्रस्तावित यूपीबोर्ड की परीक्षा तैयारियां प्रभावित होने लगी हैं। सचिव का कार्यभार भी अभी किसी के पास नहीं है। ऐसे में बोर्ड परीक्षा से संबंधित कई निर्णय फंसे हुए हैं। ज्ञातव्य है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा में शुरू से ही विवाद और गड़बडि़यों के बाद कहीं बोर्ड परीक्षा में फजीहत न हो जाए इस बात कोलेकर शासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। सूत्रों के मुताबिक शासन इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता। यही कारण है कि शासन माध्यमिकशिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों के नामों पर सहमत भी हो गया है, पर अभी अंतिम मुहर नहीं लगी है। शासन इस बात पर विचार कर रहा है कि अब बोर्ड परीक्षा में कम समय बचा है। ऐसे में किसी ऐसे व्यक्ति को सचिव के पद पर नियुक्त करना, जोकि बोर्ड के कामों कीबारीकियों से परिचित न हो कतई नहीं चाहेगा। यही कारण है कि बोर्ड के एक अपर सचिव स्तर के अधिकारी को सचिव बनाए जाने पर सर्वाधिक चर्चा है।
वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की सचिव प्रभा त्रिपाठी का टीईटी घोटाले में नाम आने और हाईकोर्ट में गिरफ्तारी से बचने के लिए याचिका दायर करने के बाद इस पद से हटना तय माना जा रहा है। अगला सचिव कौन होगा, यूपी बोर्ड दफ्तर में इस बात की चर्चा जोरों पर है। बोर्ड के सभापति संजय मोहन के गिरफ्तार होने के बाद सचिव प्रभा त्रिपाठी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट पहुंच गई हैं। इस मामले की एक सुनवाई हो चुकी है, जिसमें हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने सरकार से टीईटी घोटाले में अब तक हुई जांच की प्रगति के बारे में जानकारी देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी। ऐसे में यह मामला अभी लंबा चलेगा। सचिव प्रभा त्रिपाठी एक सप्ताह से अधिक समय से कार्यालय भी नहीं आ रही हैं। सचिव का कार्यभार भी अभी किसी के पास नहीं है। शासन इस बात पर विचार कर रहा है कि किसी ऐसे अधिकारी को सचिव के पद पर नियुक्त किया जाए जो बोर्ड, खासकर परीक्षा संबंधी कार्यो की बारीकियों से परिचित हो। संभावना है कि बोर्ड के अपर सचिव स्तर के किसी अधिकारी को सचिव पद का दायित्व सौंपा जाएगा।
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Muskan ji maan lijije agr bharti acadmic se ho to kya fir se form nikaala jayega ya fir isi form se kaam chal jayega....kyuki bahut se log jo 125 se upar no. Paye hai keval 5 jilo me ho avedan kiye hai....pls tell me....
ReplyDeleteAZAMGARH MANDAL KA CERTIFICATE KAB SE VITARIT HOGA? YADI KISI KO PATA HO TO PLZ INFORM KARE. AJIT KUMAR , BALLIA,
ReplyDeleteMOB. NO. 9026736565
AZAMGARH MANDAL KA CERTIFICATE KAB SE VITARIT HOGA? YADI KISI KO PATA HO TO PLZ INFORM KARE. AJIT KUMAR , BALLIA,
ReplyDeleteMOB. NO. 9026736565
see uptet qualified meeting lucknow at youtube
ReplyDeletemayawati ko gyapan diya agra walo ne ki nhi ?????????????????????????
ReplyDeleteAMBEDKAR NAGAR UPTET UTTRIN MORCHA
ReplyDeleteAmbedkar Nagar me Akbar pur me SHIV BABA pe TET Uttrin abyarthiyo ki ek meeting 24-02-2012 din Friday ko dopher 12 bje rakhi gyi hai. App sabhi TET Uttrin Abyarthiyo ki upasthiti prathniye hai.
Devender 9452247979
समझ मे नही आता कि
ReplyDeleteकौन सी परीक्षा दिया
जाये ।
अभी तक तो सोच रहे
थे कि TET नही तो TGT सही पर अब तो इस पर
से भी भरोसा उठ गया है ।
टी.ई.टी उत्तीर्ण साथियों के लिये
ReplyDeleteहोंगे कामयाब
होंगे कामयाब
होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन
हम चलेंगे साथ-साथ
डाल हाथों में हाथ
हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन
मन में है विश्वास पूरा है विश्वास
हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन
होंगी शांति चारो ओर
होंगी शांति चारो ओर
होंगी शांति चारो ओर एक दिन
मन में है विश्वास पूरा है विश्वास
होंगी शांति चारो ओर एक दिन
-गिरिजा कुमार माथुर
साथियों अब यही समय है कि हम साथ साथ रहें। हमारी एकता शायद कुछ लोगों को रास नही आ रही है है इस लिये हमारा आत्मविश्वास तोडने के लिये तरह तरह के उपाय किये जा रहे हैं। परन्तु ये समय वो है जब हमको धीरज के साथ अपना लक्ष्य प्राप्त करना है।आज हम जिस नौकरी के लिये आशा लगाये है उसमे सदा से यही होता आ रहा है । जिसके उपर नेताओं और अधिकारियों की क्षत्रछाया नही है उसको सताया गया है।
ReplyDeleteशुरुआत हम वहा से करना चाह रहे हैं जब बेसिक शिक्षा परिषद का गठन हुआ मतलब सन १९७२ में ये वो समय था जब प्राइवेट स्कूल मे बी.टी.सी. का प्रशिक्षण कराया जाता था। इस तरह से तत्कालीन सरकार नें इतने प्रशिक्षु बेरोजगार पैदा कर दिये कि पन्द्रह वर्षो तक लोग नौकरी की आशा लगाये बूढे हो चले लेकिन जो बहुबलियों की क्षत्र छाया में था उसकी नियुक्ति बिना किसी नियम कायदे के हो जाया करती थी।
थोडा समय बदला बी.टी.सी. प्रशिक्षण नार्मल स्कूल व डायट के हवाले कर दी गयी जो पूर्णतय: सरकरी होते है। कुछ सालों तक ठीक रहा फ़िर बी.जे.पी. की दूरगामी सोच नें बेसिक शिक्षा में बी.एड. डिग्री धारकों को जगह दी जो कि एक अपने आप में इतिहास था। परन्तु तत्कालीन सरकार के सिर पर शायद मन्थरा जी का साया पडने से उन्होनें इस कैडर को ही खत्म करने का फ़ैसला कर लिया। और शिक्षा मित्रों की नियुक्ति का शाशनादेश ज़ारी कर दिया । फ़िर इससे भी नही मन भरा तो उन्होने हमारे स्कूल को उसके फ़र्नीचर को यहा तक की विद्यालय के परिसर मे जो भी पेड पौधे थे उनको भी ग्राम पन्चायत के हवाले कर दिया। हमारे शिक्षक बन्धु बेचारे अपने पावना प्रपत्र मतलब जिससे वेतन आर्हित होता है उसमे जब ग्राम प्रधान से हस्ताक्षर कराने जाते थे तो तमाम तरह के तांने सुनने पडते थे । जो शिक्षक शहर के थे उनका तो बहुत बुरा हाल किया जाता था और शिक्षिकाओं को तो और भी समस्यायों का सामना करना पडता था ।
इन नेताओं को बेसिक के शिक्षकों से इतनी नफ़रत हुआ करती थी कि ये किसी स्कूल में निरीक्षण के लिये जाते थे तो वहा पर आतंक फ़ैलाना नही भूलते थे। इसका परिणाम हुआ कि ये लोग दस बारह साल के लिये सत्ता से बहर हुये और अब फ़िर वही आतंक फ़ैलाने का ख्वाब देख रहे है।
२००३ मे स.पा. की सरकार आयी उन्होने हर विद्यालय मे दो-दो शिक्षा मित्र कर दिये क्योकि ज्यादातर जनपद के हर जिले का ग्राम प्रधान इनका कार्यकर्ता था और ये सब शिक्षा मित्र उन्ही के अपने व्यक्ति थे जो कि येन केन प्रकेण प्रधान अध्यापक को डरा धमका कर अपना काम निकलवा लेते है।
बी.टी.सी.२००१ के इतने बडे घोटाले के बाद अधिकारियों की प्रवेश परिक्षा कराने की हिम्मत भी खतम हो गयी ये तो आप सभी जानते होगे कि उसमे बेसिक के तत्कालीन निदेशक शरदिन्दु जी बर्खास्त कर दिये गये थे। परन्तु अपने साथ साथ वो कुछ मासूम लोगों की किस्मत तो खा गये। फ़िर कुछ नियुक्तियों का दौर रहा एकडमिक से मेरिट बनने के कारण कुछ शिक्षा माफ़िआयों का धन्धा खूब फ़ला फ़ूला प्राईवेट कालेज वाले भी बी.एड. करा करा कर धन कुबेर हुये।
एक वर्ष पूर्व शिक्षा मित्रों ने भी नियमित होने के लिये आन्दोलन छेडा सरकार झुकी शासनादेश आया कि सिर्फ़ ग्रेजुयेट की नियमित किये जायेगे। इन१.८४ लाख मे शायद ३०% की सेवा के पूर्व स्नातक थे परन्तु इस रावण राज ने नौकरी के साथ साथ स्नातक किये हुयों के अभिलेख बदल कर उनको प्रशिक्षण दिलाने लगे।
दोस्तों क्या ये हमारे हक पर डाका नही? इनको नियमित करना है ये तो समाजवदी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में साफ़ साफ़ एलान कर दिया है। शायद कार्मिक विभाग ने भी इन्ही के कारण मात्र ७२००० पदों को स्वीकृत किया था वरना बेसिक शिक्षा विभाग के प्राईमरी विद्यालयों मे शिक्षकों की संख्या नगण्य के बराबर है।
साथियों हम जिस विभाग मे सेवा करने जा रहे है उसका ये थोडा बहुत इतिहास है। हमको इस रावणो की सेना से टकराना है संजय मोहन भी इस रावण सेना के नुमाइन्दे है ये परम्परा हमको तोडना है न्याय लेना है । चाहे जो सरकार बने चाहे जो नौकरशाही हो हमको न्याय ले कर रहना है समय बदलता है चेहरे बदलते है पर कुकर्म एक जैसे होते है ।हमको इन्ही से पन्गा लेना है मेरी सबसे ये गुज़ारिश है अपनी एकता को टूटने ना दें और अपनी पिछली पीढी की तरह इनका शिकार न हो ये सब पुरानी पीढी पर अत्याचार करके वैम्पायर हो चुके है।
बाकी जै हिन्द जै भारत
Muskan ji agr aap ke paas ctet upper ka Hindi first ka answer ho to jaarai kare
ReplyDelete~BREAKING NEWS~
ReplyDeleteKuch log bata rahe hein ki kal hone wale CASE ki sunvayi 12 MARCH tak badha di hei......
PLEASE MUSKAN ji ya others confirm kerein!....
REALY SOCKING......
kya koi rule aisa nahi hai jo in sichamitro ko bagair degree ke nokri pane ko roka ja ske inka noukri pana hamare haq pe daka hai ham logo ko is ka virodh karna chahiae hi re vote ki rajniti
ReplyDeleteUptet utreen sayukat sangathan morcha dist.BIJNOR
ReplyDelete24feb. Friday ko ek vishal tet( jan) sabha chandpur devi mandir mai hogi.jisme sabhi gairls and boys apna kartabya samanjhkar sabha mai pahauche time 3 pm
nivedak samast tet utreen(bijnor)
contect-
ajab singh badera
8430472461
9627934284
chaturbhuj pandey chandpur 9058492493
arwind noorpur
9719333779
surendar bijnor
9557475363
neeraj bijnor
8126637292
@ dr amit agrahari
ReplyDeleteplz aap director basik se soochana ke adhikar se puche ki
name:mod.atik assistent teacher kurauli block hasanganj disst unnao
2001 batch ke b.t.c. paas out ki dob 12/05/1983 kaise hai jablki us time vigyapan ke anusar 19 varsh complete hona chahiye
http://bed.up.nic.in/page1.htm
ye suchana adhikari ka pata hai
@Shreyaji,
ReplyDeleteAapka sabhee prashn published aur abhee mere paas javab nahin hai.
Ho sakta hai kee koi blog visitor aapke javab de de.
Tab tak wait n watch.
Apply follow up of Comments.
मुस्कान जी ये सारे प्रश्न मैने उनसे पूछे है जो टी.ई.टी. परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे है। वो लोग आज ही क्यों पिछले 39 साल में हुई धांधलगर्दी में शामिल लोगो को सज़ा क्यो नही दिलाते हैं। कितनी सरकारे बदल चुकी कितने अधिकारी आये और गये लेकिन जिनके साथ नाइंसाफ़ी हुई उनका क्या हुआ किसी ने सोचा । आज जब हमारे बच्चे मतलब नई पीढी जो कि बहुत बहुत पढी लिखी और समझदार है ये लोग उनकी जिन्दगी तबाह करने पर अमादा है । हमारे पुराने शिक्षक बन्धुओं के साथ अत्याचार हुआ था भले ही उन्होनें ये सब चुपचाप सहन किया हो लेकिन हम अपनी नई पीढी से तो इस भ्रस्टाचार के खिलाफ़ आवाज़ उठाने की आशा तो कर ही सकते है ना। यही ज़मीनी हकीकत है ये संघर्ष की शुरुआत है । मुझको ये लगता है कि आज जो भी लोग परीक्षा को रद्द कराने की सोच रहे है उनको शायद आप लोगो से डर लगने लगा हो । आपने जो परीक्षा में धांधली देखी या सुनी है वो सिर्फ़्र भ्रस्टाचार के पेड का फल मात्र है इसकी बहुत गहरी और मजबूत हैं। क्या आपको तब बुरा नही लगेगा जब आप नियुक्ति के बाद सेवा पंजिका बनवाने के लिये जायेगे तो बिना सुविधाशुल्क के वो पूरी नही की जायेगी। मान लो आप 21-22 साल की लडकी आपकी हों और आपकी पोस्टिंग आपके घर से 40-50 किमी किसी गांव मे हो आपके प्राईमरी विद्यालय का समय 9:30 से 4:30 हो और वहा शाम को 3 के बाद कनवेंस ना मिलते हो आपका प्रधानाध्यापक 10 मि. पहले भी ना आपको जाने दे और शिक्षामित्र महोदय रोज कोइ न कोइ बहाना बना कर चार कदम दूर से भी न स्कूल आते हो तब आपको कैसा लगेगा?
ReplyDeleteजब आप प्रधानाध्याक हो जाये तब आपको स्कूल का भवन बनवाने का आर्डर मिले और जो पैसे आपके खाते में आये उनकी बन्दर बांट करने को कहा जाये तब मजबूर हो कर आप स्कूल की दीवारें और शायद छत भी कमज़ोर करा दे लेकिन कुछ समय बाद उसी बिल्डिग के गिर जाने से कुछ कैजुअल्टी हो जाये तो जेल शायद आप ही जाये। आप इसका विरोध करे तो शायद श्री विश्राम प्राधानाध्यापक प्रा. विद्यालय करसेमऊ ब्लाक हसनगंज की तरह स्कूल मे ही आपके हाथ पकड कर आपके मुंह मे जहर डाल दिया जाये। आप रिटायर हो तब आपका फ़ंड व पेंशन लेने के लिये आपको अदालत का दरवाजा खट्खटाना पडे। यदि आपकी आकस्मिक मृत्यु होती है वो आपके वारिस को नौकरी पाने के लिये कितना शोषण झेलना पडता है आपको नही मलूम ।
दोस्तों मै सिर्फ़ यही कहना चाहती हूं आज जो ज़ज़्बा आपके दिलों मे है उसको अपनी उम्र के 62 सालों तक बनाये रखना तब ही इस भ्रस्टाचार के वृक्ष को हम जड के उखाड सकते हैं।