टीईटी : कई और अधिकारी निशाने पर
-शासन स्तर के अधिकारियों तक पहुंचेगी जांच की आंच
लखनऊ, जाब्यू : राज्य अध्यापक पात्रता परीक्षा में पैसे लेकर अभ्यर्थियों को पास कराने के मामले में तत्कालीन निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी के बाद विभाग के कई अन्य अफसरों की भूमिका की भी जांच-पड़ताल की जा रही है। जांच की आंच कई उन अन्य अफसरों को भी झुलसा सकती है जो परीक्षा की प्रक्रिया में सीधे तौर पर शामिल थे। उनसे कभी भी पूछताछ की जा सकती है।
टीईटी मामले में संजय मोहन की गिरफ्तारी के बाद शिक्षा विभाग के अफसरों को सांप सूंघ गया है। अधिकारी इस मसले पर बात करने से बच रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अभियुक्तों से पूछताछ में एसटीएफ को कई और अफसरों को बारे में जानकारी मिली है। अब वह ऐसे अधिकारियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पूरे प्रकरण का पर्दाफाश होने के बाद यह तथ्य भी अहम हो गया है कि किस दबाव में यूपी बोर्ड ने परीक्षा कराने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली।
गौरतलब है यूपी बोर्ड पहले इस परीक्षा के आयोजन के लिए तैयार नहीं था। तत्कालीन शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र ने इस परीक्षा के आयोजन की सहमति इसलिए नहीं दी थी कि इससे बोर्ड परीक्षा की तैयारियों को नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि बाद में इसके लिए रजामंदी दे गई थी।
सूत्रों के अनुसार एसटीएफ ने इस मामले में अब तक बहुत ठोस ढंग से कदम उठाए हैं। दिसंबर माह में जब पहली बार अभियुक्त पकड़े गए थे, तब से इस मामले से जुड़े अन्य अभियुक्तों पर नजर रखी गई और पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद ही उन्हें पकड़ा गया। एसटीएफ के अधिकारी संजय मोहन से भी इस बारे में कई बार पूछताछ कर चुके थे और फरवरी माह में उनकी गिरफ्तारी की फैसला किया गया। संजय मोहन माध्यमिक शिक्षा परिषद के चेयरमैन के रूप में इस परीक्षा से सीधे जुड़े हुए थे हालांकि इसके आयोजन की जिम्मेदारी इलाहाबाद स्थित यूपी बोर्ड के कार्यालय पर थी। कापियां जांचने से लेकर परिणाम तक के सारे निर्णय वहीं हुए थे। सूत्रों के अनुसार अब जिन अधिकारियों पर निगाह है उनमें शिक्षा निदेशालय, यूपी बोर्ड के साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग के भी कुछ अधिकारी शामिल हैं। एसटीएफ संजय मोहन के उन करीबी अफसरों पर भी ध्यान केंद्रित किए हुए है जो परीक्षा प्रक्रिया से तो नहीं जुड़े थे लेकिन अभियान का हिस्सा थे।
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सीपी तिवारी नये शिक्षा निदेशक
राज्य सरकार ने आईएएस सीपी तिवारी को माध्यमिक शिक्षा विभाग का नया निदेशक बना दिया है। इससे पहले बुधवार को संजय मोहन को निलंबित किये जाने के बाद इस पद की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश कनौजिया को सौंपी गई थी। लेकिन एक दिन बाद ही दिनेश कनौजिया से चार्ज लेकर तिवारी को नियुक्त कर दिया गया।
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पल्ला झाड़ रहे बोर्ड के अधिकारी
इलाहाबाद : बहुचर्चित शिक्षक पात्रता परीक्षा घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद यूपी बोर्ड के अधिकारी टीईटी से पल्ला झाड़ रहे हैं। टीईटी की चर्चा करना ही उन्हें नागवार गुजर रहा है। कहा जा रहा है कि टीईटी का माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय से कोई लेना-देना नहीं है। सारे निर्णय शासन, निदेशक व सचिव स्तर पर लिए गए हैं। सारे गोपनीय कार्य सचिव स्तर पर हुए। लिहाजा टीईटी में क्या हुए उन्हें नहीं पता। माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी के दूसरे दिन भी यूपी बोर्ड मुख्यालय में सन्नाटा पसरा रहा। फिलहाल गुरुवार को भी माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी नदारद रहीं। पूछने पर पता चला कि लखनऊ हाईकोर्ट में किसी मामले की सुनवाई है। उसी में गई हुई हैं।
News : Jagran (9.2.12)
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ReplyDeletePpl Beware from ILL-Minded,
ReplyDeleteBefore Giving Money to them.
Do you believe - TET Fail Morcha (TFM)
What they are Going to Do.
Can anybody make Gunda Morcha, Chor Morcha, Criminal Morcha etc.
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Their Ethiks (Netik Shiksha ) is Low and may looted money.
If they demand that Culprits should be punish, give good rules, good thoughts. (Then Blog can think of their comments)
Their Ideology is Harmful to Society.
What they will do with Money, And Can You Trust on Such People.
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ReplyDeleteIf you people are Intelligent enough and passed TET honestly then I felt you people will Write -
ReplyDeleteComments properly.
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Only those who are inefficient & unable to express themselvs, writes criminal like comments.
Their Mind shows - They are harmful to society and what is their Right Place of Working.
Can they teach - Childrens OR
May do - Darindgee / Ghinonapan.
Muskan ji ap jo kaam kar rahi hai wo bilkul sahi hai.aur ye sab gande comment jo log derahe hai wo jan bujh ke derahe...kuch log jo fail ho kar pahale ro chuke hai wo hamlog ki halat pe hass rahe hai.unhe koi sharm nahi rah gayi hai.besharmo jaise fail hone ka morcha tak bana liye.pata nahi ye B.ed kaise kaha se kiye thhe...ye bhi baat nishchit hai ki jo student ye wala exam pass nahi kar paya jo class 5th standrd ka tha wo aage bhi kabhi pass nahi kar payenge...agar aisi mansikta rakhenge...jo log fail hone ke baad hard work kar rahe honge wo next TET me jarur pass honge class 6th to 8th wale me...TET ko toh hona hi hai isko pass kiye bina teacher banana asambhav hai.chahe jiski bhi sarkar bane...
ReplyDelete@ V.K.YADAV ji
ReplyDelete(February 9, 2012 8:32 PM)
Thanx for sharing dis news,
TGT case:doshiyo par karyawai ka aadesh-ALLAHABAD HC
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_8874294.html
COURT's JUDGEMENT of SAME CASE:
Case :- WRIT - A No. - 61659 of 2010
Petitioner :- Ranjeet Kumar Singh And Others
..........
.........
(v) Petitioners shall be entitled to cost which I quantify to Rs. 10,000/- for each set of writ petition against U.P. Secondary Education Service Selection Board.
(vi) Selection Board, respondent no. 2, is directed to find out the person(s) responsible for committing the aforesaid errors/ mistakes/ blunders in setting of question papers with multiple choice answers and to take appropriate action against them in accordance with law......
...
http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1679016
@Muskanji
ReplyDeleteu r right.these people creating and enchanting more tense for us.we r already in trouble.so plz block them.we need support now of our tet passed group.whan will our time change?pray to that mighty GOD.
टीईटी के समर्थन में उतरे सफल अभ्यर्थी
ReplyDeleteFeb 09, 09:49 pm
बताएं
वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा में धांधली के आरोप में भले ही माध्यमिक शिक्षा परिषद केसभापति संजय मोहन गिरफ्तार हो गए हों,कई और अधिकारी जांच के दायरे में हों पर टीईटी में सफल अभ्यर्थी किसी भी हालत में इसे रद नहीं होने देना चाहते। यही कारण है कि टीईटी पास अभ्यर्थियों ने लामबंदी तेज कर दी है। अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कियदि टीईटी निरस्त की गई तो पांच लाख छात्र सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे। फिलहाल लाखों वोट देख टीईटी पर राजनीति भी शुरू हो गई है।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने टीईटी अभ्यर्थियों के साथ न्याय होने और टीईटी को मेरिट का आधार न बनाए जाने का आश्वासन दिया है तो वहीं दूसरी बसपा ने भी इसे अंजाम तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है। गुरुवार को टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने बसपा की रैली में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर टीईटी को किसी भी हालत में निरस्त न करने का अनुरोध किया। अभ्यर्थियों काकहना है कि कुछ विरोधी पार्टियां व असामाजिक तत्व टीईटी चयन प्रक्रिया के बारे में भ्रम फैला रहे हैं।
टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष विवेकानंद ने कहा कि इस परीक्षा में आठ लाख से अधिक अभ्यर्थीफेल हो गए हैं। यही अभ्यर्थी परीक्षाको निरस्त कराकर फिर से मौका हासिल करना चाहते हैं। यही कारण है कि तरह-तरह के भ्रम व आरोप लगाए जा रहे हैं। महामंत्री प्रियंका साहू का कहना है कि अगर दोबारा परीक्षा कराई गई तो भी क्या गारंटी कि परीक्षा की शुचिता बरकरार रहेगी। परीक्षा कराने से बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिलेगा, यह उनके साथ अन्यायहोगा।
दूसरी तरफ टीईटी में असफल अभ्यर्थी इस परीक्षा में धांधली और भ्रष्टाचारका आरोप लगाकर इस परीक्षा को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं
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ReplyDeleteशुरू से ही दागदार रहा यूपी बोर्ड का दामन
ReplyDeleteFeb 09, 08:31 pm
बताएं
वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : किसी जमाने में प्रतिष्ठा के शिखर पर रहे उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की फजीहत अब किसी से छिपी नहींहै। स्वायत्तता खत्म होने के बाद विश्व की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था माध्यमिक शिक्षा परिषद सरकार की जेबीसंस्था के रूप में तब्दील हो गई है। स्थिति यह हो गई है कि परिषद के सभापति व सचिव सारी शक्तियों का अनंतिम उपयोग कर रहे हैं। यही कारण है कि पिछले तीन दशकों में परीक्षा केंद्रों के निर्धारण, वित्तविहीन विद्यालयों की मान्यता, मूल्यांकन केंद्रों व उसकी व्यवस्था आदेशों आदिमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार जारी है।
1984 से पूर्व माध्यमिक शिक्षा परिषद एक लोकतांत्रिक व स्वायत्तशासी संस्था के रूप में कार्य कर रही थी। इसके 72 सदस्यीय बोर्ड में 32 निर्वाचित सदस्य, 31 नामित सदस्य व शेष पदेन सदस्यों की व्यवस्था थी। बोर्ड में शिक्षकों की सहभागिता और प्रतिनिधित्व के उद्देश्य से 12 प्रधानाचार्यो व 12 शिक्षक सदस्यों का प्रदेश के विभिन्नमंडलों से माध्यमिक शिक्षकों द्वारा निर्वाचित किए जाने का प्राविधान था।1984 की बोर्ड परीक्षा में बड़े स्तरपर भ्रष्टाचार व व्यवधान के कारण 1985 में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश पीएन हरकौली की एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया। जांच आयोग ने केंद्र निर्धारण, प्रकाशनों के मुद्रण, मूल्यांकन, जानबूझकर बड़ी संख्या में परीक्षाफल अपूर्ण रखने आदि से संबंधित भ्रष्टाचार को उजागर किया था। आयोग ने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। आयोग ने जांच रिपोर्ट में कहा था कि बोर्ड के महत्वपूर्ण कार्यो को केवल सचिव-निदेशक पर न छोड़ा जाए। इसमें शिक्षाविदों का परामर्श लेने का सुझाव दिया गया था। समिति ने उस समय के सदस्यों के आचरण को भी स्वार्थ हितों में संलिप्त व दोषपूर्ण पाया था। इसी की आड़ में तत्कालीन सरकारों ने 1984 से 2007 तक बोर्ड के सदस्यों के चुनाव नहीं कराए गए। बोर्ड की सारी शक्तियों का प्रयोग सचिव व निदेशक करते रहे। 2007 में तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार ने विधानपरिषद में इंटरमीडिएट शिक्षा संशोधन विधेयक लाया, जिसे 12 मार्च 2007 कोपारित कर दिया गया। इस विधेयक में परिषद में प्रधानाचार्यो व अध्यापकों के प्रतिनिधित्व को समाप्त कर दिया गया। परिषद को 25 सदस्यों वाली नामित संस्था बना दिया गया। हालांकि इस विधेयक को राज्यपाल ने अनुमति नहीं मिली। बाद में बसपा सरकार के आने के बाद उसी संशोधित विधेयक पर राज्यपाल की मुहर लगवा ली।इसी के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद सरकार की जेबी संस्था हो गई और भ्रष्टाचार धीरे-धीरे परिषद की प्रतिष्ठा को खोखला करने लगा। माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) के जिलाध्यक्ष लालमणि द्विवेदी का कहते हैं कि विभिन्न राजनीतिक दलों की सरकारें माध्यमिक शिक्षा में राजनीतिक एजेंडे को लागू करती रहीं और अपना हित साधती रहीं। किसी सरकार में बोर्ड परीक्षा परिणाम 14 प्रतिशत तो किसी में 84 प्रतिशत रहता है। यही कारण रहा कि माध्यमिक शिक्षा का स्तर दिनों-दिन गिरता जा रहा है।
TUM T.E.T. RANKERS KE LIYE TO HAMARA EK BAHADUR YADAV HI BAHUT HAI. SAO SUNAR KI EK LUHAR KI. G...... HO TUM LOG, KUCH NAHI KAR PAOGE.
ReplyDeletediya bujhne se pahle bhabhkta hai .. Bhabhak lo ..
Deleteकार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को राज्यपाल का पत्र
ReplyDeleteFeb 09, 06:06 pm
बताएं
इलाहाबाद : प्रतियोगी छात्र मोर्चा की ओर से उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग में व्याप्त अनियमितताओं के संबंध में राज्यपाल को भेजे गए ज्ञापन के संबंध में प्रमुख सचिव को नियमानुसार कार्रवाई करने के संबंध में निर्देश दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि चार वर्ष पूर्व सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में प्रवक्ता भर्ती परीक्षा के लिए विज्ञापन निकाले गए थे। यह विज्ञापन 45वीं व 46वीं भर्ती के लिए था। इसमें पांच सौ रुपये का ड्राफ्ट भी लगवाया गया था। लगभग पचास हजार छात्रों ने इसमें फार्म भरा था। परीक्षाएं आज तक नहीं हो सकी हैं। छात्रों का आरोप है कि आयोग परीक्षा कराना नहीं चाहता, वह केवल साक्षात्कार से पद भरना चाहता है। ज्ञापन में और भी कई मुद्दे उठाए गए हैं। एक ही व्यक्ति कई कई पदों पर काबिज है जबकि वह प्रतिनियुक्ति पर यहां आया हुआ है। मजे की बात कि आयोग के संविधान में यह उपबंध है कि इसमें इसमें न्यायिक सेवा, प्रशासनिक सेवा और अन्य प्रकार के सदस्य नियुक्त किएजाते हैं लेकिन सारे सदस्य केवल अंतिम धारा शिक्षाविद् होना चाहिए, से संबंध रखते हैं। इनमें से अधिकांशडिग्री कालेज में प्रवक्ता हैं लेकिनयह प्रधानाचार्य के पद के लिए इंटरव्यू लेंगे। राज्यपाल को भेजे गएपत्र में यह कहा गया था कि इन भर्तियों को राज्य लोक सेवा आयोग को सौंप दिया जाना चाहिए। यह भी कि चार साल से लंबित परीक्षा जल्द करवाई जाए। राज्यपाल की ओर से प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को भेजे गए पत्र में यह कहा गया है कि इन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. राजेश सिंह और महामंत्री सुरेश यादव आरोप लगाते हैंकि आयोग लूट का अड्डा बन चुका है। उम्मीद है कि राज्यपाल कार्यालय से पत्र भेजे जाने के बाद शायद कुछ सुधार हो सके।
ACD. SUPPORTER!
ReplyDeletebade neech kism k aadmi ho tum jo maa bahan ki gaali sun ne k baad bhi apni besharmi dikha rahe ho. aj maine blog par comments pade the to dekha ki ek mahoday tumko gaali de rahe the.
ab ehsaas ho raha hai ki tum kaha tak gir sakte ho. tum chapraasi k laayak bhi nahi ho aur teacher ka sapna dekh rahe ho.
yahi high court tumhe tumhari aukaat dikhayega abhi......
Only few are on path of truith. Muskan ji I salute your zindadili daring what you are doing and said that 'i have no concern about criminal or fail association. So i want to know about the person who is with us in the path of truith so muskan ji share your profile,job, carrier etc. I am waiting.
ReplyDeleteआंसर की में भी हुए कई संशोधन
ReplyDeleteFeb 09, 01:04 am
इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा का परिणाम 25 नवंबर को घोषित कर दिया गया था। इसके दो दिन बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा टीईटी परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के सही जवाब भी नेट पर जारी कर दिए गए। बोर्ड द्वारा जारी किए गए जवाब में अलग-अलग सीरीज की बुकलेट में पूछे गए एक ही प्रश्न के दो विकल्प बताए जा रहे थे। ऐसे 13 प्रश्न थे। इस मामले की जानकारी होने के बाद बोर्ड ने गुपचुप तरीके से उन प्रश्नों के विकल्पों को सही कर लिया। इसके बाद अभ्यर्थियों ने कई प्रश्नों के विकल्पों पर आपत्ति दर्ज कराई, जिसे पहले तो बोर्ड ने लेने से मना किया फिर बाद में आपत्तियां स्वीकार की गई। इस तरह पांच बार 'आंसर की' में संशोधन किया गया। बाद में विकल्पों पर विवाद बढ़ता देख बोर्ड ने टीईटी की वेबसाइट से आंसर की को ही हटा लिया। बाद में क्या संशोधन किए गए यह किसी को नहीं पता। इसका अभ्यर्थियों ने विरोध किया और हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर को सभी आपत्तियों का निस्तारण करने के आदेश दिए। इसके बाद अभ्यर्थियों से 100 रुपये शुल्क लेकर आपत्तियां मांगी गई। कुछ ही दिनों में 25 हजार से भी ऊपर आपत्तियां आ गई। इन आपत्तियों को कितना सुधारा गया यह तो बोर्ड के अधिकारी ही जानें पर इतना तो यह है कि अभी भी कई आपत्तियों पर विचाराधीन हैं।
MEDIA, S.P.-B.J.P.-CONGRES AUR MAJORTY HAMARE SATH HAI. AB KAL KA DECISION BHI HAMARE FAVOUR ME HOGA.
ReplyDeleteM.Y. KI JAY
MEDIA KI JAY
TETMITRO k sath SATYA hai..satya ki shakti ka ehsas nahi hai aplogo ko..
DeleteACD SUPPORTERS KITTE BESHARM HOTE JA RHE HAI !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
ReplyDeletedusht ko shishtachar se nai dundpurwak sudhara jata h. Is dusht ki dusht ta ki saza court hi dega or aesa kal hi hoga.
ReplyDeleteDEAR ACD SUPORTER AND TET FAIL BROTHER AAP CHINTA NA KARE JEET HAMARI HOGI AUR HAN SANJAY MOHAN KI LIST MAI MUSKAN KA BHI NAAM HAI AUR JO LOG TUMHE GALI DE RAHE HAI EHI LOG PAISE DEKAR TET PASS KIA HAI AB IN S... KI G... F.. RAHI HAI AUR YE PAGAL HOKE ANAP SANAP BAK RAHE HAI LAGE RAHO BHAI M Y JINDABAD
ReplyDeletekisi exam me dhandhali pakde jane k bad exam cancel hone ka koi udahran hai aaplogo k pas.?? Jinhone galat kiya hai unko saza milni chahiye .yahi hoga.exam to cancel nahi hoga..bhagwan se pray hai ki aap logo ko bhi mauka mile(agala tet pass ho sake).agale uptet ki taiyari kariye yahi apke hit me hai..padhai karo kyoki ane wala tet itna asan nahi hoga..
DeleteWah re india..
ReplyDeleteye samaj k buddhi jevi log yani teacher hain kya inki language hai
ek 8th level ka test pass nhi hua aur bas acc.merit laga do..
wah ye iss country ka durbhagya hai jo ye log bol rhe hain..
kya ye adarsh die the swami vivekanand ji ne
tum logo ko insan kehne mai bhi sharm ki baat hai
Friends aise logo par dhyan na de, jab unke comment ka jawab nahi milega tu khud hi bhaukna band kar denge.
ReplyDeleteFail morcha whats ever jo bhi hai, ye unki giri mansikata ko show kar raha hai, ab ye besharmi par aa gaye hai. Ignore these type of people.
acad. bandhu yaha sabhi log pahale se kafi paresan hai pahale a to batao ki tet jab cancle ho jayegi tab teri acd. ka koai valu nahi rah jaye??? fir tet dena dadega to aitana koodane ki kya baat hai???
ReplyDeleteTet exam with hard paper kyoki up board ka syllabus cbsc se hard hai aur is bar koi riyaat nahi milegi
Delete@ MUSKAN ji,
ReplyDelete@ NAVED ji,
Can you please post the answers of CTET PAPER IInd - HINDI 2nd answers in IMAGE FORMAT/JPG FORMAT
We can sea answers in image format by zoom the image.........
THANKS..........
THANKS.......
shrama ji www.onlineteacher.co.in per image formate me dekh sakaate hai lekin mobile me dekhana thoda kathin kaam hai
Deletedhadhali k bad koi exam cancel hua hai kya?kisi ko pata hai kya?
ReplyDeletetet pass candidate faisala ke time ajj hai so pray to the god every happen good in favour of us.......... have faith in god........ if today there is no any decsion come , then file a fresh writ in supreme court of india bcz if 9march passes without any decision then anything can happen.... with unity help each other i am with you ...........
ReplyDeletejai hind jai bahrat
MUKESH KUMAR MISHRA
ghanta hilao ab to
DeleteJay tet pass morcha.
ReplyDeleteटीईटी में 50 करोड़ रुपये का खेल!
ReplyDeleteलखनऊ, 9 फरवरी (जागरण संवाददाता) : राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के संशोधित परिणाम में फेल अभ्यर्थियों को पास करने के आरोप में माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस इनके मातहतोंऔर कई बड़े नामों से कडि़यां जोड़ने में जुट गई है। वहीं अभ्यर्थी और इन अधिकारियों के बीच कड़ी बनने वाले सैकड़ों दलालों के जाल को भेदना पुलिस के लिए आसान नजर नहीं आ रहा है।सूत्रों के मुताबिक कई दलालों ने अपने लोकेशन और सिमकार्ड बदल दिए हैं। दो हजार से अधिक लोगों के परिणाम में हेरफेर की गई है और इनसे तकरीबन 50 करोड़ रुपये वसूले गए हैं। इस धन का एक बड़ा हिस्सा इन दलालों के पास है जो अब मौज कर रहे हैं। पुलिस ने स्वीकार किया है कि 800 लोगों का परिणाम बदलने के लिए इनअभ्यर्थियों से डेढ़ से तीन लाख रुपये तक वसूले गए हैं। इनके परिणाम में संशोधन किए जाने से स्पष्ट है कि अभ्यर्थियों से पैसा ले लिया गया है।इन अभ्यर्थियों से तकरीबन 18 करोड़ की वसूली की गई है। पुलिस भले ही यह संख्या 800 बता रही हो लेकिन शिक्षा विभाग के ही अधिकारी और शिक्षक नेता परिणाम संशोधित होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या दो हजार से अधिक बता रहे हैं। इनसे पैंतालिस से पचास करोड़ रुपये वसूले गए हैं। इन हजारों अभ्यर्थियों और शिक्षा विभाग के लोगों के बीच कड़ी बनने वाले दलालों की संख्या भी तीन सौ से अधिक है। ये दलाल बहुत प्रोफेशनल हैं। पूरे प्रदेश में फैला इनका जाल इतना सघन है कि पुलिस के लिए भेदना आसान नहीं हो पा रहा है। इस मामले में छिटपुट गिरफ्तारियों का कोई असर दलालों पर दिखाई नहीं दिया लेकिन शिक्षा निदेशक की गिरफ्तारी के बाद से इनमें भी हलचल शुरू हो गई है। कई दलालों ने अपने सिमकार्ड बदल दिए हैंऔर लगातार अपनी लोकेशन भी बदल रहे हैं। राजधानी में ही बारह से अधिक लोग हैं जिनकी इस मामले में संलिप्तता शिक्षा विभाग के ही लोगों से छिपी नहीं है लेकिन अब ये सभी नदारद हैं। अभी तक शिक्षा निदेशक के पास से पांच लाख रुपये बरामद हुए, 87 लाख रुपये अकबरपुर, कानपुर की पुलिस ने पकड़े और पांच लाख रुपये की जमीन खरीदने का हिसाब ही पुलिस लगा सकी है। यह राशि मात्र एक करोड़ है तो बाकी का पैसा आखिर कहां है? बदले शासनादेश पर उठे सवाल राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा को पहले केवल शिक्षकभर्ती के लिए एक सीढ़ी के तौर पर प्रयोग किया गया। शासनादेश हुआ कि जोपरीक्षा में 60 फीसद अंक प्राप्त करेंगे, मेरिट बनाने में उन्हीं को शामिल किया जाएगा। शिक्षक भर्ती के लिए मेरिट हाईस्कूल, इंटर व अन्य कक्षाओं के अंकों के आधार पर बनाई जाएगी। परीक्षा के ठीक एक सप्ताह पहले शासनादेश बदल दिया है। धांधली की पहली शुरुआत ही यहीं से कही जा रहीहै। शासनादेश किया गया कि चयन का आधार ही टीईटी रखा जाएगा। मेरिट भी टीईटी के आधार पर ही बनाई जाएगी। इससे शिक्षक के लिए लोगों का चयन करना केवल और केवल शिक्षा विभाग के हाथ में आ गया था। यह कड़ी अगर अभी नहीं टूटती तो शिक्षक भर्ती में भी जमकर घोटाला होता। कंप्यूटर एजेंसी पर नजर शासनादेश बदलने के बाद केवल कंप्यूटर के जरिए किसी के भी परिणाम में बदलाव किया जा सकता था। अब परिणाम में एजेंसी की भूमिका अधिक होगई थी। टीईटी के परिणाम पर सवाल उठने के बाद कंप्यूटर एजेंसी बदल दी गई। आरोप लगाया जा रहा है कि जिस नई एजेंसी को कार्य सौंपा गया वे पुरानीएजेंसी के ही लोग थे। नई एजेंसी के नाम पर एक बार फिर जिम्मेदारी उन्हींलोगों को सौंप दी गई थी। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ.आरपी मिश्र का कहना है कि इन तारों को जोड़ने का कामकेवल सीबीआइ ही कर सकती है। यदि सीबीआइ जांच कराई जाए तो सब कुछ सामने आ जाएगा। टूटते नजर आ रहे सपने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के जरिए शिक्षक बनने का सपना देख रहे लाखों अभ्यर्थियों की उम्मीदों को कड़ा झटका लगा है। भर्ती भले ही तकरीबन 72हजार पदों पर थी लेकिन उम्मीद सभी लगाए थे। गुरुवार को जुबिली इंटर कॉलेज पहुंचे अभ्यर्थी राजेश ने बताया कि धांधली उजागर हुई है तो दोषियों को सजा जरूर मिलनी चाहिए। निदेशक ही नहीं इसमें कई बड़े भी है। पुलिस को उनकी गर्दन भी दबोचनी चाहिए। विवेक ने बताया कि मेहनत से परीक्षा पास की है। अब चिंता है कि कहीं परीक्षा रद न कर दी जाए। श्वेता का कहना है कि इंतजार के बाद भर्ती काख्वाब संजोया था लेकिन उसमें भी रोड़े पड़ने लगे हैं।
Are in2000ko saza do baki 268000ko kyon
ReplyDelete@ MUSKAN ji,
ReplyDelete@ NAVED ji,
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THANKS..........
THANKS.......
And NAVED ji aapne jo SCIENCE PART k ans.. diye hein.....wo BOLD format mein mobiles par show nahi ho raha hein.........
Agar aap inke answers ko order mein post kar dein PLEASE.......
EX.....1-4, 2-1...........
THANKS
He bhagwan aaj to good news de do .kaan taras gaye .
ReplyDelete@MUSKAN ji,
ReplyDelete@NAVED ji
And all my friends...
~BREAKING NEWS~
*Aaj High Court mein UPTET Ghotale ki bhi sunvayi hogi.....
ZEE NEWS U.P channel , IBN7 par news show ho rahi thi....
~Agar UPTET exam mein total pass 2,75000 candidates mein se 1000/2000/5000/10,000/more......
FARJI / ank bhadwane wale hein....
to phir 2,50000 ( 2 LAKH 50 HAJAR ) to sahi hein.......
Iska matlab duniya koi bhi adalat / COURT
doshiyon k saath NIRDOSH / GENUINE ko saja ( EXAM RADD ) karke......
Apni nyay vyavstha ko hi KATGHARE mein kaise rakh sakti hei.....
EXAMPLE.......
1-
MULAYAM ji k sasan mein hui UP POLICE bharti ko COURT ne radd nahi kiya tha....
Bulki Keval farji bahaar kiye the.....
2-
T.G.T 2010 mein bhi aisa hi hua hei.....
~Ye to hum sab logon k liye achha hei ki FARJI pakde jaa rahe hein.....
~WARNA ye TEACHER banke hajaron CHILDs ka future bigad dete.....
THANKS TO ALL.....