दरअसल प्राधिकारी कार्यालय को इस बात की आशंका है कि ऐसा करने से उनके कामकाज पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
नियामक का कहना है कि आपत्तियों के बारे में किसी भी जिज्ञासा का जवाब प्रतियोगी छात्रों को रजिस्टर्ड डाक से उनके मूल पते पर भेज दिया जाएगा। छात्र चाहेंगे तो नियामक कार्यालय से सीधे संपर्क कर भी इसे हासिल कर सकते हैं।
गौरतलब है कि आपत्तियां और उनका निस्तारण सार्वजनिक न किए जाने पर छात्रों ने सवाल खड़े किए हैं। दो दिन पूर्व कई छात्रों ने भाषा टीईटी के रिजल्ट पर भी सवाल उठाते हुए नियामक के सचिव व राज्य सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया। छात्रों ने मामले में कोर्ट की शरण लेने की भी बात कही। छात्रों का कहना है कि सवालों पर मिली आपत्तियों को सार्वजनिक किया जाए।
शुक्रवार को प्राधिकारी कार्यालय में हुई बैठक में आपत्तियों को ऑनलाइन नहीं किए जाने की बात को दोहराया गया। अधिकारियों का मानना है कि यदि सभी आपत्तियों को विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा तो आये दिन कोई न कोई अभ्यर्थी किसी आपत्ति को लेकर कोर्ट जाएगा। ऐसा होने से नियामक के कामकाज पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। अधिकारियों के मुताबिक जो अभ्यर्थी आपत्तियों को लेकर जिज्ञासा दिखाएगा, उसे जवाब उसके मूल पते पर रजिस्टर्ड डाक से भेज दिया जाएगा। उनकी इस समस्या का हल कार्यालय से सीधे संपर्क करने भी पर हो जाएगा
News Sabhaar : Jagran (16 Aug 2013)
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