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Saturday, December 20, 2014

BETET SARKARI NAUKRI News: :उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन हेतु आवेदन प्राप्ति एवं कम्प्यूटर शिक्षक के बी०एड० प्रशिक्षण के संबंध में

BETET SARKARI NAUKRI News: :उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन हेतु आवेदन प्राप्ति एवं कम्प्यूटर शिक्षक के बी०एड० प्रशिक्षण के संबंध में
COMPUTER TEACHER KE LIYE B ED KEE JAROORAT NAHIN HAI
 
उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन हेतु आवेदन प्राप्ति की तिथि को विस्तारित करने एवं कम्प्यूटर शिक्षक के बी०एड० प्रशिक्षण के संबंध में !
http://www.educationbihar.gov.in/LetterPdf/08Jul201331035.pdf










19 comments:

  1. जानें, शिक्षकों की नौकरी पर क्या बोले अखिलेश

    टीम डिजिटल शनिवार, 20 दिसंबर 2014
    अमर उजाला, लखनऊ Updated @ 1:45 PM IST
    अखिलेश ने सुनाई लोमड़ी की कहानी
    सीएम अखिलेश यादव ने यूपी से अच्छी शिक्षा व्यवस्था, सड़क, बिजली, अस्पताल और पानी सहित कई वादे किए। उन्होंने कहा ‌कि ये वादे वह अगले तीन साल में पूरे कर देंगे।
    अखिलेश 150 राजकीय हाईस्कूल भवनों के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे। समारोह में शिक्षा की बेहतरी के लिए अपना खास योगदान देने वाले 9 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। सीएम अखिलेश ने सम्मान पाने वाले शिक्षकों को बधाई दी साथ ही शिक्षक के रोल को अहम बताया।
    सीएम बोले, मैंने कई बार महसूस किया है कि बचपन में टीचर जो बच्चे को सिखा देता है बच्चा जीवनभर उसे ही सच मानता रहता है। हमारे देश को अच्छे टीचर्स की जरूरत है।
    उन्होंने एक लोमड़ी की कहानी सुनाते हुए एक अच्छे गाइड के रोल को समझाने की कोशिश की। कहा ‌कि इंसान की सफलता के पीछे एक अच्छे टीचर का बहुत बड़ा रोल होता है। टीचर्स ही छात्रों का भविष्य संवारते हैं इसलिए शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
    नकलचियों को होगी नौकरी में दिक्कत
    अखिलेश ने नकल करने और कराने वालों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने बताया, जब मैं लोकसभा सांसद था तो मैंने परीक्षा केंद्रों के बाहर अपनी आंखों से देखा कि कैसे नकल माफिया बच्चों को नकल कराने परीक्षा केंद्रों के बाहर इकट्ठे रहते थे।
    उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में जब नौकरियां प्रतियोगी परीक्षाओं के आधार पर मिलेगी तो इन नकलचियों को दिक्कत होगी।
    सीएम ने बेरोजगारी पर चिंता जताते हुए कहा कि यूपी शिक्षा के क्षेत्र में बहुत आगे है। यहां शिक्षा तो पूरी हो जाती है ‌लेकिन वक्त पर रोजगार नहीं मिलता।
    यहां नौकरियां नहीं हैं, सरकार इस ओर भी प्रयास कर रही है। अखिलेश ने बताया कि सरकार हर क्षेत्र में काम कर रही है लेकिन इसके लिए उसे मार्केटिंग का भी सहारा लेना पड़ रहा है।
    अखिलेश ने शिक्षा मंत्री महबूब अली को बधाई दी और यूपी की जनता से वादा कि अगले तीन साल में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और बेरोजगारी सहित सभी समस्याओं का समाधान होगा।

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  2. 26 दिसम्बर के अंदर जोइनिंग लेटर का शासनादेश जारी होगा,
    जनवरी के दूसरे सप्ताह के बाद से मिलेगा नियुक्ति पत्र.

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  3. जिस प्रकार से अकद्मिक पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी की गयी है की" the acadmic climate of u.p. Shall Not to suffer to unnessesary Winter"
    सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक अब केवल क्वलिटी टीचर चाहिये,
    इसिलिये उसके द्वारा मानक तय कर दिये गये,
    आर टी ई मे भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात कही गई है, अत: जब 105 और 98 न वाला टेट पास मौजूद है तो 83,85,90 वाले को क्युँ लिया जाय

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  4. मा.दत्तू सर ने आदेश दिया था कि 12 हफ्ते
    में भर्ती पूरी करो और अब मा.दीपक सर ने
    कहा है कि 6 हफ्ते में भर्ती पूरी करो...अब
    सरकार सही समय पर भर्ती पूरी कर ही ले
    तो बेहतर होगा...नही तो अगले तारीख पर
    भर्ती या तिहाड जैसा विकल्प
    दिया जायेगा...बस यूँ समझ लीजिए कि यह
    आदेश नही बल्कि सजा है...जब भी कोई जज
    किसी मामले में अंतरिम राहत देता है तो वह
    अकारण नही देता बहुत सोच-समझकर
    देता है...सरकार को इस आदेश से सबक लेते
    हुए और पूर्वाग्रह की राजनीति छोडकर
    बेरोजगारो और मासूमों की जिंदगी से
    खेलना अब बंद कर देना चाहिए....

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  5. आर्डर की सटीक व्याख्या .......!!!!!!
    काउसिंलिंग करवा चुके आवेदकों द्वारा----
    "" यह आर्डर केवल 72825 के लिए है ""
    टेट 112 और 105 के बीच वाले आवेदकों द्वारा -----
    "" ये आर्डर दोनो विज्ञापनो को बहाल कर रहा है""
    टेट स्कोर 105 से कम रखने वालो द्वारा ----
    "" ये आर्डर 3 लाख पदो के लिए है ""
    टेट मे फेल बीएड पास आवेदकों द्वारा अदभुत व्याख्या ----
    "" जज साहब ने कहा है कि सभी बीएड वालो का समायोजन करो ""

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  6. जब आदेश एक है तो मतलब भी एक ही होगा , मैं भी कोई संविधान विशेषज्ञ नहीं हूँ लेकिन कुन्डु जी की बात से पूर्णतया सहमत हूँ,,,अरे भाई,एक एक लाइन आँख गडा कर पढ़ो तो शायद समझ में आ जाए,,,जज साहब ने दत्तु साहब के 25 march वाले आदेश को मात्र परिष्कृत ( modify ) किया है जो आदेश में साफ साफ mention भी है। ये आदेश सिर्फ 72825 के लिए है और लोग 105 तक वालों को इस भरती में घुसेड़ना का सपना दिखाने लगे ,,,जज साहब ने ये आदेश त्वरित कार्रवाई और सरकार का काम आसान करने के लिए दिया है अब जज साहब को ये थोड़ा पता कि हुई counselling में मेरिट कहाँ तक गई है ? आदेश के अन्तिम में कौटिल्य और England की शिक्षा नीति का हवाला देकर वोट बैंक के स्वप्न में सोइ हुई सरकार को जगाने का प्रयास किया है और न जागने पर 25 फरवरी को जगाने के अन्तिम तरीके को आजमाने की चेतावनी भी दे दी है।

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  7. मित्रो sc का जो आदेश आया है, सभी के लिए
    रहस्यों से भरा तिलिस्म बन चूका है।
    सभी अपनी सुबिधानुसार इसकी व्याख्या कर रहे है।
    कोई जज महोदय को दोषी बना रहा है, कोई राज्य
    सरकार को। अब प्रश्न उठता है की क्या वास्तव में
    जज द्वारा दिया निर्णय गलत है? क्या जज
    को भर्ती प्रक्रिया सम्बन्धी ज्ञान नहीं है।
    क्या जज के इस निर्णय से अभ्यार्थियो का कुछ
    हानि होने वाला है। मुझे ऐसा प्रतीत होता है
    कि यदि सामान्य के 70% और
    एससी तथा ओबीसी के 65% का चयन
    हो गया तो शत प्रतिशत यह भी सत्य है
    कि सामान्य के 60% और आरक्षित वर्ग के 55% वाले
    स्वतः पात्र हो जायेंगे क्योकी जज को ज्ञात है
    कि ncte के मानक के अनुसार 60%-100% वाले
    अभ्यर्थी पात्र हैं। अब प्रश्न उठता है
    कि क्या राज्य सरकार इस आदेश का पालन करेगी।
    मित्रो यह बात राज्य सरकार और प्रत्येक
    अभ्यर्थी जानता है की टेट में क्वालीफाई मार्क्स
    सामान्य के लिए 60% और आरक्षित बर्ग के लिए
    55% है, तो क्या राज्य सरकार सीट के सापेक्ष
    न्युक्ति कर105 & 97 से नीचे काउंसलिंग करा चुके
    अभ्यार्थियो को बाहर देगी। यदि ऐसा है
    तो क्या ncte के नियमो का उल्लंघन नहीं होगा।
    चूकी sc की सुनवाई और ncte का जबाब से यह
    सिद्ध हो चुका है की भर्ती टेट मेरिट से ही होगी।

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  8. इसलिए हम सभी को एक जुट होकर सरकार को 3
    लाख पद के सापेक्ष न्युक्ति का दबाव
    बनाना चाहिए। प्रार्थना करिए कोर्ट
    की अगली सुनवाई में जज महोदय 3 लाख पद के
    सपेक्ष भर्ती पूरी करने का आदेश दें। हम
    सभी को राज्य सरकार के प्रति भी आभार व्यक्त
    करना चाहिए क्योकि उसी के वजह से अप्रत्याक्ष
    रुप में 72825 की भर्ती1.5 लाख हो जायेगी। शायद
    ncte की समय सीमा के कारण dec 2011 के बाद
    बीएड वाले प्राथमिक स्कूल के लिए पात्र नहीं थे।
    इस समय हम सभी को संगठित होने
    की आवश्यकता है।

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    Replies
    1. Mitro ye bilkul Sahi samay hai
      Loha garam hai hathoda mar dena chahiye (supremcourt)
      Sarva sikhasha ka hawala de kar 3 lakh rikt vacancy ko purn karaya ja sakta hai. Jisme tet, accadmi dono paksha ka ho jayega tet merit se.
      Netao ko ek hokar ispe jor dena chahiye.
      Jai maata di

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  9. 17.12.2014 के सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश ने अपार
    संभावनाओं का एक ऐसा भँवर-जाल तैयार कर दिया है जिसमे फ़िलहाल
    कोई ओर-छोर ढूंढ पाना कठिन है, कौन डूबेगा-कौन तर हो जायेगा,
    अंदाजा लगा पाना कठिन है। नैतिक-बौद्धिक दृष्टि से शून्य राजनैतिक
    गुलाटीबाजों के बयान आने लगे हैं, पुराने अनुभवों से
    स्पष्ट है कि यह प्रजाति कुछ मामलों को न समझ पाने
    की अपनी असमर्थता स्वीकार
    करने में भी सर्वथा असमर्थ है। सरकार क्या कदम
    उठाती है, सभी को जानने
    की स्वाभाविक उत्कंठा है। कुछ मित्रों द्वारा उक्त
    अंतरिम आदेश के संभावित परिणाम बड़े आत्म-विश्वास साथ बताये
    जा रहे हैं, पर इन सबके आधार पर भी फ़िलहाल कह
    पाना मुश्किल है कि सर्वप्रथम;
    (1) 72825 में सम्मिलित अभ्यर्थियों को टेट-मेरिट से
    हो चुकी / चल रही कॉउन्सिलिंग के अनुसार
    नियुक्तिपत्र मिलेंगे, या
    (2) 72825 में सम्मिलित अभ्यर्थियों में से 105 टेट-स्कोर वाले
    सामान्य अभ्यर्थियों और 98 टेट-स्कोर वाले आरक्षित
    श्रेणी के अभ्यर्थियों को नियुक्तिपत्र मिलेंगे या,
    (3) न्यूनतम 105 टेट-स्कोर वाले सभी सामान्य
    अभ्यर्थियों और न्यूनतम 98 टेट-स्कोर वाले आरक्षित
    श्रेणी के सभी अभ्यर्थियों को नियुक्तिपत्र
    मिलेंगे।

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  10. 17.12.2014 के सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश ने अपार
    संभावनाओं का एक ऐसा भँवर-जाल तैयार कर दिया है जिसमे फ़िलहाल
    कोई ओर-छोर ढूंढ पाना कठिन है, कौन डूबेगा-कौन तर हो जायेगा,
    अंदाजा लगा पाना कठिन है। नैतिक-बौद्धिक दृष्टि से शून्य राजनैतिक
    गुलाटीबाजों के बयान आने लगे हैं, पुराने अनुभवों से
    स्पष्ट है कि यह प्रजाति कुछ मामलों को न समझ पाने
    की अपनी असमर्थता स्वीकार
    करने में भी सर्वथा असमर्थ है। सरकार क्या कदम
    उठाती है, सभी को जानने
    की स्वाभाविक उत्कंठा है। कुछ मित्रों द्वारा उक्त
    अंतरिम आदेश के संभावित परिणाम बड़े आत्म-विश्वास साथ बताये
    जा रहे हैं, पर इन सबके आधार पर भी फ़िलहाल कह
    पाना मुश्किल है कि सर्वप्रथम;
    (1) 72825 में सम्मिलित अभ्यर्थियों को टेट-मेरिट से
    हो चुकी / चल रही कॉउन्सिलिंग के अनुसार
    नियुक्तिपत्र मिलेंगे, या
    (2) 72825 में सम्मिलित अभ्यर्थियों में से 105 टेट-स्कोर वाले
    सामान्य अभ्यर्थियों और 98 टेट-स्कोर वाले आरक्षित
    श्रेणी के अभ्यर्थियों को नियुक्तिपत्र मिलेंगे या,
    (3) न्यूनतम 105 टेट-स्कोर वाले सभी सामान्य
    अभ्यर्थियों और न्यूनतम 98 टेट-स्कोर वाले आरक्षित
    श्रेणी के सभी अभ्यर्थियों को नियुक्तिपत्र
    मिलेंगे।

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  11. कहना गलत न होगा कि अब सर्वोच्च न्यायालय
    की पीठ ने सभी या यों कहें
    कि अधिसंख्य टेट-उत्तीर्ण बी.एड.
    अभ्यर्थियों के नौकरी पाने के रास्ते खोल दिए हैं,
    वो भी टेट-स्कोर के आधार पर, और ये बहुत जल्द
    होनेवाला है। 25 फ़रवरी के पूर्व
    सरकारी कार्यवाही और 25
    फ़रवरी को पीठ के रवैये से सब साफ़
    हो जायेगा। वैसे ये बात ध्यातव्य है कि 105 टेट-स्कोर वाले सामान्य
    अभ्यर्थियों और 98 टेट-स्कोर वाले आरक्षित श्रेणी के
    अभ्यर्थियों को नियुक्तिपत्र देने के निर्देश का आशय यह
    कदापि नहीं कि 105 टेट-स्कोर से नीचे वाले
    सामान्य अभ्यर्थियों और 98 टेट-स्कोर से नीचे वाले
    आरक्षित श्रेणी के
    अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिलेगी या नहीं मिल
    सकती। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इन्हे प्राथमिकता के
    आधार पर नियुक्ति-पत्र देने देने के निर्देश दिए गए हैं न कि NCTE
    द्वारा नियत टेट-उत्तीर्णांक को बदला गया है। जाहिर है
    कि टेट में 90 या अधिक अंक वाले सामान्य और 83 अधिक अंक वाले
    आरक्षित श्रेणी के
    सभी अभ्यर्थी निर्धारित न्यूनतम अकादमिक
    अर्हताएं होने पर इस आदेश के उपरांत भी सम्बंधित
    पदों के लिए पूर्णतया अर्ह हैं।

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  12. सरकार के अगले कदम को देखकर समयानुकूल
    प्रभावी रणनीति अपनाकर कायदे से
    पैरवी की जाये तो सर्वोच्च न्यायालय से
    प्रदेश में खाली पड़े पदों के कारण बदहाल प्राथमिक
    शिक्षा के कल्याण की दुहाई देकर लगभग
    सभी टेट-उत्तीर्ण बी.एड.
    अभ्यर्थियों की NCTE द्वारा दी गई
    समयसीमा 31 मार्च 2015 से पूर्व प्राथमिक
    विद्यालयों में नियुक्ति का आदेश लिया जा सकता है। मामले में
    पीठ के अब तक के रवैये को देखकर यह असंभव
    भी नहीं लगता। न्यायपालिका के लिए
    नौकरी-सम्बन्धी मुक़दमे और राज्य-सरकार
    की राजनैतिक कलाबाजियों से अधिक महत्वपूर्ण
    बच्चों को मिला शिक्षा का मौलिक अधिकार जो है। साथ
    ही अगर देखा जाये तो टेट-उत्तीर्ण
    बी.एड. अभ्यर्थियों के लिए राज्य-सरकार
    द्वारा शिक्षामित्रों की भेंट चढ़ाये जा रहे सवा लाख पदों पर
    भी दावा ठोंकने का इस से बढ़िया मौका भला क्या होगा, जब
    स्वयं NCTE द्वारा उच्च न्यायालय में दाखिल शपथपत्र में
    स्वीकार किया चुका है कि राज्य-सरकार
    द्वारा शिक्षामित्रों लिए दूरस्थ शिक्षा पद्धति से दो-वर्षीय
    प्रशिक्षण की अनुमति उनकी प्रस्थिति बारे
    में NCTE को गलत तथ्य देकर यानि उन्हें कार्यरत अप्रशिक्षित
    अध्यापक बताकर ली गई।
    बी.एड. अभ्यर्थियों के लिए मतलब साफ़ है कि,
    अभी नहीं तो कभी नहीं !

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  13. Rajesh ji sabhi seats pr agar aap log hi aa jao ge to btc walo ka kya hoga.

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  14. JAI SHREE RAM
    Rajesh ji mera gen sci 114 hai aur kushinagar me counsling karaya hu kya mughe niyukti patra milega

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  15. Rajesh sir 97 marks bhi tO 65% hota hi to kya 97 walo ko niyukti patra nahi milengekya plz reply.

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  16. Aap sab loag 98 bol rahe hi to 97 walo ka kya,hoga plz reply sir

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  17. Rajesh ji mera sc art me 103 hai aur lakhmpur me councelling karai hai kya mughe nyukti patra milega

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