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Saturday, October 29, 2011

शेयर न करें कैट के सवाल...वरना हो सकती है तीन साल की जेल

शेयर न करें कैट के सवाल...वरना हो सकती है तीन साल की जेल  (  Do not share CAT Examination questions else may get improsonment for 3 years)


भोपाल। कई बार परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में हिस्सा लेने के बाद उसके अनुभव और पेपर का पैटर्न, यहां तक की सवाल भी अपने ब्लॉग या वेबसाइट्स पर अपलोड कर देते हैं, जिनमें से कैट भी एक है, लेकिन वे नहीं जानते कि कुछ परीक्षाओं के मामले में यह अपराध साबित हो सकता है।

कॉमन एडमिशन टेस्ट का फॉर्म भरते वक्त प्रतिभागी को घोषणा पत्र पर अपनी सहमति देना होती है कि वे कैट टेस्ट के सवाल किसी से शेयर नहीं करेंगे। प्रतिभागी इस नॉन डिसक्लोजर एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर भी करते हैं लेकिन इसका पालन शायद ही होता है। यहां तक कि कई कोचिंग संस्थाओं के टीचर्स स्वयं ही इस एग्रीमेंट को तोड़ रहे हैं। वे स्वयं टेस्ट में इसलिए भाग ले रहे हैं ताकि अपने स्टूडेंट्स को प्रश्नों का पैटर्न हूबहू बता सकें।


प्रतिभागियों को यह जानना जरूरी है कि यदि उन्होंने अपने ब्लॉग या किसी सोशल नेटवर्किग साइट या अन्य किसी लिखित माध्यम से इसे शेयर किया तो इंडियन कॉन्ट्रेक्ट एक्ट, 1872, कॉपीराइट एक्ट 1957 और इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 का उल्लंघन होता है। कैट की वेबसाइट www.catiim.in पर भी यह सूचना दी गई है। लेकिन इसमें खास बात यह है कि मौखिक रूप से भी कैट संबंधित कंटेंट शेयर करने पर इन्हीं कानूनों का उल्लंघन होता है।

इस बारे में शहर के कोचिंग संचालक कहते हैं, यह बात सही है कि कैट से संबंधित सवालों को प्रतिभागी किसी के साथ शेयर नहीं कर सकते। लेकिन प्रतिभागियों के अलावा कोचिंग सेंटर्स की फैकल्टी खुद कैट टेस्ट में शामिल हो रहीं हैं ताकि उन्हें टेस्ट का पैटर्न पता चल सके और वे अगले टेस्ट के लिए स्टूडेंट्स को तैयार कर सकें।

इस तरह तो इन तीनों ही एक्ट को तोड़ा जा रहा है। देश के लगभग हर कोचिंग संस्थान के फैकल्टी अलग-अलग दिनों में कैट में शामिल होते हैं और बाकायदा याददाश्त के आधार पर पेपर एनालिसिस करते हैं ताकि स्टूडेंट्स को बदलते पैटर्न और डिफिकल्टी लेवल के बारे में बता सकें।

कोचिंग संचालकों की मानें तो कैट के हर साल बदलते पैटर्न की वजह से टीचर्स से ऐसा कर रहे हैं। जिससे वे अपने स्टूडेंट्स को आने वाले पैटर्न के बारे में ज्यादा क्लू दे सकें। जाहिर से इसका सीधा फायदा संबंधित कोचिंग संस्था को भी मिल रहा है।

अगर पता चल जाए तो..

नॉन डिसक्लोजर एग्रीमेंट का उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान है। इन एक्ट के तहत उसे तीन साल की सजा और दो लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। लेकिन बिना किसी परवाह के सवालों की शेयरिंग कोचिंग संस्थानों के माध्यम से जारी रहती है।

ऐसी गलती न करें..

भले ही मौखिक रूप से बताई जा रही जानकारी को शेयर होने से नहीं रोका जा सकता लेकिन किसी ऑडियो, वीडियो, ब्लॉग या सोशल नेटवर्किग साइट पर सवालों से संबंधित जानकारी शेयर करने का सीधे सवाल अपलोड कर देने पर यदि कैट-आईआईएम को पता चलता है तो स्टूडेंट्स दिक्कत में आ सकते हैं। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी जानकारी इन माध्यमों से शेयर न हो।

पैटर्न बदलता रहता है

कैट में चार सेक्शन में सवाल पूछे जाते हैं, जिसमें डाटा इन्टरप्रिटेशन, क्वांटीटेटिव एबिलिटी, वर्बल एबिलिटी और लॉजिकल रीजनिंग का टेस्ट लिया जाता है। हर साल अलग आईआईएम संस्था कैट आयोजित करती है। इस साल आईआईएम कोलकाता ने इसका आयोजन किया है और पिछले दो साल से चले आ रहे पैटर्न को बदला है। कैट विंडो 20 दिन की होती है जिसमें हर दिन पेपर अलग होता है। डिफिकल्टी लेवल को सामान रखा जाता है ताकि कोई परीक्षार्थी यह न समझें कि किसी दिन पेपर कठिन या आसान था।

इस साल पैटर्न 70-70 मिनट के सेक्शन में बंटा हुआ है। टेस्ट के कुल अंक 60 अंक का है। पहले सेक्शन में डाटा इन्टरप्रिटेशन, क्वांटीटेटिव एबिलिटी और दूसरे सेक्शन में वर्बल एबिलिटी और लॉजिकल रीजनिंग का टेस्ट लिया जा रहा है। यह टेस्ट 18 नवंबर तक चलेगा जिसमें भोपाल केंद्र पर लगभग 5000 परीक्षार्थी हिस्सा लेंगे।
News Source : http://www.bhaskar.com/article/MP-BPL-do-not-share-the-questions-cat-2528082.html?OF2=