कॉमनसेंस दिलाएगा टीईटी में सफलता (Secret of Success in UP TET Exam - Commonsense)
वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 13 नवंबर को आयोजित अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में बहुत कुछ कॉमनसेंस पर निर्भर करेगा। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि टीईटी पर बाजार में बिक रहीं व चयन का दावा करने वाली किताबों से कोई विशेष लाभ नहीं मिलने वाला है। किताबों और आप के अभी तक के अध्ययन का लाभ केवल हिंदी, गणित, अंग्रेजी व कुछ हद तक पर्यावरण शिक्षा से पूछे जाने वाले प्रश्नों में ही मिलेगा। बाल विकास एवं अभिज्ञान के प्रश्नों को हल करने के लिए कॉमनसेंस ही काम आएगा। अगर केंद्र की टीईटी के प्रश्नों को आधार माना जाए तो यूपीटीईटी में गति और कॉमनसेंस सफलता का सूत्र होगा।शिक्षक पात्रता परीक्षा में अब महज 19 दिन ही शेष हैं। परीक्षा की तैयारी अंतिम दौर में है। ऐसे में अभ्यर्थियों के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि क्या, कहां से और कितना पढ़ें। प्राथमिक स्तर में शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थियों से बाल विकास एवं अभिज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी या उर्दू, गणित व पर्यावरण शिक्षा से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रत्येक खंड से 30-30 प्रश्न पूछे जाएंगे।
उच्च प्राथमिक कक्षा में शिक्षक बनने के लिए आवेदन करने वालों से पर्यावरण की जगह विज्ञान व जीएस अतिरिक्त खंड होंगे जिनसे प्रश्न पूछे जाएंगे। बाकी ऊपर के तीन खंड प्राथमिक व उच्च प्राथमिक के लिए समान होंगे।
विषय विशेषज्ञ धीरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि गणित, अंग्रेजी व पर्यावरण की अच्छी तैयारी कर आप औरों से आगे निकल सकते हैं। इनपर विशेष ध्यान दें। उन्होंने बताया कि समय का प्रबंधन कर सभी टॉपिकों को तैयार करने के लिए बराबर का समय देना चाहिए। जो पक्ष आपका कमजोर हो उसके चक्कर में अब अपना बाकी की तैयारी न प्रभावित होने दें। अगर आप प्रत्येक खंड से 15-15 प्रश्न करते हैं के आप टीईटी परीक्षा पास कर जाएंगे।
विषय विशेषज्ञ मुस्ताक अहमद के अनुसार ज्यादा किताबों का ढेर न लगाएं। सभी किताबों में 90 प्रतिशत वही कन्टेंट हैं। पर्यावरण शिक्षा के लिए एससीईआरटी की कक्षा 8 तक की किताबें उपयोगी होंगी। हिंदी भाषा में अभिव्यक्तात्मक पक्ष से प्रश्न पूछे जा सकते हैं। जैसे बच्चों के लेखन कौशल के मूल्यांकन के लिए कौन सी विधि बेहतर हो सकती है। हिंदी की मूल उत्पत्ति किससे हुई। इसी तरह पर्यावरण शिक्षा के खंड में पर्यावरण के सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। जैसे ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत क्या है। प्रोजेक्ट टाइगर कार्यक्रम कब तैयार किया गया आदि।
समय का होगा विशेष महत्व
इस परीक्षा में प्रश्न हल करने की गति पर बहुत कुछ निर्भर करेगा।
इसी जून में हुई केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) में 68 पेज का प्रश्नपत्र था। प्रश्न भी काफी बड़े-बड़े पूछे गए थे। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि प्रश्नों को तय समय में हल करने का अभ्यास कर लिया जाए। इसके लिए प्रेक्टिस सेट रोज हल करें। इससे काफी लाभ होगा।
News Source : http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_8403269.html
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