आरटीई के तहत फ्री शिक्षा देने की मांग (Free education sought under RTE Act)
दिल्ली हाई कोर्ट में एक एनजीओ की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि दिल्ली सरकार को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत बच्चों को फ्री और अनिवार्य शिक्षा देने के लिए नियम बनाएं और इस बाबत नोटिफिकेशन जारी करे। इस याचिका में दिल्ली सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है।
याचिकाकर्ता एनजीओ की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने याचिका दायर कर कहा है कि प्रतिवादी इस नियम के प्रति गंभीर नहीं है। राजधानी में प्रत्येक साल लाखों स्टूडेंट इस अधिकार से वंचित हो रहे हैं। इस मामले में सरकार को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह इस मामले में एक तय सीमा के अंदर नोटिफिकेशन जारी करे। आरटीई एक्ट 2009 में आया, लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार इस मामले में नियम तय नहीं कर पाई है इस कारण बच्चे अपने अधिकार से वंचित हो रहे हैं।
आरटीई के तहत सरकार की जिम्मेदारी है कि वह बच्चों को फ्री और अनिवार्य शिक्षा की सुविधा मुहैया कराएं। याचिका में कहा गया है कि हाई कोट ने 8 अगस्त को ऐसे ही एक याचिका का निपटारा करते हुए कहा था कि अदालत उम्मीद करती है कि इस मामले में नियम जल्दी ही लागू किया जाएगा। याचिकाकर्ता का कहना है कि दो महीने बीतने के बावजूद अभी तक सरकार ने इस मामले में कोई नियम नहीं बनाया और न ही कोई नोटिफिकेशन जारी किया है। जबकि सरकार की ओर से तब हाई कोर्ट में कहा गया था कि नियम संबंधी ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है और जल्दी ही उसे कैबिनेट के सामने एप्रूवल के लिए रखा जाएगा। सरकार इस मामले में नियम के नोटिफिकेशन में देरी कर रही है और इस कारण बच्चे सफर कर रहे हैं।
News Source : http://navbharattimes.indiatimes.com/-/----/articleshow/10317657.cms
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