प्राइमरी पढ़ाने लायक नहीं बीएड ( B Ed Candidates are not eligible to teach Primary Students , Madhya Pradesh)
भोपाल। प्रदेश में संविदा वर्ग तीन के 58 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए बीएड करने वाले नाकाबिल हैं। स्कूल शिक्षा विभाग का तर्क है कि ये पहली के बच्चों को पढ़ाने लायक नहीं है। शिक्षा विभाग 81,500 संविदा शिक्षकों की भर्ती करने जा रहा है। इनमें से वर्ग तीन के 58 हजार पद हैं। इसके लिए बीएड डिग्रीधारियों ने भी फॉर्म भरे हैं। मगर स्कूल शिक्षा विभाग उन्हें इसका फायदा नहीं देगा। वर्ग एक और दो में बीएड को रखा गया है। विभाग का मानना है कि प्राइमरी कक्षा के बच्चों को पढ़ाने का तरीका अलग है जिसके लिए डिप्लोमाधारी शिक्षक ही ठीक होंगे।
शिक्षा की गुणवत्ता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कमेटी बनी है। प्राइमरी, मिडिल और हाईस्कूल के शिक्षकों के लिए उसने अलग-अलग मापदंड तय किए हैं। संविदा शिक्षक वर्ग तीन के लिए बीएड और डीएड कर चुके उम्मीदवार नौसिखिया हैं। फॉर्म में योग्यता के कॉलम में इन दोनों डिग्रियों का कहीं भी जिक्र नहीं है, जिसके चलते हजारों उम्मीदवारों ने आवेदन फॉर्म पर खुद को अप्रशिक्षित बताया है। ऑनलाइन जमा हो रहे फॉर्म में 12वीं पास उम्मीदवार को अतिरिक्त योग्यता के पांच विकल्प हैं। इनमें पांचवां विकल्प "कोई शिक्षण-प्रशिक्षण नहीं" है। उम्मीदवार इसे ही चुन रहे हैं। वर्ग तीन के लिए 27 अक्टूबर आवेदन की अंतिम तारीख है।
संविदा वर्ग तीन के लिए बीएड करने वालों को कोई फायदा नहीं है। प्रारंभिक शिक्षा को देखते हुए केवल डीएड करने वालों को प्रशिक्षित माना जाएगा। ये नियम शासन ने बनाए हैं। अशोक वर्णवाल, आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय
प्राइमरी की कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाना ज्यादा चुनौती भरा है। इसके लिए ज्यादा योग्यता रखने वाले अगर मिलते हैं तो विभाग को उनका स्वागत करना चाहिए। इन्हें नकारने से हालात खराब हो सकते हैं। दामोदर जैन, शिक्षाविद
News Source: http://www.patrika.com/news.aspx?id=702584
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