शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पेशेवर योग्यता में छूट प्रदान
(Relaxation in Professional Qualification of Teacher Recruitment)
सोलह लाख टीचरों की जरूरत -
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केंद्र सरकार ने राज्यों को शिक्षकों की सीधी भर्ती की मंजूरी प्रदान कर दी है। वजह यह है कि कई राज्यों में पेशेवर शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं। इसलिए भर्ती के नियमों में ढिलाई देते हुए केंद्र ने कहा कि राज्य सरकार न्यूनतम योग्यता के आधार पर शिक्षकों की भर्ती कर सकते हैं। लेकिन भर्ती के पांच साल के भीतर शिक्षकों को आवश्यक पेशेवर योग्यता हासिल करनी होगी।
इस फैसले के बाद राज्य सरकारें प्राइमरी के लिए 12वीं तथा मिडिल स्कूलों के लिए स्नातक नौजवानों को सीधे शिक्षक भर्ती कर सकते हैं। यहां राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मणिपुर समेत कई राज्यों ने कहा कि वे शिक्षा का अधिकार कानूनों के तहत तय मानकों के अनुसार शिक्षकों की भर्ती करना चाहते हैं लेकिन उन्हें निर्धारित पेशेवर योग्यता वाले उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं।
प्राइमरी के लिए डीएड और अपर प्राइमरी के लिए बीएड डिग्रीधारी उम्मीदवार चाहिए जिनकी संख्या राज्यों में बेहद कम है। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून के अनुच्छेद 23 के तहत केंद्र सरकार को यह शक्ति है कि वह शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पेशेवर योग्यता में छूट प्रदान कर सकता है।
इसी का इस्तेमाल करते हुए हाल में बिहार और पश्चिम बंगाल को पेशेवर योग्यता में छूट प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि जो भी राज्य यह छूट लेना चाहते हैं, वे ले सकते हैं।
बता दें कि शिक्षा का अधिकार कानून के अमल में आने के बाद
देश में पांच लाख शिक्षकों की जरूरत है।
इसके अलावा शिक्षकों के करीब सात लाख पद पहले से रिक्त पड़े हैं।
जबकि अगले
तीन सालों में करीब चार लाख शिक्षक सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
इस प्रकार बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति होनी है।
News source : http://www.livehindustan.com/news/desh/today-news/article1-story-329-329-175135.html
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