टीईटी की मेरिट होगी शिक्षक चयन का आधार
(TET- Teacher Eligibility Test - going to be basis of Teacher's Selection in Uttar Pradesh)
New rules for selection of TGT Teacher in UP -
लखनऊ प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने एक तीर से दो निशाने साधने की योजना बनायी है
a) इस रणनीति के तहत विभाग प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का दोहरा इस्तेमाल करने जा रहा है। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी को स्क्रीनिंग टेस्ट के तौर पर आजमाने के साथ ही टीईटी की मेरिट को ही शिक्षकों के चयन का आधार बनाया जाएगा। बेसिक शिक्षा निदेशालय ने अध्यापक सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन का जो प्रस्ताव शासन को भेजा है, उसमें यह मंशा जतायी गई है। अब तक यह कहा जा रहा था कि टीईटी सिर्फ स्क्रीनिंग टेस्ट होगा जिसमें उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों का जिला स्तर पर निर्धारित मेरिट के आधार पर चयन होगा। शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में 27 सितंबर को जारी शासनादेश के मुताबिक शिक्षकों के चयन की मेरिट सूची तैयार करने के लिए अभ्यर्थियों के हाइस्कूल, इंटरमीडिएट व स्नातक के अंक प्रतिशत के क्रमश: 10, 20 व 40 प्रतिशत अंकों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा सैद्धांतिक व प्रयोगात्मक प्रशिक्षण में प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के लिए क्रमश: 12, 6 व 3 अंक दिये जाएंगे।
अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधन के लिए शासन को भेजे गए प्रस्ताव में टीईटी को शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य करने के साथ ही इस परीक्षा के प्राप्तांक को ही शिक्षकों के चयन का आधार बनाने की मंशा जतायी गई है। प्रस्ताव में कहा गया है कि यदि दो अभ्यर्थियों के टीईटी के प्राप्तांक समान हो तो फिर उनके गुणांक का निर्धारण उपर्युक्त प्रक्रिया के अनुसार ही किया जाएगा। यदि फिर भी दोनों के गुणांक बराबर रहते हैं तो जिस अभ्यर्थी की आयु ज्यादा होगी, उसे चयन में वरीयता दी जाएगी। विज्ञान शिक्षकों की कमी से जूझ रहे उच्च प्राथमिक स्कूलों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए भी नियमावली में महत्वपूर्ण संशोधन प्रस्तावित है। नियमावली के अनुसार अभी तक उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के सभी पद पदोन्नति से भरे जाते हैं। इस व्यवस्था को बदलकर उच्च प्राथमिक स्कूलों में अब विज्ञान शिक्षकों के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से और शेष 50 फीसदी पद पदोन्नति से भरने का प्रावधान किया जाएगा। नियमावली में शिक्षकों की नियुक्ति की न्यूनतम आयु को 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने की भी मंशा जतायी गई है। यह संशोधन इसलिए प्रस्तावित है क्योंकि नियमावली के अनुसार प्रदेश में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता स्नातक व बीटीसी है। किसी अभ्यर्थी के लिए 18 वर्ष की आयु में यह शैक्षिक योग्यता हासिल कर पाना व्यावहारिक तौर पर संभव नहीं है। न्यूनतम आयु सीमा को बढ़ाकर 21 वर्ष कर देने से नियमावली में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम व अधिकतम आयु सीमा 21 से 35 वर्ष हो जाएगी जो कि राज्य कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए तय आयु सीमा के समान होगी और तर्कसंगत भी। प्रस्तावित संशोधन के जरिये कभी महिलाओं के लिए आरक्षित अपर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जैसे पद जो वर्षो पहले समाप्त किये जा चुके हैं, को भी नियमावली से हटाने की मंशा है।
See news link : http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=35&edition=2011-10-11&pageno=12#
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Earlier We had seen recruitment for LT Grade Female teacher in GGIC UP on the basis of 10th, 12th, Graduation marks, Division in PG , B Ed
But now it can be change to TET Test marks
What bout PGT Teacher selection in UP Govt. what criteria followed
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