आरटीई से बाहर रहेंगे नवोदय विद्यालय (RTE will be out of Navodaya Vidyalaya)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो : शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के चलते दाखिलों को लेकर मुश्किलों से जूझ रहे देश के लगभग छह सौ नवोदय विद्यालय अब राहत की सांस ले सकते हैं। लगभग नौ महीने की कोशिश के बाद कानून मंत्रालय ने दूसरों स्कूलों से बिल्कुल अलग इन आवासीय विद्यालयों को आरटीई के दायरे से बाहर रखने पर रजामंदी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तर्को और अटार्नी जनरल की फिर से राय लेने के बाद कानून मंत्रालय अंतत: नवोदय विद्यालयों को आरटीई की परिधि से बाहर रखने पर सहमत हो गया है। अलबत्ता उसने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इसके लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है। सूत्र बताते हैं कि इसके लिए कानूनी प्रावधानों की रोशनी में स्पष्टीकरण की अधिसूचना जारी की जा सकती है, लेकिन शिक्षा का अधिकार कानून में संशोधन की बाबत एक विधेयक संसद में लंबित होने के कारण यह अभी संभव नहीं है। उस संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद इस बाबत जारी अधिसूचना में उसे पिछली तारीख से लागू करने का प्रावधान किया जा सकता है। गौरतलब है कि नवोदय विद्यालयों में दाखिले के लिए अखिल भारतीय स्तर पर परीक्षा हर साल फरवरी में होती है। नया शैक्षिक सत्र जुलाई में होना है, लेकिन कानूनी अड़चनों के चलते प्रवेश परीक्षा अभी नहीं हो सकी है। सूत्र बताते हैं कि कानून मंत्रालय की हरी झंडी मिलने के बाद अब जुलाई में ही प्रवेश परीक्षा कराने की तैयारी है। कोशिश है कि जुलाई के अंत तक दाखिला प्रक्रिया पूरी कर ली जाए, ताकि शैक्षिक सत्र शुरू होने में ज्यादा विलंब हो। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत किसी भी स्कूल में दाखिले के लिए बच्चे या उसके माता-पिता का स्क्रीनिंग टेस्ट (प्रवेश परीक्षा आदि) नहीं लिया जा सकता। साथ ही हर स्कूल में कमजोर वर्गो के छात्रों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी। चूंकि नवोदय विद्यालयों में दाखिले के लिए चयन का आधार प्रवेश परीक्षा है। इसलिए यह दिक्कत है। ऐसा न करने के कारण ही राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने नवोदय विद्यालयों को पिछले साल इस प्रक्रिया से हुए दाखिले को निरस्त करने का नोटिस दे दिया था।
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