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Sunday, October 2, 2011

टीईटी उत्तर प्रदेश (TET - Teacher Eligibility Test -Examination Uttar pradesh)

टीईटी  उत्तर प्रदेश (TET - Teacher Eligibility Test -Examination Uttar pradesh)

राहत: 45 फीसदी पाने वाले भी बनेंगे शिक्षक, आदेश जारी :

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 72 हजार, 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए मंगलवार को सचिव बेसिक शिक्षा अनिल संत ने शासनादेश जारी कर दिया। शासनादेश में 50 फीसदी की अनिवार्यता के स्थान पर 45 फीसदी कर दिया गया है और बीए, बीएससी व बीकॉम के स्थान पर संशोधित करते हुए स्नातक कर दिया गया है। आरक्षित वर्ग को 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। आवेदन के लिए टीईटी पास करने वाले ही पात्र होंगे। शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन टीईटी रिजल्ट आने के बाद लिए जाएंगे। आवेदन के लिए 18 से 35 वर्ष वाले पात्र होंगे।
राज्य सरकार ने 14 सितंबर को कैबिनेट की बैठक में शिक्षक भर्ती को मंजूरी दी थी। भर्ती के लिए स्नातक में 50 फीसदी अंक की अनिवार्यता की गई थी, लेकिन एनसीटीई की 26 जुलाई-11 को जारी हुई अधिसूचना में शिक्षक बनने के लिए स्नातक में यह अनिवार्यता 45 फीसदी कर दी गई। इस आधार पर शासनादेश में 50 फीसदी के स्थान पर 45 फीसदी की अनिवार्यता कर दी गई है। आवेदन जिला स्तर पर लिये जाएंगे

माध्यमिक शिक्षक भी आएंगे टीईटी दायरे में
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का दायरा बढ़ने जा रहा है। अगले सत्र से इसे माध्यमिक शिक्षकों के लिए भी अनिवार्य करने की तैयारी है। शासन ने तय किया है कि अगले सत्र से माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की तरफ से होने वाली चयन परीक्षाओं के लिए टीईटी जरूरी होगा। फिलहाल इसकी घोषणा नहीं की गई है। पहली टीईटी परीक्षा के बाद ही इस बारे में अंतिम फैसला होगा। अधिकारियों का कहना है कि राज्य स्तर पर अब तक टीईटी का आयोजन नहीं किया गया। पहली परीक्षा नवंबर में प्रस्तावित है। शासन परीक्षा के दौरान होने वाली दिक्कतों, खामियों को समझना चाहता है। इस परीक्षा में जो कमियां पकड़ में आएंगी ठीक करने के बाद माध्यमिक के बारे में आखिरी फैसला होगा।
टीईटी को लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक दो दिन पहले लखनऊ में हुई। वर्तमान में प्राइमरी और जूनियर के लिए चल रही टीईटी की प्रक्रिया से अधिकारी संतुष्ट नहीं हैं। देरी के कारण आननफानन में इसकी व्यवस्था की गई। यूपी बोर्ड परीक्षा कराने को तैयार नहीं था लेर कन सरकार की तरफ से दबाव पड़ने पर अधिकारी किसी तरह जिम्मा निभा रहे हैं। इसी के साथ बोर्ड परीक्षा की भी तैयारियां चल रही हैं। बैठक में तय किया गया कि माध्यमिक स्तर पर टीईटी का जिम्मा किसी और संस्था को दिया जा सकता है। संभव है कि प्राथमिक, जूनियर के साथ ही माध्यमिक शिक्षकों के लिए टीईटी का आयोजन किया जाए लेकिन आयोजक संस्था बोर्ड के बजाय कोई और हो। माध्यमिक शिक्षा अभियान को इसमें अहम भूमिका दी जा सकती है। बैठक में अभियान के पांच अधिकारियों को विशेष तौर पर बुलाया गया था। उन्हें राज्य स्तर पर होने जा रही पहली शिक्षक पात्रता परीक्षा के हर चरण पर नजर रखने को कहा गया है।

News source : JNI News
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