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Sunday, October 2, 2011

टीईटी राजस्थान TET - Teacher Eligibility Test -Examination Rajasthan

कुछ विविध नयी पुरानी न्यूज़ - टीईटी राजस्थान
TET - Teacher Eligibility Test -Examination Rajasthan

टीईटी के लिए 50 प्रतिशत अंक की अनिवार्यता के विरोध में धरना

भास्कर न्यूज झुंझुनूं. टीईटी के लिए बीए में 50 प्रतिशत अंक की अनिवार्यता करने के विरोध में शुक्रवार को एसएफआई बीएड संघर्ष समिति की ओर से कलेक्ट्रेट के सामने धरना देकर सीएम के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया। धरने को संबोधित करते हुए जिला महासचिव कपिल ऐचरा ने कहा कि बीए में 50 प्रतिशत अंक वालों को टीईटी में शामिल करने का सरकार का निर्णय युवा विरोधी है। डिग्री धारकों के साथ अन्याय है। नवीन वारिसपुरा ने कहा कि सरकार ने निर्णय नहीं बदला तो आंदोलन तेज किया जाएगा। एसएफआई जिलाध्यक्ष कमल सिहाग ने सरकार की गलत नीतियों के कारण बेरोजगारी बढ़ रही है। धरने को उपजिला प्रमुख विद्याधरसिंह गिल, माकपा जिला सचिव फूलचंद बर्बर, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत जिलाध्यक्ष दुर्गाराम मोगा ने भी आंदोलन का समर्थन किया। धरने पर एसएफआई जिला महासचिव संजय कटेवा, राज्य कमेटी सदस्य रविंदर सिहाग,पूर्व जिला उपाध्यक्ष अजय चाहर, डीवाएफआई जिला उपाध्यक्ष विजय यादव, कपिल मांजू, प्रमोद बारुपाल, संदीप ऐचरा, विजय वारिसपुरा, श्रीराम, सदाकत अली, देवेंद्र फोगाट, राजेश बूरी, इंद्रजीतसिंह, रघुवीरसिंह, राकेश गुर्जर, दयानंद महरानियां, विजयपाल, कपिल डूडी, प्यारेलाल, अमित जाखड़ आदि बैठे। धरने के बाद जिला कलेक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन दिया गया।
4 अप्रैल को सीएम का पुतला फूकेंगे
आंदोलनरत एसएफआई बीएड संघर्ष समिति व एसएसएफआई ने मांगे नहीं मानने पर चार अप्रैल को कलेक्ट्रेट के सामने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला फूंकने की घोषणा की है।

News Source : Bhaskar epaper 2 april 2011

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50 हजार निजी स्कूलों में अनट्रेंड टीचर्स

जयपुर. राज्य के करीब 50 हजार निजी स्कूलों में नए शिक्षा सत्र में ट्रेंड टीचर्स नहीं मिल पाएंगे। एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुसार निजी स्कूलों में भी अब अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण शिक्षक ही पढ़ाने के योग्य माने जाएंगे। इधर एक मई को स्कूलों में नया शिक्षा सत्र शुरू हो जाएगा और परीक्षा 22 मई को होने के कारण कम से कम अगले शिक्षा सत्र में ज्यादातर स्कूलों को बिना टेट पास किए शिक्षकों के सहारे ही काम चलाना पड़ेगा।

प्रदेश के प्रारंभिक सैटअप में करीब एक लाख सरकारी स्कूल हैं, जबकि निजी स्कूलों की संख्या भी 50 हजार से अधिक है। इनमें करीब दो लाख शिक्षक हैं। एनसीटीई ने फरवरी में राज्य सरकार को भेजी गाइडलाइन में निजी स्कूलों के शिक्षकों के लिए भी यह पात्रता जरूरी कर दी है। कुछ नामी स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं जहां 70-80 फीसदी तक स्टाफ शैक्षिक योग्यताएं पूरी नहीं करता।

अब टीईटी पास करना जरूरी होने के बावजूद सभी स्कूलों को ट्रेंड टीचर समय पर नहीं मिल पाएंगे। स्कूली शिक्षा के प्रमुख सचिव अशोक संपतराम का कहना है कि एनसीटीई गाइडलाइन को पूरी तरह फॉलो किया जाएगा और निजी स्कूलों को भी अब प्रमुखता से योग्य शिक्षक ही लगाने होंगे।

बीएड डिग्रीधारी शामिल हो सकेंगे टीईटी में: 



माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का कहना है कि वर्तमान में बीएड के लिए न्यूनतम योग्यता 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक होना जरूरी है। टीईटी के लिए भी यह नियम मान्य है। यहां इस बात को लेकर असमंजस नहीं होना चाहिए कि पूर्व में कम अंकों से बीएड करने वाले बाहर हो जाएंगे। बोर्ड का कहना है कि मापदंडों में एनसीटीई की ओर से समय-समय पर बदलाव होते रहे हैं। बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग ने बताया कि एनसीटीई और राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर तय की गई गाइडलाइन के अनुसार बीएड करने वाले भी परीक्षा में बैठ सकेंगे। इस संबंध में एनसीटीई से भी स्थिति साफ करने को लेकर बातचीत चल रही है।

शिक्षा निदेशालय के जॉइंट डायरेक्टर मधु सोरल से बातचीत

ज्यादातर निजी स्कूलों में नए सत्र में भी ट्रेंड टीचर नहीं मिलेंगे। ऐसे में सरकार क्या करेगी?

अब टीईटी उत्तीर्ण करना जरूरी हो गया है। शुरुआत है, धीरे-धीरे सख्ती कर दी जाएगी। इस संबंध में और भी नियम-कायदे तय होंगे। शिक्षा अधिकार अधिनियम की तरह ही इसे भी प्रभावी बनाया जाएगा।

बिना मान्यता के बड़ी संख्या में चल रहे स्कूलों की जांच के क्या इंतजाम हैं?

अब प्रत्येक स्कूल के लिए हर हाल में तीन साल में मान्यता लेना जरूरी कर दिया है। नॉर्म्स फॉलो करने के लिए भी सख्ती से काम होगा।

नई नियुक्तियों में टीईटी जरूरी होगी?

शिक्षक बनने के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना जरूरी है। जो नियुक्तियां प्रक्रियाधीन हैं, उस पर सरकार निर्णय करेगी।

राज्य में प्रारंभिक शिक्षा में संसाधनों व योग्य शिक्षकों की कमी काफी हद तक खल रही है। उच्च शिक्षा का ढांचा मजबूत बनाने एवं विकास को तेजी देने के लिए प्रारंभिक शिक्षा पर फोकस की जरूरत है। पिछले एक दशक में निजी स्कूलों की संख्या तेजी से बढ़ी है और यह जारी है। बेहतर प्रतिस्पर्धात्मक माहौल बनने से निश्चित रूप से प्रदेश में शिक्षा का स्तर बढ़ेगा। अध्यापक पात्रता परीक्षा देशभर में आयोजित करने का फैसला हुआ है। यह अच्छा कदम है और निकट भविष्य में स्तर में और सुधार की गुंजाइश रहेगी। - एसएल बोहरा, पूर्व सचिव, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड


News Source : Bhaskar epaper