75 हजार शिक्षकों की भर्तियाँ - टीईटी उत्तर प्रदेश
(Recruitment of 75000 teachers through TET - Teacher Eligibility Test -Examination Uttar pradesh)
Many news sources suggests vacancies of 75000 OR approx. 80000 teachers is to be filled by UP TET Examination 2011 in Utttar Pradesh.
See some news -
लेट सत्र के कारण बीएड छात्र टीईटी परीक्षा से वंचित -
लखनऊ : उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर है की यहाँ लगभग सवा लाख बीएड छात्र बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय में होने वाली 75 हजार शिक्षकों की भर्तियों के लिए आवेदन करने से वंचित होने वाले हैं।इस नियुक्ति के लिए टीईटी परीक्षा का आयोजन होने वाला है। सोमवार से परीक्षा के फॉर्म भी बंटने लगे हैं। गौरतलब है की 2010-11 सत्र के लिए देर तक काउंसिलिंग होती रही और बीएड सत्र भी देर से आरंभ हुआ है। इसी कारणवश अधिकांश अभी तक बीएड परीक्षा नहीं कराई जा सकी साथ ही जहां हो भी गई उनके परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हुए।
आप की जानकारी के लिए बता दें राष्टीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की गाइडलाइन्स के अनुसार प्रदेश में हर हाल में 1 जनवरी 2012 तक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को संपन्न कर लेना है। वहीँ शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 23 की उपधारा (1) के अनुसार शिक्षक बनने के लिए निर्धारित शैक्षिक योग्यता के साथ टीईटी परीक्षा को 60 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण करना ज़रूरी हैं। टीईटी में शामिल होने के लिए मुख्य रूप से अन्य योग्यताओ के साथ स्नातक और बीएड में 45 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण होना भी ज़रूरी है।
और इस तरह ऐसे छात्र जो बीएड परीक्षा में बैठ चुके हैं और जो बीएड की परीक्षा में सम्मिलित होने वाले हैं, उनके लिए टीईटी के सभी दरवाजे बंद हो गए हैं।अब देखने वाली बात ये होगी की इस पुरे मामले का ठीकरा किस पर फूटता
News source : http://www.pardaphash.com/hindi/news/684932/684932.html
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पहले बनेंगे टीचर, बाद में करनी होगी ट्रेनिंग
लखनऊ । प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य करने के बाद राज्य सरकार ने अस्सी हजार शिक्षकों की भर्ती का रास्ता भी साफ कर दिया है । इसके साथ-साथ राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना में तय समय सीमा, एक जनवरी २०१२ तक, को देखते हुए स्कूलों में पहले नियुक्ति देने और उसके बाद छह महीने का प्रशिक्षण कराने पर विचार किया जा रहा है ।News source : http://www.pressnote.in/Uttar-Pradesh-News_138516.html
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उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा (TET) 13 2011 नवम्बर को आयोजित होगी| इसके तहत 76000 हजार से ज्यादा शिक्षको की भर्ती के लिए ये कवायद की जा रही है|
फॉर्म मिलने की तारीख- 26 सितम्बर 2011 से
फार्म जमा करने की अंतिम तारीख- स्पीड पोस्ट अथवा पंजीकृत डाक से- 18 अक्टूबर 2011 शाम 5 बजे तक|
आवेदन फॉर्म- सभी जनपदों की चिन्हित पंजाब नेशनल बैंक शाखा से|
आवेदन फीस-
१-सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग हेतु- 500/-
२-अनुसूचित जाति एवं जनजाति हेतु- 250/-
३- विकलांग आवेदकों हेतु- निशुल्क
परीक्षा शुल्क आवेदन पात्र के साथ ही शामिल है| विकलांग अभ्यर्थी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से अपनी विकलांगता प्रमाण पत्र दिखा कर मुफ्त प्राप्त कर सकते है|
विशेष- प्राइमरी (1 से 5 ) एवं जूनियर शिक्षको के लिए अलग अलग परीक्षा होगी| परीक्षा उसी दिन दो पालिओ में होगी| आवेदक दोनों परीक्षा दे सकता है मगर इसके लिए उसे अलग अलग आवेदन फार्म भरने होंगे|
अध्यापक पात्रता परीक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले अध्यापक बनने के पात्र माने जायेंगे|
कोई भी अभ्यर्थी कितनी भी बार TET में बैठ सकता है|
एक बार का पास किया हुआ अभ्यर्थी ५ साल तक वैध होगा|
5 साल के बाद यदि उसे अध्यापक बनने के लिए आवेदन करना है तो दुबारा TET पास करना होगा|
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी विस्तृत नियमवाली नीचे दी गयी फ़ाइल से डाउनलोड की जा सकती है-
http://uptet2011.com/
News - JNILive
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टीईटी में अब पीजी बीएड धारकों का फंसा पेंच
(PG + B Ed Degrre holder, But Graduation < 45 % marks are not eligible for TET exam)
इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में अब स्नात्कोत्तर के आधार पर बीएड करने वाले अभ्यर्थियों का पेंच फंस गया है। शिक्षक पात्रता परीक्षा में माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी विज्ञप्ति में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक एवं बीएड करने वालों को ही अर्ह माना गया है। ऐसे में स्नातक में जिनके 45 प्रतिशत से कम अंक हैं और जिन्होंने स्नात्कोत्तर के आधार पर बीएड किया है, ऐसे हजारों छात्र टीईटी का आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। उत्तर प्रदेश राज्य विश्र्वविद्यालयों एवं उनसे संबद्ध, सहयुक्त तथा घटक विश्वविद्यालयों में बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए सामान्य व अन्य पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम योग्यता 2008 में 45 प्रतिशत के साथ स्नातक या स्नात्कोत्तर की उपाधि रखी गई थी। 2010 में न्यूनतम योग्यता 50 प्रतिशत के साथ स्नातक या स्नात्कोत्तर उपाधि कर दी गई। ऐसे में किसी कारणवश जिन अभ्यर्थियों के स्नातक में 45 प्रतिशत से कम अंक रह गए, उन्होंने स्नात्कोत्तर में 45 प्रतिशत या उससे अधिक अंक हासिल कर बीएड कर लिया। समस्या यह है कि टीईटी के आवेदन पत्र में स्नातक का प्रतिशत अंकित करना है।स्नात्कोत्तर के अभ्यर्थियों के लिए कोई कॉलम ही नहीं छोड़ा गया है। यही कारण है कि प्रदेश में स्नात्कोत्तर के आधार पर बीएड करने वाले लगभग 50 हजार अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में जाता दिख रहा है। स्नात्कोत्तर के साथ बीएड करने वाले अभ्यर्थी अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। पीजी के आधार पर बीएड करने वाले अभ्यर्थी इसे अपने साथ भेदभाव मान रहे हैं। अभ्यर्थियों ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के इस निर्णय को अदूरदर्शिता की श्रेणी में रखा है और कोर्ट जाने की तैयारी शुरू कर दी है।
News source : http://educationjungal.com/?p=8994
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